प्यासी विधवा आंटी को दिया चुदाई का सुख-Aunty Ki Chudai

Aunty Ki Chudai

हॉट आंटी फक़ स्टोरी मेरी मकान मालकिन विधवा महिला की है एक दिन मैंने उसे चूत में मूली डालकर मजा लेती देख लिया उसके बाद वो खुद मेरे पास आई मेरा नाम संजय है मैं राजस्थान के कोटा जिले से हूँ

मेरी उम्र 37 साल की हो गई है मैं आपको अपने जीवन को सच्ची हॉट आंटी फक़ स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ जो मेरे साथ घटी थी पहले मैं एक कंपनी में काम करता था जहां मुझे सिरोही में किसी प्रोजेक्ट के काम के लिए जाना पड़ा

प्यासी विधवा आंटी को दिया चुदाई का सुख

खूबसूरत मामी की चूत चुदाई-Mami Ki Chudai

वहां काम संभालने के लिए मुझे वहीं रहना था वैसे तो मैंने एक होटल बुक कर लिया था मगर गांव के दौरे पर जाने के लिए मुझे गांव के नजदीक कहीं किसी कमरे की जरूरत थी जहां से मैं कंपनी का काम संभाल सकूं

मुझे वहां के मुख्य गांव के पास मेरे एक सलाहकार ने मुझे कमरा दिलाने में मदद की वो आदमी वहां का लोकल बंदा था और कंपनी का मुलाजिम था उसने मुझे अपने किसी रिश्तेदार के यहां एक कमरा दिलवा दिया उस घर में जहां मेरा कमरा था वह छत पर था

मेरे कमरे पर जाने के लिए जो सीढ़ी निकलती थी वो घर के भीतर से होकर जाती थी यह मकान मेरे उस सलाहकार की चाची का था और उसके चाचा का निधन हो चुका था इस मकान में उसकी चाची सुनीता और उसका 8 साल का लड़का ही रहता था

सुनीता कोई 38 साल की भरी हुई औरत थी मैंने उसे जब पहली बार देखा तो मन में लगा कि ये तो चोदने लायक माल है मगर गांव का माहौल था जरा सी बात पर बखेड़ा खड़ा हो सकता था और मैं वो सब नहीं चाहता था

मैंने मन में सोचा कि अभी पहले इसे समझना चाहिए कि इसका मन क्या है यदि ये खुद से राजी होगी तो बिना चोदे छोड़ूंगा नहीं उस दिन में अपने कमरे में आ गया और खाना आदि के प्रबंध के बारे में सोचने लगा कुछ देर बाद जब मैं बाहर निकला तो सुनीता का लड़का आवाज देने लगा अंकल मम्मी ने खाना बना दिया है 

बस कुछ ही देर में आपके कमरे में ला रहा हूँ मुझे यह बाद में पता चला कि मेरे खाने की व्यवस्था भी उसी घर में कर दी गई थी मैंने हाथ मुँह धोया और खाने का इन्तजार करने लगा सुनीता का लड़का खाना लेकर आया और मैंने खाना खा लिया 

सुनीता ने खाना अच्छा बनाया था मैं खाली बर्तन लेकर नीचे गया और उसके लड़के को आवाज देकर बर्तन दे दिए अब मैं सुबह ही नहाकर अपने काम पर निकल जाता था और शाम को खाना खाकर सो जाना यह मेरी दिनचर्या थी

पहले तो लड़का आकर मेरा खाना दे जाता था मगर अब सुनीता खुद ही खाना देने मेरे कमरे में आने लगी थी उसको देख कर मैं अपनी आखें सेंक लेता था वो एक शर्मीली महिला थी और साड़ी वगैरह सलीके से पहनती थी

कुछ दिन बाद मुझे लगा कि सुनीता को लेकर मेरी सोच गलत नहीं होनी चाहिए ये एक अच्छी महिला है रविवार को मेरी छुट्टी रहती थी इसलिए मैं कहीं नहीं जाकर सुनीता के लड़के के साथ दिन भर खेलता रहता था शायद मेरे आने से सुनीता को भी कोई मर्द घर में रहना अच्छा लगने लगा था

वो मुझसे बात करने लगी थी और मैं भी उससे सामान्य तौर पर बात करने लगा हमारी बातें अधिकतर खाने को लेकर ही होती थीं मैं उससे पूछ कर सब्जी वगैरह मंगवा देता था बाजार से कोई चीज आनी होती तो सुनीता मुझे बता देती

रविवार को वो भी मेरे कमरे में आकर अपने बेटे के साथ बैठ जाती थी और हम तीनों बात करते हुए मन बहला लेते थे उस दौरान कभी भी ऐसा नहीं हुआ था कि सुनीता ने मुझे एक मर्द की नजर से देखा हो या मैंने उसकी चुदाई के बारे में कुछ सोचा हो

हां जब वो पलट कर बाहर जाने लगती थी तब मैं जरूर उसकी गांड देख कर एक ठंडी आह भर लेता था अब तक इतना हो गया था कि वो मेरे साथ खुल कर बात करने लगी थी और मेरे कमरे में आने लगी थी एक दिन की बात है सुबह के साढ़े आठ बजे थे मुझे नहाना था

मेरे बाथरूम में पानी नहीं आ रहा था इसलिए मैं बनियान और टावल पहने नीचे चला गया मैं नीचे गया तो मुझे कोई भी नजर नहीं आया इसलिए मैं सीधा अन्दर चला गया उसका बेटा शायद स्कूल चला गया था

जैसे ही मैंने बिना आवाज किए हाथ से पर्दे को हटाया तो देखता हूं कि सुनीता के हाथ में मूली थी जिसे वह अपनी चूत में डाल रही थी और अन्दर बाहर कर रही थी उसका ध्यान अपनी चूत के मजे लेने में था और सिसकारियां लेने के कारण वो मदहोश थी

मैं उसे देखता ही रह गया मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया मैं वहीं खड़ा होकर उसे देखता रहा फिर अचानक से सुनीता ने दरवाजे की तरफ देखा उसे पता ही नहीं था कि मैं कब उसके कमरे में आ गया था उसकी नजरें मेरे ऊपर पड़ीं और वो एकदम से अकबका गई

उसी समय मैं पलट गया और कमरे में आ गया थोड़ी देर के बाद सुनीता मेरे कमरे में आई तब तक मैं बेड पर लेटा उसी के बारे में सोच रहा था मेरा लंड सुनीता के बदन को देख कर अभी तक खड़ा हुआ था सुनीता मेरे कमरे में आकर खड़ी हो गई

उसे आया देखकर मैं बेड से उठ खड़ा हुआ मेरा लंड एकदम सीधा खड़ा था और उसी अवस्था में सामने को निकला हुआ था सुनीता मेरे खड़े लंड को देखती हुई बोली- आप मुझे गलत मत समझिएगा मेरी पति को गुजरे हुए बहुत साल हो गए 

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घर में किया चाची की चूत का बुरा हाल-Chachi Sex Story

तब से मैं तड़प रही थी इसलिए समाज के डर से मैं खुद को ऐसे शांत कर लेती हूं आप किसी से यह बात मत बोलिएगा वरना मेरी बदनामी होगी यह कहते हुए उसका ध्यान मेरे खड़े हुए लंड पर ही लगा था और वो लंड को ही देख रही थी

जैसे ही वो अपनी बात खत्म करके जाने लगी मैंने कहा- सुनीता तुम बहुत खूबसूरत हो वो पलट कर मुझे देखने लगी और उसके होंठों पर हल्की से मुस्कान आ गई मैंने उससे कुछ नहीं कहा और आगे बढ़ कर उसके नजदीक आ गया

वो भी ठिठक कर खड़ी हो गई थी और उसकी सांसें तेज तेज चल रही थीं मैंने उससे कहा- क्या हम दोनों प्यार कर सकते हैं वो चुप थी मगर मैं रुकने वाला नहीं था मैंने उससे प्यार करने की कह कर उसका हाथ पकड़ा और उसे अपनी बांहों में खींच लिया

वो भी कटी डाल की तरह मेरे सीने से आ लगी हॉट आंटी फक़ के लिए तैयार थी मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए वो तो मुझसे लता सी ऐसी लिपट गई मानो इसी बात का इंतजार कर रही हो हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर चुम्बन का मजा लेने लगे थे

वो मेरे साथ एकदम बिंदास लिपटी थी हमारे होंठ जुड़े हुए थे तो आवाज तो आ ही नहीं रही थी बस गर्म सांसों की गर्मी ही हम दोनों को उत्तेजित किए जा रही थी कुछ देर बाद मैंने उसके मुँह में जीभ डाल दी तो वो मेरी जीभ को चूसने लगी और हमारी आंखें मुंद गई थीं

करीब दस मिनट तक हम दोनों के बीच चुम्बन चला फिर हम दोनों अलग हुए और एक दूसरे को देखने लगे हमारे बीच मौन सम्वाद चल रहा था चुदाई की सहमति बन चुकी थी मैं उसे लेकर बेड पर आ गया और उसके मुलायम मम्मों को उसके कपड़ों के ऊपर से ही दबाने लगा

मुझसे सब्र नहीं हो रहा था इसलिए मैंने उसके ब्लाउज के बटन खींच कर ब्लाउज के दोनों सामने खोल दिए उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी जिस वजह से उसके दोनों मम्मे एकदम से उछल कर बाहर आ गए. मैंने मम्मों को देखा और एक को मुँह में भर कर चूसने लगा

सुनीता जोर जोर से सांस लेने लगी और मेरा साथ देने लगी वो खुद भी चुदासी थी और इतने दिनों से मेरे लंड से चुदवाने के चक्कर में थी वो मुझे अपने दोनों मम्मों का रस बारी बारी से पिलाने लगी उसे खुद भी अपने दूध चुसवाने में मजा आ रहा था

सालों बाद किसी मर्द ने उसके दूध चूसे थे वो धीमी आवाज में बोली- अब आगे भी बढ़ो न मेरे कपड़े उतार दो मैं एक एक करके उसके कपड़े खोलने लगा सुनीता भी मेरा साथ देने लगी और बेड से उठ कर खुद ही अपनी साड़ी अलग करने लगी

साड़ी उतार कर उसने मुझे अपने पास खींच लिया मैंने खड़ी हुई सुनीता के घाघरे में हाथ डाला और उसकी आग छोड़ती चूत को छुआ तो वो बिल्कुल गीली हो चुकी थी मैंने उसके घाघरे के नाड़े को ढीला कर दिया तो उसका घाघरा नीचे गिर गया

नीचे उसने पैंटी भी नहीं पहनी थी वो अब मेरे सामने पूरी नंगी थी उसके अधखुले ब्लाउज को भी मैंने उतार कर अलग कर दिया और उसे अपनी गोदी में बिठा लिया सुनीता ने मेरी बनियान उतार दी और मेरा लंड को पकड़ लिया

मैं उसे बिस्तर पर लेटा कर उस पर चढ़ गया और उसके एक दूध को पकड़ कर पीने लगा उसका पूरा दूध अपने मुँह में भर कर चूसने लगा जिससे वो कामुक सिसकारियां लेने लगी और मेरे बालों में हाथ फेरने लगी मैं सुनीता के जिस्म को चूम रहा था 

जिसका वो मजा ले रही थी अब सुनीता ने हाथ बढ़ा कर लंड को पकड़ा और नीचे बैठ गई मेरी चड्डी नीचे खींच कर उसने मेरे लंड को मुँह में भर लिया मैं तो जैसे स्वर्ग में पहुंच गया कुछ देर वो लंड चूसती रही अब हमारे बदन मिलन को तैयार थे

मैंने देर न करते हुए सुनीता को पकड़ लिया और उसके ऊपर आकर उसकी चिकनी चूत पर अपना लंड टिका दिया सुनीता की चूत पहले से पानी पानी थी मेरे एक धक्के में ही लंड चूत में फच की आवाज के साथ अन्दर घुसता चला गया

उसकी तेज चीख निकल गई मैंने झट से उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और उसकी आवाज को दबा दिया हम दोनों ने एक दूसरे को बांहों में कस लिया वो काफी दिन बाद लंड ले रही थी तो चूत कस सी गई थी बाद में सुनीता ने बताया कि मेरा लंड उसके पति से काफी बड़ा था 

जिस वजह से उसकी आवाज निकली थी धीरे धीरे करके मैं लंड पेलता गया और सुनीता की चूत ने लंड को चूत में जज्ब कर लिया दस मिनट तक मैं चूत में ठोकर मारता रहा ओर सुनीता के नितंबों से मेरी जांघें टकराने की आवाज सुनाई देती रही

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मालिश के बहाने भाई से चूत चुदवाई-Bhai Behen Ki Chudai

थोड़ी देर के बाद मैंने सुनीता को गोद में बैठा कर लंड पर बैठा लिया और नीचे से चोदते हुए उसके मम्मों को चूसने लगा फिर घोड़ी बना कर सुनीता की भट्टी को ठंडा कर दिया और हम दोनों लिपट कर बेड पर आ गए

थोड़ी देर बाद सुनीता उठ कर नीचे चली गई और मैं सो गया अब सुनीता रोजाना अपने बेटे को स्कूल भेजने के बाद मेरे कमरे में आ जाती थी और हम दोनों चुदाई का मजा लेने लगे थे ये थी मेरी रियल सेक्स स्टोरी हॉट आंटी फक़ स्टोरी कैसी लगी बताने के लिए मुझे मेल करें

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