भैया, भाभी और देवर की चुदाई (Devar Bhabhi Sex Story)

भैया, भाभी और देवर की चुदाई
Devar Bhabhi Sex Story

भैया और भाभी दोनों में बहुत ही ज्यादा प्यार था परंतु उनके बीच मैं और मेरी अंतर्वासना आ गई। मेरी भाभी बहुत ही ज्यादा अच्छी थी और साथ में वह बहुत ही ज्यादा सेक्सी और हॉट भी थी। मेरे भाई इतनी ज्यादा होते थे उनको देखकर Bhabhi Sex Story वाली औरतो जैसी फीलिंग आती थी।
भैया और मेरे बीच में रिश्ता काफी अच्छा था और हम दोनों सारी बातें एक दूसरे से शेयर करते थे। परंतु मैंने अपने भैया को कभी भी नहीं बताया था कि मुझे मेरी भाभी बहुत ही ज्यादा पसंद है और मैं भाभी की चुदाई करना चाहता हूं।
भाभी की अदाएं और नजरें काफी कातिलाना थी और वह मुझे इस नजरों से देखती हूं कि मेरा लंड खड़ा हो जाता था और उस से पानी टपकने लगता था। कभी कभी तो ऐसा लगता था कि भाभी मेरा भी लंड लेना चाहती है भैया के साथ। परंतु इसे मैंने अपनी कल्पना मानकर, रात को मुट्ठ मार कर चुपचाप सो जाता था।
लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिसकी उम्मीद मुझे बिल्कुल भी नहीं थी। भैया और मैं बाहर खाने के लिए गए हुए थे और भैया काफी उदास थे।
मैंने उनसे पूछा – क्या हुआ भैया आप इतना उदास क्यों हो तो भैया ने कहा – यार तुम्हारी भाभी, जल्दी संतुष्ट नहीं होती हैं।
मैंने कहा – अच्छा ऐसी बात है क्या?!!
भैया बोले – हां!! यार ऐसे ही बात है और मेरी तुम्हारी भाभी से बातचीत भी कम हो गई है क्योंकि उनकी वासना इच्छाएं कुछ ज्यादा ही है।
तो मैंने मौके का फायदा उठाया और कहा भैया अगर आप बुरा ना माने तो क्यों ना हम दोनों मिलकर भाभी की शारीरिक संतुष्टि मिटा दें।
पहले तो मुझे लगा भैया मुझे जोर का थप्पड़ देंगे और मेरी गांड फाड़ देंगे।
लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और वह सोच में पड़ गए और उन्होंने कहा इसके बारे में मैं भाभी से बात कर कर बताऊंगा तुम्हें।
मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे और मैं बस यही प्रार्थना कर रहा था कि भाभी हां बोल दे।
और सोचो हुआ क्या भाभी ने हां बोल दिया उस रात भैया और भाभी दोनों बेड के ऊपर तैयार थे।
और मैं कमरे में गया तो भाभी एक बहुत ही सेक्सी नाइटी पहन कर मेरा इंतजार कर रही थी। और भैया भी तेल लगाकर बैठे हुए थे।
मैं उन दोनों के बीच में जाकर बैठ गया और भाभी ने मुझसे कहा – तुमने तो बहुत ही बढ़िया तरकीब बताइ है।
मैंने बोला – भाभी आपको इससे एतराज नहीं है!!
भैया, भाभी और देवर की चुदाई

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भाभी बोली – अरे पगले!! भाभी को कहीं अपने देवर से कोई ऐतराज होता है कहीं।
और यह तो मेरे लिए अच्छी बात है कि मेरा पति और मेरा दिलबर मेरी ना मिलने वाली वासना को मिटायेंगे।
भाभी मेरे इतने पास में बैठ कर बातें कर रही थी कि मेरा लंड बिल्कुल खाड़ा ही था और मुझसे सब्र ना हुआ। मैंने भाभी को अपनी बाहों में लिया और उन्हें चूमना चालू कर दिया।
मैं उनकी गर्दन को चूमने लगा उनको होठों को चूसने लगा उनके गालों को चाटने लगा। मैंने अपने दोनों हाथों से भाभी के बड़े बड़े स्तनों को दबाने लगा उनके नरम नरम, गोल गोल स्तनों को दबाने में बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था।
तभी भैया साइड से बोले – अरे छोटे!! तेरे अंदर अपनी भाभी के लिए तो बहुत ही ज्यादा हवस है रे!!
मैंने बोला – क्या करूं भैया!! आप इतनी ज्यादा हॉट और सेक्सी भाभी को लेकर जो आए हो।
फिर भैया भी आवास में चल गया और वह भी अपनी बीवी की चूत चाटने लगे।
भाभी ने अपनी दोनों टांगों को फैला रखा था और भैया उनकी चूत चाट रहे थे और मैं भाभी के होंठ चूस रहा था। फिर मैंने अपना लौड़ा भाभी के बड़े बड़े चुंचो मे रगड़ना चालू कर दिया।
और भैया ने भाभी की चूत में उंगली देना चालू कर दिया। फिर मैंने भाभी को लेट आया दोनों टांगों को उनकी गर्दन तक पीछे खींच दिया और अपना बड़ा सा लोड़ा भाभी की गीली गीली चूत में घुसा दिया।
भाभी – आ आ आ आराम से देवर जी!!
में – भाभी आ भाभी आपकी चुट मस्त है।
और भैया ने भी भाभी के मुंह में अपना लौड़ा दे दिया और उनको अपना लंड चूसाने लगे।
भाभी के मुंह में भैया का लंड और उनकी चूत में मेरा लंड भाभी को देखनी चरम सुख की प्राप्ति हो रही थी। हम दोनों भाई मिलकर भाभी की जबरदस्त चुदाई करने जा रहे थे।
फिर भाभी को मैंने अपने लंड पर बैठाया और उनकी चूत की चुदाई करने लगा। तभी भैया पीछे से अपना लौड़ा लेकर आ गए और भाभी की गांड में घुसा दिया।
भाभी – आह अहह अहह ऊह आ आ आ आ
तुम दोनों भाई तुम मुझे पागल कर दोगे!!
और भैया तो पहले से ही तेल लगा कर बैठे थे उन्होंने अपना चिकना लंड भाभी के कसी कांड में घुसा दिया पूरा का पूरा। और उन्होंने जबरदस्त तरीके से भाभी की गांड की चुदाई चालू कर दी।
वह भाभी की गांड को इतनी जोर जोर से थप्पड़ थप्पड़ चोद रहे थे यह आवाजें सुनकर मुझे भी जोश आ रहा था। और मैं भी भाभी को खचाखच चोदने लगा मैं उनकी खचाखच चुदाई करने लगा।

भैया, भाभी और देवर की चुदाई
भाभी – हां चोदो मुझे अपनी रंडी बनाकर चोदो तुम दोनों मुझे।
भैया ने भाभी के बाल खींचे और उनकी कांड पर थप्पड़ मार मार के हम भैया और देवर भाभी की चुदाई करने लगे। फिर मुझे भी जोश आ गया और मैंने भी अपनी चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी और भाभी के बड़े बड़े चूचू का बहुत जोर जोर से दबाने लगा।
भाभी – हां हां यही तो चाहिये था मुझे।
मैं मन ही मन सोच रहा था मेरी भाभी कितनी बड़ी चुदक्कर है जिसे दो आदमियों का लैंड संतुष्ट कर सकता है सिर्फ।
भाभी – हां हु में चुदक्कर रंडी हु!!अब मुझे और जोर से चोदो तुम दोनों।
भैया और मेरे यह सुनकर तो और भी ज्यादा जोश आ गया और हम किसी पागल कुत्ते की तरह भाभी की जबरदस्त चुदाई करने लगे।
भैया ने भाभी की गांड में खड़ा कर दिया था और मैंने भाभी की चूत में बोखला कर दिया था।
फिर हम तीनों को एक साथ चरम सुख की प्राप्ति होने वाली थी और हम दोनों भाइयों का झड़ने वाला था।
हमने अपनी रफ्तार और ज्यादा बढ़ा दी और जैसे ही हमारा झड़ने वाला था। हमने अपना लंड बाहर निकाला और हम दोनों ने एक साथ भाभी के मुंह में अपना लंड घुसा कर अपना सारा माल झाड़ दिया।
भाभी को भी कई बार चरम सुख की प्राप्ति हुई थी और वह बहुत ही ज्यादा थक गई थी और हपने लग गई थी।
उन्हें इतनी ज्यादा चरम सुख की प्राप्ति हुई जिससे उनकी शारीरिक संतुष्टि पूरी तरह से शांत हो गए और वह खुशी के मारे हंसने लग गई थी।
भैया मेरी शक्ल देख रहे थे और मैं भैया की शक्ल देख रहा था हम दोनों उस टाइम पर यही सोच रहे थे। की कितनी बड़ी रंडी औरत है ये।

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