चलती गाड़ी में देवर भाभी की चुदाई (Intense Car Sex)

चलती गाड़ी में देवर भाभी की चुदाई
Intense Car Sex

भाभी देवर की कामुक नोकझोक बदल गई गांड चुत की चुदाई में। इस कहानी में आप जानेगे चलती गाड़ी में भाभी की चुदाई। इस कहानी की लेखिका ने अपनी और अपने देवर की पहचन छुपाने के लिए अपना नाम प्रिय और देवर का नाम तुषार बताया है।
कृपया इस कहानी को मनोरंजन के लिए पढ़े और प्रिय और तुषार की तरह चलती गाड़ी में सेक्स ना करे ये खतरनाक हो सकता है।
मेरी शादी को 2 साल हो चुके थे और मुझे सेक्स करना हद से ज़ादा पसंद था। मैं अपने पति से छुप कर फ़ोन और कंप्यूटर में गन्दी फिल्मे देखती थी। वो फिल्मे देख देख कर मेरी हवस आकाश छू जाती थी मेरा दिल भी ग्रुप सेक्स करने को करता था।
दो मर्दाना आदमियों का लिंग एक साथ मेरे छेदो में होने का ख्वाब मेरी चुत को इस कदर गिला कर देता था की फिर ऊँगली दिए बिना रहा नही जाता था।
उनदिनों मेरी उम्र 25 साल थी और मेरा देवर बस 19 का था। मेने इंटरनेट पर बढ़ा था की लड़के 14 साल की उम्र से ही बेहद कामुक महसूस करते है। वो दिन में कई बार हस्तमैथुन करते है। ये जान कर में अपने देवर के बारे में गन्दा सोचे लगी। मेने सोचा की अगर देवर जी मेरे जाल में फस जाये तो दिन में कई बार सेक्स का आनंद मिल जाएगा।

चलती गाड़ी में देवर भाभी की चुदाई

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उस दिन के बाद से मैं अपने देवर के सामने कामुक हरकते करने लगी। कभी में उनके सामने अपनी साड़ी गिरा देती तो कभी झुक कर अपने स्तन देखते हुए घर में झाड़ू मारती। मेरा जवान देवर धीरे धीरे मेरी कामुकता के जाल में फसने लगा।
कुछ दिनों बाद वो मुझे हर वक्त अपनी अगंदी और हवसी निगाहो से देखने लगा।
एक दिन वो टेबल पर खाना खा रहा था। तभी में वह जा कर टेबल साफ फरने का नाटक करने लगी। मेने अपने स्तनों को ऊपर उठा कर ब्लाउज से आधा बाहर निकाल और उन्हें हिलाते हिलाते टेबल को कपडे से घिसने लगी।
मेरा देवर आँखे फाड़ कर मुझे देखने लगा। मेरे दिल में जो था वो समझ गया था क्यों की टेबल तो बिलकुल साफ था। फिर उसने अपना सीधा हाथ टेबल के निचे किया और अपना लंड पकड़ कर धीरे धीरे हिलाने लगा।
मेरे हिलते स्तन देख कर वो वही बैठा हस्तमैथुन करने लगा और मुझे पता लग गया। मेने भी अचानक अपनी साड़ी गिरा दी और उसकी आँखों में आँखे डाल कर फिर से टेबल को घिसने लगी।
वो दृश्य कितना कामुक था की मेरे देवर से रहा नही गया। उसने मुझे टेबल के ऊपर से खींचा और मेरे स्तनों में अपना मुँह घुसा कर उन्हें चूमने और उछालने लगा। मेने उसको मुस्कुरा कर देखा तो उसके अंदर का डर निकल गया और मेरे स्तनों के साथ और आक्रामक हो गया।
उनके हाथो की आक्रामकता से मेरे स्तन लाल, चूचियां सख्त, चुत गीली होने लगी और मेने उसको पीछे धकेलते हुए कहा “देवर जी ये सही जगह और वक्त नही है इसका”
देवर – हाँ बात तो आप सही केह रही है।
मेने कहा – डरो नही हमने ज़िंदगी भर साथ रहना है इसी घर में।
हम एक आमिर और पैसे वाले घराने से थे मेरा पति किसी कंपनी में एक अच्छे पोस्ट पर था और ससुर की फैक्ट्री थी। इसलिए मेरे पास खुद की गाड़ी थी।
चलती गाड़ी में देवर भाभी की चुदाई

मेने कहा – आज रात 8 बजे किसी सुनसान जगह मेरी गाड़ी में करेंगे।
देवर ने ये सुना और ख़ुशी ख़ुशी अपने कमरे में चला गया। पर आप कहीं ना जाए गा मुझ जैसी देसी भाभी की चुदाई की कहानी पूरा पढियेगा।
रात होते ही मेने अपने देवर को फ़ोन करके घर से थोड़ा दूर बुलाया। फिर हम दोनों गाड़ी में बैठे और किसी सुनसान जगह की तलाश करने लगे। मेरा ठरकी देवर मुझे गाड़ी भी नही चलाने दे रहा था। वो कभी मेरे स्तन छेड़ता तो कभी मेरी जांघो पर हाथ रखता।
फिर कुछ देर बाद हमें सही जगह मिली जहा कला अँधेरा था। जैसे ही मेने गाड़ी रोकी मेरा हवसी और जवान देवर मुझे चूमने लगा। मेने भी उसका पूरा साथ दिया पर मेरी दिलचस्पी उसे चूमने में नही चूसने में थी। मेने जल्दी से उसकी जीन्स खोली और उसका लंड पकड़ और हिलाने लगी।
देवर का जवान और सुंदर लिंग देख मेरी अंदर मानो New Antarvasna जागने लगी। मेने सर झुका कर देवर जी को अपने मुँह से मैथुनिक संतुष्टि देने लगी।
देवर जी गहरी सासे लेने लगे। उनका लंड गिला करने के बाद मेरी चुत की बारी थी। मेने अपनी साड़ी बैठे बैठे किसी तरह उतरी और ड्राइविंग सीट पर पैर खोल कर देवर जी से चटवाने लगी।
देवर जी काफी उत्साहित और चुदाई के लिए उत्तेजित थे। उनका लिंग लूली से लोडा होते देख मेरे मुँह और चुत से पानी टपकने लगा।
देवर जी पुरे मज़े से मेरी चुत का स्वाद ले रहे थे। बस यही वजह थी की में उनके प्यार में पागल हो गई। क्युकी मेरे पति को मेरी योनी चाटने में घिन आती थी।
देवर(चुत चाटे हुए) – अहह प्रिय भाभी पाकी चुत किसी मधुमक्खी के छत्ते जैसी है कितना रस टपक रहा है।
मेने कहा – अहह !!! देवर जी थोड़ा प्यार से !!! अपनी जीभ का पूरा इस्तेमाल करिये।
तभी अचानक मेने अपने पति की गाड़ी देखि और मेने देवर की को धका दे कर निचे छुपने को कहा।
देवर – क्या हुआ भाभी कौन आ गया अब ?
मेने कहा – सामने तुहारे भइया की गाड़ी कड़ी है इस हालत में हमको यहाँ देख लिया तो ना जाने क्या हो जायेगा।

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