भाभी के साथ पलंगतोड़ चुदाई का मजा-Bhabhi ki Chudai
- By : Tharki
- Category : Bhabhi ki Chudai
देसी भाभी चूत चुदाई कहानी में मैंने लंड की प्यासी भाभी की चुदाई की उन्हीं के घर में मैं उनके घर में कुछ दिन के लिए पेईंग गेस्ट था दोस्तो मेरा नाम आकाश है मेरी उम्र अभी 24 साल है और अभी नौकरी कर रहा हूँ।
यह नई देसी भाभी चूत चुदाई कहानी एक हफ्ते पहले की उस वक्त की है जब मैं छुट्टी में बाहर घूमने के लिए गया था उस समय टूरिस्ट का आना जाना बहुत था इसलिए मुझे रहने के लिए कोई भी होटल नहीं मिल रहा था।
दिन से शाम होने को आई थी पर अब तक मुझे रहने के लिए होटल नहीं मिल सका था मैं थक हार कर एक रेस्टोरेंट में खाने के लिए गया मैंने वेटर से पूछा कि यहां आस-पास रहने के लिए कोई स्थान है।
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उसने कहा- हां यहां से 100 मीटर की दूरी पर एक मकान है जो टूरिस्ट को रहने के लिए जगह देता है यह सुन कर मैं उठा और उस मकान के पास जा पहुंचा मैंने देखा कि वहां पर एक कपल रहते हैं।
उस कपल में आदमी का नाम रोनक और भाभी का नाम मालती था ये दोनों नाम मुझे उनके घर के बाहर लगी नेमप्लेट से मालूम हो गया था मैंने जब दरवाजे पर लगी घंटी को बजाया तो रोनक जी बाहर आए और कमरा किराये पर लेने की बात सुनकर मुझे अन्दर ले आए।
अन्दर आकर मैंने उनसे किराया पूछा तब उन्होंने जो कहा मैंने हां कर दी और मुझे उनके साथ वाला कमरा मुझे रहने के लिए दे दिया उसी समय भाभी जी भी सामने थीं तो मेरी नजर उनके मदमस्त हुस्न को देख कर बार बार इधर उधर हो रही थी।
मुझे लगा कि साला बड़ी मुश्किल से तो कमरा मिला है यदि इस आदमी को मेरी नजरों में छिपा हरामीपन समझ आ गया तो ये मुझे भगा ही देगा खैर कमरा मिल गया था और मैंने अन्दर अपना सामान जमा दिया था।
अब मैं आपको उन भाभी के बारे में बता देता हूँ भाभी की चूचियों का साइज 34 इंच कमर 30 और गांड 38 की थी अब आप अनुमान लगा सकते हो कि वह कितनी कामुक दिखती होंगी भाभी का रंग दूध जैसा गोरा था।
उनकी उम्र 35 साल और उनके पति की उम्र 45 साल समझ आ रही थी जो बाद में भाभी ने भी मुझे बता दी थी उन दोनों पति पत्नी की उम्र में दस साल का अंतर ही इस सेक्स कहानी का आधार बना था।
हुआ यूं कि उसी रात को में पानी पीने के लिए उठा था और फ्रिज के पास जाने लगा था चूंकि मेरा रूम और भाभी का रूम पास पास ही था और फ्रिज उनके रूम के बाहर ही रखा हुआ था मैं पानी पीने के बाद अपने रूम में जा रहा था उसी वक्त मुझे उन दोनों की आवाज़ सुनाई दी।
तब मैं हैरान था कि इतनी रात में ये दोनों क्यों जाग रहे हैं जब मैं भाभी के रूम के थोड़ा पास को गया तो मुझे उन दोनों की आवाज और साफ सुनाई देने लगी ये आवाजें सामान्य नहीं थीं बल्कि कुछ अजीब किस्म की आवाजें थीं।
मैंने भाभी के दरवाजे के पास कान लगा कर सुना तो भाभी को सेक्सी सिसकारियां लेते हुए सुना अब मुझे समझ आ गया था कि इन दोनों का अभी घपाघप वाला खेल चल रहा है मैं यहां रुक कर क्या करूँगा इन्हें चुदाई का मजा लेने दो।
यही सोच कर मैंने अपनी भावनाओं पर काबू पाया और वहां से जाने लगा अभी मैं अपने रूम के पास पहुंचा ही था कि मेरे दिमाग पर हवस चढ़ गई और वासना जाग गयी मैंने सोचा कि क्यों न उनकी लाइव चुदाई को देखा जाए।
उनके रूम का दरवाजा तो बंद था और उसमें कोई झिरी भी नहीं थी जिसमें से चुदाई देखी जा सके तो मैंने जुगाड़ लगाया और घर के बाहर निकल कर उनके कमरे के बाहर खुलने वाली खिड़की के पास चला गया।
मेरी किस्मत अच्छी थी कि भाभी ने कमरे की खिड़की खुली छोड़ दी थी इसलिए मैंने अन्दर झांकने की कोशिश की मैंने अन्दर देखा कि मालती भाभी रोनक भैया के ऊपर चढ़ कर काऊगर्ल पोजीशन में चुदवा रही थीं और सेक्सी सिसकारियां ले रही थीं।
भाभी के दोनों दूध मस्त हिल रहे थे और रोनक भैया उनके चूचों से खेलते हुए अपनी गांड उठा कर भाभी की चुदाई कर रहे थे नंगी भाभी को देखकर मेरा 7 इंच का लंड एकदम खड़ा हो गया और मेरा हाथ कब लौड़े को पकड़ कर सहलाने लगा कुछ पता ही नहीं चला।
फिर मैंने देखा कि रोनक भैया ने जल्द ही अपना पानी छोड़ दिया और निढाल होकर आंख बंद करके सो गए अभी मालती भाभी संतुष्ट नहीं हो पाई थीं इसलिए वे मुँह बनाती हुई भैया के लौड़े से नीचे उतर आईं और चित लेट कर अपनी चूत में उंगली करने लगीं।
इधर बाहर मैं भी अपना लंड जोर जोर से हिलाने लगा तभी हवा की वजह से जो प्लास्टिक की खाली बोटल खिड़की के पास वाली टेबल पर रखी हुई थी वह गिर गई और अचानक से मालती भाभी की नज़र उधर से होती हुई खिड़की पर आ गई।
इसी वजह से उनकी नजर मुझ पर भी पड़ गई भाभी से मेरी नजरें मिलीं तो मैं घबरा गया और तुरंत भाग कर अपने रूम के अन्दर चला गया अब मैं सोचने लगा कि बाहर अंधेरा तो था हो सकता है कि उन्होंने मुझे नहीं देखा हो।
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पर ये तो साफ समझ आ रहा था कि उनकी निगाहों ने कुछ ऐसा देख लिया था जिससे साफ जाहिर हो रहा था कि उन्होंने मुझे देख लिया है क्योंकि यदि उन्होंने सिर्फ एक साया देखा होता तो शायद वे चिल्ला देतीं उनकी इसी बात से मुझे ये लगने लगा कि उन्होंने मुझे देख लिया था।
अब ऊहापोह की स्थिति थी कि पता नहीं भाभी ने मुझे देखा भी था या नहीं मतलब उनकी नजरें भी मुझसे मिली थीं या सिर्फ मैंने ही उनकी आंखों को बाहर देखते हुए देखा था।
यह सब सोचते सोचते कब मुझे नींद आ गयी और कब सुबह हो गयी, कुछ पता ही नहीं चला सुबह रोनक भैया अपने आफिस चले गए उनके जाने के बाद मालती भाभी मेरे रूम के पास आकर दरवाजे को नॉक करने लगीं।
उस वक्त मैं जाग गया था और कल रात की बात याद करके अपना लंड हिला रहा था उनकी दस्तक की आवाज सुन कर मैंने तौलिया लपेट ली और दरवाजा खोला मैंने देखा कि मालती भाभी सामने खड़ी थीं।
उधर मुठ मारने के कारण मेरा लंड बिल्कुल तंबू बना कर खड़ा हुआ था मैं लौड़े पर हाथ रख कर उसको छुपाने लगा पर तब तक भाभी की नजर उस पर पड़ गयी थी और वे उसे ही एकटक देख रही थीं मैंने भाभी से अन्दर आने को बोला।
वे अन्दर आईं और मेरे बेड पर बैठ गईं मैं भी उनके पास बैठ गया मेरा लंड अभी तक खड़ा था उन्होंने मुझसे कहा- मुझे बातें घुमा फिर कर करना नहीं आता इसलिए तुम बताओ कि कल रात को तुम वहां क्या कर रहे थे।
ये सुनकर मैं डर गया और मैंने उनको बिना लाग लपेट के सारी बात बता दी वे पूरी बात सुनकर बोलीं- क्या तुम्हें मैं इतनी कामुक लगी मैंने हां में जवाब दिया उन्होंने बड़ी ही स्पष्ट भाषा में मुझसे कहा- क्या तुमको कभी मौका मिले तो मुझे चोदोगे।
उनके मुँह से चुदाई का खुला ऑफर सुनकर मेरे अन्दर से कंट्रोल खत्म हो गया और मैं बिना कोई जबाव दिए सीधा उनके ऊपर टूट पड़ा मैंने उन्हें अपनी बांहों में भर लिया और उन्हें चूमने लगा भाभी भी चुंबन का मजा लेने लगीं।
एक मिनट से भी कम समय में मैंने तय कर लिया था कि यही सही समय है जब भाभी को चोद देना चाहिए मन में ये विचार आते ही मैंने उनकी चूचियों को सहलाया और ब्लाउज के चिट बटनों को खींच खींच खोल दिए और ब्लाउज को कंधों पर लटका छोड़ कर उन्हें किस करने लगा।
मेरे हाथ उनके मम्मों पर चल रहे थे हाथों को ब्रा का अहसास हुआ तो मैंने भाभी की ब्रा को ऊपर उठा दिया और भाभी के एक चूचे को जोर जोर से मसलने लगा उन्होंने भी आगे बढ़ते हुए मेरा तौलिया खींच दिया अन्दर से मैं पूरा नंगा था तो तौलिया हटते ही उनके हाथ में मेरा लंड आ गया।
उन्होंने लंड सहलाया और मेरे ऊपर चढ़ने लगीं मैंने उन्हें धक्का देकर अपने बिस्तर पर गिरा दिया और मैं नंगा ही उनके ऊपर चढ़ कर लेट गया था वे मेरे लंड को हिला रही थीं मैंने उनकी साड़ी ऊपर की और देखा कि उन्होंने पैंटी नहीं पहनी थी।
रास्ता साफ देख कर मैंने अपने लंड पर थूका और चूत पर भी उंगली से थूक मल दिया भाभी की चूत बिल्कुल क्लीन थी आप इमेजिन कर सकते हैं कि हम दोनों कितने गर्म थे कि मैंने भाभी की साड़ी तक नहीं हटाई थी केवल उसको उठा कर उनकी चूत के छेद के ऊपर लंड लगा कर एक जोरदार धक्का दे दिया।
तेज शॉट के कारण मेरा लंड का शुरुआती हिस्सा भाभी की चूत के अन्दर फंस गया था मोटे लौड़े के अचानक हुए प्रहार से भाभी तड़प उठीं और उनकी सेक्सी सिसकारियां निकलने लगीं आह मर गई आह पेल दो और जोर से चोद दो आह आह उह।
उनकी मीठी आवाज सुनकर मैंने एक और धक्का दे मारा मेरा पूरा लंड भाभी की चूत के अन्दर जड़ तक घुस गया था और वे बेहद कसमसा रही थीं उन्हें दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था मैं उन्हें जोर जोर से चोदने लगा।
पूरा पलंग हिल रहा था और भाभी भी सेक्सी सिसकारियां लेती जा रही थीं कुछ देर बाद भाभी अपनी टांगें हवा में उठा कर मेरे लौड़े का मजा लेने लगी थीं वे झड़ गई थीं और लंड निकालने के लिए कहने लगी थीं।
मैं अभी झड़ा नहीं था तो लंड पेले जा रहा था भाभी कहने लगी थीं- पोज बदल कर पेलो ऐसे में कम मजा आ रहा है मैंने भी उनकी बात मान ली अब मैंने भाभी की चूत से लंड खींचा और उन्हें डॉगी बना लिया वे गांड हिलाती हुई लौड़े के घुसने का इंतजार कर रही थीं
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मैंने उनकी कमर थामी और पीछे से भाभी की चूत को चोदने लगा भाभी चूत चुदाई में उनको बेहद मजा आ रहा था तो मैंने हाथ आगे बढ़ाए और उनकी दोनों चूचियों को थाम कर उनकी ताबड़तोड़ चुदाई चालू कर दी।
करीब 20 मिनट बाद मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया और वे भी दूसरी बार झड़ गयीं फिर भाभी ने मुझे किस किया और मैंने भी उन्हें किस किया हम दोनों काफी थक गए थे तो वैसे ही नंगे सो गए इस तरह से पूरे 7 दिन तक मैंने भाभी के साथ सेक्स किया।
मैं उनके साथ लगातार घंटों तक सेक्स करता था वे मेरे लौड़े से चुदवा कर बड़ी खुश थीं अब मैं वहां से आ गया हूँ तो चुदाई नहीं होती है पर फोन सेक्स होता है आपको ये देसी भाभी चूत चुदाई कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं।
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