साली का भीगा बदन देख मेरा लंड हुआ स्ट्रेट-Jija Sali Sex Story

साली का भीगा बदन देख मेरा लंड हुआ स्ट्रेट
Jija Sali Sex Story

दोस्‍तो, मैं आपका राज, मैंने अपनी साली के साथ दोबारा सेक्स किया, साली को दुबारा कैसे चोदा वह किस्‍सा सुनाने आया हूँ।

आप जानते कि आपकी तरह ही मैं भी अन्‍तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैंने अन्‍तर्वासना पर ढेर सी कहानियाँ पढ़ रखी हैं।

तो उस रोज सुबह से ही हल्‍की बारिश हो रही थी। मैं घर पर अकेला था और टीवी पर एक हॉट सी मूवी लगा ली थी। मूवी में थोड़े सेक्‍सी सीन थे। मूवी पर चल रही सेक्‍सी सीन ने मेरे ख्यालात बदल दिए। मेरा मन अकेले में बहुत उत्‍तेजित हो गया। मैंने सेक्‍सी सीन देखने के साथ साथ अपने लण्‍ड को सहलाना शुरू कर दिया।

साली का भीगा बदन देख मेरा लंड हुआ स्ट्रेट

ऑफिस की एचआर मेरे लंड पे सवार-Office Sex Story

तभी दरवाजे की घंटी बजी, उसने मुझे चौंका दिया। मुझे लगा कि जैसे किसी ने मुझे देख लिया हो। फिर मुझे ख्याल आया कि घर में मेरे सिवा कोई और तो है ही नहीं। यह सोच कर मुझे हँसी सी आयी कि मैं बेकार में ही डर गया था।

मुझे लगा कि घंटी की आवाज मेरा भ्रम था। मगर जब दुबारा घंटी की आवाज सुनाई पड़ी तो मैंने रिमोट से टीवी बंद करते हुए पैरों में चप्‍पल डाली और दरवाजे की तरफ बढ़ा।
तब तक एक घंटी और बजी और मैंने दरवाजा खोल दिया।

बाहर बारिश रिमझिम रिमझिम हो रही थी। मेरे सामने धारा खड़ी हुई थी, मेरी वही साली जिसका किस्‍सा आप पिछले भाग में सुन चुके हैं। धारा का बदन पानी से पूरी तरह भीगा हुआ था।
मैंने धारा के अभिवादन में अपने दोनों हाथ जोड़े।
उसने कहा- नमस्‍ते जीजू!
मैंने कहा- नमस्‍ते! जल्‍दी अन्‍दर आ जाओ, बाहर भीग रही हो।

धारा अंदर आयी और पीछे से दरवाजा बंद किया। धारा के पीछे चलते हुए मेरी निगाह उसके बदन पर उसके गुलाबी रंग के ब्‍लाउज से झांक रही उसकी काले रंग की ब्रा पर पड़ी। वह आज पहले से भी ज्‍यादा जवान और खूबसूरत लग रही थी।

धारा ने कमरे में आकर अपना सामान सोफे पर रखा। वह पानी से तरबतर हो रही थी।
धारा ने मुझे बोला- जीजू मेरा बदन पूरी तरह पानी से भीग चुका है। क्‍या करूँ बाजार में बारिश अचानक से तेज शुरू हो गयी।
फिर मुझसे कहने लगी- जीजू खड़े खड़े देख क्‍या रहे हो, अलमारी से एक तौलिया निकाल कर दे दो।

मैं एकदम से चौंक कर भागते हुए अंदर के कमरे में गया और वहाँ से एक तौलिया धारा को बदन पौंछने के लिए ले आया। मैंने तौलिया धारा के हाथों में पकड़ाया तो धारा सोफे पर रखे हुए सामान की तरफ इशारा करके कहने लगी- प्‍यारे जीजू, इतना सारा सामान हाथ में लटकाकर चलने में मेरे हाथ दुखने लगे हैं, इसलिए क्‍या तुम मेरा एक छोटा सा काम करोगे?
मैंने पूछा- क्‍या काम है?
धारा बोली- जरा मेरे बालों से पानी सुखा दोगे?
मैंने कहा, क्‍यूँ नहीं।

धारा सोफे पर बैठ गयी। मैंने देखा कि बालों से पानी टपक टपक कर उसके गालों पर बह रहा है। मैं धारा के पीछे बैठ गया। धारा को अपने दोनों पैरों के बीच में लेकर मैं उसके बालों को तौलिये से रगड़ने और सुखाने लगा। धारा का गोरा और भीगने के बाद भी गर्म बदन मेरे पैरों में सनसनी पैदा कर रहा था।

बाल सुखाते हुए मैंने धीरे से धारा के कंधे पर अपना हाथ रख दिया। धारा चुपचाप बैठी रही। अब मेरे हाथ धारा के कमर के पास तक पहुँच गये। मैंने धारा के कमर को सहलाना शुरू किया।

तभी धारा ने कहा- जीजू, मेरे बाल सूख गये हैं अब मैं भीतर जा रही हूँ।
वह इतना कह कर कमरे में चली गयी पर मेरी सांस रुक गयी। मैंने सोचा कि शायद धारा को बुरा लग गया हो। वह मेरा इरादा भाम्प गयी हो।

बेडरूम के अन्‍दर जा कर धारा अपने कपड़े बदलने लगी। मैं उठ कर बेडरूम के दरवाजे के पास तक गया तो मैंने देखा कि धारा ने शायद भूल कर बेडरूम का दरवाजा बंद नहीं किया है। मैं बेडरूम के दरवाजे की झिरी से अंदर झांकने लगा।

धारा एक बड़े आदमकद शीशे के सामने खड़ी थी। शीशे में अपने बदन को निहारते हुए वह एक एक कपड़े उतारती जा रही थी। मैंने देखा कि धारा बड़े गौर से अपने गोरे गोरे बदन को ऊपर से नीचे तक ताक रही थी। यह सब देख कर मेरा मन अब और भी पागल होता जा रहा था। ऊपर से बारिश का मौसम, बाहर पड़ रही बारिश की रिमझिम बूंदें मेरे तन बदन में आग लगा रही थीं।

मैंने देखा कि धारा ने कनखियों से मुझे देख कर अनदेखा कर दिया था। मेरे लिए शायद यह हरी झण्डी थी।

मैं दरवाजा धकेल कर बेड रूम के अंदर दाखिल हो गया। अब धारा मेरी ओर पलटी, धारा ने अपने अंगों को मुझसे छुपाते हुए कहा- अरे जीजू, मैंने अभी कपड़े नहीं पहने हैं। तुम अभी बाहर जाओ जीजू। मान भी जाओ।

लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने धारा को अपनी बांहों में कस लिया। थोड़ा ना नुकुर उसने की मगर मैं उसे कुछ सोचने का वक्‍त ही नहीं दिया। मैंने बिंदास उसको चूमना शुरू किया। मैंने देखा कि धारा ने अपनी आँखें मूँद ली हैं। धारा की आँखों को मुँदते हुए देख कर मैंने महसूस किया कि धारा मेरे प्‍यार को एन्‍ज्‍वाय कर रही है। धारा की मुँदी हुई आँखों में उसकी सहमति छुपी हुई थी।
मैं लगभग दस मिनट तक उसको चूमता रहा। इस बीच मेरे गर्म होठों ने धारा के पूरे बदन पर चप्‍पे चप्‍पे का जायजा लिया।

अचानक धारा ने मुझे जोर से धक्‍का दे दिया। मैं इसके लिए तैयार नहीं था। अचानक धक्‍का लगने से मैं गिर गया। मैं एक बार को कुछ समझ नहीं सका। थोड़ा डर भी गया लेकिन अगले ही पल मैंने पाया कि धारा मेरे ऊपर आकर लेट गयी है। मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था।

धारा एक एक करके मेरे सारे कपड़े उतारते जा रही थी। हम दोनों के बीच कपड़ों की सारी दीवार गिर चुकी थी। मेरा लण्‍ड मोर्चा लेने के पूरी तरह से तैयार था। तभी उसने झुक कर मेरे लण्‍ड को अपने होंठों की नर्माहट के साथ छुआ और धीरे से मुँह के अन्‍दर लेने लगी।

वह मेरे ऊपर इस तरह बैठी थी जिससे कि उसकी चूत बिल्‍कुल मेरे होठों पर आ टिकी थी। मैंने भी धारा की चूत पर जीभ फिरायी। उसकी चूत का एक बार जीभ से पूरा जायजा लेने के बाद मैंने बिंदास उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया।

मेरी इस हरकत से धारा के बदन में हलचल हुई और उसके मुँह से मेरा लण्‍ड आजाद हो गया। उसके मुँह से आआहऽऽ … आआऽऽऽ … ऊऊऊऊ … ऊओफ्फ्फ्फ़ की आवाज बाहर आ रही थी।
तभी उसकी चूत ने भरभरा कर पानी छोड़ दिया।

साली का भीगा बदन देख मेरा लंड हुआ स्ट्रेट

चाची की चूत में गिराया लंड का पानी-Chachi Sex Story

इसके बाद मेरी ओर घूम कर बोली- ओह, मेरी चूत तुम्हारे इस सुडौल लंड को लिए बिना नहीं रह सकती, प्लीज़ अपने इस खिलाड़ी को मेरी चूत के मैदान में उतार दो ताकि यह अपना चुदाई का खेल सके।
धारा अब मेरे लण्‍ड को अपनी चूत में लेने के लिए तड़प रही थी।

मैंने भी देर करना उचित न समझा, धारा को लण्‍ड के लिए तड़पते देख कर मैंने साली को अपनी बांहों में भर कर उठाया और पास बिस्‍तर पर लिटा दिया। धारा की चूत एकदम पहले से ही गीली थी। मैं धारा के बदन के ऊपर लेट गया। मेरा लण्‍ड धारा की चूत के दरवाजे पर दस्‍तक दे रहा था। धारा ने अपनी चूत को खुद ही अपने दोनों हाथों से खोल रखा था। मैंने देर न करते हुए धारा की चूत में लम्‍बा और मोटा लण्‍ड पेल दिया।

काफी दिनों से धारा की चुदाई नहीं हुई थी इसलिए चूत एकदम टाइट थी। धारा की कसी कसी और गीली चूत में लण्‍ड का धक्‍का लगाते ही पूरा लण्‍ड उसकी चूत के आगोश में समा चुका था। धारा के मुँह से ‘उम्म्ह अहह हय याह आआह्ह मार डाला की आवाज निकल गयी।

धारा ने अपने हाथ के इशारे से मुझे धक्‍का लगाने से मना किया क्‍योंकि वह मेरे दमदार लण्‍ड का अचानक वार झेल नहीं पा रही थी। मैंने भी धारा की बात मान कर धक्‍का लगाना कुछ देर के लिए रोक दिया।

यह क्‍या मेरे रुकने के थोड़ी देर बाद धारा ने खुद ही नीचे से हल्‍का हल्‍का झटका देना शुरू किया। अब मुझे साली की चूत चोदने का दुगुना मजा मिलना प्रारम्‍भ हो गया। धारा उत्‍तेजित होकर नीचे से धक्‍का लगा रही थी।

मैंने भी उत्‍तेजना में उसके हर धक्‍के का जवाब अपने लण्‍ड के धक्‍के से देना शुरू किया। दोनों से तरफ से लगातार शाट चुदाई के आनन्‍द में अभूतपूर्व वृद्धि कर रहे थे।

जितनी तेजी से मैं अपनी साली की चुदाई कर रहा था, उतनी ही सेक्‍सी सेक्‍सी आवाजें धारा के मुँह से निकल रही थीं ‘आह्ह आह ऊऊ ऊऊ ईई ईशशर आआआआ ऊऊओफ़ फफ ऊऊऊ फफ फ अआ ह्ह्ह की आवाज से कमरा गूँज रहा था।

करीब दस मिनट की चुदाई के बाद धीरे धीरे धारा की चूत ढीली पड़ती जा रही थी जोर जोर से चुदाई के कारण धारा अपनी सांसों पर नियन्‍त्रण नहीं कर पा रही थी। कुछ देर बाद धारा मुझसे अचानक जोर से लिपट गयी उसने चूत को अन्‍दर से सिकोड़ लिया था जिससे मैं अपने लण्‍ड पर धारा के चूत की गिरफ्त को पूरी तरह महसूस कर रहा था।

मैं धारा के बूब्‍स को जोर से मसलने लगा और धारा की चूत में दमदार धक्‍के लगाना शुरू कर दिया। दस बीस शाट और लगाने के बाद मैं धारा की चूत में ही झड़ गया। मेरे लण्‍ड ने दो तीन बार पिचकारी के साथ पूरा वीर्य धारा की चूत में भर दिया। धारा का जिस्‍म काम्प रहा था। उसने मेरी कमर को जोर से अपने हाथों से जकड़ रखा था।

हम दोनों काफी देर तक ऐसे ही निढाल लेटे रहे। बीच बीच में मैं धारा के सूखे होंठों को अपनी जीभ से गीला कर रहा था। देर तक धारा को इसी तरह लेटे लेटे चूमने चाटने के बाद हम दोनों की जान में जान आयी।

करीब दस मिनट बाद हम दोनों बिस्‍तर से उठ खड़े हुए। उसके बाद कमर में हाथ डाले हुए हम दोनों ने बाथरूम की तरफ रुख किया। बाथरूम में अंदर शॉवर चला कर एक दूसरे के बदन को चाटते हुए रगड़ते हुए हम लोग करीब बीस मिनट तक नहाते रहे।

थोड़ी देर बाद नहाते नहाते मेरा लण्‍ड फिर से खड़ा हो गया। धारा ने वहीं बाथरूम की फर्श पर बैठ कर शावर के नीचे मेरे लण्‍ड का सुपारा अपने मुँह में ले लिया। धारा मेरे लण्‍ड को अपने मुँह में लेकर अन्‍दर बाहर करने लगी। मेरी उंगलियाँ धारा के बालों को जकड़ हुए थीं। मैं धारा के मुँह में धीरे धीरे लण्‍ड ठूस रहा था।

साली का भीगा बदन देख मेरा लंड हुआ स्ट्रेट

कुवारी नौकरानी की सीलपैक बुर की चुदाई

मैंने अचानक धारा के मुँह में काफी गहराई में लण्‍ड पेल दिया तब धारा ने मेरा लण्‍ड मुँह के बाहर फेंक दिया। इसके बाद धारा ने मेरा मुठ मार कर दुबारा मेरा पानी बाहर निकाला। नहाने बाद हम दोनों ने कपड़े पहने।

धारा किचन से दो कप काफी बना कर लायी। हम दोनों ने साथ चाय पी। बाहर बारिश थम चुकी थी। धारा ने मुझसे फिर मिलने का वायदा करके विदा ली।

उस रोज की बरसात के बाद से और भी कई बार मैंने अपनी धारा के प्‍यासे बदन का लुत्‍फ उठाया वह सब बाद में।
आप सबको कैसी लगी मेरी साली सेक्स की कहानी?

No Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

मेरी बड़ी साली गुलाबी चूत वाली
Jija Sali Sex Story
मेरी बड़ी साली गुलाबी चूत वाली-Jija Sali Sex Story

मेरे बीवी की बड़ी बहन यानि मेरी बड़ी साली का नाम कविता है, उसके पति संदीप जी दुबई में हैं, चार साल में कभी ही घर आते हैं। मेरी बड़ी साली को अभी कोई बच्चा नहीं था उनकी शादी को तब चार साल ही हुए थे लेकिन संदीप जी शादी …

जीजा ने मोटे लंड से चूत की सील तोड़ी
Jija Sali Sex Story
जीजा ने मोटे लंड से चूत की सील तोड़ी-Jija Sali Sex Story

मैं नंदिनी भागलपुर में रहती हूँ मेरी उम्र 25 साल की है मै एक जवान खूबसूरत कमसिन कली हूँ मेरी बॉडीकी साइज 36,32,38 है मैं देखने में अत्यधिक सुन्दर मॉडर्न लड़की हूँ मै बहुत ही हॉट लगती हूँ मेरी चूंचियां तो बहुत की आकर्षक हैं मेरी चूंचियां संतरे जैसी हैं …

साली की प्यास जीजा ने बुझाई
Jija Sali Sex Story
साली की प्यास जीजा ने बुझाई-Jija Sali Sex Story

हैलो दोस्तों मेरी सेक्स कहानी पर आने के लिए धन्यवाद! प्यार की चाहत वो कर सकती है जिसकी कोई कल्पना भी न करे मेरी शादी एक बहुत ही सुन्दर लड़की से हुई लेकिन शादी के एक साल बाद ही एक दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई। मेरी एक ही साली …