रूममेट ने की मेरी चूत चुदाई-First Time Sex Story
- By : Tharki
- Category : First Time Sex Story

दोस्तो मेरा नाम निकेश है मैंने अन्तर्वासना की सारी कहानियाँ पढ़ी हैं यह कहानी मेरी एक दोस्त की है जिसको मैंने चोदा था कैसे वो दोस्त बनी और कैसे मैंने उसको चोदा वो फिर कभी अभी तो ये कहानी उसके रंडी बनने की कहानी है कहानी उसी के शब्दों में पेश है।
मेरा नाम सुम्मी है मेरी उम्र 25 साल है मैं एक कॉल सेण्टर में काम करती हूँ मैं एक छोटे से गाँव की रहने वाली हूँ मैं अपनी पढ़ाई और नौकरी के चक्कर में शहर में आ गई थी लेकिन मेरे माँ-बाप अभी भी वहीं गाँव में रहते हैं वो शहर आते नहीं है और मैं गाँव जाती नहीं हूँ।
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पढ़ाई के बाद मुझे शहर में ही नौकरी मिल गई और मैंने कॉल सेण्टर ज्वाइन कर लिया था पहले कॉलेज और अब कॉल सेण्टर के माहौल ने मुझे बहुत बिगाड़ दिया मैं अपने आप को एक तरह से कॉलगर्ल समझने लगी।
मुझे रोज़ रात को एक लंड की जरूरत पड़ने लगी। मुझे लंड की आदत लग चुकी थी और मैं बिना लंड के नहीं रह सकती थी।
मैं रोज़ डिस्को में जाती थी ताकि मुझे एक मस्त और मोटा लंड मिल सके अगर कोई मुझे चोदने के पैसे दे देता था वो सोने पे सुहागा हो जाता था।
आज मैं आप को बताती हूँ कि मुझे रोज़ लंड लेने की आदत कैसे लगी दोस्तो तब मैं कॉलेज में पढ़ती थी मैं तभी गाँव से आई थी तो मुझे शहर के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी मेरे माँ-बापू ने मुझे शहर में बाहर नहीं रहने दिया बल्कि मुझे कॉलेज के हॉस्टल में दाखिला दिलवा दिया।
लेकिन उस समय ना तो उनको और ना ही मुझे पता था कि हॉस्टल में मेरी जिन्दगी बिल्कुल बदल जाएगी और मुझे उन्हीं चीजों की आदत लग जाएगी जिनसे मेरे माँ-बापू मुझे बचाना चाहते थे।
शुरू-शुरू में मुझे शहर के लोगों के साथ हिलने-मिलने में काफी दिक्कत हुई लेकिन मेरी रूममेट ने मुझे सब सिखला दिया।
वो एक अमीर माँ-बाप की बिगड़ी हुई औलाद थी और जिद करके हॉस्टल में आई थी; क्योंकि जब वो घर पर थी तो उसके माँ-बाप ने उस पर तमाम पाबंदियाँ लगा रखी थी। वो लड़ झगड़ कर हॉस्टल आई थी।
मुझे तो वो लड़की कभी समझ ही नहीं आती थी सारा दिन नशा करती रहती थी और रात को किसी लड़के साथ डिस्को में चली जाती और देर रात लौट कर आती तब तक मैं सो चुकी होती थी लेकिन मुझे अक्सर लड़के और मेरे रूममेट के हंसने की और खुसर-पुसर आवाजें आती थी।
एक दिन मैंने देखा तो मेरी दोस्त और एक लड़का नंगे बिस्तर पर लेटे थे और वो लड़का मेरी रूम मेट के शरीर को चूम रहा था और चूस रहा था। उन दोनों के शरीर हिल रहे थे।
मुझे समझ नहीं आया कि वो दोनों क्या कर रहे थे मैं उनको देख ही रही थी कि मुझे लगा कि मेरी सुसु वाली जगह गीली हो गई और वहाँ कुछ चिपचिपा हो गया है।
अचानक से वो दोनों हिलते हिलते रुक गये और उस लड़के ने अपनी सुसु मेरी दोस्त की सुसु वाली जगह से बाहर निकाली और फिर वो कपड़े पहन कर चले गया।
उसके जाने के बाद मैं उठी और दोस्त से सब के बारे में पूछा; तो हंसने लगी और बोली- कल सुबह बात करुँगी।
मेरी सहेली सुबह देर से उठती थी उस दिन भी वो देर से उठी और मैंने उस दिन उसको चाय बनाकर पिलाई और रात के बारे में पूछा।
वो हंस पड़ी और बोली- आज रात तेरे साथ करवाती हूँ तुझे सब पता चल जायेगा लेकिन उससे पहले तुझे पटाखा बनाना पड़ेगा।
वो मुझे ब्यूटीपार्लर ले गई और मेरा मेकअप करवाया मेरे बाल बनवाए फिर हमने कुछ मस्त कपड़ों की खरीदारी की। शाम होते होते मैं बिल्कुल बदल चुकी थी और कोई मुझे पहचान नहीं पा रहा था।
आज की रात मेरे लिए परीक्षा की घड़ी थी क्योंकि मुझे आज अपने शरीर की खूबसूरती के साथ-साथ मेरे शरीर की कामुकता का अहसास होने वाला था।
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मैं रात को मस्त और एक सेक्सी ड्रेस पहनकर अपनी रूममेट के साथ डिस्को गई और वहाँ पर मैंने पहली बार दारू पी मेरे सर पर नशा इतना चढ़ गया कि मुझे कुछ होश ही नहीं रहा और कभी किसी के हाथों और कभी किसी के हाथों में झूल रही थी सुबह होने को आई थी और मुझे कोई होश ही नहीं था।
मेरी रूममेट और उसके 2-3 दोस्त हमारे कमरे में आ गये आते ही सबने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिये मेरी रूम मेट भी नंगी हो गई और उसने मेरे भी कपड़े उतारने में मदद की अब दो लड़कियाँ और 3 लड़के कमरे में नंगे खड़े थे उन तीनों के लंड काले बड़े और मोटे थे। मुझे तो डर लगने लगा।
मेरा डर दूर करने के लिए मेरी सहेली ने दो लंड अपने हाथ में पकड़े और मेरी चूत से रगड़ने लगी और एक लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया। लंड को हाथ में लेते ही मेरे शरीर पर करंट दौड़ गया मुझे मस्ती छाने लगी दो लंडों की रगड़ बहुत ही मस्त थी रगड़ के साथ-साथ मेरी सहेली ने मेरी पूरी चूत को तेल में चिपड़ दिया और उन दोनों लंडों को भी।
वो दोनों लड़के साथ के साथ मेरे चूचों पर टूटे पड़े थे और तीसरा लड़का मेरी सहेली के चूचों पर वो उसकी चूत में उंगली कर रहा था और उसका मुँह उसके चूचों को चूस रहा था मेरी सहेली भी मस्ती में अपने शरीर को हिला रही थी।
फिर उन्होंने मुझे पलंग पर धक्का दिया और एक लड़का मेरे ऊपर चढ़ गया और अपनी चिकना लंड मेरी चूत में दबा दिया मेरी चूत अभी कुंवारी थी और बहुत छोटी सी थी लेकिन उस लड़के ने बड़ी ही तन्मयता से अपना लंड मेरी चूत के ऊपर रखा था और हाथ से अपना लंड दबाने लगा और जब उसको लगा कि लंड सही जगह पर है एकदम अन्दर पूरी तरह से घुसा दिया।
उसका लंड बहुत थोड़ा सा ही मेरी चूत में घुस पाया और वो लड़का मेरी चूत को खोलने पर लगा हुआ था मेरे मुँह से चीख निकल रही थी। लेकिन मेरी सहेली ने मेरे मुख में कपड़ा घुसा दिया।
उस लड़के ने धक्के पर धक्के मारने शुरू कर दिया। उसका लंड और मेरी चूत दोनों काफी चिकने थे तो 2-3 जोरदार धक्कों के बाद मेरी चूत में उसका पूरा लंड समा गया। मेरी चूत से खून की पिचकारी फूट पड़ी और मुझे बहुत तेज दर्द होने लगा।
कुछ देर बाद मुझे दर्द कम होने लगा और मैंने भी मस्ती में अपनी गांड हिलानी शुरू कर दी लेकिन अभी पिक्चर बाकी थी दूसरा लड़का भी अपने लंड को पूरा तेल से तर कर रहा था और उसने थोड़ा सा तेल मेरी चूत पर भी डाल दिया और उसने भी मेरी चूत में लंड डाल दिया। आज मैं पहली बार चुद रही थी वो भी दो लंड एक साथ चूत में मुझे लगने लगा कि आज मेरी जान जाने वाली है।
दूसरे लड़के ने भी अपना लंड मेरी चूत में डालना शुरू कर दिया। मेरी चूत में बिल्कुल जगह नहीं थी फिर भी वो मेरी चूत में अपना लंड घुसाने में तुला हुआ था। कोशिश करके उसने अपना लंड काफी हद तक मेरी चूत में डाल दिया।
अब मेरी चूत बिल्कुल फटने को हो चुकी थी और मैं दर्द के कारण तड़प रही थी और पूरे जोर के साथ चिल्लाना चाहती थी लेकिन कुछ भी नहीं कर पा रही थी। मेरा शरीर सुन्न हो चुका था और मैं हिल भी नहीं सकती थी।
दोनों लंडों में मुझे चोदने की होड़ लगी थी अचानक से दोनों के धक्के तेज हो गए और एक साथ बड़ी से गर्म पिचकारी मैंने अपनी चूत में महसूस की। दोनों ने एक साथ अपना गर्म वीर्य मेरी चूत में छोड़ दिया था फिर दोनों ने अपने लंड मेरी चूत से निकाल लिए पर मेरी चूत की हालत ख़राब हो चुकी थी।
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मेरी छोटी सी गुलाबी चूत फूल कर लाल हो चुकी थी और मुझ से हिला भी नहीं जा रहा था। मैं बिस्तर पर ऐसे ही सो गई।
फिर उन तीनों ने मेरी सहेली को चोदा और चले गये उनके जाने के बाद मेरी सहेली ने मुझे सहारा देकर उठाया और मेरी चूत को क्रीम लगाकर मुझे तसल्ली दी उस दिन मेरी चूत का भोसड़ा तो बन गया लेकिन मुझे मज़ा बहुत आया और उस दिन से मुझे लंड लेने की आदत लग गई।
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