पापा ने की बेटी की सील तोड़ चुदाई-Baap Beti Ki Chudai

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फ्रेंड्स मेरा नाम काजल है मैंने बहुत सी साइट्स पे बहुत सी स्टोरीस पढ़ी हैं। मेरी उम्र 25 साल की है बहुत सारी स्टोरीज पढ़ने के बाद मेरा भी मन किया है की मैं भी अपनी बाप बेटी की चुदाई स्टोरी आप लोगों को बताऊँ ये मेरी पहली और मेरे साथ बीती हुई स्टोरी है कि कैसे मेरे पापा ने मेरी सील तोड़ी तो चलिये कहानी स्टार्ट करती हूँ।

मेरा नाम काजल है। मैं उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। मेरे पापा गाजियाबाद मे जॉब करते हैं। बात आज से कोई 7 साल पहले की है जब मैं 18 साल की थी। घर पे पापा, मैं और मेरा छोटा भाई जो की मुझसे एक साल छोटा है रहते थे। 

मेरा भाई जयादातर हॉस्टल मे रहता था और सैटरडे संडे को ही घर पे आता था। घर पे सिर्फ मैं और पापा ही रहते थे। मेरे पापा की उम्र उस टाइम कोई 37 के करीब थी। मेरे पापा सरकारी एम्प्लॉय हैं। माँ भी सरकारी नौकरी मे हैं और उनका ट्रांसफर मुरादाबाद मे हो गया था। 

इसलिए वो वहीँ पे रहती थी। और वो भी सेटरडे संडे को ही घर पी आती थी। वैसे तो माँ जॉब छोड़ भी देती लेकिन ये ट्रांसफर सिर्फ 6 महीने से 1 साल तक के लिए ही हुआ था। पापा ने बहुत कोशिश की थी ट्रांसफर रुकवाने की लेकिन बात नहीं बनी थी।

पापा ने की बेटी की सील तोड़ चुदाई

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मैं और छोटा भाई दोनों मे से कोई भी एक उनके साथ चला जाता लेकिन स्टडी चल रही थी तो इसलिए हम भी साथ नहीं जा पाए। पापा और माँ आपस मे बहुत प्यार करते थे और वो हमे भी बहुत चाहते थे। 

माँ को गए हुए 2 महीने हो गए थे और इन दो महीने मे वो 3-4 बार ही घर पे आई थी। मैं और (राहुल)छोटा भाई माँ को बहुत मिस करते थे और पापा शायद हमसे भी जयादा मिस करते थे उन्हें। नवंबर का महिना था और वीक का लास्ट था। 

माँ ने फ़ोन किया की कल सैटरडे है तो वो कल आ रही हैं। हम सब बहुत खुश थे लेकिन उसी इवनिंग मे पापा ने बताया की उन्हें 2 दिन के लिए बरेली जाना है ऑफिस के किसी जरूरी काम की वजह से और अगली सुबह वो माँ से बिना मिले ही चले गए। बस माँ से उन्होंने फोन पे ही बात की। फिर माँ मंडे को सुबह जॉब पे चली गयी और पापा इवनिंग मे वापिस आए। वो वीक यु ही निकल गया। 

फ्राइडे को मैं जब पापा के रूम मैं दूध देने गई तो पापा माँ से बात कर रहे थे और कह रहे थे की लास्ट वीक भी वो उनसे नहीं मिले इसलिए उन्हें कल जरूर आना है और माँ ने कहा की वो जरूर आएँगी। नेक्स्ट डे माँ घर पे आ गयी और दो दिन रह कर वापिस चली गयी। 

पापा उस शाम को बहुत खुश थे लेकिन जब सुबह उठे तो उनका मूड ख़राब था और वो काफी उदास से लग रहे थे। मैंने पूछा भी की क्या हुआ तो बोले कुछ नहीं बस कुछ ऑफिस के काम का टेंशन है। माँ मंडे को वापिस चली गयी और पापा ऑफिस चले गए। 

भाई भी कॉलेज चला गया था और उसे भी हॉस्टल मे ही रुकना था। मैंने और पापा ने खाना खाया और मैंने उन्हें दूध पकड़ा दिया और फिर हम सोने चले गए। ये रोज की रूटीन थी। फ्राइडे को भी मैंने और पापा ने खाना खाया और मैंने उन्हें दूध पकड़ा दिया और सोने चले गए। हम 10 बजे तक सो जाते थे।

मैं आपने बिस्तर पे लेट गई पर अभी मुझे नींद नहीं आई थी और मुझे याद आया की सुबह मेरे पास राहुल का फोन आया था की वो कल घर पे नहीं आ पायेगा इस लिए उसने पापा से कुछ पैसे ट्रांसफर करने को कहा था। 

वो खुद ही पापा से कह देता लेकिन पापा का फोन नहीं मिल रहा था। तब मैंने सोचा की अभी बता देती हूँ नहीं तो अभी की तरह सुबह फिर भूल जाउंगी इसलिए मैं पापा को बताने के लिए उनके रूम की तरफ गई। 

पापा के रूम मे बल्ब जल रहा था। मैंने सोचा की पापा अभी सोये नहीं होंगे और जैसे ही मैंने डोर ओपन करने के लिए हाथ आगे किया मेरे कानो मे हलकी हलकी सी फुसफुसाने की आवाज आई। मैं वहीँ रुक गई और मैंने सुना की वो कह रहे थे। 

पापा – ओह सुषमा(मेरी माँ) तुम्हारी बहुत याद आ रही है। देखो ना ये कैसे बिलबिला रहा है तुम्हे पाने के लिए। मैंने अपनी ऑंखें की-होल पे लगा दी और मैं अंदर का नजारा देख कर दंग रह गई। 

मैंने देखा की पापा बेड पे बैठे हुए थे और उन्होंने अपनी पेण्ट की ज़िप खोल रखी थी और अपने हाथ मे अपने करीब 7 इंच लम्बे और कोई 3 इंच मोटे लंड को पकड़ा हुआ था और वो उसे सहला रहे थे। दूसरे हाथ मे उनके फोन था और वो माँ से बातें कर रहे थे।

पापा बोले – देखो ना मेरी जान लास्ट से लास्ट वीक मैं यहाँ नहीं था और लास्ट वीक तुम्हे पीरियड आया हुआ था इस वजह से सारा मजा ख़राब हो गया। बहुत तड़प रहा हूँ तुम्हे पाने के लिए! कल तुम आ रही हो ना सारी रात जी भर के पेलुँगा तुझे! एक मिनट भी सोने नहीं दूंगा।

साथ ही पापा अपने लंड को सहला भी रहा थे फिर उन्होंने उसे अपनी मुट्ठी मे भर लिया और आगे पीछे करने लगे। मैं आँखें फाड़े हुए उनके मदमस्त लंड को निहार रही थी। मेरे मे उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी। कोई 5 मिनट बाद उनके लंड मैं से वाइट वाइट सा पानी निकलने लगा। 

मेरे को पता ही नहीं चला की कब मेरा हाथ मेरी चूत पे चला गया और मैं उसे अपनी उंगलिओं से सहलाने लगी थी। उधर पापा ने फोन बंद कर दिया था। मैं जैसे एकदम नींद से जागी और मैं झट से वहां से हट गई और आपने रूम मैं आ गई। 

मेरी हालत बहुत बुरी हो रही थी। मेरी चूत मे भी खुजली होने लगी थी और मुझे महसूस हो रहा था की मेरी चूत भी चिप चिपि सी हो गई है। मैं सारी रात सो नहीं पाई और सारी रात मेरी आँखों के सामने पापा का तना हुआ फनफनाता हुआ लंड घूमता रहा।

सुबह मैंने जब पापा को चाय दी तो मैंने उन्हें राहुल के फोन के बारे मे बता दिया लेकिन ये सब बताते वक़्त मेरा धयान पापा की पेण्ट की तरफ ही था। क्यूंकी मुझे वहां पे एक अद्भुत चीज नजर आई थी। 

लेकिन पापा का लंड तो ऐसे था जैसे सो रहा हो क्यूंकी उसे खबर जो नहीं थी की किसी की नजरें उसे ढून्ढ रही हैं। वरना वो तो फनफनाने लगता। पापा ऑफिस चले गए लेकिन मैं कॉलेज नहीं गई क्यूंकी मेरा मन नहीं था कर रहा। 

करीब 2 बजे माँ ने आ जाना था। मैं आपने रूम मे लेटी हुई थी की तभी मेरे मन मे विचार आया की मैं आज माँ और पापा को देखूंगी की वो रात को क्या करते हैं। आज राहुल भी यहाँ पे नहीं होगा। 

मेरे मन मे बार बार आ रहा था की पापा माँ के साथ क्या करेंगे रात को और यही सोच सोच कर मैं रोमांचित हो रही थी। मैं आपने रूम से उठी और पापा के रूम मे गई ताकि ये देख सकूं की मैं ये नजारा कहाँ से सब से आसानी से देख सकती हूँ।

पापा के रूम के साथ ही एक स्टोर रूम था जिसका दरवाजा मेरे रूम के साथ ही था। और उसका एक दरवाजा पापा के रूम से अटेच था जो की स्टोर की तरफ से बंद रहता था। डोर के ऊपर एक कांच का रोशनदान था। कोई भी उस रूम मे जल्दी से जाता नहीं था। 

मैं स्टोर रूम मे गई। मैंने एक टेबल उठाया और स्टोर रूम के डोर के पास रखा जो की पापा के रूम की तरफ था। मैं उसपे खड़ी हो गई और मैंने देखा की रोशनदान से मैं अंदर का नजारा देख सकती हूँ और स्टोर की लाइट बंद होने की वजह से किसी को पता भी नहीं चलेगा की मैं वहां पे हूँ। 

मैंने हल्का सा रोशनदान खोल दिया था ताकि उनकी बातें भी आसानी से सुन सकूं। मैं आपने रूम मे वापिस आ गई और बहुत ही खुश थी ये सोच कर की मैं आज अपने माँ और पापा को रात को एक साथ मजे लेते हुए देखूंगी। मेरी माँ आ गई थी और फिर इवनिंग मे पापा भी आ गए थे। 

हम सबने मिल कर खाना खाया और फिर मैंने माँ और पापा को दूध दिया। पापा बहुत खुश दिख रहे थे। फिर मैं अपने रूम मे आ गई। मैंने आपने रूम की लाइट बंद कर दी ताकि माँ और पापा को लगे की मैं सो गई हूँ लेकिन मैं आज सोने वाली कहाँ थी। 

करीब 15 मिनट बाद मैं आपने रूम मे से बहार आई और चुपचाप स्टोर रूम का डोर खोल कर उसमें आ गई और जो टेबल मैंने लगाया था उसपे खड़ी हो गई। अंदर का नजारा देख कर मैं तो दंग रह गई। पापा और माँ दोनों बिलकुल ही नंगे थे दोनों ने ही कपडे उतार रखे थे और माँ पापा के लंड को हाथों से सहला रही थी और पापा माँ की चूचियों को चूस रहे थे।

पापा बोले मेरी जान तुम्हे पता है मैंने ये दिन तुम्हारे बिना कैसे गुजारे हैं देखो ये भी कैसे फड़फड़ा रहा है। तुम्हारे लिए राते जागते हुए निकली हैं मेरी, बिलकुल मन नहीं लगता तुम्हारे बिना।

माँ बोली आप क्या जानो की मैं वहां पे कैसे रहती हूँ आपके बिना। आपको तो पता है की जब तक एक बार मैं आपसे मजा नहीं लेती थी मुझे नींद नहीं आती थी लेकिन अब बहुत मुश्किल होती है आपके बिना बस मैं तो सैटरडे का वेट करती रहती हूँ।

और ये कहते हुए माँ ने पापा के लंड को मुँह मे भर लिया और लगी उसे लॉलीपॉप की तरहे चूसने। पापा पूरी मस्ती मे आने लगे थे और सिसकने लगे थे वो कह रहे थे ओह मेरी जान तुम्हारी इसी अदा पे तो मरता हूँ मैं तुम बहुत मस्ती मे लंड चुस्ती हो बहुत मजा देती हो। तुम्हारे बिना मैं अकेला रह जाता हूँ ये तन्हाई मुझे खाने को आती है।

पापा ने की बेटी की सील तोड़ चुदाई

Bhabhi ki Chudai

लेकिन माँ पूरी मस्त थी लंड को चूसने मे और चटकारे ले ले कर लंड को चूस रही थी वो। 5 मिनट यु ही लंड चूसने के बाद पापा ने माँ से कहा की अब तुम लेट जाओ और माँ ने पापा के लंड को मुँह से निकाल दिया। और उसे हाथ मे पकड़ कर माँ बोली।

माँ – जानेमन देखो तो कैसे लार टपका रहा है ये। तो पापा बोले की मेरी जान अब तो इसकी प्यास बुझानि है तुम्हे जी भर के और फिर पापा ने माँ की टाँगें खोल दी और बीच मे बैठ गए और मम्मी की चूत पे अपने होंठ लगा दिए और लगे उसे चाटने। 

फिर पापा ने अपनी ज़ुबान को माँ की चूत मे डाला और अंदर बहार करने लगे। माँ तो जैसे पागल सी होने लगी थी वो सिसक रही थी और कह रही थी ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मेरे राजाआआआआआआ आह प्लीजजजजजज अब तो अपने लंड को डाल दो मेरी चूत मे आहहहहहहहहहहहह हाय अब और नहीं सहा जाता पलज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ आहहहहहहह डाल दो इसे मेरी चूत मे जल्दी करो हाय।

और माँ ने पापा को पकड़ा और अपने ऊपर खींच लिया। फिर पापा ने अपने लंड को माँ की चूत की दीवार पे रखा और एक ही धक्के मे अंदर घुसा दिया। अब पापा ऊपर से लंड को अंदर बहार कर रहे थे और माँ कमर उठा उठा कर उनका साथ दे रही थी दोनों पूरी मस्ती मे लगे हुए थे। 

इस सब के बीच मे मेरी बुरी हालत हो गई थी मेरा मन बेचैन हो रहा था। मेरी चूत पे चींटियाँ सी रेंगने लगी थी। मैंने आज से पहले सेक्स के बारे मे सिर्फ अपनी सहेलिओं से सुना ही था लेकिन आज पहली बार लाइव देखा था। मैं पूरी मस्त हो गई थी। माँ और पापा पूरा मजा लूट रहे थे। 

फिर कोई 10 मिनट बाद दोनों ही झड़ गए और एक दूजे से लिपट कर लेट गए। फिर माँ ने पापा के लंड को चाट कर साफ़ किया और बोली माँ – जानु तुम्हारा वीर्य कितना मजेदार है। जानु सच मे जितना मजा तुमसे चुदवाने मे आता है दुनिया की किसी चीज मे नहीं आता।

मैं वहीँ खड़ी सब देख रही थी और अपने एक हाथ से अपनी चूचिओं को जो अभी उभरने लगी ही थी दबा रही थी और एक हाथ से अपनी चूत को सहला रही थी। पापा बोले की जान मुझे तुम्हारी कमी बहुत महसूस होती है मैं क्या करूँ।

तो माँ बोली की राजा ये एक साल तो अब निकालना ही पड़ेगा दो महीने तो निकल ही गए हैं बस बाकि भी यु ही निकल जायेंगे और फिर वो 30 मिनट तक यु ही बातें करते रहे और फिर उसके बाद दोनों जोश मे आने लगे। 

सच मे उस रात पापा और माँ सोये नहीं पापा ने माँ को उस रात 3 बार चोदा और मैं भी नहीं सोई सारी रात ही ये नजारा देखती रही। नेक्स्ट डे मैंने, पापा ने और माँ ने सो कर गुजार दिया। और संडे की रात को भी मैंने वो ही नजारा देखा। 

मंडे को माँ चली गई और पापा भी ऑफिस चले गए। रात को मैंने पापा को दूध पकड़ा दिया और फिर अपने रूम मे आ गई। फिर 30 मिनट बाद स्टोर रूम मे चली गई। मैंने देखा की पापा अपने लंड को पकडे हुए बैठे थे और कह रहे थे।

पापा- देखो न सुषमा तुम्हे इतनी बार चोदने के बाद भी इसका मन नहीं भरा है ये अभी भी तुम्हारे ही ख्यालों मे तड़प रहा है। मुझसे तुम्हारी कमी बर्दास्त नहीं होती है तुम्हे रोज चोदने का मन करता है।

और पापा ने अपने लंड को मुठियाना शुरू कर दिया। और जब उसका पानी निकल गया तो वो शांत हो गए और बोले पापा- सुषमा काश तुम अभी यहाँ पे होती तो मजा आ जाता। अब तो कभी कभी मन करता है की किसी न किसी को तो चोदूँ ही लेकिन किसे ये समझ मे नहीं आता है। काश मुझे अभी कोई मिल जाये चोदने के लिए।

ऐसे ही फुसफुसाते हुए वो लेट गए और मैं भी अपने रूम मे चली गई। मुझे पापा पे तरस आने लगा था मैं सोचने लगी की ये पापा की कैसी हालत हो गई है की उनकी पत्नी के होते हुए भी वो यु ही तड़प रहे हैं। कितना तरसते हैं वो माँ को चोदने के लिए ये कैसी मजबूरी है की वो कुछ कर भी नहीं पाते। 

तभी मेरे दिमाग मे पापा के कहे बोल गूंज उठे की आज मुझे कोई भी मिल जाये तो उसे ही चोद डालूं। और मन मे ये विचार आते ही मैं रोमांचित सी हो गई मेरे मन मे आया की क्या मैं पापा के काम नहीं आ सकती? मुझे भी माँ जितना ही मजा आएगा और क्या पापा मुझे भी चोद सकते हैं। 

इन सभी बातों ने मुझे सोने नहीं दिया मेरी आँखों के सामने पापा का तना हुआ लंड घूम रहा था। उसके बारे मे सोच सोच कर मेरी चूत मे मस्ती भरने लगी थी। मैंने मन ही मन फैसला कर लिया था की मैं पापा को यु तड़पने नहीं दूंगी उन्हें पूरा खुश रखूंगी और हो सका तो उन्हें मनाऊंगी भी खुद को चोदने के लिए और इस विचार ने तो जैसे मुझे पागल ही कर दिया।

मेरी आँखों के सामने वही दृश्य घूमने लगा की मैं माँ की जगह लेटी हुई हूँ और पापा मुझे पूरी मस्ती मे चोद रहे हैं और मैं उनका भरपूर साथ दे रही हूँ पूरा आनंद लेते हुए। ये सब सोचते सोचते मुझे पता ही नहीं लगा की कब नींद आ गई। सुबह जब मैं उठी तो पापा नहा चुके थे। 

जब मैं चाय लेकर उनके रूम मे गई तो वो कपडे पहन चुके थे। मेरी नजरें वहीँ उनकी पेण्ट की ज़िप के करीब घूम रही थी ताकि उनके लंड की किसी हरकत को पकड़ सकें। लेकिन वो तो बिलकुल खामोश सोया हुआ था। 

मैं किसी भूखी शेरनी की तरह नजरें गड़ाए देख रही थी की जैसे ही वो खड़ा हो और मैं उसे पकड़ कर दबोच लू। आज पापा मेरी नजरों मे पापा नहीं बल्कि कुछ और ही नजर आ रहे थे। मेरे ऐसे घूरने को शायद पापा ने भी नोट किया था तभी तो वो बोले थे। 

पापा- क्या हुआ काजल बेटा कहाँ खोई हुई हो मै तो एकदम से सकपका गई और शर्मा भी गई और बोली कुछ नहीं पापा फिर पापा ऑफिस चले और मैं कॉलेज चली गई। आज कॉलेज मे भी मेरा मन नहीं लगा था मैं सारा दिन सोचती रही की आखिर पापा को कैसे मना सकती हूँ मैं। 

यु ही 3 दिन निकल गए मैं रोज रात को पापा को तड़पते हुए देखती और सुबह उनकी पेण्ट के बहार से उनके लंड को देखने की कोशिश करती रहती। लेकिन कोई बात नहीं बनी। फ्राइडे को रात को जब मैं स्टोर मे गई तो पापा माँ से फोन पे बात कर रहे थे।

पापा बोले की कल कितने बजे आ रही हो तो माँ ने फोन पे कहा की वो कल ऑफिस के किसी ज़रूरी काम की वजह से नहीं आ पाएंगी लेकिन नेक्स्ट वीक जरूर आएँगी पापा ने फोन काट दिया और बड़ी मासूमियत से अपने लंड को पकड़ कर बोले।

पापा – मैं क्या करू यार ये वीक भी तुझे तेरी खुराक नहीं मिलेगी। ये वीक भी तड़पकर ही बिताना पड़ेगा। अब तो रहा नहीं जाता है मन करता है आज तो कोई भी सामने आ जाये बस उसको पकड़ कर चोद डालूं। 

यही सब बातें करते पापा मुठिए कर सो गए और मैं आपने रूम मे आ गई। राहुल का फोन भी आ गया था की वो इस वीक भी नहीं आएगा। मैं बेड पे लेटी हुई पापा की बातें याद कर रही थी की कोई भी सामने आ जाये तो चोद दूँ। 

एक बार को तो मन किया की अभी जाऊं और कहूँ लो पापा मुझे चोद लो और अपनी प्यास बुझा लो लेकिन डर की वजह से जा नहीं पायी। अब तो मेरे मन ने फैसला कर लिया था की इस वीक मे मुझे पापा के साथ कोई न कोई गुल खिलाना ही है। 

यही सोच कर मेरे मन ने एक फैसला कर लिया। मैं सुबह जल्दी उठी चाय बनाई और पापा के रूम मे पहुँच गई। पापा आज नहा कर अभी बहार नहीं आये थे। मैं जान बूझकर जल्दी आयी थी आज। पापा रोज की तरह नहा कर बहार आये तो उन्होंने सिर्फ अंडरवियर ही पहना हुआ था। 

मेरी निगाहें उनके अंडरवियर मे उनके लंड को देख कर मचल गई क्यूंकी वो सोते हुए भी इस बात का एहसास दिला रहा था की वो है। पापा ने मुझे वहां पे देखा तो एक दम से सकपका से गए और झट से टॉवल उठा कर लपेट लिया और बोले।।

पापा- बेटा आज तुम जल्दी उठ गई तो मैंने कहा की हाँ पापा आज रात नींद ही नहीं आई तो पापा बोले क्यूँ तो मैंने कहा की पता नहीं बस नींद नहीं आई फिर उन्होने चाय पी और पापा ऑफिस चले गए। मैं कॉलेज नहीं गई उस दिन बस सारा दिन कोई न कोई प्लान बनाने के बारे मे ही सोचती रही। 

लेकिन कुछ समझ मे नहीं आ रहा था की क्या करू। सोचते सोचते मै टीवी देखने लगी और टीवी देखते देखते ही मेरे मन मे प्लान बना लिया की मुझे क्या करना है। अब मैं रात का वेट करने लगी। रात को पापा आ गए और हमने खाना खा लिया मैंने पापा को दूध पकड़ा दिया और फिर आपने रूम मे गई। 

मैंने सोच रखा था की आज पापा को मुठियाने नहीं देना है। मैं आपने रूम मे से निकली और पापा के रूम के पास गई मैंने की होल मे से देखा की पापा बेड पे बैठे हुए थे कोई 15-20 मिनट वो यु ही बैठे रहे और फिर उन्होंने अपनी पेण्ट की ज़िप खोली और अपने लंड को बहार निकाल लिया। 

उसे देखते ही मेरे मुँह मे पानी आने लगा था। जैसे ही पापा ने अपने लंड को सहलाना शुरू किया मैंने पापा वाले डोर को नॉक किया और भाग कर अपने रूम मे चली गई। पापा ने पूछा की कौन है तो मैंने कोई जवाब नहीं दिया। 

मैंने अपने रूम के की-होल मे से देखा की पापा ने अपने रूम का डोर खोला और इधर उधर देखने लगे फिर वो मेरे रूम की तरफ आये। मैंने अंदर से कुण्डी लगा ली थी और चुपचाप बेड पे लेट कर सोने की एक्टिंग करने लगी। मैं कोई 15 मिनट यु ही पड़ी रही। 

फिर मैं उठी और डोर के की-होल मे से देखा तो पाया की पापा वहां नहीं थे। मैंने डोर ओपन किया और पापा के रूम की तरफ गई। मैंने देखा की पापा बेड पे लेते हुए थे और डोर की तरफ ही देख रहे थे। मैं झट से स्टोर रूम मे गई और ये देखने लगी की क्या पापा फिर से कोशिश करेंगे अपने लंड को मुठियाने की। लेकिन मैंने 30 मिनट वेट किया और पापा वैसे ही पड़े रहे। फिर मैं स्टोर रूम मे से बहार निकली और पापा के रूम की तरफ गई। मैंने पापा के रूम का डोर नॉक किया।

पापा एकदम से उठे और बोले कौन है मैंने कहा पापा मैं हूँ काजल पापा बोले क्या बात है तो मैंने कहा की पापा एक मिनट डोर खोलिए पापा ने कुण्डी खोली और मैं अंदर चली गई।

मैंने पापा से कहा की पापा मुझे नींद नहीं आ रही है और आज मुझे थोड़ा थोड़ा डर भी लग रहा है क्या मैं आज यहीं सो जाऊं आपके पास तो पापा मेरे सर पे हाथ फेरते हुए बोले की हाँ बेटा आओ सो जाओ।

मैं वहीँ पापा के साथ ही बेड पे सो गई। पापा ने लाइट बंद कर दी थी अब रूम मे सिर्फ नाईट बल्ब ही जल रहा था।। कोई एक घंटे तक मैं यु ही पड़ी रही जब मुझे पूरा यक़ीन हो गया की पापा सो गए हैं तो मैंने आँखे थोड़ी सी खोली और देखा पापा सीधे लेटे हुए थे। 

उनकी पेण्ट ऊपर को उठी हुई थी मीन्स उनका लंड पेण्ट मे खड़ा हुआ था। जिसे देखते ही मैं पागल सी होने लगी मन किया की अभी पेण्ट की ज़िप खोलूं और उसे हाथ मे पकड़ लू लेकिन मुझे डर भी लग रहा था इसलिए मैंने बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला और फिर मैंने बहुत ही एहतिआत बरतते हुए करवट लेने के बहाने से अपना हाथ उनके लंड पे रख दिया। 

अगर पापा जाग भी रहे हों तो उन्हें लगे की मैंने नींद मे किया है ये सब। लेकिन पापा आराम से पड़े रहे और मेरे हाथ को उनके लंड का हल्का सा स्पर्श महसूस हुआ। मेरे जिस्म मे झुरझुरी सी फ़ैल गई। मेरे हाथ का स्पर्श पाते ही लंड और भी टाइट हो गया था। 

पापा ने की बेटी की सील तोड़ चुदाई

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मैंने उसपे थोड़ा सा दबाव डाला तो मेरे हाथ को लंड की सनसनाहट महसूस होने लगी। मुझे यु लगा की जैसे वो भी पेण्ट से बहार आने को तैयार हो गया है। लेकिन मैं वैसे ही पड़ी रही क्यूंकी मुझे पापा के जाग जाने का भी डर था। 

कोई 5 मिनट मेरा हाथ यु ही पापा के लंड को दबाता रहा। मैंने महसूस किया की पापा जाग गए हैं लेकिन मैंने अपने हाथ को वहीँ पे रहने दिया और वैसे ही लेटी रही। पापा ने भी महसूस किया की उनके लंड पे किसी चीज़ का दबाव है वो थोड़ा सा ऊपर हुए और अपने लंड पे मेरा हाथ देख कर मेरी तरफ देखने लगे। मैंने थोड़ी सी आँखें खोली हुई थी। मैंने देखा की पापा हैरानी से मेरी तरफ देख रहे हैं।

उन्होंने मुझे आवाज लगाई काजल लेकिन मैं कहाँ जवाब देने वाली थी क्यूंकी उन्हें पता था की जब मैं पूरी नींद मे होती हूँ तो कई आवाजें लगाने के बाद ही उठती हूँ। जब उन्हें यक़ीन हो गया की मैं पूरी नींद मे हूँ तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और आपने लंड पे से परे किया और लेट गए लेकिन अब उनकी आँखों मे नींद नहीं थी। 

वो मुझे ही घूर रहे थे जैसे ये जानना चाहते हों की क्या मैं सच मे सो रही हूँ या नहीं। मैं भी 30 मिनट तक यु ही पड़ी रही। वो मेरी तरफ मुँह कर के लेट गए जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उनकी तरफ पीठ कर ली और मन ही मन मुस्कुरा उठी। मैंने ऐसे करवट बदली की मेरी पीठ उनके जिस्म को स्पर्श करने लगी। 

उनका लंड पेण्ट को फाड़ने की कोशिश करता हुआ मेरे चूतड़ों से टच करने लगा। वो एक दम से थोड़ा पीछे हट गए। मेरी इस हरकत ने उनके दिमाग मे हाहाकार मचा दी थी। वो बेचैन से हो उठे थे। कोई 20 मिनट बाद मुझे महसूस हुआ की उनके लंड ने जैसे मेरे चूतड़ों को फिर से स्पर्श किया है और धीरे से उसका दबाव भी पड़ रहा है मेरे चूतड़ों पे। मुझे लगा की मैं कामयाब हो जाउंगी।

मैं मन ही मन मुस्कुरा उठी क्यूंकी मैं तो संडे मनाना ही चाहती थी पापा के साथ। फिर मैंने जान बूझकर करवट ली और सीधी लेट गई और अपने हाथ को पापा के लंड के साथ सटा दिया। मैंने देखा की पापा ने आँखें बंद कर ली थी और पूरी मस्ती मे आने लगे थे वो। 

उन्होंने मुझे फिर से आवाज लगाई लेकिन मैं कहाँ जवाब देने वाली थी सो ऐसे ही लेटी रही। करीब 20 मिनट बाद पापा सीधे लेट गए और उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड के ऊपर रख लिया और मेरे हाथ से अपने लंड को पेण्ट के ऊपर से ही सहलाने लगे। 

मुझे उनके लंड का स्पर्श पा कर बहुत ही मजा आ रहा था। अब पापा ने मुँह मेरी तरफ किया और उनका एक हाथ मेरी उभरती हुई चूचिओं पर आ गया। मेरे जिस्म को एक करंट सा लगा। पापा ने मेरे नाईट सूट के ऊपर से ही मेरी चूचिओं को मसलना शुरू कर दिया। 

मुझे बहुत ही सुकून मिलने लगा था। पापा पूरी मस्ती से मेरी चूचिओं को मसल रहे थे और मेरा हाथ उनके लंड पे था लेकिन मैंने कोई हरकत नहीं की थी अभी तक। मेरा मन कर रहा था की कहूँ पापा मेरे कपडे उतार दीजिए और फिर मसलिए मेरी चूचिओं को। लेकिन कह न पाई मैं उनसे ये और पड़ी रही। लेकिन कब तक सहती मैं और फिर मैं सिसकने लगी। 

आह्ह्ह्हह्हह-आह्ह्ह्हह्हहहहहह-आह्ह्ह्हह्हहहहहहहह-आह्ह्ह्हह्हहहहहहहहह आह्ह्ह्हह्हहहहहहहहहहहहहहहह और फिर मैंने आँखें खोल दी पापा एक दम से डर गए और पीछे हट गए और बोले पापा – बेटा मैं तो वो तो मैंने कहा पापा और कीजिए न बहुत अच्छा लग रहा था।

पापा बोले की क्या सच मे तुम्हे मजा आ रहा था तो मैंने कहा की हाँ पापा तो पापा बोले की क्या तुम और भी ज्यादा मजा लेना चाहती हो तो मैंने कहा की हाँ तो वो बोले की फिर ठीक हैं जैसे मैं कहूंगा वैसे ही करना होगा और ये कह कर वो मन ही मन मुस्कुरा उठे की उनका काम बन जायेगा।

मैंने कहा की ठीक है पापा और मेरी ये बात सुनते ही पापा की जान मे जान आ गई और उन्हें तो जैसे कोई खजाना मिल गया हो पापा बोले सच मे तो मैंने कहा हाँ पापा बहुत अच्छा लग रहा था और मेरा इतना कहने की देर थी की पापा ने अपनी हरकतें शुरू कर दी और लगे मेरी चूचिओं को मसलने।

10 मिनट यु ही मसलने के बाद पापा बोले पापा – बेटा अगर तुम ये नाईट सूट उतार दो तो और भी मजा आएगा तो मैंने शर्माने की एक्टिंग की तो बोले की शर्माओ मत मुझ से कैसी शर्म और खुद ही मेरा नाईट सूट उतारने लगे। 

मैंने नीचे ब्लैक कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी। पापा ने मेरी ब्रा भी उतार दी और अपने भी कपडे उतार दिए और सिर्फ अंडरवियर मे ही लेट गए मेरे पास और फिर मेरी चूचिओं को चूसने लगे। मैं तो जैसे स्वर्ग मे पहुँच गई थी। बहुत मजा आ रहा था। 

फिर पापा का एक हाथ मेरी बुर पे पहुंचा और वो पेंटी के ऊपर से ही उसे सहलाने लगे और मेरा हाथ भी पापा के लंड को सहलाने लगा था। फिर पापा ने मेरी पेंटी और अपने अंडरवेअर को भी उतार दिया और जब उनका फनफनाता हुआ लंड पहली बार मैंने इतनी करीब से देखा तो मन किया की उसे अभी पकड़ लू और मुँह मे भर लू। लेकिन मैंने खुद को बड़ी मुश्किल से रोका और पापा बोले।

पापा – काजल मेरी जान क्या इसे लॉलीपॉप की तरह चूसना पसंद करोगी तो मैंने कहा की वो कैसे करते हैं? जबकी मैंने सब देखा हुआ था तो पापा ने कहा की इसे मुँह मे ले लो और चूसो।

मैंने माँ को लंड चूसते हुए देखा था सो झट से मान गई। मैंने उनके लंड को हाथ मे पकड़ा और भूखी शेरनी की तरह निहारने लगी और उसे देखकर तो मैं दीवानी सी हो गई। क्यूंकी पहली बार उसे मैंने हाथ मे पकड़ा था और वो भी अपने ही पापा का लंड।

मुझे यु देखता देख पापा बोले की क्या देख रही हो काजल तो मैंने कहा की देख रही हूँ की ये कितना खूबसूरत है तो पापा बोले की बेटा अभी तो देखना ये और कितने मजे देता है तो मैंने कहा की सच पापा तो वो बोले हाँ बेटा देखती जाओ।

फिर मैंने उनके लंड को मुँह मे भर लिया और पहले किसी अनजान की तरह चूसने लगी और फिर धीरे धीरे से पूरी मस्ती मे लंड को चूसने लगी तो पापा बोल पड़े की अरे वाह काजल तुम तो अपनी माँ से भी बढ़िया लंड चुस्ती हो! क्या पहले भी कभी चूसा है किसी का।

तो मैंने कहा की पापा आप कैसी बातें कर रहे हो पहली बार सिर्फ आप का ही चूस रही हूँ और शर्माने की एक्टिंग की तो बोले की पापा- अरे नहीं मेरी जान मैं तो यु ही कह रहा था और मैं लगी उनके लंड को चूसने। अब पापा भी सिसकने लगे थे और उनके मुख से तरह तरह की आवाजें आ रही थी।

आहहहहहहहहह हायययययय ओहहहहहहहहह मेरी जान हायईईई आहह्ह्ह्हह्ह्ह्ह बहुत खूब बहुत मस्त चुस्ती हो। हाय लग ही नहीं रहा की पहली बार लंड चूस रही हो। है आहह्ह्ह्हह्ह्ह्ह और ज़ोर से तुम्हारे पापा का लंड है खूब मजे लो इससे आहह्ह्ह्हह हाय ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आह्ह्ह्हह्हह है और ज़ोर से।

उनकी ये बातें सुनकर मैं और भी जोश मे आ कर उनके लंड को चूसने लगी थी। मैं कोई 15 मिनट उनके लंड को चूसने रही और फिर उसने मेरे मुँह मे पिचकारी मार दी। मैंने अपना मुँह हटाने की कोशिश की तो पापा ने मेरे सर को वहीँ पकड़ लिया और बोले की यही तो असली माल है काजल इसे खाओ।

मुझे उसका टेस्ट अजीब सा लगा लेकिन मैंने माँ को भी उसे पीते हुए देखा था सो मैंने उसे निगल लिया। लेकिन अब मुझे वो अच्छा लग रहा था। मैंने माँ की तरह ही पापा के लंड को चाट चाट कर साफ़ किया और फिर पापा ने मुझे लिटा लिया और मेरी चूचिओं को मसलने लगे और एक हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगे। 

उनकी उंगलिओं की रगड़ से मेरी बुर तिलमिला उठी थी और मैं मस्ती से पागल होने लगी थी। मेरी बुर पे हलके हलके से बाल थे। पापा ने उस्तरा उठा लिया और जो बाल थे वो भी साफ़ कर दिए और फिर उन्होंने मुझे सर से लेकर पाऊँ तक मेरे सारे बदन को चूमा और बोले।

पापा- वाह क्या मस्त और गदराया हुआ जिस्म है मेरी काजल का! मैंने तो कभी ध्यान ही नहीं दिया तुम्हारी तरफ और फिर मेरी टांगों के बीच मे बैठ गए और मेरी बुर के पास अपना मुँह ले जा कर बोले।

पापा – अरे वाह ये तो बहुत ही प्यारी है और अभी तक अंछुई भी है क्या कमाल की लग रही है ये! और अपने लंड को हाथ मे पकड़ कर बोले की देख यारा आज तो तेरी किस्मत ही जाग गई है की इस उम्र मे तुझे एक कच्ची और बिलकुल फ्रेश और ताज़ी सील तोड़ने को मिलेगी! अरे तेरी तो किस्मत ही जाग गई है तू तो राज करेगा इस्पे राज।

उनकी बातें सुन कर मैं तो मदहोश सी हो रही थी की हाँ आज मैं भी चुदने वाली हूँ और वो भी आपने पापा से। फिर पापा मेरी टांगों के बीच मे आये और मेरी चूत को आपने होठों से स्पर्श किया उनके होठों का स्पर्श पाते ही मैं तो जैसे पगला सी गई। 

मेरे बदन मे शोक सा लगा और मेरे मुँह से आह्ह्ह निकल गई और फिर पापा ने मेरी बुर को चाटना शुरू कर दिया। उनके चाटने से मेरी मस्ती बढ़ती ही जा रही थी। वो पुरे मस्त हो कर चाट रहे थे मेरी बुर को और फिर तो गजब ही कर दिया उन्होंने। उन्होंने अपनी ज़ुबान घुसा दी मेरी बुर मे और उसे अंदर बहार करने लगे। मैं तो पगला सी ही गई अब तो मेरे मुख से सिसकियाँ निकलने लगी।

आहहहहहहह हाय पापा क्या कर रहे हो हायईईई आह्हह्ह्ह्ह बहुत मजाआ आआआ रहा है हैईईईई आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उफफफफफफ ओह्ह्ह्ह ममममममम आहहहहहहहहह!! है मर गईइइइइइ!! आह्हह्ह्ह्ह और पापा और भी जोर से अपनी ज़ुबान को अंदर बहार करने लगे और मैं तड़पने लगी।

आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह हायययययय क्या गजब कर रहे हैं आपपपपपपपपप आहहहहहहहहहहहहहहह और फिर पापा ने और भी गजब कर दिया मेरी क्लीट को दोनों होठों से चूसने लगे और मैं तो पगला ही गई हाययययय मर गइईईई आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह!! बहुत मजा आ राहा आआ है हीईईई आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह!! उफ़्फ़फफफफ ओह्ह्ह्हह पापाआआआआ आहहहहहहहह पापा हाय आहहहहहहहह मर गईईईईईईईईई।

अब मेरी बर्दास्त की हद पार होने लगी थी। अब मेरी चूत लंड की फरमाइश करने लगी थी अब तो मेरा मन हो रहा था कि पापा का लंड जल्दी से घुस जाये मेरी चूत मे और इसकी प्यास बुझा दे सो मैं कह उठी हायईई पापा अब रहा नहीं जा रहा। 

अब तो आपपपप अपने लंड को घुसा दीजिए अपनी बेटी की बुर मे और शांत कर दीजिए इसे हैईईई चोदिए पापा मुझे आह्हह्ह्ह्ह!! लीजिए आपकी बेटी आपसे कह रही है हैईईई फाड़! दीजिए मेरी बुर को डाल दीजिए इसमें अपनी लंड को हाय! मर गई आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह! ओह्ह्ह्हह्ह! प्लीज जल्दी कीजिए अब सहा नहीं जा रहा है प्लीज आइए ना हैईईई मर गई आह्ह्ह्हह्हह!! माँ ओह्ह्ह्हह्ह!! पापा प्लीज चोदिए ना मुझेऐ हायईईई आहहहहहहहहहहहहहहहह।

लेकिन पापा पूरी मस्ती मे मेरी बुर की चुसाई कर रहे थे उन्हें तो जैसे मेरी सिसकियाँ और भी उत्तेजित कर रही थी। वो और भी जोश मे चाटने लगते मेरी बुर को और फिर आखिर मे मै गिड़गिड़ाने लगी।

मेरे पापा जी प्लीज अब और मत तड़पाइए प्लीज पहली बार आपकी बेटी को अपने लंड का स्वाद चखने मे इतनी देर मत कीजिए है अब जल्दी कीजिए है अब चोद दीजिए मुझे आह्हह्ह्ह्ह प्लीज डाल दीजिए अपने लंड को अंदर आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह हायईईईई पलज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़।

और मेरी इस गिड़गिड़ाहट का पापा पे असर हुआ और वो उठे और ड्रेसिंग टेबल मे से आयल की शीशी निकाल कर ले आये और बोले पापा- बेटा क्या तुम सह लोगी मेरे इस लंड की मार। दर्द बहुत होगा क्या सह पाओगी। जब सील टूटेगी तुम्हारी तो क्या सह पाओगी तुम।

पापा की बातों का तो जैसे मुझ पे असर ही नहीं था मैं तो मदहोश थी लंड से पिलने के लिए सो बोली! आज तो आप इसे फाड़ भी दीजिए तो भी कोई परवाह नहीं होगी बस जल्दी से अपनी बेटी को कली से फूल बना दीजिए पापा ने कहा की ठीक है।

और उन्होंने अपने लंड के सुपाड़े पे और मेरी चूत के मुख पे अच्छी तरह से आयल लगा दिया और अपने लंड के सुपाड़े को मेरी चूत के मुख पे रख दिया। मुझे लगा की जैसे कोई लोहे की गरम रोड ने मेरी बुर पे दस्तक दी हो। फिर पापा ने मुझे कन्धों से पकड़ा और थोड़ा पीछे हो कर एक जोरदार धक्का मारा। मेरे मुख से घर को दहला देने वाली एक चीख निकली हाय माँ मै मर गईईईईईईईईईईईई।

तुरंत ही पापा ने अपने होठों से मेरे होठों को भींच लिया। उनका आधा लंड मेरी बुर की सील को तोड़ता हुआ बुर मे घुस गया था। मेरी बुर मे से खून का फव्वारा छूट गया था। मैं दर्द से मरी जा रही थी। पापा ने मेरी चूचिओं को चूसना करना शुरू किया।

तो मैं बोल पड़ी हाय पापा मर गई आपने तो फाड डाली मेरी बुर प्लीज पापा इस लोहे के डंडे को बहार निकाल लीजिए बहुत दर्द हो रहा है हाय मैं मर जाउंगी तो पापा बोले की तुम तो कह रही थी सब सह लूंगी अब ये नहीं निकलेगा अब तो ये अपना काम करके ही निकलेगा और चिंता मत करो ये दर्द थोड़ी देर का ही है।

फिर पापा मेरी चूचिओं को मसलते रहे जैसे ही दर्द कुछ कम हुआ पापा ने दूसरा झटका मारा और पूरा 7 इंच लंबा लंड मेरी बुर मे घुस गया। उसने तो अंदर क़यामत ही ढा दी थी। मैं दर्द से तड़प रही थी पापा मेरी चूचिओं की चुसाई कर रहे थे और मैं तड़प रही थी। 

हाईईईईईईई मर गई बक्श दीजिए मुझे! हाय मुझे नहीं चुदवाना है! हाईईईई प्लीज निकाल लीजिए इसे बाहरररररर हाईईईई लेकिन अब पापा कहाँ निकालने वाले थे अपने लंड को बहार। उन्हें तो कुंवारी चूत मिली थी चोदने के लिए। सो वो मेरी तरफ धयान ही नहीं दे रहे थे। 

धीरे धीरे मेरा दर्द कम हुआ तो पापा ने लंड को अंदर बहार करना शुरू कर दिया। मुझे फिर से दर्द होने लगा लेकिन क्या करती पापा तो आज चोद कर ही मुझे छोड़ने वाले थे। मेरी फिर से दर्द भरी सिसकियाँ फूटने लगी। पापा अपने धक्कों की स्पीड बढ़ाने लगे और मैं सिसकने लगी।

आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह हाईईईई बस कीजिए ना पापा आह्ह्ह्ह मैननननननन मर गइईईई हाय फट गई मेरी बुरररररर आह्ह्ह्हह्ह ओहहहहहहहह माँ देखो ना पापा ने आपकी बेटी की बुर का क्या हाल बना दिया है। हाईईईई मर गईईईईईईई आह्ह्ह्हह बचा लो माँ मुझे हाईईईई मर गईईईईईई आह्ह्ह उफ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ आहहहहहहहहहह हाईईईईईईई।

और पापा थे की स्पीड बढ़ाते ही जा रहे थे। और अब मुझे भी हल्का हल्का सा मजा आने लगा था और मैं अब कहने लगी थी आह्ह्ह पापा हाईईईई पापा चोदिए मुझे हाईईईईई आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ।

पापा ने की बेटी की सील तोड़ चुदाई

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और फिर यु ही कोई 15 मिनट बाद हम दोनों ही झड़ गए और पापा मेरे ऊपर ही लेट गए और फिर कोई 10 मिनट बाद वो उठे और मेरी बुर को चाट कर साफ़ किया और मैंने उनके लंड को साफ़ किया।

वो बोल पापा- कैसा लगा तो मैंने कहा की आपने तो अपनी काजल की जान ही निकाल दी है तो वो बोले की मजा भी तो मेरी काजल को ही आया है! अब तो तुम भी मेरी बीवी बन गई हो तो मैंने कहा की हाँ पापा अब मैं आपकी बीवी ही बन गई हूँ।

फिर हमने खून से गन्दी हुई चादर उतार दी और नंगे ही लेट गए मैंने पापा से कहा की आप मुझे चोदने को तैयार कैसे हो गए तो वो बोले की पहले तो मेरा मन नहीं किया लेकिन तेरी माँ की जुदाई मे मै तड़प रहा था इसलिए बस मैंने सोचा की ट्राई करता हूँ अगर तुम मान गई तो मेरी सभी दिक्कतें दूर हो जाएँगी।

लेकिन तुम कैसे मान गई तो मैंने उन्हें सारी कहानी बता दी की कैसे मैंने उन्हें तड़पते हुए देखा और उन्हें और माँ को सेक्स करते देखा और फिर माँ के बिना उन्हें तड़पते देखा तो फैसला किया की मैं अपने पापा को तड़पने नहीं दूँगी उनका पूरा ख्याल रखूंगी और उन्हें खूब मजा दूँगी।

यु ही बातें करते करते पापा का मूड फिर बन गया और पापा ने रात मे मुझे एक बार और चोदा और इस बार हमने खूब मजा किया। फिर तो बस हम रोज़ रात को एक ही रूम मे सोते थे और जिस सैटरडे मम्मी आती थी वो सैटरडे संडे को छोड़कर पापा मुझे खूब मजे देते थे। घर पे हम दोनों पति पत्नी की तरह ही रहते थे।

दोस्तों आपको मेरी कहानी कैसी लगी अगर अच्छी लगी तो प्ल्ज़ कमेंट कीजिएगा।

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