मोटी गांड वाली भाभी की चुदाई
- By : Tharki
- Category : Bhabhi ki Chudai
मैं लगभग 2 साल बाद भारत आया था और आते ही मैं सीधा अपने दोस्त से मिलने गया। मुझे पता चला मेरे दोस्त ने शादी कर ली है और उसकी बीवी बहुत ही हॉट और सेक्सी है। जैसे ही मैं, अपने दोस्त के घर पहुंचा, मेरा दोस्त मेरे गले लग गया और मैंने पहली बार भाभी को देखा।
भाभी इतनी ज्यादा हॉट, सेक्सी, आकर्षक, और मनमोहिनी थी, कि कोई भी उन्हें देखकर दीवाना हो जाए। और ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ मैं अपनी भाभी का दीवाना हो गया तो मैं बहाना मार कर अपने दोस्त के घर ही रुक गया।
एक हफ्ते अपने दोस्त के घर रहने के बाद मेरी भाभी से अच्छी खासी बातचीत हो गई थी और हम दोनों में काफी अच्छी दोस्ती भी हो गई थी। परंतु मैं भाभी की दोस्ती नहीं, भाभी की गांड लेना चाहता था और मेँ अपनी मोटी गांड वाली भाभी की चुदाई करना चाहता था। क्योंकि उनका बलखाता हुआ बदन और इतनी मोटी गांड मेरे लंड को खड़ा कर देती थी।
और कहीं ना कहीं मुझे ऐसा लगता था भाभी भी मुझे एक अंतर्वासना भरी नजरों से देखती हैं। जब भी रवि (मेरा दोस्त) काम पर चला जाता था, तो भाभी मेरे पास ही बैठती थी।
और हम दोनों साथ में कई मस्ती करा करते थे मैं अपनी भाभी की ही आंखों में खो जाता था।
एक दिन भाभी बाथरूम में नहा रही थी और अचानक से उनकी कमर में मोच आ गई!!
वह मेरा नाम चिल्लाई…. राजेश! राजेश!!
मैं दौड़ता हुआ बाथरूम की ओर भागा और भाभी मेरी बाहों में गिर पड़ी।
मैंने पूछा.. क्या हुआ?!!
भाभी – राजेश मेरे पैर में मोच आ गई है और बहुत दर्द हो रहा है।
तो मैं नीचे झुका और मैंने उनके पैर की मोच ठीक कर दी,मसाज करके।
जब मैं उनके पैर की मोच ठीक करके उठा तो, भाभी बस मेरी ही आंखों में देखे जा रही थी। और मैं भी उनकी आंखों में खो गया उनकी बड़ी-बड़ी आंखें मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी।
फिर पता नहीं कब और हम दोनों एक दूसरे के गले लग गए और हम दोनों के मुंह से मुंह लड़ गए। हम दोनों में चुम्मा चाटी चालू हो गए और मैं भाभी के रसीले रसीले होंठों को अपनी जबान से चूस रहा था।
और भाभी ने मेरी जबान अपने मुंह में डालकर चूस रही थी।
फिर धीरे-धीरे मैं अपना हाथ भाभी की गांड पर ले गया और दबाने लगा।
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भाभी को चूमते-चूमते और उनकी गांड दबाते-दबाते मैंने अपनी बीच वाली उंगली भाभी की गांड में घुसा दी।
भाभी – आ.. आ.. आह!!!
फिर मैंने अपना दूसरा हाथ की उंगली भाभी की चूत में घुसा दिया।
भाभी के दोनों छेद मेरी दोनों हाथों की उंगलियों से बंद हुए पड़े थे और मैं उन्हें अंदर बाहर कर रहा था।
फिर मैंने भाभी की गांड अपनी तरफ करी और उनकी गांड में अपना लंड घुसा दिया।
भाभी – आह! राजेश!! आ.. आ.. आ.. आ…
मैंने पूछा – क्या हुआ भाभी दर्द हो रहा है क्या?!!
भाभी हाँ… दर्द… हो… रहा… है…. क्योंकि… यह मेरा पहली बार है, मैं पहली बार मेरी गांड की चुदाई हो रही है।
यह सुनते ही मेरा लंड भाभी की गांड में और ज्यादा खड़ा और मोटा हो गया!!!
भाभी – आ! आ! आ! आ!! आ!! आह… ऊह…. ऊह….!!
तुम्हारा तो और ज्यादा मोटा हो गया राजेश!!!
फिर मैं उनकी गांड की चुदाई करने लगा और मैं अपने लंड को अंदर बाहर उनकी गांड में करे जा रहा था। भाभी का मुंह मैं अपने होठों से चाट रहा था और उनके बड़े-बड़े स्तन में अपने हाथों से दबा रहा था। उनके बड़े-बड़े चुचों का सहारा लेकर उनकी गांड की जबरदस्त देसी चुदाई कर रहा था।
फिर मेरा बस करने ही वाला था और मैंने अपना सारा माल भाभी की गांड में छोड़ दिया। उनका इतना सेक्सी बदन और इतना मनमोहक शरीर कि मुझसे रहा नहीं गया और मेरा बहुत ही जल्दी झड़ गया।
परंतु मेरी वासना अभी भी शांत नहीं हुई थी मेरी अंतर्वासना और ज्यादा कामुकता मांग रही थी।
फिर मैंने भाभी को गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया।
बेड के ऊपर भाभी को लेता दिया और मैंने अपना लौड़ा भाभी की चूत में डाल दिया।
भाभी – आ.. आ.. आह…… राजेश!!!! अभी-अभी तो तुम्हारा झड़ा है, और तुम्हारा लंड अभी भी एकदम सीधा खड़ा है।
मैंने बोला – क्या करूं भाभी?!! आप इतनी ज्यादा… सेक्सी… हो.. जैसी Bhabhi Sex Stories में भाभियाँ होती, आपको देखते ही मेरा लंड तो बैठने का नाम ही नहीं लेता और हां, और में शिलाजीत भी खाता हु।
भाभी – ओह्ह!! राजेश!!! कुछ सिखाओ अपने दोस्त को, उनका तो एक ही बार में झड़ जाता है फिर दोबारा खड़ा ही नहीं होता।
और मैं अपनी भाभी की चुदाई करता रहा, मैंने उनके निप्पल पकड़े और जोर-जोर से उनकी चूत की चुदाई करने लगा।
भाभी – हां! हां! ऐसे ही… चोदो अपनी भाभी को…. राजेश!!!! बहुत मजा आ रहा है….।
और मैं अपनी भाभी की और ज्यादा जबरदस्त चुदाई करने लगा, मैं चोदते-चोदते उनके चुंचो पर थप्पड़ भी मार रहा था ताकि उन्हें और ज्यादा कामुकता का एहसास हो।
फिर मैंने उनको घोड़ी बनाया और उनकी बड़ी सी कांड को अपनी मुट्ठी में भरा और अपना लंड उनकी चूत में घुसा दिया।
भाभी – आह!! आह!!! आ…. आ…. धीरे…. राजेश…!!
परंतु मैंने उनकी बात न सुनी और मैं उनकी चूत को चोदता रहा और उनके गांड पर जोर-जोर से थप्पड़ भी मार रहा था “चटक-चटक”।
मैंने अपने दोनों टांगों को बेड के ऊपर करा और किसी कुत्ते की तरह भाभी को चोदने लगा।
मैं भाभी को धकाधक-घचाघच बस चोदे ही जा रहा था और भाभी को पूरा चरम सुख का आनंद ले रहा था।
भाभी के मोटी गांड इतनी गोल, गुब्बारे जैसी और बढ़िया थी कि जी तो करता था कि उसे हर वक्त पर चोदता ही राहु।
भाभी की चूत को चोदते चोदते मैंने अपने हाथ की दो उंगलियां भाभी की गांड में घुसा दी!
और उन्हें भी अंदर बाहर अंदर बाहर तेजी से करने लगा।
भाभी – आ.. आ… आ… ऊह! आह! अम्म!! और जोर से चोदो….!!!
और मैं भाभी को और जोर से चोदने लगा जितनी जोर से चोद सकता था।
और फिर इतनी चुदाई करने के बाद मेरा दोबारा झड़ने वाला था। अपनी तेजी बढ़ा दी और भाभी की गांड को बहुत जोर से पकड़ कर भाभी की चूत को चोदने लगा। फिर जैसे ही मेरा झड़ने वाला था, मैंने अपना सारा माल भाभी के मुंह पर निकाल लिया।
भाभी ने मेरा लोड़ा मुंह में ले लिया और बची कुची मलाई भी भाभी पी गई।
फिर हम दोनों बिस्तर पर लेट गए और भाभी मेरी बाहों में आ गई।
और बोलने लगी – राजेश तुमने तो अपनी भाभी को दबा कर चोद दिया!!
मेने बोला – क्या करें भाभी जी…! आप इतने हॉट और सेक्सी हो, आपकी अदाओं पर तो मैं मरने लग गया हूं।
और फिर हम दोनों हंसने लगे और एक दूसरों की बाहों में ही लेटे रहे।
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