मामी की पड़ोसन भाभी की चुदाई
- By : Tharki
- Category : Bhabhi ki Chudai
हैलो दोस्तों, आपने मेरी पहली कहानी “शिमला में सास की तबरदस्त चुदाई ” को ढेर सारा प्यार दिया। आपके इसी प्यार की वजह से मैं अपनी अगली कहानी लिख रहा हूं।
आपके मेरे बारे में तो मेरी पहली कहानी में पढ़ा ही होगा। अब मैं आपको उस भाभी के बारे में बताता हूं। उसका नाम गुलबप्सा है, और उम्र 24 है। बहुत ही खूबसूरत हुस्न की मालकिन है वो।
उसका फिगर 34-30-36 है, जो किसी का भी लंड खड़ा कर दे। उसकी एक 4 महीनी की बेटी है, और वो दिल्ली में रहती है। और वो मेरे मामा की बिल्डिंग में ही तीसरी मंजिल पर रहती है।
ये कहानी मेरे छोटे मामा की शादी की है। मैं और छोटे मामा दोनों दोस्तों की तरह ही रहते हैं। मेरी उम्र फिल्हाल 23 है।
तो अब चलिये अपनी कहानी शुरू करते हैं। ये कहानी अभी कुछ दिनों पहले की ही। मैं मेरे मामा की शादी में उनकी सगायी वाले दिनों से 1 दिन पहले गया हुआ था।
वह पर पहले दिन तो बहुत काम किया, जिससे हम थक गए। फिर हम जल्दी सो गए, क्योंकि अगले दिन और भी काम करना था। अगले दिन हम सुबह ही जल्दी जाग के काम में जुट गए।
तब भी मैंने नोटिस किया कि एक बहुत ही खूबसूरत लड़की मेरी तरफ देख रही थी। मैं भी उसकी तरफ एक हल्की सी मुस्कान के साथ देखने लगा, तो वो हल्का सा मुस्कान दी। और ये सब छोटे मामा ने नोटिस कर लिया और पूछा,
मामा : ओहो! ये क्या चल रहा है?
मैं: कुछ नहीं मामा, बस वो देख रही थी।
फिर मां ने मुझे बताया कि वो अकेली रहती थी, और उसका पति बहार रहता था, तो मेरी बात बन सकती थी।
मामा ने बताया: वो तीसरी मंजिल पर रहती है, तू रात को जा कर ट्राई कर लिओ।
मैंने मामा की बात मान ली और शाम तक इंतजार करने के बाद करीब 8 बजे उसके घर गया। मैंने दरवाजा खटखटाया, और उसका दरवाजा खोला तो मैं उसे देखता ही रह गया। वो स्लीवलेस ब्लाउज़ के ऊपर ब्लू कलर की एक ट्रांसपेरेंट साड़ी पहनने हुई थी। उसको देख कर ही मेरा लुंड पंत को चीयर कर बहार आने को हो गया। फिर उसने कहा
गुलबप्सा: जी बोलिए, क्या हुआ?
मैं: कुछ नहीं, बस आपसे बात करनी थी। क्या मैं अंदर आ सकता हूं?
गुलबप्सा: आ जाए।
फिर मैंने अंदर जाके थोड़ा इधर-उधर की बातों की, और फिर अपने एक हाथ से उसके कंधे को सहलाने लगा। उसे कुछ नहीं कहा, तो मेरी हिम्मत बढ़ गई। और फिर मैं अपने एक हाथ से उसके सेक्सी बूब्स सहलाने लगा|
उसने कुछ नहीं कहा तो मैंने अचानक से उसके होठों पर एक किस कर दिया। इसे वो एक-दम से चौक गई, और खादी हो गई, और उसने कहा गुलबप्सा: अभी बच्ची जाग रही है। आप 1 घंटा बाद आना, तब करेंगे।
मैं ओके बोल कर उसके कमरे से निकला आया, और मां के साथ बैठ कर बियर पीने लगा. बीयर पीते-पीते 1 घंटा कब निकल गया, पता ही नहीं चला। तो मैं उसके कमरे पर पाहुंचा, और मैंने दस्तक किया तो नजारा देख कर मैं पागल हो गया।
उसने घुटनो तक की एक सेक्सी पर्पल कलर की नाइटी पहन राखी थी, जिस्मे से उसकी क्लीवेज साफ दिख रही थी। उसको देखते ही मैं उस पर टूट पड़ा, और एक झटके में ही उसकी नाइटी खोल दी। नाइटी खोल कर पता चला, कि उसके ब्रा और पैंटी कुछ नहीं पहनना था। वो एक-दम से मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थी।
देख कर लग रहा था कि स्वर्ग से उतरी कोई अप्सरा मेरे सामने खड़ी हो। फिर अगले ही पल मैं उसके सेक्सी निपल्स को चुनने लगा, और अपना एक हाथ उसकी चुत पर रख दिया। उसकी चुट एक-दम क्लीन थी। ऐसा लगा जैसे मक्खन पर हाथ फिर रहा हूं। वो सेक्सी आह भरने लगी, और मुझे जोश चढ़ने लगा।
फिर मैं उसे और ज़ोर से चूमने चाटने लगा। मेरे लुंड का बुरा हाल होने लगा तो मैंने एक झटके में अपने सारे कपड़े निकाले, और अपना 7 इंच का मोटा लुंड उसके हाथ में दिया, और चुनने को कहा।
वो एक पोर्नस्टार की तरह मेरा लुंड चूस रही थी, और उसकी आंखों में मस्ती साफ नजर आ रही थी। लग रहा था जैसे खुद दानी डेनियल मेरा लंड चूस रही हो। करीब 5 मिनट की लुंड चुसाई के बाद मैंने उसे उठाया, और बेड पर लिटा दिया, और खुद नीचे बैठ कर उसकी चुत को चुनने लगा।
फिर हमें बताया, कि आज बहुत दिनो बाद उसकी छूट को कोई इतना प्यार कर रहा था। इसीलिये आज हमें छूत को शेव किया था। मैं उसकी चुत चुनता जा रहा था, और वो सेक्सी मधुर उकसाने वाली आवाज़ में आहें भर रही थी।
गुलप्सा: उफ्फ आ ओह ओह हा मेरे राजा, बहुत दिनों से प्यासी थी मेरी चुत आ आह उफ्फ।
मैं पहले से ही बीयर के नशे में था, और ऊपर से उसकी चुत की खुशबू मुझे पागल बना रही थी। करीब 7-8 मिनट की चुत चुसाई के बाद में खड़ा हुआ, और उसके बूब्स पर टूट पड़ा। और वो मेरा लुंड अपनी चुत पर सेट करने लगी।
फिर एक झटके में मैंने अपना पूरा लुंड उसकी छूट में उतार दिया, तो उसकी गाल निकल गई, और उसे अपनी नंगी तांगो से मुझे जकड लिया। फिर मैं उसके बूब्स को पीने में खो गया। जब इसे उसे राहत मिली तो मैंने उसकी चुदाई शुरू की।
गुलप्सा: उफ्फ हा राहुल, छोड़ो मुझे आह उफ्फ। बहुत दिनो से प्यासी हु उफ्फ आह आह। आज सारी प्यास बुझा दो मेरी उफ्फ ओह आह।
थोड़ी देर बाद उसकी छूट का पानी निकल गया, और मैं उसे छोड़ता ही रहा। मैं नशे में इतना था, कि मुझे मालूम ही नहीं चला कि कब मेरा स्पर्म निकल गया। लेकिन मेरे लुंड को और मुझे पता ही नहीं चला, और मैं उसे लगतार छोड़ता ही रहा।
उसकी चुत और मेरे लुंड के मिलन से पूरा कमरा पच-पच की आवाज़ से गूंज रहा था।
गुलप्सा: आह उफ आह रोहन , मेरी चुत दर्द कर रही है। अब तो छोड़ दो मुझे आह आह थोड़ा रुक के करते है ना।
पर मुझे पता नहीं क्या था, कि मैं उसे लगतार छोड़े जा रहा था। फाइनली कुछ देर और छोड़ने के बाद में उसकी छूट में ही झड़ गया, और उसके ऊपर ही निधल हो कर लेट गया। जब होश आया, तो हम अलग हुए और एक दूसरे को देखने लगे। और फिर वो बोली-
गुलप्सा: आह यार, आज तो मज़ा ही आ गया। कब से प्यासी थी ऐसी चुदाई के लिए, आज तुमने मेरी सारी प्यास बुझा दी।
मैं: उफ्फ डार्लिंग, तू है ही इतनी मस्त यार, कि तुझे देखते ही मेरा लंड तुझे सलामी देने लगता है।
ऐसे ही थोड़ी देर बात करने के बाद हम फिर जोश चढ़ गया, और फिर एक बार हम चुदाई के रंग में रंगने को तैयार हो गए। उस रात हमने चुदाई का खूब मजा लिया, और सुबह 4 बजे मैं वह से निकला आया, और मां के साथ सो गया।
वह पर में 3 दिन और रुका, फिर हम दिनों में जब भी मौका मिलता है तो हम चुदाई कर लेते हैं, और रात में जैसे नंगे ही रहते हैं।
तो बस दोस्तों यही थी मेरी और गुलप्सा की चुदाई की कहानी। आपको कैसी लगी मेरी मेरी कहानी दोस्तों को पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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