भाभी की प्यासी चूत में डाला लंड का पानी-Bhabhi ki Chudai
- By : Tharki
- Category : Bhabhi ki Chudai

हाय फ्रेंड्स, यह कहानी एक बिल्कुल सच्ची कहानी है और यह कहानी मेरठ की है दोस्तों मेरा नाम राजूू है, मेरी उम्र 24 साल की है और मेरी लम्बाई 5.7 फुट की है और मेरा लंड 6.5 लम्बा है दोस्तों मेरी एक भाभी है और उनका नाम सुमन है।
और उनकी लम्बाई 5.5 फुट की है और उनकी उम्र 27 साल की है और उनका फिगर 34-28-36 का है दोस्तों वह दिखने में बहुत खूबसूरत और गोरी है मेरे बड़ा भाई राजूूेश की शादी 1 साल पहले ही हुई है दोस्तों पिछले 7-8 महीनों से भैया के काम धन्धे में बाजार के उतार-चढ़ाव से काफी फर्क पड़ा था।
तो भैया देर रात को 12 बजे तक काम करते थे. दोस्तों कई बार मैंने छुपकर, भैया को भाभी की चुदाई करते हुए देख लिया था और फिर एक दिन जब मेरे भैया अपने किसी काम से 15 दिनों के लिए अहमदाबाद चले गये थे।
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और मैंने देखा की भाभी उदास सी रहने लगी थी और मैंने यह भी देखा कि वह दिन में कई बार अपनी चूत को अपने हाथ से खुजलाती रहती थी उन 4-5 दिनों में वह कई बार मेरे सामने भी अपनी चूत को खुझलाती रहती थी।
और खुजलाते समय वह मेरी तरफ़ बड़े ही मादक अन्दाज में नशीली नज़रों से देखती भी रहती थी और फिर मैं भी यह जान गया था कि भाभी की चूत चुदाई के लिये बड़ी मचल रही है लेकिन मैं उस समय क्या कर सकता था।
फिर एक दिन सुबह मैंने देखा कि भाभी जब दूध लेने के लिये दूध वाले के पास गई तो वह उसके सामने भी अपनी चूत को खुजलाने लग गई थी तो दूध वाला भी बड़ी हवस की नज़रों से भाभी को अपनी चूत को खुजलाते हुए देख रहा था।
फिर उसको देखकर मुझको एक झटका सा लगा और मैं अब जान गया था कि अब मुझको ही कुछ करना पड़ेगा वरना घर की इज़्ज़त जाने वाली है और फिर उस रात मैंने पक्का सोच लिया था कि मुझको ही अब भाभी की कुछ मदद करनी पड़ेगी वरना कुछ भी हो सकता है।
उस रात को जब सब लोग सो गये थे मैं भी चुप-चाप सुमन भाभी के पास जाकर सो गया था. और फिर मैंने तो पक्का सोच लिया था कि, आज मैं कुछ तो करके ही रहूँगा और फिर घर में सबके सो जाने के बाद मैंने एक कोशिश करी और मैं पहले तो उनके करीब जाकर चुप-चाप लेट गया था।
फिर आहिस्ता से मैंने उनके बब्स पर अपना हाथ फेरा और फिर मैं आहिस्ता-आहिस्ता से उनके बब्स को दबाने भी लग गया था दोस्तों उस समय मुझको तो ऐसा लग रहा था कि धीरे-धीरे भाभी भी मूड में आ रही है।
और फिर मैंने उनके कुरते मैं धीरे से अपना हाथ डाला, और फिर जब मेरा हाथ उनके मुलायम बब्स पर गया तो मेरे हाथ में बार-बार उनकी ब्रा आ रही थी जो मुझको परेशान कर रही थी. और इस दौरान मेरी धड़कने भी तेज हो रही थी. और फिर मैंने अपनी ऊँगलियों से उनकी ब्रा को हटाने की कोशिश करी पर मैं नाकाम रहा. क्योंकि मेरे ऐसा करने से वह थोड़ा सा हिलने लग गई थी और फिर मैंने झट से अपना हाथ पीछे हटा लिया था।
लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैं खुद भी हैरान हो गया था क्योंकि मेरे लंड पर भाभी का हाथ था और फिर देखते ही देखते उन्होंने हल्के-हल्के से मेरे लंड को मसलना शुरू कर दिया था और मुझको तो यह यकीन ही नहीं हो रहा था।
उनके ऐसा करने से मुझको भी जोश आ गया और फिर मैंने भी पहले से ही अपनी पेन्ट की चेन खोलकर अपना लंड उनके हाथ में दे दिया था और फिर उन्होंने सच में मेरे लंड को मसलना शुरू कर दिया था और फिर तो मैं भी अपने आपे में नहीं रहा।
हम दोनों ने जल्दी-जल्दी एक-दूसरे के कपड़े निकाल दिए थे दोस्तों कसम से मैंने पहलीबार एक नंगी औरत को अपनी आँखों से देखा था, और फिर मैं तो भाभी को नंगी देखकर बहुत खुश हो रहा था और फिर मैंने उनकी चूत को देखा तो शायद भाभी ने उस दिन सुबह ही अपनी चूत साफ़ करी थी।
मैंने जब उनकी चिकनी चूत पर अपना हाथ फेरा तो मेरे हाथ में कुछ चिकना सा आया, और फिर मैंने अपनी भाभी को पूछा कि, भाभी लगता है कि, आपकी चुदाई की बहुत इच्छा हो रही है शायद. तो फिर वह मुझसे बोली कि हाँ मेरी चुदने की बहुत इच्छा हो रही है इसलिए आज तो मेरे प्यारे देवर जी मेरी जी भरके चुदाई कर दो।
बस फिर तो क्या था मैंने अपनी भाभी को दोनों हाथों से पकड़कर सहारा देते हुए उठाया और फिर उनको बेड पर सुला दिया था, और फिर मैं भाभी के होठों पर किस करने लग गया था और फिर मैं उनके दोनों बब्स को अपने हाथों से पकड़कर बहुत ही प्यार से दबा रहा था।
मैंने उनके बब्स के निप्पल को अपने मुहँ में लेकर खूब चूसा जिससे भाभी भी अब और भी ज्यादा चुदने के लिये मचलने लग गई थी. और साथ ही वह मुझसे कहती भी जा रही थी कि अब तुम मेरी चूत को चाटो. दोस्तों ये कहानी आप कामलीला डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
तो फिर मैंने भाभी की दोनों टाँगों को फैलाया और फिर उनके बीच में बैठकर मैंने अपना मुहँ उनकी चूत पर लगाया और फिर मैं उनके चूत के होठों को चूसने लग गया था और साथ ही मैं अपनी जीभ से चाट-चाटकर उनकी चूत का सारा रस पीने लग गया था।
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मैंने अपनी पूरी जीभ भाभी की चूत में डाल दी थी और फिर मैं उनकी चूत के दाने को अपने दोनों होठों के बीच में लेकर चूसने लग गया था और फिर मेरे ऐसा करने से भाभी तो मानों किसी दूसरी ही दुनिया में पहुँच गई थी।
वह मुझसे बोलती जा रही थी कि, तुमको तो औरत की चुदाई करना बहुत ही अच्छी तरह से आता है. और फिर मैंने 10 मिनट तक भाभी की चूत को चूसा और चाटा और तभी भाभी पहलीबार मेरे मुहँ में ही झड़ी थी और फिर वह मेरे सिर को अपनी चूत के मुहँ पर दबाती जा रही थी और वह उसके साथ ही झटके भी खाने लग गई थी।
फिर भाभी ने मेरा लंड अपने मुहँ में लिया और वह उसको बड़े ही प्यार से चूसने लग गई थी. और फिर 10 मिनट तक बड़ी ही अच्छी तरह से मेरे लंड को चूसने के बाद वह मुझसे बोली कि, अब मुझसे और सब्र नहीं हो रहा है प्लीज़ अब तुम मेरी चुदाई कर दो, मैं तुम्हारे भैया के जाने के बाद से बहुत तड़प रही हूँ।
और फिर मैंने भाभी की कमर के नीचे एक तकिया रखा और फिर मैंने उनकी दोनों टाँगें हवा में फैला दी थी, और फिर मैंने अपने लंड पर बहुत सारा तेल लगाया और फिर भाभी ने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़कर बड़े ही प्यार से अपनी चूत के छेद पर रखा।
फिर मैंने भी धीरे-धीरे से अपने लंड को उनकी चूत में डालने के लिये दबाव दिया तो बड़ी ही मुश्किल से मेरे लंड का टोपा उनकी चूत में घुस गया था और दर्द की वजह से भाभी की आँखें फ़ैल गई थी और उनके होंठ आपस में भिच गए थे।
फिर मैंने उनको पूछा कि, कोई तकलीफ़ तो नहीं हो रही है ना भाभी? तो भाभी मुझसे बोली कि, नहीं बस सिर्फ़ मेरी चूत थोड़ी खिंच रही है ऐसा मुझको महसूस हो रहा है और फिर मैंने थोड़ा और जोर लगाया तो मेरा आधा लंड उनकी चूत की गहराइयों में उतर चुका था।
और फिर मैं भाभी के होठों को चूमने लग गया था और उसके साथ ही मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को भी उनकी चूत में अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया था और फिर मैंने उनकी चूत में 2-4 और तगड़े-तगड़े धक्के मारे तो मेरा 6.5 का लंड पूरा का पूरा ही उनकी चूत में घुस गया था।
उन्होंने मुझको अपनी बाहों में जकड़कर रोक दिया था और फिर भाभी मुझसे बोली कि, ठहरो और ऐसे ही मेरी चूत में थोड़ी देर तक अपने लंड को रखो, मुझको बहुत मजा रहा है. और फिर मैंने भी अपना लंड उनकी चूत में वैसे ही रोके रखा और मैं उनके बब्स को दबाने लग गया था।
और फिर 5 मिनट के बाद भाभी मुझसे बोली कि, बस अब जी भरके मेरी चुदाई कर दो. और फिर मैं अपना लंड आधे से ज़्यादा अन्दर-बाहर करते हुए उनकी चुदाई करने लग गया था. और फिर मैंने पूरे 10 मिनट तक उनकी चुदाई करी और फिर भाभी दूसरी बार झड़ गई थी।
और वह मुझको कसकर पकड़ने लग गई थी और इस बीच मैंने धीरे-धीरे उनको चोदना भी चालू रखा था और फिर वह अपने दोनों हाथ बेड पर फैलाकर मुझसे बोली कि, यार तुम तो सबसे हटकर चोदते हो और ऐसा तो कभी तुम्हारे भाई ने भी मुझको नहीं चोदा था।
और फिर मैंने उनको कहा कि भाभी अभी चुदाई खत्म नहीं हुई है, मेरा माल निकलेगा तब खत्म होगी. तो भाभी बोली कि, हाँ मुझको मालूम है, लेकिन तुम अपनी भाभी को आज जी भरके चोदो कसम से आज तो बहुत मज़ा आ रहा है और फिर मैंने मेरा लंड पूरा उनकी चूत से बाहर निकाल दिया था और थोड़ा सा तेल और अपने लंड पर लगाया और फिर उनकी चूत में वापस डाला।
तो मैं लम्बे-लम्बे धक्के मारने लग गया था और उससे भाभी भी बहुत उत्तेजित होकर मुझसे कह रही थी कि, आज तो फाड़ दो मेरी इस चूत को इसमें बहुत खुजली होती है और फिर अब मुझको बहुत पसीना आने लगा तो भाभी ने अपने हाथ से बड़े ही प्यार से मेरे माथे का पसीना साफ़ कर दिया था।
वह मुझको बड़े ही प्यार से चूमने लग गई थी. और फिर मैंने पूरे 20 मिनट तक भाभी की खूब जमकर चुदाई करी और उसके बाद मैंने उनको बोला कि, भाभी अब मैं झड़ने वाला हूँ. तो भाभी मुझसे बोली कि हाँ मेरी चूत के अन्दर ही झड़ जाओ।
मैंने अपना पूरा प्यार का सावन भाभी की प्यासी चूत में ही बरसा दिया था जिससे भाभी पूरी तरह मदहोश हो गई थी. और उनका पूरा बदन अकड़ने लग गया था. और फिर आख़िर में मैं भाभी के ऊपर ही लेट गया था।
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और फिर 2 मिनट के बाद मेरा लंड ढीला होने लग गया था और फिर मैंने उठकर अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाला तो मेरा पूरा लंड चमक रहा था. और फिर हम दोनों बाथरूम में गये, और फिर भाभी और मैंने एक-दूसरे को साफ़ किया और फिर अपने-अपने कपड़े पहन लिये थे।
और फिर मैंने भाभी को अपनी बाहों में लेकर बड़े ही प्यार से किस किया और फिर मैंने भाभी से पूछा कि क्या आपका देवर चुदाई के लायक है तो भाभी ने बड़े ही प्यार से मुझको चूमा और फिर उन्होंने मुझको उस चुदाई के लिये थैंक्स बोला।
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