भाभी को दिया औलाद का सुख-Bhabhi ki Chudai

भाभी को दिया औलाद का सुख
Bhabhi ki Chudai

देवर भाभी की सेक्सी स्टोरी मेरी मौसेरे भाई की पत्नी के साथ सेक्स अनुभव की है भाई को एक साल के लिए विदेश जाना था तो मैं उनके घर रहा इसी बीच क्या हुआ नमस्ते दोस्तो मेरा नाम नवीन है यह मेरी पहली सेक्स कहानी है पर यह कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है अभी मैं एक बहुत ही बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी मैं काम करता हूं

यह देवर भाभी की सेक्सी स्टोरी उन दिनों की है जब मुझे बीटेक के लिए दिल्ली के एक आईआईटी कॉलेज में दाखिला मिल गया था मेरा एडमिशन कॉलेज में हो चुका था परन्तु अभी वहां जाने के लिए एक महीना का समय था उसी समय मेरे एक दोस्त ने मुझे sexstoryinhindi.in के बारे में बताया

पहले मैंने एक दो कहानी पढ़ीं, इन्हें पढ़ने के बाद मुझे आनन्द की अनुभूति हुई और मुझे इतना मजा आने लगा कि अब मैं रोज एक न एक सेक्स कहानी जरूर पढ़ता हूं इस देसी भाभी सेक्स कहानी में मैं आपको अपनी भाभी की चुदाई के बारे में बताना चाहता हूं कि मैंने भाभी के साथ किस तरह से चुदाई का मजा उठाया और उनके बांझ होने के दोष को खत्म किया

भाभी को दिया औलाद का सुख

चढ़ती जवानी मांगे लंड का पानी-Hindi Desi Chudai

उस समय मेरी उम्र इक्कीस साल थी मैं देखने में बड़ा ही हैंडसम था मेरे लंड की लंबाई काफी अच्छी थी और ये तीन इंच मोटा था मेरी बॉडी भी एथलेटिक थी सिक्स पैक्स ऐब्स भी थे मैं स्मार्ट भी था और अब भी हूँ पर मैं बहुत ही सीधा था इतना कि उस समय तक मैंने एक भी गर्ल फ्रेंड नहीं बनाई थी ऐसा नहीं था कि मैं बना नहीं पाया

पर जब भी कोई प्रपोज करती मैं मना कर देता क्योंकि मुझे पढ़ाई करनी होती थी sexstoryinhindi.in में सेक्स कहानी पढ़ने के बाद मेरा लड़कियों भाभियों की तरफ आकर्षण बढ़ने लगा था मेरी मौसी उत्तर प्रदेश के एक गांव में रहती हैं मौसा गांव के सरपंच हैं उनके दो लड़के हैं छोटे का नाम रवि है और बड़े का नाम राजू दोनों दिखने में ठीक-ठाक हैं

रवि भैया गांव के पास के शहर में आरटीओ में काम करते हैं और राजू भैया दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं राजू भैया की शादी अनीता भाभी से हुई उनकी शादी को चार साल हो गए थे पर उनके अभी तक एक भी बच्चा नहीं हुआ था जिस वजह से भाभी को अपनी सास से ताने सुनने पड़ते थे भईया और भाभी अभी दिल्ली में ही रहते हैं

मेरे दिल्ली जाने में एक महीने का समय था मैं फ्री था तो sexstoryinhindi.in पढ़ने में समय पास करने लगा सेक्स कहानियों को पढ़ते पढ़ते कब एक महीना निकल गया कुछ पता ही नहीं चला मैंने दिल्ली जाकर कॉलेज के हॉस्टल में ही रहने का सोचा था भैया ने तो बहुत कहा पर पापा ने कहा कि परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है आप लोगों फालतू में ही परेशान होना पड़ेगा

मैं हॉस्टल में रहने लगा एक दिन भैया का कॉल आया कि नवीन टाइम हो तो आज घर पर आ जाओ तुमसे कुछ बात करनी है मैंने जल्दी से गाड़ी उठाई और उनके घर पहुंच गया वहां भाभी ने गेट खोला मैं अपनी भाभी को पहली बार देख रहा था उन्हें देखते ही मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं क्या मस्त लग रही थीं भाभी ब्लू कलर की साड़ी ब्लैक ब्लाउज फिगर 34-30-36 का एकदम कयामत लग रही थीं

भाभी के चूचे ना ही बड़े ना ही छोटे तभी मेरे कानों में एक मीठी सी आवाज आई- भैया जी अन्दर तो आइए क्या यहीं खड़े रहेंगे मैं थोड़ा सा हिल गया और अपने आपको संभालते हुए बोला- हंहा हाह हां भाभी जी मैं अन्दर आया तो सामने भैया बैठे थे उन्होंने मुझसे बैठने को कहा और मेरे हालचाल पूछने लगे फिर इधर उधर की बातें होने लगीं और इसी सबमें दो घंटे बीत गए

फिर भैया को ध्यान आया कि जिस काम से उन्होंने मुझे बुलाया था वो तो बताना ही भूल गए भैया- अरे यार वो ये बताना था कि मेरा प्रमोशन हो गया है उनकी बात पूरी होती कि मैंने पहले ही उनको बधाई दे दी फिर वो बोले- लेकिन एक समस्या है मैंने बोला- वो क्या भैया- मुझे एक साल के लिए ट्रेनिंग के लिए यूएस जाना पड़ेगा और तुम्हारी भाभी यहां अकेली रह जाएगी

मैं- तो क्या हुआ आप भाभी को गांव भेज दो भैया- अरे वो ही तो तुम्हें पता है कि हमारे कोई बच्चा नहीं है इस कारण मां का स्वभाव अनीता के खिलाफ ही रहता है वो हमेशा इसको ताने मारती रहती हैं फिर अनीता भी जॉब भी छोड़ कर नहीं जाना चाहती मैं- तो मैं इसमें क्या कर सकता हूं मेरे लायक अगर कोई काम हो तो मैं जरूर कर दूंगा

भैया- अगर तुम्हें ऐतराज ना हो तो तुम यहीं रुक जाओ सिर्फ एक साल की ही तो बात है मेरे मन में तो एकदम उछाल सा आ गया पर संभलते हुए मैंने कहा- मैं एक बार पापा से पूछ लेता हूं भैया को बस मेरी यही बात पसंद थी कि मैं कोई भी काम बड़ों से पूछ कर ही करता हूं तो भैया बोले- वो मैंने पहले ही पूछ लिया उन्होंने कहा कि मैं शाम को नवीन को बोल दूंगा फिर मैंने तुमसे पूछना सही समझा

ये बात खत्म हुई और मैं कुछ देर बाद भैया के घर से हॉस्टल चला गया कुछ देर बाद पापा का फोन आते ही मैंने शाम को हॉस्टल से शिफ्ट कर लिया इधर एक कमरे में मैंने अपना सारा सामान सैट कर लिया भैया का घर बहुत ही बड़ा था ये चार कमरों का मकान था मेरा कमरा ऊपर वाली फ्लोर पर था वहां सिर्फ एक बेडरूम था बहुत ही शानदार घर था सामान सैट करते करते रात हो गई

मैं नीचे खाना खाने आया भाभी खाना बना रही थीं और भैया सामान पैक कर रहे थे मैं- भैया कब जाना है भैया- कल सुबह की फ्लाइट है फिर सभी ने खाना खाया और सोने चले गए मेरी नींद करीब एक बजे रात को खुली मैं पानी पीने नीचे किचन में गया तो भैया के रूम से लड़ने की आवाज सुनाई दी मैंने ध्यान भी दिया पर किचन से कुछ सुनाई नहीं दे रहा था

मैं उनके कमरे के दरवाजे से कान लगा कर सुनने लगा कि क्या चल रहा है भाभी- क्या जरूरत ऐसी नौकरी की वैसे ही तो एक महीने में एक बार कर पाते हैं ऊपर से अब एक साल मेरी तो किस्मत ही फूटी है मुझे पापा की बात मान लेनी चाहिए थी कम से कम ऐसा मरियल लंड तो नहीं मिलता भैया- ज्यादा गर्मी है तेरे अन्दर तो कोठा खोल ले

भाभी- तुमसे प्यार करके गलती कर दी ये कह कर भाभी रोने लगीं भैया उन्हें मनाने लगे मैं वापस अपने कमरे में आ गया और भाभी के बारे में सोच सोच कर मुठ मारने लगा फिर सो गया सुबह जब मेरी नींद खुली तब सुबह के दस बज चुके थे आज संडे था इसलिए मुझे कोई चिंता नहीं थी फिर याद आया कि आज तो भैया जाने वाले हैं तो मैं भाग कर नीचे आया तो मालूम हुआ कि भैया जा चुके थे

भाभी- नाश्ता कर लो नवीन जैसे ही मेरी नजर भाभी पर गई तो मैं फिर से गर्मा गया भाभी ने ब्लू जींस और व्हाइट शर्ट पहनी थी वो एकदम ऐसी हॉट माल लग रही थीं जैसे दिशा पाटनी सामने खड़ी हो मैं- हां भाभी भूख तो बहुत जोर से लगी है भाभी ने दो प्लेट में नाश्ता लगाया और हम दोनों नाश्ते के लिए बैठ गए अब भाभी बिल्कुल मेरे सामने वाली कुर्सी पर बैठी थी

मैंने पहली बार इतने करीब से उन्हें देखा था मैं तो बस उनके तने हुए चूचे देख रहा था भाभी नाश्ता करने में लगी हुई थीं जैसे ही उन्होंने मेरी तरफ देखा तो पूछने लगीं- कुछ चाहिए मैं- नन ना ना कुछ नहीं मेरी आवाज दब सी गई वो समझ गईं कि मैं क्या देख रहा हूं पर उन्होंने कुछ नहीं कहा यहां मेरा लंड उफान ले रहा था मैंने लंड को हाथों से दबाया पर वो मेरा लंड था ऐसे मानने वाला नहीं था

मैं भाभी से इधर उधर की बातें करने लगा मैंने जानबूझ कर कहा- भाभी भैया का तो प्रमोशन हुआ है फिर भी आप दोनों लड़ रहे थे भाभी- तुम्हें कैसे पता मैं- रात में मैं पानी पीने के लिए नीचे आया तो पता चला कि आप दोनों लड़ रहे थे भाभी ने चौंकते हुए कहा- त त तो क्या तुमने सारी बातें सुन लीं मैंने जानबूझ कर कहा- हां

भाभी हाथ जोड़कर कहने लगीं कि ये सब किसी को बताना मत प्लीज़ नहीं तो सब जगह मेरी बेइज्जती हो जाएगी मैं- पर ऐसा क्या हुआ जो आपको बच्चा नहीं हुआ भाभी को शायद इतनी जल्दी मुझसे ऐसे सवाल की उम्मीद नहीं थी वो जवाब देने की जगह रोने लगीं मैं उनको चुप कराने के लिए उनके पास आ गया और उन्हें चुप करने लगा मैंने पूछा- दिक्कत क्या है भाभी

भाभी- तुम्हारे भैया का स्पर्म काउंट कम है फिर उन्होंने मुझे रिपोर्ट लाकर दिखाई और बोलीं- इसी कारण मैं उनसे लड़ रही थी पर मैंने तुम्हारे भैया को इसके बारे में अब तक नहीं बताया है मुझे मेरा तीर निशाने पर लगता हुआ दिखाई दे रहा था मैंने ज्यादा देर ना करते हुए एक और तीर छोड़ा मैं- भाभी आप कह रही थीं कि महीने मैं एक दो बार आप ऐसा ही कुछ बोल रही थीं शायद

भाभी- तो तुमने वो भी सुन लिया मैं- हां पर मैं किसी को भी नहीं बताऊंगा आप मुझ पर भरोसा कर सकती हैं आप मुझे साफ साफ बताएं कि क्या हुआ शायद मैं आपकी मदद कर पाऊं भाभी- व व वो तुम्हारे भैया का छोटा है और पतला है इस वजह से हमें कोई बच्चा नहीं है फिर रिपोर्ट तुमने देख ही ली है मैं- पर भाभी टेस्ट ट्यूब बेबी भी तो कर सकते हैं न

भाभी को दिया औलाद का सुख

कुंवारी कामवाली की चूत में लंड-Kamvali ki Chudai

भाभी- हां पर स्पर्म डोनेट कौन करेगा अगर किसी को पता चला तो तुम्हारे भैया की बदनामी होगी अब मैंने डरते हुए कहा- भाभी एक रास्ता है अगर कोई भरोसे वाला आदमी या आपका दोस्त हो तो वो ट्राई करके देख सकती हो भाभी लगभग चिल्लाती हुई बोलीं- पागल है क्या तुम मेरे बारे में ऐसा सोच भी कैसे सकते हो वे खड़ी हुईं और सीधा कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लिया

मैं बहुत डर गया और अपने रूम में जाकर लेट गया मैं सोचने लगा कि अगर भैया को भाभी ने ये सब बता दिया तो या मेरी मां को बता दिया तो क्या होगा फिर कुछ देर बाद न जाने कैसे मेरा हाथ मेरे लंड पर आ गया और मैं एक बार को सब भूल गया कि भाभी के साथ मेरी क्या गड़बड़ हुई थी अगले ही पल मेरा लंड भाभी की उठी हुई चूचियों और भरी हुई गांड याद करके तन्ना गया 

हाथ लंड पर चलने लगा और कुछ ही मिनट में लंड ने पानी छोड़ दिया वीर्य स्खलन के बाद एकदम से थकान हो गई और मेरी आंखें मुंदती चली गईं मुझे गहरी नींद आ गई सीधा शाम को मेरी आंख तब खुली जब कोई दरवाजा खटखटा रहा था मैंने जैसे ही गेट खोला तो सामने भाभी थीं मैं- भाभी सुबह वाली बात के लिए क्षमा कर दो आगे से नहीं होगा

भाभी- ऐसी कोई बात नहीं है माफी तो मुझे मांगनी चाहिए थी मैं फालतू में ही आप पर गुस्सा हो गई मैं चुप रहा भाभी- वो सब ठीक है चलो डिनर कर लो रात हो गई मैंने जैसे ही टाइम देखा तो आठ बज रहे थे आठ बजे का समय देखा तो मैं एकदम से चौंक कर बोला- अरे इतना समय हो गया मुझे होश ही नहीं रहा भाभी हंसने लगीं और बोलीं- ज्यादा थकान से गहरी नींद आ गई होगी

मैं भाभी की तरफ देखने लगा मुझे समझ नहीं आया कि मुझे थकान हो गई थी ये भाभी को कैसे पता चला कहीं भाभी ने मुझे मुठ मारते हुए देख तो नहीं लिया था भाभी से बात होने के बाद मैंने सर झटकाया और डाइनिंग टेबल पर आ गया जब भाभी ने खाना लगाया और हम दोनों खाने लगे भाभी- मैंने उस बारे में काफी सोचा मैंने जानबूझ कर पूछा- किस बारे में

भाभी ने शर्माते हुए कहा- अरे उसी बारे में मैं तुम्हारे भैया को धोखा तो नहीं दे सकती अगर किसी को पता चल गया तो और भी ज्यादा दिक्कत होगी और इज्ज़त का क्या होगा मैं- अगर ऐसा नहीं किया तो वैसे भी उनकी इज्जत जानी है कोई भरोसे वाला नहीं है क्या मैंने ऐसा जानबूझ कर कहा पर भाभी पहले से ही शायद सब सोच कर आई थीं भाभी- है तो पर वो मानेगा क्या

मैं थोड़ा दुःखी होते हुए बोला- कौन है वो भाग्यशाली भाभी- तुम ये सुन कर पहले तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ मैं- भाभी फिर से बोलना कुछ सुनाई सा नहीं दिया भाभी हंस कर बोलीं- हां तुम मैं मन में खुशी के मारे उछल गया अपने लिए ये सुनते ही मेरा लंड खड़ा हो गया मैं- सच में भाभी मैं आपके काम में आ सकता हूँ क्या भाभी- हां यहां पर तुम्हारे सिवा कोई नहीं है 

वैसे भी तुम एक साल यहां पर रुकने वाले हो तो मैंने सोचा तुम ही सही हो मैं अपने आपको संभालते हुए धीमे से बोला- टेस्टट्यूब वाला या सादा भाभी ने आंख दबाई और खुल कर बोलीं- पहले तो टेस्टट्यूब का सोचा पर तुम्हारा तम्बू देख कर मन बदल लिया जब भाभी ने ये कहा तो मेरा कौर हाथ में ही रह गया और मैं उनकी तरफ देखने लगा भाभी ने मादक अंगड़ाई ली और फिर से आंख दबा दी

अब मैं सीधा उठा और मैंने भाभी के करीब चला गया भाभी मुझे अपने करीब देख कर मुस्कुरा दीं मैंने उनके मुँह को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी तरफ किया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर जोरदार किस करने लगा भाभी भी मेरा साथ देने लगीं पांच मिनट तक हमारा किस चलता रहा तभी भाभी को एकाएक होश आया वो मुझे हटा कर बोलीं- पहले खाना तो खा लो प्यारे देवर जी

मैंने कहा- मेरा पेट तो अब बाद में भरेगा चलिए पहले आपका पेट भर दूँ भाभी हंसी और बोलीं- तुम्हारे मुँह में किशमिश मैंने कहा- हां अब तो मेरे मुँह में तीनों किशमिश होंगी भाभी हंसी और बोलीं- तीनों कैसे दो ही तो होती हैं मैंने समझ लिया कि भाभी अपनी चुचियों के निप्पल को किशमिश कर रही हैं मैंने कहा- चलो बताता हूँ कि तीसरी किशमिश किधर होती है

भाभी को मेरी बात से एकदम से ख्याल आ गया और वो खिलखिला कर हंस पड़ीं मैंने कहा- आ गया समझ में भाभी बोलीं- बड़े बदमाश हो मेरी नीचे वाली किशमिश तक भी पहुंच गए मैंने कहा- मैं बदमाश नहीं हूँ भाभी आपका प्यारा सा देवर हूँ ये कह कर मैंने भाभी को गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया मैंने भाभी को चूमा और बिस्तर पर पटक दिया फिर अपनी टी-शर्ट जैसे ही उतारी

भाभी- वाओ तुम्हारे तो सिक्स पैक्स एब्स हैं मैं- मेरे तो वहां भी सिक्स पैक्स एब्स हैं भाभी ये सुन कर वो जल्दी से उठीं और मेरा लोवर उतार कर सीधा लंड पकड़ लिया पहले तो कुछ समय तक भाभी लंड को देखती रहीं फिर बोलीं- इतना बड़ा लौड़ा ये कह कर भाभी ने मुँह में लंड ले लिया यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था तो मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं मेरी आंखें बंद हो गईं

वो मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थीं कभी पूरा का पूरा लंड मुँह में ले लेतीं तो कभी सुपारे पर जीभ फेरने लगतीं मैं तो बस आंखें बंद करके आनन्द ले रहा था भाभी का मुँह इतना गर्म था कि मेरा लंड उनका मुख चोदन करने लगा मैं उनके बाल पकड़ कर आगे पीछे करने लगा पता ही नहीं चला कि मेरी गति कब बढ़ गई कुछ देर झटके देते ही मेरा वीर्य उनके मुँह में निकल गया उनका पूरा मुँह भर गया

भाभी ने मेरा वीर्य पी लिया और लंड चाट कर साफ कर दिया अब मेरा लंड मुरझा चुका था भाभी बोलीं- देखो तुम्हारा मुरझा गया है फिर भी 4 इंच का है इतना तो तुम्हारे भैया का खड़ा होकर होता था वो भी बिल्कुल पतला सा मैं- भाभी आज तो स्वर्ग की अनुभूति करवा दी आपने वैसे ये ग़लत है कि मैं पूरा नंगा हूँ और आप अभी तक कपड़ों में हैं भाभी- लो तो तुम्हीं उतार लो मैंने कहां रोका है

वो सीधी होकर बिस्तर पर लेट गईं मैंने जल्दी से भाभी की शर्ट को उनके बदन से अलग कर दिया उन्होंने अन्दर ब्लैक कलर की ब्रा पहनी थी ब्रा में छुपे भाभी के दोनों चूचे मानो अन्दर से बाहर आने को तरस रहे थे मैं चूचों को ब्रा के ऊपर से ही दबा रहा था और ब्रा को नीचे सरकाकर उन्हें एकटक देखने लगा बिल्कुल रसीले आमों की तरह थे ना ही बड़े ना ही छोटे बिल्कुल नई नवेली दुल्हन की तरह थे जैसे आम अभी पके ना हों

मैंने जैसे उनके नंगे चूचे दबाया तो एक अलग ही आनन्द की अनुभूति हुई बस फिर क्या था मैं भूखे भेड़िए की तरह टूट पड़ा कभी एक दूध चूसता तो दूसरे को दबाता कभी दूसरे को चूसता और पहले को दबाता आगे का तो जैसे मैं भूल ही गया कि इसके आगे भी कुछ करना है भाभी भी बड़े प्यार से मुझे अपने दूध चुसवा रही थीं

उनका एक हाथ मेरे सर पर जमा हुआ था और दूसरे हाथ की दो उंगलियों से भाभी मुझे अपना निप्पल पकड़ कर चुसा रही थीं मैं भी निप्पल को खींच खींच कर चूस रहा था भाभी के कंठ से मीठी आहें और कराहें निकल रही थीं- आं आंह पी लो मेरी पूरी चूची खा लो देवर जी आह आज पहली बार मुझे ये सुख मिल रहा है तुम्हारे भैया ने तो कभी मेरे बूब का स्वाद लिया ही नहीं है आह काटो मत मेरी जान चूसो आंह आह

भाभी के दोनों दूध चूसते चूसते मेरा लंड तन कर सलामी देने लगा था और भाभी की चूचियां एकदम लाल पड़ गई थीं अब शायद उन्हें दर्द भी होने लगा था भाभी थोड़ा कराह कर बोलीं- देवर जी इनको खाने का इरादा है क्या दर्द हो रहा है मैं- भाभी अभी तो पता नहीं कहां कहां दर्द होगा भाभी- क्या मैं अभी भी भाभी हूं मैं- सॉरी जानेमन अब से जानू ठीक है मगर अब तुम भी देवर न बोलो मेरी जान

भाभी- ठीक है मेरे राजा फिर भाभी की टाइट जींस को मैंने एक झटके में उतार फैंका उनकी पतली सी बिल्कुल सफेद दूध से भी साफ कमर पर काले रंग की पैंटी थी भाभी के शरीर पर एक डोरी वाली पैंटी ही बची थी उसको भी मैंने उंगली में फंसा कर अलग कर दिया जैसे ही अलग किया प्यारी सी छोटी सी गुलाबी गुलाबी चूत के दर्शन हो गए

पहले तो मैंने चुत पर हाथ फेरा फिर उंगली चूत के छेद पर रख कर उसे अन्दर डाल दिया जैसे ही उंगली अन्दर डाली भाभी थोड़ा काम्प सी गईं मैं उंगली से भाभी की चूत का जायजा लेने लगा भाभी ने कसमसाते हुए कहा- आह मेरे राजा तुम्हारी तो उंगली ही मेरे लिए मोटी है मैंने कहा- अभी सब ठीक हो जाएगा जानू मेरी उंगली लौड़ा सब कुछ चुत खा जाएगी 

इसके बाद जब तुम्हारे खेत में मैं बीज बोऊंगा न तो नौ महीने बाद फसल भी इसी छेद से निकलेगी भाभी खुश हो गईं और बोलीं- जान यदि ऐसा हो गया तो मैं सच में तुम्हारी बड़ी आभारी होऊंगी मैंने कल रात तुम्हारे भैया से बड़ी मुश्किल में दो बार चुदवाया था कि अब साल भर तक चुत में कुछ नहीं जा सकेगा और उन्होंने भी मेरे अन्दर अपना रस टपकाते हुए कहा था कि भगवान ने चाहा तो इस बार तुम्हारी कोख जरूर भर जाएगी

ये सुनकर मैंने कहा- जानू इस बार जब तुम्हारी माहवारी कुछ संकेत दे तो उसी समय तुम भैया को खुशखबरी दे देना कि उनकी मेहनत सफल हो गई ताकि तुम्हारा सम्मान बना रहे और तुम मां भी बन जाओ भाभी बच्चे की मां बन जाने की बात सुनकर एकदम खुश हो गईं और मुझे चूमने लगीं मैंने किस के बाद कहा- जानू इस बार तुमने मुँह में किशमिश वाली बात नहीं कही

भाभी हंस दीं और बोलीं- दो किशमिश का मजा तो ले ही चुके हो अब तीसरी का मजा भी ले लो मैंने ये सुनते ही उनकी टांगें खोल दीं और उनकी रस की बूंदों से चमचमाती चुत पर अपना मुँह लगा दिया भाभी की आंह निकल गई- आंह मर गई रे आह मेरी जान चूस लो इस निगोड़ी को साली बहुत खुजलाती है मैंने भाभी की क्लिट को अपने होंठों में दबा कर खींचने लगा और भाभी की आहें जोर से निकलने लगीं

दो मिनट में ही भाभी की गांड ऊपर उठने लगी और उनके दोनों हाथों ने मेरे सर को अपनी चुत पर दबा लिया कुछ ही क्षण में भाभी का बदन ऐंठने लगा और उनकी चुत ने रोना शुरू कर दिया चुत रस भलभल करके रिसने लगा और भाभी ने अपने हाथों की मुट्ठियों से चादर को भींच लिया मैं भाभी की चुत से टपकते रस को चाटने लगा और उनकी चुत को चाट चूस कर साफ़ कर दिया

कुछ समय के लिए हम दोनों निढाल होकर लेट गए मेरे अन्दर अभी भी जोश था और मैं भाभी के एक दूध में मुँह लगाए उसे चुसक रहा था भाभी मेरा सर सहला रही थीं- जान आज तुमने मुझे बिना चोदे इतना मजा दे दिया उतना तो मैं दस बार चुद कर भी नहीं ले सकती थी मैंने कहा- जानू अभी तो खेल शुरू हुआ है जब मैं तुम्हें चोदूंगा तब बताना कि कैसा लगा

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पढ़ाकू लड़की को मालिश करते हुए चोदा-Hindi Sex Story

इसी तरह की बातों में हमारे बीस मिनट पास हो गए थे अब मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और अपने खड़े लंड को भाभी की चुत पर रगड़ने लगा भाभी भी अपनी दोनों टांगें खोल कर अपनी चुत की फांकों में मेरे लंड का सुपारा घिसवा कर मजा लेने लगीं मैंने कुछ देर बाद भाभी से कहा- अब मैं अन्दर डाल दूँ या अभी रुकना है भाभी बोलीं- डाल दो ना मेरी चुत में चींटियां रेंग रही हैं

मैंने सुपारा चुत की फांकों में सैट किया और हल्का सा दाब दे दिया मेरा एक चौथाई लंड भाभी की चुत को चीर कर अन्दर घुस गया भाभी की चीख निकल गई- आं आंह मर गई जान मेरी फट जाएगी आंह धीरे करो मैं धीरे धीरे भाभी की चुत को भोसड़ा बनाता गया और मेरा पूरा लंड चुत में पेवस्त हो गया कुछ मिनट तक भाभी को बेहद दर्द हुआ फिर चुदाई का मजा आना शुरू हो गया

मैंने भाभी को हचक कर चोदा और बीस मिनट बाद अपना लंडरस उनकी चुत में छोड़ दिया उस रात भाभी ने मुझसे तीन बाद चुदाई का मजा लिया फिर हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए करीब दस दिन तक ताबड़तोड़ चुदाई हुई और जब माहवारी का समय निकल गया तो भाभी बेहद खुश हो गईं

उन्होंने भैया को फोन पर मुबारकबाद दी कि उनको बच्चा ठहर गया है मैं भाभी के साथ उनके पति के जैसे रहने लगा और नौ महीने बाद भाभी ने एक सुंदर सी बेटी को जन्म दिया दोस्तो, ये मेरी देसी भाभी सेक्स कहानी थी आपको भाभी की और देवर की चुदाई कैसी लगी, प्लीज़ मेल और कमेंट जरूर करें

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