बेटी बनी अपने बाप की रखैल
- By : Tharki
- Category : baap beti ki chudai
हाय दोस्तो मेरा नाम सी नेहा है और मैं इंदौर की रहने वाली हूं मेरी उम्र 21 साल है और मेरा साइज 32 30 34 है। अब तो मुझे लोगो से चुदने की आदत हो चुकी है
ये कहानी तब है जब मैं 18 कि और मुझे ये सब में उतना इंटरेस्ट नहीं था। तो चली आपको मैं अपनी आप बत्ती बताती हूं।
मेरे पापा रियल एस्टेट का काम करते हैं और अक्सर काम के करण बाहर ही रहते हैं करते थे इसिलिए हमारे बीच मऊ कभी बाप बेटी का रिश्ता बन ही नहीं पाया।
जब माई 16 की हुई तो पापा का बिजनस भी अच्छा नहीं चल रहा था, इसी कारण से वो ज्यादा तर घर पर ही रहते हैं। तभी से उनकी नजर मेरे लिए खराब होना शुरू हो गई थी और अनहोने तो वैसे भी कभी मुझे अपनी बेटी मन ही नहीं था।
मैं भी ये बात नोटिस करती थी। जब माई 18 की हुई तो मुझे फिजिकली भी टच करने लगे। कभी मेरे बूब्स दबाते तो कभी मेरी चुत छू लेते। कई बार तो कपारे बदलते वक़्त वो मेरे कमरे में घुस आते हैं।
फिर वो रात आई मम्मी नानी घर गई हुई थी और घर पर हम अकेले थे। हमारे दिन पापा ने भी खूब पी ली थी। मैंने उस दिन सिर्फ ओवरसाइज़्ड टी-शर्ट और बॉक्सर पहनने थी ।
तबी बारिश शुरू हो गई मैं भाग के गई कपरे उठाने की वापसी मेरा टीशर्ट पूरी तरह से भीग गया था और मेरे बदन से चिपक गया था। मेरी बूब्स का शेप साफ साफ पता चल रहा था।
पापा ने भी ये देखा लिया मैं कपड़े रख कर रूम में कपड़ा बदले चली गई। तभी पापा भी पीछे से आए और मेरे गांड पर हाथ रखा मैं डर गई। फिर पापा ने मुझे अपनी तरफ खींचा और मेरे दोनों बूब्स टीशर्ट के ऊपर से ही दबने लगे।
मैं : पापा आप ये क्या कर रहे हैं? छोड़ो मुझे।
पापा : चुप साली रंडी जब तेरा बॉयफ्रेंड उसमें दबा होगा तब तो तू खूब मज़ा लेती होगी।
मैं : नहीं पापा मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है अपने बहुत पी राखी है हटो मुझपर से।
पापा: एक नंबर की झूठी है तू। साली रांड!
ये कह कर पापा ने मुझे बिस्तर पर पटक दिया और मेरे कपरे खोलने लगे। मुझे उस वक्त सेक्स के बारे में नहीं पता था पर मुझे अंदर से मजा भी आ रहा था। पापा ने फिर मेरे कपरे खोलने चालू किए।
पहले उन्होंने मेरी पैंट को जबर दस्ती उतार दी। मैं मन करता रही मगर उन्होन मेरी एक न सुनी। फिर अनहोन मेरी टीशर्ट को मेरी गले तक उठा दी और मेरे बूब्स पे मुँह डाल के उन्हें चुनने लगे। मनो को सदियो के भुके को खाना मिल गया हो।
जब उन्होंने मेरे बूब्स चूमने चालू की तो मुझे भी पूरा जोश चढ़ गया और मैं भी भूलभुलैया लेने लगी।मैं पुरी कोशिश कर रही थी वो मुझे छोड़ दे |
पापा समझ गए कि अब मैं उनकी काबू में हूं। उस वक्त वो मुझे जो करने को कहते हैं मैं खुशी से कर देती हूं। धीरे धीरे पापा ने भी जोर लगाना कम कर दिया और वो मुझे किस करने लगे। मैं भी सब भूल के उन्हें किस करने लगी।
फिर पापा ने मुझे पलग के कोने पे बैठा के मेरी टीशर्ट उतार दी मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं अपने पापा के सामने नंगी चुदने के लिए बैठी हूं।
फिर पापा ने अपने कपरे उतार दिए और मुझे उनकी चड्डी उतारने को कहा। जैसे ही मैंने उनकी चड्डी उतारी उनका 8 इंच का लंड सीधा मेरे आंखों के सामने खरा था। पापा ने बिना वक्त गया अपना लंड मेरे मुह में डाल कर मेरे मुह को चोदने लगे।
मुझे दर्द भी बहुत हो रहा था मगर मजा भी खूब आ रहा था। ऐसे लगभाग उन्हें 10 मिनट चोदा अपने लंड मेरे मुंह में डाल कर बोला चुस इसे रैंड साली। वो जब जब मुझ पर धोस जमा रहे थे या गली दे रहे थे मुझे और मजा आ रहा था।
फिर वो मुझे बिस्तर पे लेने के मेरी चुत मसाले लगे मैं पहले से ही गिली हुई परी। उनके चुत मसाले ही मनो मेरे अंदर से पानी का फवारा छूट गया हो। उन्होन अपनी गिली उन्गली मेरे मु मैं डाल कर बोले। देख तू कितनी बड़ी रांड है चाट इसे। मैं भी उनकी उन्गली को चटने लगे।
फिर उन्हें मुझे चावल की बोरी की तरह पलट कर मेरे दोनों हाथ मेरी टीशर्ट से बांध दिए। और अपना लंड मेरी चुत पर रागद ने लगे और मुझे पूछा
पापा: बोल साली रांड चोदू तुझे?!
पहले तो मैं कुछ नहीं बोली तो उनको मेरी गांड पे एक चटा मारा।
मैं : हां..
पापा: साफ साफ बोल तुझे क्या चाहिए।
मैं : मुझे आपका लंड चाहिय अपने अंदर, छोड़िए मुझे प्लीज।
मेरे बोलते ही पापा ने अपना लंड मेरे अंदर डाल दिया मैं दर्द से चिल्ला उठी मगर पापा ने एक ना सुनी और मुझे जोर से जोर से चोदने लगे। मेरे आंखों से आसु टीके आ गए। पर मेरी आवाज सुनने वाला कोई नहीं था।
पापा ने मुझे 10 मिनट तक वैसे ही चोदा दिया आखिर में ठक के मैं संत हो गई। धीरे धीरे मुझे भी मजा आने लगा। फिर पापा ने मेरे बाल पीछे घिच कर चुदाई चालू की। मुझे दर्द होने चाहिए था पर मुझे मजा आ रहा था। पापा बीच बीच में मेरे गांड पे तप्पड़ भी मार रहे थे। मेरी सफेद गांड लाल हो गई थी।
पापा बिच बीच मैं मुझसे उल्टे पुल्ते बात भी बुलवा रहे थे। जैसे की “मैं एक रंडी हूं”, “मुझसे मेरे पापा से चुदवाना अच्छा लगता है”, “मैं अपने पापा की राखैल हूं आज से” और मैं भी सब बातों को धवरा रही थी।
पापा ने मुझे फिर खरा के दीवार पे धक्का दे दिया और मेरी घरदान जबरदस्ती झुक कर चोदना फिर स्टार्ट कर दिया। उनके हर एक शॉट में दर्द और मज़ा दोनो आ रहा था।
कुछ देर बाद पापा ने मुझे घुटनो में बिठा कर अपना माल मेरे बूब्स और चेहरों में गिरा दिया और मेरी एक फोटो क्लिक कर ली और कह अब जब भी तू चुदने में नाटक करेगी ये फोटो तेरी मां को दिखा दूंगा।
मैं डर गई और बोली ऐसा मत करो प्लीज आप जो बोलोगे मैं वो करूंगी। पापा बोले अभी ये लिए ये सारे माल को चट जा। मैं डार से सारे माल को चट गई। उसका स्वाद काफी अच्छा था।
उस दिन मेरी 3 बार और चुदाई हुई, पापा वैगरा खा खा कर मेरी चुदाई कर रहे। मैं पुरे दिन नंगी सिर्फ चुदती रही और कुछ नहीं किया मैंने उस दिन।
कई बार मुझे पापा बिजनेस ट्रिप के बहाने बाहर ले जाते और अपने दोस्तों से या क्लाइंट से मुझे चुदवाते द। जिसको उनका काम निकल जाता था। इससे पापा का बिजनेस भी बढ़ने लगा।
आज 3 साल बाद भी मैं पापा के क्लाइंट से चुदवती हूं। अब तो मैं गैंगबैंग और गांड भी मारवा लेती हूं। खैर वो सब बाद मैं फिर कभी बताउंगी। अभी की कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताएगा।
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