किरायेदार लड़के के लंड का पानी पिया-Aunty Ki Chudai
- By : Tharki
- Category : Aunty Ki Chudai
सेक्सी आंटी कहानी में पढ़ें कि पति की गैरमौजूदगी में मेरी चूत के लंड की फरमाइश की तो मैंने अपने जवान पड़ोसी को अपना जिस्म सौंपने का मन बना लिया मैं sexstoryinhindi.in की एक नियमित पाठिका हूं और यह कहने में मुझे कोई संकोच नहीं है कि जो भी sexstoryinhindi.in की कहानियों को पढ़ती है, उसके जीवन में आनंदरस का संचार होने लगता है।
मैंने भी अब तक तकरीबन सारी कहानियों का लुत्फ उठाया है और कई बार इच्छा हुई कि मैं भी अपनी आपबीती को कहानी में ढाल के भेजूं, फिर उसका आनन्द उठाऊं इसलिए आज मैं अपनी पहली कहानी के साथ हाजिर हूं।
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रसिक पाठकों से आग्रह है कि वे सेक्सी आंटी कहानी पर अपनी राय और सुझावों से मुझे हौसला देंगे तो मैं उनके लिए और भी मसालेदार आपबीती को कहानी का रूप जरूर दूंगी सबसे पहले मैं अपना परिचय दे दूं।
मैं 45 वर्षीया एक कामुक हाउस वाइफ हूं और पति के साथ अपने सेक्स जीवन से पूरी तरह संतुष्ट हूं मेरा जिस्म गदराया हुआ है मेरा कामुक बदन आज भी मर्दों को आकर्षित करता है मैं हर तरह की ड्रेस पहनती हूं पर देखने वाले मन ही मन मेरे कपड़े उतार के मुझे नंगी देखते हैं, मुझे ऐसा लगता है।
जैसा कि मैंने बताया मैं अपने पति की चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट हूं लेकिन जिस व्यक्ति को रसगुल्ला पसंद हो, वो भी रोज रसगुल्लों से पेट नहीं भर सकता तो फिर कामुक मन तो नए स्वाद के लिए भटकता ही है इसलिए मेरा भी मन भटका और शादी के पच्चीस साल बाद भटका।
जब मैं बच्चों की जिम्मेदारियों से फ्री हो गई, तब मेरी दबी हसरतें मेरे जिस्म को मेरे दिमाग को नए नए मर्दों को देख के ये कल्पना करने पर मजबूर करने लगी कि इसका लंड कितना लंबा होगा, कितना मोटा होगामेरा अनुभव कहता है कि कई कहानियों में बहुत बढ़ा चढ़ा के लंड का आकार बताया जाता है।
मैंने जो पहला पराया लंड लिया न तो वो पति के लंड से लंबा था न मोटा किंतु फिर भी चुदने में बहुत मजा आया क्यों कि आखिर मेरा पहला नया स्वाद था वास्तव में नए लंड की सनसनी का कोई जवाब नहीं एक बात और बताती चलूं, मेरे पति ने ही मेरी कामुकता को बढ़ावा दिया।
हमने आपस में खूब कहानियां पढ़ीं, हजारों पोर्न वीडियो देखे, बहुत एंजॉय किया इस प्रकार उन्होंने ही मेरी लालसाओं को जगाया, मेरी कामाग्नि को भड़काया, मैं उनके सामने या उनकी अनुपस्थिति में किसी भी पराए मर्द के साथ चुदाई करूं उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
उनका मानना है कि कुदरत ने तो इंसान को पृथ्वी पर आनन्द लेने भेजा है, उसने कोई नियम कायदे नहीं बनाएxसमाज में सारी बंदिशें इंसानों ने ही बनाई हैं दुनिया में जितने भी सुख हैं उनमें सबसे अनूठा है ‘कामसुख’ जो पूरी दुनिया में एक समान है।
पूरी दुनिया में खाने की, कपड़ों की विविधता है. पर चुदाई, उसकी प्रक्रिया, चरम सुख, स्खलन, जिस्म को दिमाग को राहत एक जैसी होती है मेरे पति का बस इतना कहना है कि जो भी हो, मेरी जानकारी में हो मैंने भी उनकी इस बात को ध्यान में रखते हुए।
उनके साथ भी और अकेले भी कई मर्दों के साथ शारीरिक सुख के मजे लिए हमने थ्रीसम, फोरसम, स्वैपिंग सारे खेल खेले हैं बस ग्रुप सेक्स का मजा लेना बाकी है मेरी इस कहानी में पेश है मेरी पहली गैर मर्द से चुदाई की दास्तान।
एक बार की बात है कि मेरे पति पंद्रह दिन के लिए बैंक द्वारा आयोजित एक ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए दिल्ली गए थे हम आज भी एक दिन छोड़ के चुदाई करते हैं उनके जाने के एक हफ्ते बाद मेरे जिस्म को चुदाई याद आने लगी मेरी कामुकता मुझे बेचैन करने लगी।
ऐसे में मेरा ध्यान गया हमारे 28 वर्षीय किरायेदार रवि की तरफ उसकी पत्नी भी मायके गई हुई थी और रात डेढ़ बजे की ट्रेन से ही लौटने वाली थी मैंने मन ही मन उसका लंड लेने की सोची क्योंकि कई बार मैंने उसे मेरे भरे भरे स्तनों को निहारते पकड़ा था।
मुझे लगा कि वह आसानी से मुझे चोदने के लिए तैयार हो जाएगा और पति को पता लगने का डर तो वैसे भी था नहीं यह सोचते सोचते मेरी रवि से चुदने की इच्छा ज़ोर पकड़ने लगी और रात में मैं रवि के यहां अपने पहले गैर मर्द के लंड से चुदवाने पहुंची।
मैंने एक झीना गाउन पहन रखा था अंदर न ब्रा थी न पैंटी उसके कमरे में दरवाजे पर मैं थी और सामने ट्यूब लाइट जल रही थी उसकी रोशनी में न केवल मेरा पूरा बदन दिख रहा था बल्कि रवि ने ये अंदाजा भी लगा लिया कि मैंने अंदर कुछ नहीं पहना है।
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क्योंकि उसकी शॉर्ट्स में उसकी मर्दानगी करवट लेती हुई दिख रही थी, वो चोरी चोरी अपने तन रहे लंड को सेट कर रहा था मैं कनखियों से उसकी इस हरकत को देख चुकी थी उसने पूछा- आओ आंटी कैसे आना हुआ।
मैंने कहा- यार, अकेले में तो आंटी मत बोल क्या मैं बूढ़ी दिखती हूं उसने लंड को दबाते हुए कहा- फिर क्या बोलूं मैंने कहा- माधुरी नाम बुरा है क्या तू मधु या मधु जी भी बोल सकता है उसने कहा- ठीक है मधु जी।
मैं तो चुदाने के मूड से ही गई थी पर अब उसका भी मूड पूरा तन मेरा मतलब बन गया था मैंने कहा- यार रवि, मेरा एक जरूरी काम है कर देगा क्या उसने कहा- हां बोलो न मधु जी मैंने कहा- तेरे अंकल को गए पूरा हफ्ता हो गया है।
वो हैरानी से मुझे देखने लगा कि मैं ऐसा क्यों बोल रही हूं उसने कहा- तो मैंने कहा- और सपना (उसकी पत्नी) को भी मायके गए 4 – 5 दिन हो गए हैं वो बोला- हां वो आज रात को ही आ रही है मैंने कहा- अच्छा तुम्हारी शादी को कितने साल हुए हैं।
वो बोला- पांचवां चल रहा है आप कुछ काम का बोल रही थी मैं समझ गई कि अब वो नहीं उसका लंड बोल रहा है मैंने कहा- यार तुम घर की दाल रोटी से उकता जाते हो तो क्या करते हो वो बोला- बाजार में जाके कोई भी मसालेदार नई डिश खा लेता हूं।
मैंने कहा- एक मसालेदार नई डिश खुद चल के तुम्हारे पास आई है इसको चखोगे नहीं इतना कहना था कि वो ओह मधु कहते हुए मेरे होठों को चूसने लगा उसका हाथ मेरे स्तन पर और मेरा उसके लंड पर पहुंच चुका था मैंने गाउन उतारा और बिछ गई उसके सामने।
वो भी नंगा हुआ और लंड मेरे मुंह के सामने लेकर आया मैंने उसे एक गाली बकी- मादरचोद पहले मेरी चूत में डाल के चोद अच्छे से उसने भी थूक लगाया और चूत में डालते हुए कहा- ले भेनचोद,अब वो भी जी लगाना भूल गया था।
मेरी चूत तो बहुत प्यासी थी ही लेकिन वो जवान लौंडा उसका लंड भी 4-5 दिन से सेक्स का भूखा था बीच बीच में रुक के वो उफान को नियंत्रित कर रहा था वह मेरे स्तनों को पागलों की तरह चूस रहा था मेरे शरीर में काम लहरा रहा था।
मैंने कहा- यार रवि एक बार कस के रगड़ दे डिस्चार्ज होने लगे तब भी रुकना मत उस ने पेलना शुरू किया, दे दनादन 10-15 धक्कों के बाद उसका वीर्य उछलने लगा मेरी चूत पूरी भर गई थी पर वो रुका नहीं मेरी वीर्य भरी चूत को लगातार चोदता रहा।
मेरा भी क्लाइमैक्स नजदीक था, उसने 25-30 धक्के ही लगाए होंगे कि मैं भी झड़ गई मेरी चूत बहुत देर तक फड़कती रही मेरी सांसें भारी हो गई थी कई मिनट तक मैं इस मस्ती को आंखें बंद करके अनुभव करती रही अभी साढ़े ग्यारह बजे थे, उसकी बीवी के आने में दो घंटे बाकी थे।
हम दोनों अभी चुदाई के एक और दौर के लिए तैयार थे तो हम दोनों बाथरूम में अपने चूत और लंड को धोकर आए दोनों पूरे नंगे तो थे ही, मैं उसका धुला धुलाया, लटका हुआ नर्म लंड मुंह में लेकर चूसने लगी मैं पति का भी ऐसा लंड तकरीबन रोज चूसती हूं, जब वो नहा कर आते हैं।
उसका लंड दो मिनट में ही फूलने लगा, उसके हाथ मेरे स्तन से खेल रहे थे इससे पहले कि उसका लंड पूरी तरह से तन्नाता, मैंने उसके कंधों को दबा के नीचे झुकाया और उसका मुंह अपनी चूत पे लगा दिया।
उसकी जुबान के स्ट्रोक मेरी चूत पर चलने लगे उसके मुंह में मेरी चूत और उसके वीर्य का मिला जुला नशीला रस घुलने लगा मैंने चूत केवल बाहर से धोई थी यह सोच सोच कर मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी कि एक मर्द मेरी चूत से अपना ही वीर्य सुड़क रहा है।
मेरे पति कहते हैं कि तू किसी से चुद के आए और तेरी चूत में उसका वीर्य भरा हो तो मैं चाट सकता हूं. लेकिन लंड खड़ा हो तब डिस्चार्ज होने के बाद वीर्य चाटने का बिल्कुल मन नहीं करता मैं देख रही थी कि कितना सच बोल रहे थे वो।
मेरी चूत चाटते चाटते उसका 6 इंच का लंड पूरी तरह अकड़ गया इस बार मैंने उसको चित लिटाया और उसके लंड पर सवार हो गई रवि का पूरा लंड मेरी लपलपाती चूत में समा गया उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसकी मकान मालकिन आंटी उसके लंड की सवारी कर रही है।
वो पूछ बैठा- मधु यार, आज मेरे लन्ड की लॉटरी कैसे लग गई? तुम्हारी आज चुदाने की इच्छा कैसे हो गई, ऐसे मौके तो पहले भी आए हैं तो मैंने कहा- यार, आज चुदना लिखा था तो आज ही ध्यान आया मैंने कमर हिलाना शुरू किया बहुत देर तक मैं लंड को चोदती रही।
फिर जब लगा कि झड़ने का समय नजदीक है तब मैं फ़िर चित लेट गई और रवि को बोली- फिर से रगड़ दे मादरचोद, मेरी इस प्यासी चूत की प्यास बुझा दे रवि ने भी कस के धक्के लगाने शुरू किए- ले भेनचोद, ले भोसड़ी वाली, देख मेरा लंड कैसे रगड़ रहा है तेरी गर्म चूत को।
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इस बार भी रवि के लंड से वीर्य विस्फोट हो गया पर वो रुका नहीं, मेरी चूत जोर जोर से फड़कती रही और वो रगड़ता रहा इस बार करीब आधा घंटा तक सेक्सी आंटी चुदाई चली रवि निढाल होकर मुझ पर पड़ा था, उसका पूरा बदन पसीने में लथपथ था।
मैंने पूछा- अभी तुम्हारी बीवी भी आकर लंड मांगेगी तो क्या करोगे वो बोला- इतनी लजीज बिरयानी खाकर दाल चावल खाने की बिल्कुल इच्छा नहीं है लंड में भी दम नहीं बचा है सिरदर्द का बहाना बना दूंगा, पर कुछ भी हो जाए आज तो सपना को नहीं चोदूंगा।
तो मेरे अनजाने रसिक दोस्तो. कैसी लगी मेरी ये पहली और सच्ची कामुक सेक्सी आंटी कहानी जरूर बताएं।
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