ऑनलाइन फसी आंटी उसकी बजाई घंटी-Aunty Ki Chudai
- By : Tharki
- Category : Aunty Ki Chudai

हॉट आंटी चब्बी सेक्स कहानी में मैंने मुम्बई की एक आंटी के साथ सेक्स किया मैंने एक डेटिंग साईट से उनसे दोस्ती की कुछ दिन बाद मैंने उन्हें अपने घर बुला लिया दोस्तो मैं भी एक भारतीय पुरुष ही हूँ जिसके अन्दर लगातार एक आग सी जल रही है।
जब से मैं जवान हुआ तभी से किसी महिला के शरीर को छूने का मन करता रहता था आज मैं 29 साल का हो चुका हूँ कुछ महिलाओं से मिला भी हूँ जो आप सोच रहे हैं वह भी हो चुका है लेकिन फिर भी ये अन्दर की जो आग है वह जलती रहती है हर मुलाकात कुछ अधूरी सी रह जाती है।
आज मैं आपको जो कहानी बता रहा हूँ उस मुलाकात ने मेरे शरीर के साथ साथ मन में भी एक कसक छोड़ दी है यह हॉट आंटी चब्बी सेक्स कहानी मेरे मुंबई प्रवास के दिनों की है उस समय में मुंबई में नौकरी नई नई लगी थी पहली बार मैं घर से बाहर निकला था।
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घर की याद आने के कारण मन नहीं लग रहा था बार बार घर मां-बाप दोस्त घर का खाना याद आ रहा था उसी समय मेरे एक रूममेट ने मुझे अकेलेपन की कमी से बचने के लिए एक रास्ता बताया उसने मेरे फोन में एक डेटिंग एप इंस्टाल की और स्वाईप करने को कहा।
मैंने सोचा कि चलो ये भी अच्छा है कुछ नया ट्राय करते हैं अब एक तरफ तो शहर से सीधा मुंबई आना यहां के माहौल में खुद को एडजस्ट करना ही अपने आप में एक चैलेंज था तभी डेटिंग एप पर मुझे काफी बोल्ड और ब्यूटीफुल लड़कियों की प्रोफाईल देखने को मिली।
मैंने खुद के लिए एक अच्छा मैच ढूंढना शुरू किया कुछ से डेटिंग भी हुई कुछ मेरे बेडरूम तक भी पहुंची लेकिन कुछ अधूरापन अभी भी था दोस्तो हमेशा ऐसा कहा जाता है कि पुरुषों को सिर्फ महिला का शरीर चाहिए होता है पर यह सच नहीं है।
हमें सेक्स चाहिए रोज चाहिए नया नया भी चाहिए पर कुछ अहसास के साथ चाहिए आखिरकार वह दिन आ ही गया जब मुझे सेक्स मिला और पूरे अहसास के साथ सुबह जब उठा तो मेरे फोन में एक नोटिफिकेशन पड़ी थी
यू गॉट अ मैच।
मैंने सोचा कि चलो आज का दिन अच्छा शुरू हुआ है जब डेटिंग एप ओपन की तो एक प्रोफाईल मिली बड़ी ही मादक सी लड़की साड़ी पहनी हुई उसके बूब्स तो मानो जैसे नारियल को इत्मीनान से काट कर शेप सैट किया गया हो।
कमर का कटाव साड़ी और पेटीकोट की वजह से काफी सुंदरता से उभर कर बाहर आ रहा था उसके बालों में एक सुंदर सा हेयर बैंड सजा था फोटो पीछे की तरफ से डाली गई थी नाम लिखा गया था माही उम्र थी 50 साल मैं पहले तो उम्र देख कर चौंका।
लेकिन हर लड़का अपनी भरी जवानी में अपने से बड़ी उम्र की औरत की तरफ आकर्षित होता है यहां तो माही एक सुंदर कटाव वाली भरी और गदराए हुए शरीर की मालिकन थी ऐसी ही लड़की मेरा सपना था माही की प्रोफाईल में लिखा था- इस भीड़भाड़ वाली दुनिया में एक सुंदर साथ चाहिए कुछ हसीन पल चाहिए।
मैंने देर न करते हुए तुरंत हाय भेजा काफी घंटों के इंतजार के बाद जब मैं ऑफिस में था तो जवाब आया ‘हाय! मैंने पूछा- सुंदर सी रात को समुंदर किनारे बैठे बैठे चाय के साथ चांद देखोगी शायद उसे ये अंदाज पसंद आया उसने कहा- हां लेकिन पहले जान-पहचान कर लेते हैं।
एक हफ्ते तक ये सिलसिला डेटिंग एप पर ही चला मानो लग रहा था कि जिसे मैं हर कहीं ढूंढ रहा था यह वही लड़की है रोमांटिक सा चैट अब सेक्स चैट में तब्दील हो चुका था नग्न फोटो भी आपस में साझा हो चुके थे आखिरकार मैंने वह प्रस्ताव रख ही दिया जिसको रखने का मुझे बेसब्री से इंतजार था।
माही कल मेरी छुट्टी है रूम मेट बाहर गया है क्या हम एक सुंदर सी हाउस डेट कर सकते हैं मैसेज डबल टिक हो चुका था पर जवाब आना बाकी था मेरे मन में कुछ फड़फड़ाहट थी माही को गंवाने का डर मेरे पेट में मरोड़ बना रहा था।
कुछ घंटों बाद उत्तर आया ‘एड्रेस तो भेजो बुद्धू अगले दिन ठीक दस बजे वह मेरे घर के दरवाजे पर खड़ी थी सुंदर सी काले रंग की साड़ी में खुले बाल आंखों में काजल कानों में झुमके स्लीवलैस लोकट ब्लाउज और वहां से दिखती हुई दो स्तन के बीच की मदमस्त दूध घाटी।
मैंने उसे बताया था कि मुझे क्लीवेज देखना पसंद है क्लीवेज से नीचे साड़ी का पल्लू मुझे उसकी नाभि दिखा रहा था उसने चुटकी बजा कर कहा- पब्लिक शो करने का इरादा है क्या मिस्टर मैंने झेंपते हुए माही को अन्दर बुलाया पास की आंटी जासूसी निगाहों से मुझे ताके जा रही थी।
मैंने तुरंत दरवाजा बंद कर दिया मेरा दिल धकधक कर रहा था जिसका मुझे इंतजार था वह घड़ी आ गई थी मैंने समय न गंवाते हुए सीधा माही को अपनी बांहों में कस लिया उसने भी पूरा साथ दिया उस आलिंगन में एक सुकून था किसी को पाने का सुकून किसी सेफ हाथों में होने का सुकून।
एक इज्जत थी एक मां वाला प्यार था और एक अच्छा दोस्त होने की फीलिंग्स भी बस फिर क्या था हग करते करते मैंने माही के हेयर बैंड को खोल दिया उसके काले रेशमी बाल उसकी कमर तक आ रहे थे बालों के शैम्पू की महक को अन्दर खींचते हुए मैंने माही की गर्दन और कंधों को चूमना शुरू किया।
उसकी आंखों में भी एक राहत दिखाई दे रही थी रोजमर्रा की जिंदगी से कहीं किसी शांत जगह पर मिलने वाली शांति की भांति मैं उसकी गर्दन पर कानों की बाली के पास किस किए जा रहा था माही के निप्पल कड़क हो रहे थे उसकी पकड़ मेरे आस पास मजबूत हो रही थी।
मानो वह चब्बी आंटी मुझे अपने शरीर के अन्दर समा लेना चाहती हो उसकी तेज सांसें मुझे और उत्तेजित कर रही थीं आखिरकार मैंने पल्लू सरकाया गोल गोल घुमा कर उसकी पूरी साड़ी निकाली तब जाकर देखा कि माही ने आज पेटीकोट पहना ही नहीं था।
उसने साड़ी के नीचे सिर्फ काली पैंटी पहनी थी दोस्तो मेरे सामने 50 वर्षीय महिला जो कि एक परफेक्ट फिगर की मालकिन है काले ब्लाउज और काली पैंटी में खड़ी थी उनकी मदमस्त जांघों को देख कर मेरे लंड राजा भी तन कर तैयार थे पर आज मैं कोई जल्दबाजी में नहीं था।
आज मुझे और माही को सेक्स के साथ सुकून भी चाहिए था मुझे ऐसे देखते हुए देख कर माही ने मुझे तुरंत अपने आगोश में ले लिया एक बार अपने मम्मों की सख्ती का अहसास कराया और बेड पर धक्का देकर लिटा दिया।
अब मैं नीचे था और वह मेरे लौड़े के ऊपर थी माही ने धीरे से अपना स्लीवलैस ब्लाउज निकाला और मुझे उत्तेजित कर देने वाली अदा के साथ उस ब्लाउज को अपने बदन से अलग कर दिया उसके नारियल जितने बड़े मम्मे मस्त हिल रहे थे।
उम्र का तकाजा होने के बावजूद भी उसके दोनों नारियल लगभग सीधे झूलते हुए मेरी आंखों के सामने थे मुझे उसकी तन की महक काफी पसंद आ रही थी मैंने तुरंत अपने दोनों हाथों से उसके दोनों मम्मों को मसलना शुरू कर दिया।
वाह उसके एकदम चॉकलेटी निपल्स मेरी पसंद के थे और मुझे जो चाहिए था वह मेरे सामने हूबहू पेश हो गया था हमारे पैर एक दूसरे के पैरों के साथ खेल रहे थे माही लगातार मुझे लंबी जंगली शेरनी की तरह किस किए जा रही थी मैं भी उसका पूरा साथ दिए जा रहा था।
हम दोनों सिर्फ फोलप्ले में ही सातवें आसमान पर थे अब बारी थी मेरे कपड़े निकालने की लेकिन वह काम भी माही खुद करना चाहती थी जैसे कि हम पहले ही अपने नंगे फोटो साझा कर चुके थे तो माही मेरे छह इंच साईज के देसी गबरू लंड को देख कर कुछ खास आतुरता तो नहीं दिखा रही थी।
लेकिन उसने मेरे लंड को बड़े प्यार से सहलाया और उस पर एक किस किया एक पल को उसने मेरी वासना से लबरेज आंखों में अपनी आंखों को डाला और बिना एक पल की झिझक के सीधा मुँह में लेने लगी उसकी लिपस्टिक के निशान मेरे लंड पर पड़ते जा रहे थे।
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एक सुंदर सा हल्कापन मेरे शरीर में छाने लगा था माही मेरे लंड को अपने मुँह में लेने में अपने पूरे जीवन का अनुभव लगा रही थी कभी वह मेरे टोपे पर जीभ फेरती कभी टट्टों को चूम लेती कभी चूसते चूसते मेरे सीने की घुंडियों को हाथों से दबा देती।
यह इतना हसीन लम्हा था कि मैं अपने आपको रोक ही नहीं पाया लंड एकदम से कड़क होकर फटने को तैयार था माही की 5 मिनट की लंड चुसाई में ही मैं झड़ चुका था मेरा सारा वीर्य माही के मेकअप को खराब कर रहा था यह वही फंतासी थी जो मैंने उससे चैट में कही थी।
मुझे औरत के शरीर पर चेहरे पर मेरा वीर्य देखना पसंद है मेरे बिना कुछ कहे माही मेरी फंतासी को पूरी कर चुकी थी उसकी आंखों में भी एक संतुष्टि थी किसी अपने के लिए कुछ करने की मैं उसके उसी भाव का कायल हो गया अब बारी मेरी थी।
मैंने तुरंत माही को बेड पर चित कर दिया; एक किस उसके माथे पर किया और तुरंत काम पर लग गया उसकी सुराहीदार गर्दन से किस करते हुए मैं अपने दोनों हाथों से पूरी ताकत के साथ उसके दोनों मम्मों को भींच रहा था उसके बड़े बड़े मम्मों को खेलते खेलते मेरा लंड भी वापस खड़ा होने लगा था।
उसकी त्वचा की चिकनाहट और उसकी महक मुझे उसका आशिक बना रही थी मैंने एक के बाद एक उसके दोनों को फिर से मम्मों को चूसना शुरू कर दिया कभी दायें को चूसता तो कभी बांए को मानो मेरा मन भर ही नहीं रहा था।
लगातार दस मिनट तक मैं सिर्फ उसके चूचकों को मींजता और चूसता रहा एक को चूसता तो दूसरे को मींजता रहा आखिरकार उसने मेरे सर को नीचे की ओर धक्का दिया उसका इशारा साफ था सेक्स में ये मेरी सबसे पसंदीदा क्रिया भी थी कि जल्द से जल्द चूत को चाट ही लूं।
मैं उसकी नाभि और कमर से होते हुए उसकी सफाचट झांट रहित चूत के पास पहुंचा माही की चूत खेली खाई चूत थी बड़ी सी लग रही थी लेकिन चूत तो चूत होती है मैंने तुरंत अपनी जीभ संग चूत से खेलना शुरू किया चूत के चारों ओर मैं अपनी जीभ को घुमाता हुआ चाट रहा था।
कभी जीभ चूत के अन्दर कर देता तो कभी बाहर चाटने लगता यही सब करते करते मुझे काफी मजा आ रहा था ऐसा लग रहा था मानो मैं कोई स्वादिष्ट नमकीन खा रहा हूँ थोड़ी सी खराश थोड़ी सी खटास और वापस वह कामुक कर देने वाली महक मुझे चरम तक पहुंचाने के लिए काफी थी।
इस सबसे माही की ‘उंह आह’ की सिसकारियां मुझे और भी ज्यादा जोश और उत्तेजित कर रही थीं अब मैंने भी अपने लंड महाराज को उस स्वप्निल चूत से मिलाने का निर्णय ले लिया मैंने अपना लंड चूत के मुँह के पास रगड़ना शुरू किया।
अभी अन्दर नहीं डाला था सिर्फ चूत को लंड से घिस सा रहा था मेरी यही हरकत माही के अन्दर की आग पर पेट्रोल डालने का काम कर रही थी आखिरकार माही ने कहा- मादरचोद और मत तड़पा भड़वे अन्दर डाल ना उसके मुँह से निकली यह गाली मेरे मन को मयूर सा नचा गई।
लेकिन जैसे लोहे पर हथौड़ा मारने से पहले उसे गर्म करना जरूरी होता है वही इस वक्त जरूरी था मुझे यह सही से मालूम था कि इस खेलीखाई औरत के सामने मैं चुदाई में ज्यादा देर टिकने वाला नहीं हूँ कुछ ही मिनट में मेरा खेल खत्म हो जाएगा।
हम दोनों को एक साथ चरम तक पहुंचने के लिए माही को पूरा गर्म करना बेहद जरूरी था मैं जानता था कि माही का जी-स्पॉट उसकी चूत की फांकों से एकदम ऊपर है इसलिए मैं अपने लंड का मुंड वहां घिस रहा था माही एकदम मदोन्मत हथिनी की माफिक पागल हो रही थी वह अपना आपा खो रही थी।
तभी उसने मुझे एक लात भी मार दी मैं समझ गया कि अब लोहा गर्म हो गया है अब मैंने अपने लंड के ऊपर एक डॉटेड कंडोम चढ़ाया और लंड को चूत में धक्का दे दिया उसकी चूत काफी खुली हुई थी और मेरा लंड भी 6 इंच का ही है तो एक ही बार में पूरा अन्दर चला गया।
अब हम दोनों एक दूसरे में समा चुके थे जिस बात का 15 दिनों से इंतजार था वह पल यही था बिना किसी शर्त के भी हम दोनों एक दूसरे को काफी समझते थे और यही बात हमारे सेक्स में भी झलक रही थी धीरे धीरे जैसा कि माही को पसंद था मैंने धक्के देना शुरू किया।
उसके चेहरे पर वह तृप्ति का भाव देख कर मेरे अन्दर का मर्द भी संतुष्ट हो रहा था उसकी उंह आंह की आवाज मुझे और ज्यादा मस्त बना रही थी चूत और लंड का घर्षण हम दोनों को ही चरमोत्कर्ष की तरफ अग्रसर कर रहा था।
उसके नाखून मेरी पीठ में गड़े जा रहे थे वह लगातार मुझे और अन्दर तक चोदने के लिए प्रोत्साहित कर रही थी जिस तरह से खिड़की से दोपहर की रोशनी उस पर लगे पर्दों को भी चीरती हुई हम दोनों के नंगे जिस्मों पर घूम रही थी ठीक उसी तरह मेरे हाथ माही के पूरे शरीर पर घूम कर उसे प्यार कर रहे थे।
मैं उसके शरीर के हर हिस्से को छूना चाहता था पाना चाहता था अब मेरे धक्के धीरे धीरे तेज हो रहे थे माही भी गांड उचका कर इशारा दे रही थी कि उसे भी इस कामक्रीड़ा में काफी मजा आ रहा है धीरे धीरे उसकी मेरे पर पकड़ और मजबूत होने लगी।
मुझे भी लगा जैसे मेरे अन्दर से कुछ फटने वाला है बस अगले ही पल मैं झड़ने लगा था माही की चूत का रस भी किसी पानी से गुब्बारे की माफिक फट कर मेरे लंड को लबालब करने लगा था हम दोनों ही एक साथ चरम पर थे और ये कमाल आधे घंटे तक किए गए फोर प्ले का था।
चलती ट्रैन में अनजान भाभी के साथ चुदाई-Bhabhi Ki Chudai
मैं माही को कसके पकड़ कर उसके ऊपर ही लेटा रहा मेरा सर उस चब्बी आंटी के दोनों मक्खनी मम्मों के बीच में था वह अपने हाथ से मेरा बाल सहला रही थी हम दोनों ही पिछले पौने घंटे में हो चुकी घमासान चुदाई के मूड में मानो थम जाना चाहते थे।
यही वह अनुभव था जो मैं ढूंढ रहा था सिर्फ सेक्स नहीं सुकून भी माही के आगोश में मुझे जग जीतने का अहसास मिल रहा था उसकी सुंदर सी मुस्कान भी यही इशारा कर रही थी कि उसने भी काफी मजा लिया था आपको ये हॉट आंटी चब्बी सेक्स कहानी कैसी लगी।
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