जीजा ने साली की जवानी को मसल दिया-Jija Sali Sex Story
- By : Tharki
- Category : Jija Sali Sex Story

देसी हॉट गर्ल सेक्स कहानी अपने जीजा के साथ टांका भिड़ने की है. मेरी सेक्स में रूचि थी मैं अपनी चूत में उंगली करके मजा लेती थी तभी मेरी दीदी की शादी हुई नमस्कार दोस्तो आप सभी की सुरभी अपनी एक और कहानी के साथ आपके सामने पेश है तो दोस्तो चलते हैं आज की देसी हॉट गर्ल सेक्स कहानी में मेरा नाम सुरभी गुप्ता है और मेरी उम्र 28 साल है।
मैं एक शादीशुदा लड़की हूँ और मेरी शादी को 4 वर्ष हो गए हैं किसी कारण से अभी मेरे पति को बच्चे नहीं चाहिए इसलिए अभी तक हम दोनों ने बच्चे की प्लानिंग नहीं की दोस्तो मेरा फिगर 36-32-38 का है और मेरी लंबाई 5 फीट 4 इंच है दोस्तो, आज की कहानी मेरी जिंदगी की एक बहुत ही गुप्त घटना है जिसे मैंने कभी किसी के सामने जाहिर नहीं की।
बस मेरी कुछ खास सहेलियां है जिन्हें इसके बारे में पता है बात तब की है जब मैं 19 साल की थी और अभी अभी मैंने कॉलेज में दाखिला लिया था घर में हम दो बहनें थी मेरी बड़ी बहन की उम्र 23 साल की थी कई जगह से उसके लिए रिश्ते आते रहते थे मगर वो इतनी पतली दुबली थी कि कहीं भी बात नहीं बनती थी अपनी बहन की अपेक्षा मैं दिखने में काफी सुंदर और भरे बदन की थी।
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उस वक्त भी मेरी ब्रा का साइज 34 का था और मेरी उभरी हुई गांड लोगों को काफी आकर्षित करती थी शुरू से ही मेरे उभार काफी टाइट और तने हुए थे मेरे घर में मेरी माँ और पापा दीदी की शादी को लेकर काफी परेशान रहते थे मैं बस अपनी पढ़ाई पर ही ध्यान रखती थी कॉलेज में मेरी कई सहेलियां बनी जिनके कारण ही मुझे सेक्स में रुचि होने लगी।
मैंने सेक्स की कहानियां और वीडियो देखना शुरू कर दिया अक्सर मैं छुप छुप कर सेक्स वीडियो देखती और बाथरूम जाकर अपनी चूत में उंगली करती मेरा भी बहुत मन हुआ करता कि किसी लड़के से दोस्ती करके अपनी गदराई जवानी की प्यास बुझा लूं मगर ऐसा करने में मुझे बहुत डर लगता था कि किसी को पता चल गया तो क्या होगा।
कॉलेज और मेरे मोहल्ले के ऐसे कई लड़के थे जो मुझसे दोस्ती करना चाहते थे मगर मैंने कभी किसी को अपने पास नहीं आने दिया ऐसे ही समय कटता रहा एक दिन मैं कॉलेज से जब घर आई तो घर में कुछ मेहमान बैठे हुए थे मैं समझ गई कि जरूर ये लोग दीदी को देखने आए होंगे मैंने सभी से नमस्ते की और अंदर चली गई।
अंदर जाकर देखा तो दीदी और माँ उनके नाश्ते का इंतजाम कर रही थी मैं नाश्ते का ट्रे लेकर और दीदी चाय का प्लेट लेकर उनके सामने गई वो 3 लोग थे, उनमें से एक तो 30 से 35 साल का था और दो लोग बुजुर्ग थे मैं समझ गई कि यही वो लड़का है जो दीदी को देखने आया है वो दीदी को छोड़ बार बार मुझे ही गौर से देखे जा रहा था।
मैंने नाश्ते की प्लेट रखी औऱ अंदर चली गई उन लोगों ने दीदी से कुछ बाते की और कुछ समय बाद चले गए दो दिन बाद उनका फोन आया और उन्होंने बताया- हमें आपकी छोटी बेटी पसंद है मतलब कि मैं मगर पापा ने उनसे कह दिया- अभी वो काफी छोटी है और अभी उसकी शादी के लिए समय है। और लड़के की उम्र भी उससे दुगनी है इसलिए ये तो नहीं हो सकता।
उन्होंने बाद में बताने का बोला पापा ने इस बार भी सोच लिया था कि रिश्ता नहीं होगा कई दिनों बाद उनका फिर से फोन आया और उन्होंने रिश्ते के लिए हा कह दिया फिर क्या था कुछ महीनों में ही दीदी की शादी हो गई शादी के 3 महीने बाद मैं दीदी के ससुराल घूमने के लिए गई मैं वहाँ 15 दिनों तक रुकी थी, इस दौरान मैं जीजा से काफी घुलमिल गई थी।
दीदी तो घर के काम में व्यस्त रहती और मैं और जीजा बाइक से कई जगह घूमने के लिए जाते जीजा मुझसे काफी मजाक करते थे और मजाक में मुझे आधी घर वाली बोलते थे और कहते थे कि अगर तुम्हारे पापा ने हा कर दी होती तो आज तुम मेरी बीवी होती वो जब भी मुझे बाइक पर लेकर जाते तो जानबूझकर ब्रेक मारते जिससे मैं उनकी पीठ पर चिपक जाती और मेरे बड़े बड़े दूध उनकी पीठ पर दब जाते।
घर पर भी जब मैं अकेली रहती तो वो मेरे पास आ जाते और कही मेरी बांहों को सहलाते तो कही अपने पैरों से मेरे पैरों को सहलाते पता नहीं क्यों मगर उनका ऐसा करना मुझे अच्छा लगने लगा और मैं भी उनको कुछ नहीं बोलती धीरे धीरे मैं उनकी तरफ आकर्षित होने लगी थी, मैं इस बात को वो भी समझ चुके थे और वो भी अब मेरे अकेले होने का फायदा उठाने लगे।
उन्होंने अब मजाक मजाक मेरे दूध में हाथ लगाना शुरू कर दिया मेरी तरफ से किसी प्रकार का विरोध न पाकर वो पूरी तरह से निश्चिन्त हो गए थे कि मैं अब उनका विरोध नहीं करूंगी जिस दिन मुझे वापस अपने घर जाना था उसके ठीक एक दिन पहले रात में 10 बजे मैं खाना खाने के बाद ऊपर छत पर घूमने के लिए चली गई दीदी की सास अपने कमरे में सो चुकी थी और दीदी और जीजा अपने कमरे में चले गए थे।
मुझे छत पर टहलते हुए कुछ समय ही हुआ होगा कि जीजा वहाँ पर आ गए कुछ देर वो मुझसे बात करते हुए आसपास का जायजा लेने लगे और अचानक से मुझे पकड़ कर छत पर ही बने बाथरूम में ले गए इस बार भी मेरी तरफ से कुछ खास विरोध न पाकर उनका हौसला बढ़ गया था उन्होंने मुझे बाथरूम में ले जाकर कहा- सुरभी, मैं तुमको पसंद करने लगा हूं।
नहीं जीजा जी, ये गलत है किसी को पता चला तो भारी बदनामी हो जाएगी प्लीज आप ऐसा मत करिए किसी को कुछ पता नहीं चलने वाला बस तुम मुझ पर भरोसा रखो मेरी नजर झुक गई और मुँह से एक भी आवाज नहीं निकली जीजा ने मुझे अपनी आगोश में लेते हुए मेरे मुलायम फड़कते होंठों पर अपने होंठ रख दिये मैं बिना कुछ सोचे समझे अपने आप को उनको सौम्प चुकी थी।
वो मेरे होंठों को चूमने के साथ साथ मेरी जीभ को भी अपने होंठों और दांत में दबा दबा के चूस रहे थे उस वक्त मैं सारी दुनिया को जैसे भूल गई थी और उस पल का मजा ले रही थी उनके दोनों हाथ मेरी पीठ को सहलाते हुए धीरे धीरे मेरी गांड तक पहुँच गए और मेरी गांड को सहलाते हुए मुझे अपनी तरफ चिपका लिए मैंने हाफ लोवर पहना हुआ था और मेरी चूत उनके लंड से चिपक गई।
पहली बार किसी मर्द के लंड का स्पर्श मुझे हुआ था जीजा ने मेरी टीशर्ट को मेरे गले तक उठा दिया और साथ में मेरी ब्रा को भी ऊपर चढ़ा दिया मेरे दोनों दूध आजाद होकर उनके सामने आ गए मेरे तने हुए दूध को देखकर वो उनपर टूट पड़े और जोर जोर से दबाते हुए मेरे निप्पल को अपने मुँह में भरकर चूसने लगे आहह उह आहह उम्म्ह हहह आह जीजाआआ बससस्स नहींईईई छोड़ो ऊऊऊ बसस्स सस।
मुझे उनके दबाने से बहुत दर्द हो रहा था और मैं तड़प रही थी जल्द ही मेरे दोनों दूध लाल हो गए इसके बाद उन्होंने अपना एक हाथ मेरे लोवर के अंदर डाल दिए और मेरी चूत को सहलाते हुए मेरे दूध को चूसते जा रहे थे धीरे धीरे उन्होंने अपनी एक उंगली मेरी चूत में उतार दी मैं एकदम से उछल गई मगर उन्होंने मुझे दूसरे हाथ से थाम लिया और आहिस्ते आहिस्ते उंगली से ही मुझे चोदने लगे।
बस कुछ पल में ही मैं झड़ गई और जीजा के ऊपर टिक कर खड़ी हो गई वो समझ गए थे कि मैं झड़ चुकी हूं और उन्होंने अपनी उंगली निकाल ली इसके बाद जीजा मेरे कान के पास आकर बोले- तुम्हारा तो निकल गया अब मैं क्या करूँ क्या मतलब मेरा भी निकाल दो तुम कैसे अपने हाथ से हिला दो पहले तो मैं मना करती रही फिर उन्होंने लंड बाहर निकाल कर मेरे हाथ में दे दिया।
कसम से इतना बड़ा लंड अपने हाथ में पाकर मैं डर गई अच्छा हुआ उन्होंने मुझे लंड से नहीं चोदा था नहीं तो पता नहीं उस वक्त मेरी क्या हालत होती मैं अपने हाथ से लंड को हल्के हाथों से आगे पीछे करने लगी और जीजा फिर से मेरे होंठों को चूमने लगे जैसे जैसे वो मेरे होंठों को चूम रहे थे मेरे हाथ भी तेजी से चल रहे थे फिर कुछ समय बाद वो बोले- बैठकर हिलाओ।
मैं अपने घुटनों पर बैठ गई और जोर जोर से लंड को हिलाने लगी लंड का बड़ा सा गुलाबी सुपारा बार बार चमड़ी से बाहर निकल रहा था मुझे उस वक्त पता नहीं अजीब सी कशिश होने लगी और मैं अपना चेहरा लंड के पास ले गई उसमें से एक अजीब सी गंध आ रही थी जिससे मैं और भी मदहोश हो उठी मैं अपने होंठों से लंड को चूमने लगी और अचानक से ही लंड के सुपारे को मुँह में डाल लिया।
मैं किसी आईस क्रीम की तरह लंड को चूसने लगी जीजा के मुँह से आआह आहाह की आवाज आने लगी उन्होंने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ लिया और लंड पर आगे पीछे करने लगे पूरा का पूरा लंड मेरे गले तक उतरने लगा वो बहुत जोश में आ गए थे मेरे मुँह से बहुत ही गंदी आवाज निकल रही थी मुँह से पानी और लार बह रही थी।
जीजा अब जोर जोर से मेरे मुँह को ही चोदने लगे अचानक से उनकी रफ्तार काफी तेज हो गई और उन्होंने लंड मेरे मुंह के अंदर तक डाल कर मेरे सर को जोर से पकड़ लिया और अपना पूरा वीर्य मेरे मुँह में भर दिया रुक रुक कर तेज गर्म पिचकारी मेरे मुँह में निकल रही थी ज्यादातर वीर्य तो मेरे अंदर चला गया और बाकी का मेरे गालों पर बह रहा था।
मेरा मुँह और मेरे गाल उनके चिपचिपे वीर्य से सराबोर हो गया फिर उन्होंने अपना लंड बाहर निकाल कर अपना लोवर पहना और मैं उठकर अपने मुँह को पानी से साफ करने लगी मैंने भी अपने कपड़े ठीक किये और नीचे चली गई सारी रात मुझे नींद नहीं आई और अचानक हुए किस कांड के बारे में सोच सोच कर मैंने किसी तरह से रात काटी।
बार बार मेरे सामने जीजा का वो लंबा सा मोटा लंड आ रहा था अगली सुबह मैं जल्दी नहा धोकर तैयार हुई और पापा मुझे लेने के लिए आ गए मैं वहाँ से अपने घर आ चुकी थी मगर जीजा के साथ फोन पर जुड़ी हुई थी हर रोज हम लोग फोन पर बाते करते और जीजा फोन पर ही मेरी चड्डी गीली कर देते जीजा मुझे चोदने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे मगर हम दोनों को ही कोई सही मौका नहीं मिल रहा था।
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मैं भी चुदने के लिए बेताब हुए जा रही थी रोज उंगली करती और जीजा के मूसल जैसे लंड को याद करती दोस्तो, कहानी अभी जारी है और आप कहानी के अगले भाग में पढ़ेंगे कि किस तरह से मुझे और जीजा को एक शानदार मौका मिला और जीजा ने मेरी कुँवारी चूत की धज्जियां उड़ा दी जीजा साली सेक्सी चुदाई कहानी मेरी पहली बार चुदाई की है।
मैं जीजा का लंड चूसने के बाद अपनी चूत में लंड डलवाने के लिए बेचैन थी मुझे मौक़ा कैसे मिला मगर जिस्म की प्यास और चढ़ती जवानी के कारण शायद मैं बहक गई अभी तक मेरे और जीजा के बीच में केवल ओरल सेक्स ही हुआ था क्योंकि हम दोनों को ही सही मौका नहीं मिल रहा था जीजा भी समझ रहे थे कि ये बात किसी को पता न चले क्योंकि इससे दोनों परिवार के बीच काफी उथल पुथल मच सकती थी।
फिर भी जीजा रोज मुझसे फोन पर बात करते और हम दोनों ही फोन पर सेक्सी बातें करते सच बताऊँ दोस्तो तो जीजा को तो मैं उसी दिन से पसंद थी जिस दिन वो मेरी दीदी को पहली बार देखने आए थे मगर मेरी उम्र उस वक्त उनसे कम होने के कारण दीदी से शादी हुई जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया है कि मेरी दीदी पतली दुबली है और मेरे जीजा एक हट्टे कट्टे आदमी है।
उनकी पहली पसंद मैं ही थी क्योंकि मेरा भरा हुआ गदराया बदन उनको बहुत पसंद है हालांकि मेरे और जीजा की उम्र में 16 साल का फर्क था फिर भी मैं उनसे ये सब करने के लिए तैयार हो गई थी जीजा मेरी दीदी से भी 11 साल बड़े थे और मैं जबसे जीजा के साथ ओरल सेक्स की तो यही सोचती थी कि जीजा का मूसल जैसा लंड दीदी कैसे झेल पाती होगी जबकि दीदी इतनी पतली दुबली है।
जब भी जीजा को समय मिलता या वो अकेले होते तो मुझे फोन करते और हम दोनों रोमांटिक बातें करते हम दोनों इतने ज्यादा खुल चुके थे कि फोन पर ही चूत लंड चुदाई इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करने लगे थे जीजा मुझे चोदने के लिए बेताब हो रहे थे क्योंकि दीदी प्रग्नेंट थी इसलिए जीजा को बस अपने हाथ से ही काम चलना पड़ता था।
रात में मैं भी जब अकेली बिस्तर पर लेटती तो मेरे हाथ जीजा की बातें याद करते हुए अपने आप चूत को सहलाने लगते ऐसी कोई रात नहीं होती कि मैं अपनी चूत में उंगली ना डालती बस ऐसे ही मेरा और जीजा का समय चल रहा था मगर ऐसा कोई मौका नहीं मिल रहा था कि वो मुझे चोद पाते समय बीतता गया और दीदी का नौवां महीना चालू हो गया।
अब उनकी डिलिवरी का समय करीब आ चुका था और किसी भी दिन उनकी डिलीवरी हो सकती थी मेरी माँ को जीजा ने पहले ही कह दिया था कि जब भी मैं बताऊँ आप जरूर आ जाइयेगा इसलिए मेरी माँ और मैं इसके लिए पहले से तैयार थे एक दिन सुबह सुबह जीजाजी का फोन आया और उन्होंने बताया कि दीदी को हॉस्पिटल ले जा रहे हैं आप लोग जल्दी ही आ जाइये।
मैं और मेरी माँ दोनों ने अपनी तैयारी की और हम दोनों वहाँ चले गए वहाँ जाकर हमें पता चला कि दीदी का ऑपरेशन हुआ है और उनको बेटा पैदा हुआ है। अब दीदी को एक हफ्ते हॉस्पिटल में ही रहना पड़ेगा हम लोग दीदी से मिले और उनके बेटे को भी देखा इसके बाद मैं जीजा और मेरी माँ जीजा के यहां चले गए।
वहाँ नहा धोकर खाना खाएं और शाम को फिर से हॉस्पिटल के लिए तैयार हुए मगर जीजा ने मुझे कहाँ- तुम जाकर क्या करोगी? तुम घर का काम देखो. मेरी मम्मी और तुम्हारी मम्मी हॉस्पिटल में रहेगी. मैं शाम को आ जाऊँगा और इसके बाद मेरी माँ और जीजा जी हॉस्पिटल के लिए चले गए मैंने घर के थोड़े बहुत काम करने के बाद खाना बनाया और फिर टीवी देखने लगी।
करीब 7 बजे जीजा जी घर आये जीजा घर आते ही दरवाजा बंद किये और मेरे गले लग गए मैं भी उनसे चिपक गई काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के बाहों में रहे उसके बाद जीजा मुझसे अलग हुए और बोले- आज अपने मिलन की रात आ गई कैसे रात में मेरी और तुम्हारी मम्मी हॉस्पिटल में रहेगी और हम दोनों घर पर।
मैं मन ही मन सोच रही थी कि आज तो मेरी चुदाई पक्की है जीजा ने मुझसे कहा- जल्दी से खाना पैक कर दो मैं हॉस्पिटल में देकर जल्दी ही आ जाऊँगा मैंने खाना टिफिन में लगाया और जीजा चले गए मैं घर में अकेली रह गई और बैठे बैठे बस यही सोच रही थी कि क्या क्या होगा आज मेरे साथ मन में उथल पुथल मची हुई थी।
तभी मुझे ध्यान आया कि मेरे चूत के बाल काफी बढ़े हुए हैं मैं तुरंत उठकर बाथरूम गई वहाँ पर दीदी की वीट क्रीम रखी हुई थी मैंने झट से अपने सारे कपड़े उतारे और अपनी चूत पर क्रीम लगा ली साथ ही मैंने अपने बगलों पर भी क्रीम लगाई क्योंकि वहाँ भी बाल थे करीब 20 मिनट में मेरी साफ सफाई हो गई और मेरी चूत बिलकुल दमकने लगी।
मेरी चूत गुलाबी रंग की और गद्देदार फूली हुई थी मैंने अपनी गुलाबी रंग की नाइटी निकाली और उसे बिना ब्रा के पहनी बिना ब्रा के मेरे दूध नाइटी से चिपके हुए थे और निप्पल्स तने हुए साफ साफ झलक रहे थे रात करीब 10 बजे जीजा घर वापस आये, कुछ ही देर में जीजा फ्रेश हो गए और हम दोनों ने साथ में खाना खाया।
जीजा की नजर बार बार मेरे उभरे हुए दूध पर जा रही थी और हम दोनों बार बार मुस्कुरा रहे थे आज हम दोनों की मुराद पूरी होने वाली थी जिस मौके की हम दोनों को तलाश थी वो मौका हमें मिल गया था मेरे मन में तरह तरह की बातें आ रही थी जिससे मेरी चूत अभी से गीली हो रही थी चूत में एक अजीब सी सुगबुगाहट मची हुई थी।
खाना खाने के बाद मैं बर्तन साफ करने के लिए चली गई किचन में मैं जैसे ही बर्तन साफ करने लगी तभी जीजा ने मुझे पीछे से जकड़ लिया वो बोले- अभी रहने दो ये सब सुबह हो जाएगा अब तुमसे दूर नहीं रहा जाता उन्होंने मुझे तुरंत ही अपनी गोद में उठा लिया और बेडरूम में ले आये अब जीजा का सब्र जवाब दे रहा था वो जितनी जल्दी मुझे चोद लेना चाहते थे।
बेडरूम में लाकर वो मुझसे लिपट गए और मेरे होंठों को बेइंतहा चूमने लगे मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी क्योंकि मेरे बदन की आग भी अब मेरे काबू में नहीं थी बस मुझे ऐसा लग रहा था कि जीजा मेरे बदन को मसल दे मैं चुदाई करवाने के लिए आतुर हो चुकी थी मेरी बुर में जैसे हजारों चींटियां रेंग रही थी।
मैं भी जीजा से बुरी तरह से लिपट गई और उनके चुम्बन के जवाब में अपनी जीभ निकाल कर उन्हें चूमने में मदद करने लगी वो भी मेरी जीभ को अपने मुँह में भर कर चूसने लगे हम दोनों एक दूसरे से इतनी बुरी तरह से लिपटे हुए थे कि मेरे बड़े बड़े दूध उनके सीने से चिपक कर दर्द करने लगे जीजा जान चुके थे कि मैंने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई है।
वो इतने जोश में आ गए थे कि मेरी नाइटी को जल्दी से निकाल देना चाहते थे और इसी जल्दबाजी में उन्होंने मेरी नाइटी फाड़ डाली अब मैं केवल चड्डी में ही रह गई थी जीजा ने भी तुरंत ही अपने सारे कपड़े निकाल दिए और बिल्कुल ही नंगे हो गए हम दोनों में ही शर्म की एक झलक तक नहीं थी बस दोनों को चुदाई का भूत सवार था।
कपड़े उतारने के बाद जीजा ने मुझे अपनी तरफ खींचा और हम दोनों के नंगे बदन जैसे ही टकराये मेरे मुंह से बेहद गंदी सिसकारी निकल गई- आआह हहहह सीसी सस्स जीजा- ओओह मेरी जान आज मेरी तमन्ना पूरी हुई मैं- क्या तमन्ना जीजा- तुझे नंगी अपनी बांहों में लेने की कसम से तेरा ये गदराया बदन मुझे पागल बना देता है आज तू बिल्कुल मना मत करना आज रात भर तेरी जवानी को निचोड़ लेना है मुझे।
मैं- आज मैं आपकी हूँ जो करना है करिये मैं मना नहीं करूंगी बस फिर क्या था यह सुनते ही जीजा ने मुझे और कस लिया अपना एक हाथ मेरी पीठ पर घुमाते रहे और दूसरा हाथ मेरी चड्डी के अंदर से डालकर मेरे बड़े बड़े गठीले चूतड़ को दबाने लगे फिर अपनी एक उंगली को गांड की दरार के बीच में डाल कर मेरी गीली चूत और गांड के छेद पर फिराने लगे।
वो लगातार मेरे होंठों को भी चूमे जा रहे थे हम दोनों ही एक दूसरे के जीभ को बारी बारी से चूम रहे थे कुछ समय बाद जीजा अपने उंगली के नाखून से मेरी गांड के छेद को हल्के हल्के कुरेदने लगे मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और मैंने अपनी एड़ियों को ऊपर कर लिया और जीजा से चिपक गई।
उनका मूसल जैसा लंड मेरे पेट के ऊपर दबा हुआ था और उनका सुपारा मेरी नाभि के अंदर घुसा जा रहा था जीजा ने धीरे धीरे मेरी चड्डी को नीचे सरका दी अब मैं पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी मेरी चूत से इतना पानी निकल रहा था कि मेरी जांघ पर टपकने लगा जीजा का लंड भी पानी छोड़ रहा था और उनका पानी मेरे पेट पर लग रहा था।
तब जीजा ने मेरा हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया मैंने भी बिना झिझक के उनके लंड को थाम लिया और आगे पीछे करते हुए सहलाने लगी उनके लंड से गाढ़ा गाढ़ा पानी निकल रहा था जो कि मेरे हाथों में लग रहा था और मैं उसे पूरे लंड पर लगा लगा कर लंड को प्यार से फेंटे जा रही थी मुझे उनका गाढ़ा पानी बिल्कुल भी गंदा नहीं लग रहा था बल्कि मेरा जोश और भी ज्यादा बढ़ रहा था।
उनका लंड कमसे कम 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा जरूर रहा होगा जीजा के लंड को सहलाते हुए मेरे मन में एक बात जरूर आ रही थी कि पता नहीं ये मेरी बुर में कैसे अंदर जाएगा क्या मैं इसे झेल पाऊंगी या नहीं करीब 20 मिनट तक हम दोनों ऐसे ही खड़े होकर एक दूसरे के होंठों को चूमा और जीजा ने अपने दोनों हाथों से मेरे गोरे बदन को इस तरह से सहलाया और दबाया कि मेरे गदराए बदन का रोम रोम खड़ा हो गया।
उनके दोनों हाथ मेरे बदन के हर हिस्से पर चल रहा था और उनके कठोर हाथों का स्पर्श मुझे और उतेजित कर रहा था जीजा भी अब तक बिल्कुल मदहोश हो चुके थे और उन्होंने अपना एक हाथ मेरे दोनों पैरों के बीच में से डालकर उठा लिया और मुझे बिस्तर पर लेटा दिया वो भी एक झटके में बिस्तर पर आ गए और मेरे दोनों पैरों को फैला कर अपनी जीभ मेरी चूत पर लगा दिए।
मैं बिलकुल तिलमिलाए जा रही थी और वो मेरी चूत को बड़ी बेरहमी से चाटे जा रहे थे वो अपने दोनों हाथों से मेरी चूत के फांकों को फैलाकर अपनी जीभ चूत के छेद के अंदर तक डाल कर चाट रहे थे मैं बिस्तर पर इधर उधर छटपटा रही थी और आआह आओह मम्मीई ईई ऊउईई ईई ईईई आऊऊऊच्चच किये जा रही थी जल्द ही मेरी चूत ने अपनी पिचकारी छोड़ दी और मैं झड़ गई।
इसके बाद भी वो बिना रुके मेरी चूत का रसपान किये जा रहे थे जल्द ही मैं दोबारा गर्म हो गई और अपने दोनों दूध को खुद ही जोर जोर से मसलने लगी इसके बाद जीजा उठकर मेरे ऊपर लेट गए और मेरे दोनों दूधों पर हमला कर दिया अपने कठोर हाथों से मेरे दोनों दूध को जोर जोर से दबाते हुए उसके निप्पल्स को अपने दांतों से हल्के हल्के काटने लगे।
मेरी हालत बहुत बुरी हो गई और मैं जीजा के सर को अपने दूध पर दबाने लगी जीजा भी पूरी मस्ती में थे और बड़े जोश के साथ मेरे दूध दबा रहे थे जल्द ही मेरे दोनों दूध पर तेज जलन होने लगी उनके कठोर हाथों के कारण मेरे मुलायम दूध जगह जगह से छिल गए थे अब मैं जोर से बोली- बसस्स सस्स करो।
जीजा तुरंत ही दूध छोड़कर मेरे ऊपर आ गए और बोले- डाल दूँ मैं भी बिना शर्म के बोली- हाँ आआ जीजा ने तुरंत ही अपना लंड मेरी चूत पर लगाया और मेरे दोनों पैरों को अपने हाथों में फंसा लिया उनका लंड बिलकुल चूत की छेद पर लगा हुआ था अब उन्होंने अपनी कमर से दबाव देना शुरू किया और लंड छेद को फैलाता हुआ अंदर जाने लगा।
मेरी आँखें अपने आप बंद हो गई और मैंने जीजा को जोर से जकड़ लिया जैसे ही सुपारा अंदर गया मेरे मुंह से निकला- ऊई ईईई ममम्मीईई अब जीजा ने एक जोर का धक्का लगा दिया और उनका मूसल जैसा लंड छेद को चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया मैं जोर से चीख पड़ी- मम्मीईई ईईईईई रेरेरेरे।
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जीजा ने बुरी तरह से मुझे जकड़ लिया और मेरे ऊपर लेटे रहे धीरे धीरे लंड आगे पीछे करते हुए उन्होंने अपना लंड पूरी तरह से चूत में सेट किया और जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो हल्के हल्के मुझे चोदना शुरू कर दिए उनका लंड इतना मोटा था कि जब वो अंदर जाता तो मुझे चूत के फैलने का पूरा अहसास हो रहा था।
इसके बाद उनकी रफ्तार तेज होती गई और जल्द ही मेरे पेट पर उनके जोरदार धक्के लगने शुरू हो गए मेरा दर्द भी अब पूरी तरह से समाप्त हो गया और मैं भी चुदाई का मजा लेने लगी इतने दिन से भूखी मेरी चूत आज दनादन लंड ले रही थी मैं आँखें बंद किये चुदाई का पूरा मजा ले रही थी जीजा मेरी दोनों गदराई जांघों को हाथों से दबाए हुए थे और फचाफच लंड पेल रहे थे।
कुछ समय बाद वो अपने सीने से मेरे दोनों दूध को दबाते हुए मुझे चोदने लगे मेरे दूध उनके सीने के नीचे बुरी तरह से पिस रहे थे करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों ही झड़ गए और जीजा पलट कर बगल में लेट गए दोनों के ही बदन बुरी तरह से पसीने से भीग चुके थे इसके बाद मेरे साथ क्या क्या हुआ ये सब आप लोग कहानी के अगले भाग में पढ़िए अब तक आपको मेरी जीजा साली सेक्सी चुदाई कहानी कैसी लगी? कमेंट्स कीजिए।
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