एक रात राजस्थान की मैडम की चूत के साथ-Hindi Sex Story
- By : Tharki
- Category : Hindi Sex Story
वन नाईट सेक्स विद फ्रेंड वो राजस्थान में एक अध्यापिका थी जो sexstoryinhindi.in पर मेरी कहानी पढ़कर मुझसे मिलने आई मैं उससे होटल में मिला और हमने मजेदार सेक्स किया।
नमस्कार दोस्तो मैं आपका अपना साथी संदीप सिंह हूँ मेरी उम्र 26 साल है मैं उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर का रहने वाला हूं और दिल्ली में जॉब करता था मैं अपनी शारीरिक बनावट की बात करूं।
तो मेरी हाईट 5 फुट 7 फीट है मेरे लंड का साइज़ काफी मस्त है ये करीब 7 इंच लम्बा और करीब 2.5 इंच मोटा है मेरा शरीर बिल्कुल फिट है. उसकी वजह ये है कि मैं प्रतिदिन एक्सरसाइज़ करता हूं।
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मेरी पिछली कहानी थी: मेरा लंड लेने को आतुर मेरी कमसिन स्टूडेंट मुझे उम्मीद है कि आप सब इसी तरह से मुझे अपना प्यार और मेरा साथ देते रहेंगे और मेरी कहानियों को पसंद करते रहेंगे।
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मैं अपनी एक और नयी हॉट लड़की की होटल चुदाई की कहानी के साथ हाजिर हूँ इस हॉट सेक्स विद फ्रेंड कहानी को पढ़कर आप मुट्ठ मारने के लिए मजबूर हो जाएंगे और सेक्सी चूतों में लंड लेने की प्यास बढ़ जाएगी।
मेरी कम्पनी ने मेरा तबादला मुम्बई जैसे बड़े शहर में कर दिया था. मुम्बई मेरे लिए नया शहर था मुम्बई में मेरा कोई दोस्त नहीं था मैं अपनी कम्पनी में काम करने वाले एक साथी लड़के के साथ रहने लगा लेकिन मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था।
इसलिए मैं एक महीने की छुट्टी लेकर अपने घर कानपुर आ गया उन्हीं दिनों मुझे अ. शर्मा के नाम से एक ईमेल आया उसने लिखा था कि मुझे आपकी सेक्स कहानी को पढ़ कर बहुत अच्छा लगा मैंने भी धन्यवाद लिख कर उसके मेल का रिप्लाई दे दिया।
थोड़ी देर बाद उसका मेल आया कि आपका नाम क्या है मैंने अपना नाम बताया और उसका नाम पूछा उसने अपना नाम अमानत शर्मा बताया मैंने पूछा कि आप कहां से हैं और क्या करती हैं उसने कहा कि वो राजस्थान से है और एक सरकारी स्कूल में अध्यापिका है।
हमारे बीच बातें होने लगीं उस दिन कुछ ऐसी बात जमी कि हम दोनों में रोज ही बातें चलने लगीं एक दिन उसने मुझे बताया कि वो शादीशुदा है और उसकी शादी को करीब 6 साल हो गए हैं उसके पति भी सरकारी विभाग में हैं।
हमारी बातें मेल से हैंगआउट पर आ गईं हम दोनों काफी बातें करने लगे करीब दस दिन बाद जब उसको मुझ पर भरोसा हुआ, तब अमानत ने मेरे साथ अपना मोबाइल नम्बर शेयर किया और फोटो भी भेजी वो फोटो में काफी अच्छी लग रही थी. वो खूबसूरत तो थी ही।
अमानत की उम्र करीब 28 साल की थी. उसके बूब्स 34 इंच के, कमर 28 की और 36 की गांड थी वो क़यामत माल लग रही थी. उसकी हाइट करीब 5 फुट 4 इंच के आस-पास की थी मैंने उसकी तारीफ की अब हमारी रोज रात में भी बातें होने लगीं।
एक दिन अमानत ने मुझे मिलने के लिए बोला तो मैंने अमानत को बताया कि मैं नहीं आ सकता हूँ उन दिनों मेरे घर पर काम चल रहा था मैंने अमानत को सब कुछ बताया अमानत ने कहा- ओके, तुम नहीं आ सकते हो तो मैं तो आ सकती हूँ मैंने कहा- हां ठीक है तुम आ जाओ।
वो आने को तैयार हो गई मैंने पूछा- होटल बुक कर दूँ अमानत ने कहा- नहीं मैं अपने हिसाब से बुक करूंगी दूसरे दिन अमानत का मैसेज आया कि मैं आज कानपुर पहुंच जाऊंगी तुम शाम को मुझे होटल में मिलने आ जाना।
मैंने कहा- ठीक है शाम को मिलता हूँ शाम को करीब 4 बजे अमानत का मैसेज आया कि वो कानपुर पहुंच गयी है मुझे पता चल गया कि अमानत से मिलने जाना है तो मैंने अपने घर में बता दिया कि दोस्त के घर में कुछ कार्यक्रम है, वहीं जाना है।
मैं जल्दी-जल्दी तैयारी करने लगा सर्दियों के मौसम में दिन बहुत छोटे होते हैं दिन कब ढल जाता है कुछ पता ही नहीं चलता लेकिन वो दिन काटे ही नहीं कट रहा था जैसे-तैसे दिन कटा और शाम हुई मैं घर से निकल गया।
मेरे घर से होटल तक का रास्ता करीब 45 मिनट का था सर्दियों के मौसम में बाइक चलाना बहुत मुश्किल है होटल पहुंचते पहुंचते मेरे हाथ पैर ठंडे हो गए मैंने बाइक को पार्किंग में लगाया और अमानत को फोन लगाकर उससे कमरा नम्बर पूछा।
उसने बता दिया मैं होटल के रिशेप्शन पर गया और उसके दिए गए कमरा नम्बर के बारे में पूछा रिशेप्शनिस्ट ने मेरा नाम पूछा और अमानत के कमरे में फोन लगा कर उससे पूछा उधर से हामी मिलते ही मुझे एक बंदे के साथ भेज दिया गया।
उस बंदे ने मुझे कमरा दिखाया और चला गया मैंने कमरे की घन्टी बजाई तो अन्दर से आवाज आई- कौन मैंने कहा- सन्दीप उसने तुरंत दरवाजा खोला मैं पहली बार अमानत को सामने से देख रहा था थोड़ी देर तक मैं उसे देखता रहा।
उसने हैलो बोला और मुझे अन्दर खींच लिया मेरे अन्दर आते ही उसने झट से दरवाजा बन्द कर दिया मैंने सामने से अमानत को देखा तो सेम वही फिगर था जो मैंने फोटो देख कर उसके बारे में आपको बताया था बस सामने से उसका दूधिया रंग और भरा हुआ बदन मुझे नशे में ले आया था।
मैं ठगा सा खड़ा उसे निहार रहा था राजस्थान की लड़कियां ऐसे भी लम्बी होती हैं उसका हल्का सा लम्बा चेहरा था और वो काफी अच्छी लग रही थी अमानत ने मुझे गले से लगाया उसके चूचे मेरे सीने में दब रहे थे जो मुझे रोमांचित कर रहे थे।
हटते ही उसने मेरे होंठों पर एक छोटा सा किस कर दिया और सोफे की तरफ इशारा करते हुए बैठ गयी मैं भी अमानत के करीब बैठ गया हम दोनों काफी देर तक एक दूसरे की आंखों में देखते रहे फिर धीरे से उसके हाथों को अपने हाथों में लेकर धीरे-धीरे सहलाने लगा।
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अमानत ने अपने सिर को मेरे कन्धे में रख लिया और बोली- कुछ पियोगे मैंने कहा- जानेमन, मैं तो पीने ही आया हूँ वो मेरी तरफ शरारती नजरों से देख कर मुस्कुराने लगी फिर उसने रूम सर्विस को फोन करके दो चाय मंगाईं कुछ ही देर में चाय आ गई और हम दोनों चाय पीते हुए बात करने लगे।
चाय पीने के बाद उसने अपनी सफेद जैकेट को उतारा और बेड से कम्बल लेकर मेरे गोद में सिर रख कर लेट गयी मैं बात करते हुए उसके बालों को धीरे-धीरे सहलाने लगा. मैं कभी-कभी उसके माथे पर किस कर देता धीरे-धीरे ऐसा ही चलता रहा, पता नहीं कब हम दोनों के होंठ आपस में जुड़ गए और एक दूसरे को चूमने चूसने लगे।
मैं उसके होंठों को चूसता हुआ उसके बालों को अहिस्ता अहिस्ता सहलाने लगा करीब दस मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे फिर हम दोनों अलग हुए देखा तो आठ बज रहे थे अमानत ने पूछा- खाना खाओगे मैंने कहा कि मैं तुम्हें खाऊंगा।
अमानत ने कहा- देखती हूँ कितना खाते हो हम दोनों हंसने लगे उसने दो प्लेट्स नॉनवेज आर्डर दिया मैंने पूछा- अमानत तुम नॉनवेज खाना पसंद करती हो उसने बताया कि हां जबसे मैं इस स्कूल में आयी हूँ तब से मैं अपने स्कूल की एक अध्यापिका से नॉनवेज खाना सीख गई।
वो केरल से हैं उन्होंने मुझे नॉनवेज खाना सिखाया और मुझे भी पसंद आ गया बस तभी से खाने लगी लेकिन मेरे यहां कोई भी नहीं खाता है यही सब बातें करते हुए मैंने अमानत को पीछे से अपनी बांहों में जकड़ लिया और गले में किस करने लगा।
अमानत ने भी खुद को मेरी बांहों में ढीला छोड़ दिया और मस्त होने लगी मैं कभी अमानत के गले में किस करता, कभी कान के नीचे किस करता, तो कभी पीठ पर फिर मैंने अपने हाथ को अमानत के पेट पर रखा और धीरे-धीरे पेट को सहलाने लगा वो मेरे हाथ को ऊपर ले जाने लगी।
मैंने अपने हाथ को बिंदास अमानत के मम्मों के ऊपर रखा और उन्हें सहलाने लगा साथ ही मैं उसके गले और कान में किस करता रहा फिर मैंने झटके से अमानत को अपने सामने किया और उसके गुलाबी होंठों पर अपने होंठों को लगा दिया अहिस्ता अहिस्ता मैं उसके होंठों का रस पीने लगा।
अमानत भी पूरी तरह से मेरे होंठों को चूसने लगी मैंने आराम से अमानत की टी-शर्ट को निकाल दिया और हाथों से बूब्स को ब्रा के ऊपर से सहलाने लगा कुछ पल बाद मैंने उसकी ब्रा को मम्मों से अलग कर दिया और उसके 34 इंच के मम्मों को मस्ती से सहलाने लगा एक को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे को मसलने लगा।
अमानत के मुँह से मादक सिसकारियां निकल रही थीं मेरा हाथ अहिस्ता अहिस्ता अमानत की जींस के अन्दर चूत को पैन्टी के ऊपर से सहलाने लगा मैं अमानत के पैन्टी के अन्दर हाथ चूत को सहलाने लगा उसकी चूत बिल्कुल साफ़ थी झांटों का कोई नामो निशान नहीं था।
चूत ऐसी चिकनी थी जैसे आज ही साफ सफाई की गई हो मैंने प्यार से अमानत की जींस और पैन्टी को उसकी टांगों से अलग कर दिया वो नंगी हो गई थी मैं उसके सामने बैठ कर उसकी चूत को चूसने लगा जैसे मैंने पहले भी कहा है कि मुझे चूत पीना बहुत पसन्द है।
तो अमानत की चिकनी चमेली सी चूत चाटने में मुझे मजा आने लगा था उधर अमानत को भी बेहद सुखद अनुभूति हो रही थी थोड़ी देर तक चूत चूसने के बाद मैं खड़ा हुआ और अमानत के होंठों को चूसने लगा अमानत ने किस करते हुए मेरे कपड़े उतार दिए और नीचे बैठ कर मेरे लंड को चूसने लगी।
अमानत लंड को काफी अच्छे से चूस रही थी मैं उसका सर पकड़ कर लंड को गले तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा था कुछ देर बाद मैंने उसे उठाया और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे अमानत को मैंने अपनी गोद में उठाया और ले जाकर बेड पर लिटा दिया।
उसके पैरों को हवा में उठा कर उसकी गुलाबी चूत को चूसने और सहलाने लगा कभी मैं उसकी चूत के दाने को चूसता और कभी होंठों से दबाकर खींच लेता अमानत जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी थोड़ी देर बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए।
मैंने अमानत को ऊपर करके उसकी चूत को मुँह में रख लिया और जीभ को अन्दर डालने लगा अमानत मेरे लंड को हाथ और मुँह में लेकर फैंटने लगी, कभी वो हाथ से करती, कभी मुँह में लेकर चूसने लगती मैं भी उसकी चूत के अन्दर जीभ डाल कर चोदने लगा।
काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के जिस्म को चूसते और सहलाते रहे मैंने अमानत से कहा- क्या मेरी चुदक्कड़ रानी अब मेरा लंड लेने के लिए तैयार है उसने कहा- हां मेरे चोदू राजा, फाड़ दे मेरी चूत को अपने लंड से मैंने दो तकिये अमानत की गांड के नीचे लगाए और दोनों पैरों को हवा में करके लंड को जैसे ही चूत में रगड़ा।
वो मेरा लंड लेने के लिए मचलने लगी अमानत की चूत चमक रही थी मैंने लंड को चूत में रखा और जोर से धक्का लगा दिया अमानत के आंखों में आंसू आ गए उसने उम्मीद नहीं की थी कि मैं इतनी जोर से धक्का लगाऊंगा मैंने धकापेल चुदाई शुरू कर दी।
अमानत भी कमर चला कर मेरा साथ देने लगी चुदाई का मजा तभी आता है, जब चुदने वाली और चोदने वाला दोनों साथ दें अमानत ने खूब अच्छे से चुदाई करवाई करीब 20 मिनट तक मैंने और अमानत ने अलग अलग पोजीशन में चुदाई का मजा लिया अमानत को गाली देकर चुदवाने में ज्यादा मजा आता था।
इतने समय में अमानत दो बार स्खलित हुई जब मेरा निकलाने को आया तो हमने पोजीशन को बदला और अमानत के पीछे से लंड को चूत में डाल कर चोदने लगा थोड़ी देर में मैंने पूरा वीर्य अमानत की चूत में डाल दिया काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के ऊपर उसी पोजीशन में लेटे रहे जब तक हम दोनों की सांसें सामान्य नहीं हो गईं।
थोड़ी देर बाद हम दोनों फ्रेश हुए और कुछ खाया फिर एक दूसरे से लिपट कर बात करने लगे उस मिलन में हम दोनों ने दो रात और दिन में कम से कम दस बार से ज्यादा चुदाई की मैंने अमानत को कानपुर भी घुमाया हम दोनों ने खूब सारी मस्ती भी की।
जिस दिन अमानत को कानपुर से जाना था तो मैंने उससे पूछा- तुम्हें कानपुर कैसा लगा वो बोली- तुम और तुम्हारा कानपुर बहुत अच्छा लगा एक चीज को छोड़ कर और वो है हवाई जहाज मेरे यहां से कानपुर के लिए सीधी कोई फ्लाइट नहीं है वरना जल्दी से उड़ कर आ जाती।
एक मादक चुम्बन के साथ हम दोनों अलग हुए और ये अहसास किया कि शायद भगवान की मर्जी हुई तो फिर मिलेंगे फिर वो अपनी दुनिया में चली गयी उसके बाद अमानत ने कभी मुझसे बात नहीं की और शायद न मेरे पास समय था क्योंकि मुझे भी माया नगरी रास आने लगी थी।
करीब एक साल बाद एक अनजान मेल से एक मेल मिला उसमें अमानत ने अपने बारे में लिखा था और साथ में एक फोटो भी थी मैंने फोटो को देखा तो उसमें एक प्यारी सी बच्ची की पिक थी बच्ची अमानत की तरह थी।
उसने पिक के नीचे लिखा था- पहचानो कि ये कौन है मैंने मेल का उत्तर दिया थोड़ी देर बाद एक फोन आया उसने जैसे ही हैलो बोला मैं उसकी आवाज को पहचान गया मैंने कहा- अमानत वो शान्त हो गयी, फिर धीमे से बोली- हां हमारी बात होने लगी।
वो कुछ संकोच कर रही थी ये शायद इतना समय बीत जाने के कारण हो रहा था तब भी हमारी काफी बात हुई उसने कहा- संदीप तुमने मेरे लिए इतना किया, उसके लिए थैंक्यू ये बच्ची हमारे प्यार की निशानी है और हमारे परिवार में ये पहली बच्ची है।
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आज तक मेरे ससुराल में कभी बेटी नहीं हुई. मेरी ससुराल में सभी बहुत खुश हैं और ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है मैंने कहा- मैं कुछ तो तुम्हारे काम आया वो बोली- तुमने मेरे लिए इतना किया है कि बस एक चीज तुम्हारे लिए करना चाहती हूँ, मना मत करना।
मैंने कहा- मुझे कुछ नहीं चाहिए बस तुम इसकी अच्छी सी परवरिश करना अमानत बोली- उसकी टेंशन मत लो. इस बच्ची के पास अपना खुद का बहुत पैसा और जायदाद है हमने उस दिन काफी देर तक बात की उसके बाद हमारी मेल से कभी कभी बात हो जाती है।
मैंने हम दोनों के बीच जो कुछ भी इस कहानी में लिखा, वो अमानत की अनुमति से लिखा धन्यवाद आप लोगो को ये हॉट सेक्स विद फ्रेंड कहानी कैसी लगी प्लीज अपना मत जरूर दें आप लोग अपने विचार मेल आईडी से या हैंगआउट पर भी दे सकते हैं।
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