शादी के बाद बॉयफ्रेंड के लंड के मजे

हैलो फ्रेंड्स, मैं जैस्मिन एक बार फिर से उपस्थित हूँ अपनी नई सेक्स कहानी के साथ. मेरी उम्र 25 साल है, नवम्बर में ही मेरी शादी हुई है, मेरे पति अमेरिकन हैं. शादी के बाद ही मैं अमेरिका चली गई थी।

अब मैं मुख्य घटना पर आती हूँ, मेरी शादी को 20 दिन ही हुए थे और हम दोनों हर रात चुदाई का मज़ा भी ले रहे थे उसी समय मेरे पति को सर्दी और बुखार हो गया, इस वजह से उन्होंने और मैंने सेक्स से थोड़ा दूरी बना ली. पर उनकी तबियत थोड़ी और बिगड़ गई।

लगभग एक महीने में उनकी तबियत ठीक हुई, पर बुखार की वजह से उनमें थोड़ी कमजोरी आ गई थी. हालांकि इस दौरान इन्होंने काम पर जाना बन्द नहीं किया था क्योंकि वो भी बहुत जरूरी है।

इधर दो महीने से हम दोनों ने भी सेक्स नहीं किया था मैं भी सेक्स के लिए बहुत तड़प रही थी और मेरे हस्बैंड भी. लेकिन अभी पूरी तरह से स्वास्थ्य ठीक न हो पाने के कारण हम दोनों ने अभी सेक्स करना ठीक नहीं समझा।

इस तरह कुछ दिन और निकल गए, अब मुझे भी अपने देश वापस आना था पर कुछ डाक्यूमेंट्स की प्रॉब्लम हो गई थी, इसलिए वापस आने में समय लग गया जब डाक्यूमेंट्स प्रॉब्लम सॉल्व हो गई तो उसके बाद मैं इंडिया आ गई।

अभी कुछ ही दिन पहले मैं इंडिया आई हूँ और सबसे पहले मैं अपने पेरेंट्स के पास आई, जहाँ वो रहते हैं।

कुछ दिन बाद मेरे दूसरे घर जहाँ मैं रहती हूँ, वहां गई. घर पर पहुँचते ही मुझे मेरी किरायदार मिली, जो अकेले ही रहती हैं वो उस वक्त कहीं पर जा रही थी।

शादी के बाद बॉयफ्रेंड के लंड के मजे

Mami Ki Chudai

उसके बाद मैंने कुछ देर रेस्ट किया और रात सतपाल के पास गई पंकज भी उनके साथ ही बैठे थे उन्हें देखते ही मेरे पूरे बदन में आग लग गई, पर खुद को मैंने सम्भाला. सतपाल भी बहुत हट्टे कट्टे दिख रहे थे मुझे भी चुदाई की इच्छा हो रही थी मैंने उनसे चुदाई की बात भी की, पर उन्होंने अगले दिन बताया कि वो 4-5 दिन के लिए गोवा जा रहे हैं, पंकज का कोई काम है।

मैंने भी साथ चलने के लिए थोड़ी ज़िद की और थोड़ा मनाया भी, उन्होंने भी हाँ कह दिया पंकज ने जल्दी ही फोन लगाकर तैयार होने के लिए बोल दिया उन्हें कोई जल्दी वाला काम था।

मैंने सामान की पैकिंग तो कर ली थी, उसके बाद हम घर से गोवा के लिए चल दिए हमें शाम को ट्रेन से जाना था तो हमने खाने का पूरा बंदोबस्त कर रखा था ट्रेन में कुछ देर बाद टीसी भी आ गया, टिकट देखने के बाद टीसी चला गया और पंकज और सतपाल थकान की वजह से जल्दी सो गए।

मैं भी सतपाल के ऊपर ही सो गई क्योंकि मेरा लगाव भी सतपाल से भी ज्यादा है लेकिन बर्थ छोटी थी, जिस वजह से सतपाल को थोड़ी सी समस्या हो रही थी पंकज ऊपर की बर्थ पर सो रहा था, जो मुझे मिली थी, क्योंकि और कोई भी आने वाला नहीं था तो नीचे की बर्थ मैंने ले ली पर मुझे अभी नींद नहीं आ रही थी और सतपाल भी मेरी टी-शर्ट को ऊपर करके मेरी नंगी पीठ को सहला रहे थे पता नहीं कब सतपाल को नींद आ गई, जब वो सो गए तो मैं भी मेरी बर्थ पर जाकर सो गई।

सुबह जल्दी ही हमारी नींद खुल गई, जब हम गोवा पहुंचे, उस समय सुबह के 8 बज रहे थे सबसे पहले हम रूम पर पहुंचे जो पंकज के ही दोस्त का था और जहाँ मैं पहले भी बहुत बार आई हूँ और चुदी भी हूँ।

फ्रेश होने, नहाने और नाश्ता करने के बाद हम तीनों ही पंकज के काम के लिए निकल पड़े पंकज का काम होने के बाद होटल में हम खाना खाने के लिए रुके. खाना खाने के बाद हम तीनों फिर से रूम में पहुंचे पर सुबह उठने से लेकर ही मुझे तो सिर्फ चुदाई की ही याद आ रही थी, पता नहीं ये दोनों मेरी चुदाई कब करेंगे।

जैसे ही हम रूम में पहुँचे मैं कपड़े बदलने लगी, जब कपड़े बदल लिए तो उन्होंने मुझसे दरवाजा लगाने के लिए बोला जैसे ही मैं दरवाजा लगाकर आई तो तुरन्त ही सतपाल ने मुझे कसकर पकड़ा और किस करने लगे।

मैं यह हमला सम्भाल नहीं पाई, तभी पंकज ने भी मेरी लोअर और पेंटी नीचे कर मेरी गांड को चाटना शुरू कर दिया।

कुछ देर बाद मैं भी नॉर्मल हो गई और मैंने खुद ही मेरी टी-शर्ट और ब्रा निकाल दी पंकज को, जो मेरी गांड को चाट रहा था उनको खड़ा किया और किस करने लगी इस दौरान मैंने सतपाल से अपनी चुदासी चूत चटवाई. मैं ये सब खड़े खड़े ही कर रही थी।

मैं कुछ देर में ही बहुत गर्म हो गई, तभी उन्होंने मुझे धक्का देकर बिस्तर पर लेटा दिया और दोनों मेरे मम्मों को चूसने लगे। तभी मैंने दोनों की टी-शर्ट को निकाल दिया और पेंट उन दोनों ने खुद ही निकाल दी।

उन दोनों के लंड को एक साथ मैंने हाथ में ले लिया. लगभग 4 महीने बाद उन दोनों के लंड को देखा और छुआ, जिससे मुझे एक अलग ही सुकून मिल रहा था।

पहले तो मैंने इन दोनों के लंड को चूमा और तुरन्त ही लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी क्योंकि मुझसे अब सब्र नहीं हो रहा था एक तरफ मैं दोनों के लंड चूस रही थी, तो दूसरी तरफ ये दोनों मेरे दोनों मम्मों को मसल रहे थे।

उन्होंने मेरे दोनों मम्मों मसल मसल कर एकदम लाल कर दिए. जब उनके लंड बिल्कुल सख्त हो गए तो उन्होंने खुद ही एक साथ मेरी चूत और गांड में लंड डाल दिया। सतपाल ने कहा- आज 4 महीनों की कमी एक बार में ही पूरी करेंगें।

मैं कुछ नहीं बोली और उन्होंने धक्के लगाने शुरू कर दिए दो महीने बाद मेरी चुदाई हो रही थी तो मेरी चूत और गांड भी थोड़ी सिकुड़ गई थी और थोड़ा दर्द भी हो रहा था, पर मज़ा भी बहुत आ रहा था।

मैं भी चुदाई का मजा लेते हुए सीत्कार कर रही थी- आह्ह्ह्ह आहह्ह्ह आहह्ह्ह चोदो मुझे और चोदो फाड़ दो मेरी चूत और गांड को चार महीने से तुम्हारे लंड की प्यासी हूँ आहह्ह्ह यईआह उह्ह्म्म्माआ।

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Bhai Behen ki Chudai

धीरे धीरे उन्होंने धक्के लगाने तेज कर दिए. तेज धक्कों के साथ मेरा दर्द भी बढ़ रहा था, तो मैंने पंकज के सीने को बिल्कुल मम्मों की तरह कसकर पकड़ लिया।

उसके मुँह से सीईईईईई की आवाज निकली तो उन्होंने और भी तेज मसलना शुरू कर दिया।

अब उसने भी तेज धक्के लगाना शुरू कर दिए. मेरा दर्द और मजा दोनों बढ़ रहे थे, पर दर्द होने की वजह से आँसू भी निकल रहे थे।

मैं इतनी गर्म हो चुकी थी कि थोड़ी देर में ही झड़ गई, मेरे झड़ते ही पंकज ने सतपाल से जगह बदलने के लिए बोला।

उन दोनों ने मेरी चूत से और गांड से लंड को बाहर निकाला और दोनों ने ही एक एक करके मेरे मुँह को चोदा पहले सतपाल ने मेरे मुँह को चोदा और उसके बाद पंकज ने अपना लंड मेरे मुँह में घुसेड़ दिया. पंकज का लंड मेरी चूत के रस से गीला हो रहा था तो उसके लंड को चूसने में अलग ही स्वाद आ रहा था, पर मज़ा भी आ रहा था।

कुछ देर बाद सतपाल ने अपने लंड को मेरी चूत में डाला और फिर पंकज ने गांड में पेल दिया। अब एक बार फिर से मेरी चूत और गांड एक साथ चुदने के लिए तैयार थी और दोनों ने ही धक्के लगाने शुरू कर दिए।

मैं एक बार फिर से सीत्कारने लगी- आह्ह्ह्ह आहह्ह्ह आआ आअह्हह्ह ह्ह चोद दो मेरी चूत मेरी दो महीनों की प्यास भी बुझा दो, बहुत तड़पी थी तुम दोनों के लंड के लिए आअह्ह्ह आहह्ह्ह।

तभी कुछ देर बाद सतपाल ने पंकज से धक्के बन्द करने के लिए कहा. पंकज ने भी वैसा ही किया. तभी सतपाल और पंकज ने मुझे कसकर पकड़ लिया और सतपाल अचानक तेज स्पीड से मेरी चूत को चोदने लगे।

मेरी जैसे ही दर्द से चीख निकली, पंकज ने तुरन्त मेरे मुँह को बन्द कर दिया, जिससे मेरी चीख ज्यादा नहीं निकल पाई।

कुछ देर ऐसे ही मुझे बहुत स्पीड के साथ चोदते रहे, बीच बीच में उनका लंड भी फिसला, पर उन्होंने फिर से मेरी चूत में डालकर मेरी चूत को चोदा।

जब तक मैं दूसरी बार नहीं झड़ी, तब तक सतपाल मुझे ऐसे ही चोदते रहे. बीच बीच में पंकज भी मेरी गांड को चोद रहा था।

जब मेरी चूत ने दूसरी बार पानी छोड़ा उसके बाद दोनों ने ही उनके लंड को बाहर निकाल लिया अब मुझे भी ठंडक मिल रही थी. उसके बाद सतपाल मेरी चूत को चाटने लगे, जो मेरी चूत से रस निकल रहा था, इन्होंने उसे भी चाट लिया।

पंकज मुझे किस करने लगा. पता नहीं क्यों जब भी सतपाल मेरी चूत को चाटते हैं, मुझे तो जैसे जन्नत मिल जाती है उनके चूत चाटने के साथ साथ मैं भी एक हाथ से पंकज के बदन को सहला रही थी और दूसरे हाथ से मेरी चूत को ऊपर से ही मसल रही थी. साथ ही ये दोनों मेरे एक एक चूचे को भी मसल रहे थे।

तभी पंकज ने मेरे हाथ से अपने लंड को अलग किया और मेरे जिस दूध को वो मसल रहा था, उसे पीना शुरू किया और फिर मुझे किस करने लगा।

तभी अचानक ही मेरी कमर अपने आप ऊपर हो गई और मेरी चूत ने पानी निकाल दिया मैं सिसकारी भी नहीं निकाल पाई क्योंकि पंकज ने मुझे और मेरे होंठों को उनके होंठों से अलग ही नहीं होने दिया मेरे झड़ने के बाद भी सतपाल मेरी चूत को चाटते रहे और फिर से मेरी चूत का पानी भी पी गए।

उसके बाद पंकज ने सतपाल को धक्का देकर अलग किया, यह देखकर मुझे हँसी आ गई और सतपाल भी मुस्कुरा दिए। तभी मैंने सतपाल को मेरी तरफ खींचकर उन्हें किस करने लगी और पंकज से मेरी चूत को चटवाने लगी।

पर पंकज मेरी चूत को चूसने और चाटने के साथ साथ अपनी उंगली से मेरी चुत को चोद भी रहा था पंकज भी आज मेरी चूत के साथ खेल ज्यादा रहा था। कुछ ही देर में मैं एक बार और झड़ गई और इस बार पंकज भी मेरी चूत का सारा रस पी गया दोनों ही चूत का रस आसानी से पी जाते हैं, ये उनके लिए कोई नई बात नहीं है।

तभी पंकज ने मेरी चूत को चाटना छोड़ दी और अपने लंड को मेरे हाथ में पकड़ा दिया. मैं उसके लंड को सहला रही थी। तभी मैंने सतपाल को भी, जो मुझे किस कर रहे थे, उन्हें अपने से अलग किया और उनके भी लंड को सहलाने लगी।

उन दोनों के लंड अभी आधे ही खड़े हुए थे तो मैं उनके लंड को बारी बारी मुँह में लेकर चूस रही थी। तभी पंकज मेरा मुँह पकड़ कर मेरा मुँह चोदने लगा. उसने अपने लंड से 20-25 धक्के लगाए होंगे कि अपना लंड मेरे मुँह से खींच लिया. इसके बाद सतपाल भी मेरे मुँह को चोदने लगे।

बहुत देर तक यह सिलसिला चलता रहा. पहले 20-25 धक्के लगाकर पंकज मेरे मुँह को चोदता, उसके बाद सतपाल 20-25 धक्के लगाकर मेरे मुँह को चोदने लगते।

बहुत देर तक उनके इस तरह चोदने से मेरा मुँह भी दुखने लगा मैंने उन्हें लंड को चूत में डालने के लिए कहा, तो उसके बाद वो फिर से मुझे गर्म करने में लग गए और 5 मिनट में ही मेरी चूत में और ज्यादा आग लगने लगी।

उसके बाद मैंने फिर से उनके कहने पर थोड़ी देर उनके लंड को चूसा. फिर उन्होंने भी देर नहीं की और पंकज ने मुझे उनकी गोदी में उठा कर अपने लंड को मेरी चूत में फंसाने लगा पर उसका लंड बार बार मेरी चूत से फिसल रहा था तो फिर मैंने ही उसके लंड को पकड़कर मेरी चूत में डाला और फिर धीरे धीरे पूरे लंड को अपनी चूत के अन्दर तक डाल लिया।

जब पंकज का लंड मेरी चूत के अन्दर पहुँच गया, उसके बाद सतपाल ने भी अपने मोटे लंड को मेरी गांड में अन्दर तक पेल दिया और अब दोनों मुझे पकड़कर मेरी चूत और गांड को चोदने लगे।

यह पहली बार था कि जब इस तरह से दो लंड मेरी चूत और गांड को चोद रहे थे इस पोजीशन में उनके पूरे लंड भी मेरी चूत और गांड में अन्दर तक जा रहे थे. मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था।

कभी वो दोनों मुझे उछाल उछाल कर मेरी चूत और गांड की चुदाई करते, तो कभी मुझे कसकर पकड़कर खुद धक्के लगा कर मेरे दोनों छेदों को ठोकते। अब मैं भी थोड़ी थक चुकी थी और थोड़ी ही देर में झड़ने वाली भी थी. कुछ पलों बाद मैं झड़ भी गई और मेरी पकड़ भी ढीली हो गई।

तभी पंकज ने सतपाल से कहा- मुझे भी तो इसकी गांड का मजा लेने दो, तुम अकेले ही इसकी गांड का मजा ले रहे हो जरा तुम भी इसकी चूत को छोड़ कर मजा ले लो. तभी मैंने भी कहा- हाँ पंकज सही बोल रहा है मेरी चूत भी तुम्हारे लंड की प्यासी हो रही है, प्लीज इसकी आप भी प्यास बुझा दो न।

सतपाल ने भी बिना कुछ बोले मुझे पंकज की गोद से उनकी गोद में ले लिया और उनके लंड को मेरी चूत में डाल दिया. मेरी चुत तो भरपूर गीली थी, इस वजह से उनका लंड आसानी से मेरी चूत में अन्दर तक चला गया।

वहीं पंकज ने अपने लंड को मेरी गांड के छेद पर लगाते ही दो करारे धक्कों में मेरी गांड में पूरा उतार दिया. उसका लंड मेरी चूत के रस से गीला होने की वजह से इतनी जल्दी मेरी गांड की दीवार को चीरता हुआ अन्दर तक पहुंच गया कि मुझे समझ ही नहीं आया बस यूं लगा कि कोई गरम सरिया मेरी गांड को चीरता हुआ अन्दर घुसता चला गया. मैं भी दर्द से चीखने ही वाली थी कि सतपाल ने मुझे किस करना शुरू कर दिया और धीरे धीरे धक्के लगाने भी शुरू कर दिए।

इस बार दोनों लंड मेरी चूत और गांड में थे, पर जब एक मेरी चूत में धक्का लगाता, तब दूसरा रुक जाता और उसके बाद दूसरा लंड धक्का मेरी गांड में लगाता फिर कुछ देर बाद दोनों एक साथ ही धक्का लगा देते. मेरे सुख की सीमा नहीं थी।

अब मैं बहुत ज्यादा थक चुकी थी और मेरी पकड़ लगभग ढीली ही हो चुकी थी, पर पंकज और सतपाल ने मुझे कसकर पकड़ रखा था।

जब मैं एक बार और झड़ी, तब मैंने सतपाल और पंकज दोनों से उनके रस को बाहर निकालने के लिए बोली, पर उन्होंने ध्यान नहीं दिया और बिना लंड को मेरी चूत और गांड से बाहर निकाले, मुझे बेड पर ले गए. जैसे तैसे मुझे बेड पर लेटाकर फिर से मेरी चूत और गांड को चोदने लगे।

पर अब मुझे मजा कम और दर्द ज्यादा हो रहा था और उनसे छोड़ने के लिए बोल रही थी।

अचानक उन्होंने धक्के लगाने की स्पीड बहुत तेज कर दी और सतपाल ने पंकज से कहा कि वो अब अपना लंड निकालेंगे तो पंकज ने भी धक्के लगाना रोक दिया. सतपाल ने मुझे बिस्तर पर लेटाकर अपने लंड को निकाल कर मेरे मुँह में डाल दिया।

शादी के बाद बॉयफ्रेंड के लंड के मजे

Kamvali ki Chudai

जैसे ही उन्होंने लंड को मेरे मुँह में डाला, तुरन्त ही उन्होंने सारा रस मेरे मुँह में ही निकाल दिया. मैंने भी उनका सारा रस निगल लिया। तभी पंकज जो अपना वीर्य मेरे मम्मों पर गिराने को तैयार दिख रहा था, मैंने भी उसके लंड के रस को मुँह में निकालने के लिए कहा।

उसने भी मेरे मुँह में उनका वीर्य निकाल दिया वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगा तो मैंने भी उसे मुस्कुराते हुए उसके गाल पर एक हल्की सी चपत जड़ दी. फिर मैं गांड हिलाते हुए बाथरूम में चली गई। उसके कुछ देर बाद हमारी चुदाई का दूसरा राउंड शुरू हुआ यह खेल 4 दिन तक चला।

चार दिन तक तो उन्होंने मेरी चूत और गांड की तो चटनी बना कर रख दी एक दिन तो दोनों ने सिर्फ मेरी गांड चुदाई का ही मजा लिया इन 4 दिनों में पंकज ने भी उनका काम पूरा किया और मेरी चुदाई भी जमकर की।

उसके बाद हम घर पर आ गए. पर 4 दिन की चुदाई ने मेरी चूत और गांड की 2 महीने की प्यास नहीं बुझा पाई थी. अगले 3 दिन रेस्ट करने के बाद मेरी चूत में फिर से आग लगने लगी।

उसके बाद क्या हुआ मैं जल्द ही लिखूंगी. मेरी अगली चुदाई की कहानी का जरा सा इन्तजार कीजिए, आपकी राय, कमेंट्स मुझे मेल करें और प्लीज़ फ़ोटो, मोबाइल नम्बर, फेसबुक आईडी न मांगे।

By tharki

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