मामी ने दिया असली चुदाई का मजा-Mami Ki Chudai
- By : Tharki
- Category : मामी की चुदाई
मामी की चुदाई कहानी में पढ़ें कि मैं अपनी मामी को चोद चुका था अब मैं मामा के घर गया तो उम्मीद थी कि मामी की चूत फिर से मिलेगी लेकिन मामी ने मुझे प्यार से देखा भी नहीं।
मैं आज sexstoryinhindi.in पर बहुत समय बाद वापस आया हूं उसके दो कारण थे पहला यह कि मुझे लगा कि यह वेबसाइट अब बंद हो चुकी है क्योंकि जो पुराना यूआरएल था वह काम नहीं कर रहा था।
एवं दूसरा यह कि मैंने अब से पहले मात्र एक ही कहानी अंतर्वासना पर भेजी थी जो कि उस समय प्रकाशित नहीं हुई थी अब जब वापस आया तो मैंने देखा कि मेरी कहानी भी प्रकाशित है मेरी मामी की चुदाई कहानी।
मामी ने मुझे पहली चूत चुदाई का मजा दिया प्रकाशित हुई देख कर मुझे बड़ी खुशी हुई और इच्छा जागी कि वापस से फिर से अपने अनुभव आप लोगों से साझा करूं।
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दोस्तो, मैं आप लोगों से एक बात कहना चाहूंगा कि अब से पहले मुझे लगता था कि sexstoryinhindi.in पर जो भी कहानियां प्रकाशित होती हैं और जो अनुभव लेखकों द्वारा बताए जाते हैं उनमें से काफी तो फर्जी होते हैं और कहानियां मनगढ़ंत होती हैं।
लेकिन जैसे-जैसे मेरा वक्त बीता है वक्त और हालातों के साथ मैंने खुद से ही अनुभव किया कि नहीं इस दुनिया में सब कुछ मुमकिन है और हम नहीं कह सकते कि कोई भी कहानी झूठी है या उसमें सब कुछ गलत है।
यह मैं अपने खुद के अनुभव से कह रहा हूं तो आप लोगों का ज्यादा समय व्यर्थ करते हुए मैं उस मुद्दे पर आता हूं जिसकी वजह से मैं यहां पर वापस आया हूं यानि अपने अनुभव को आप लोगों के साथ बांटने जो पिछले कुछ सालों में मेरे साथ बीते।
अब मैं घटना अनुसार अपने समस्त अनुभव आप लोगों के साथ भिन्न-भिन्न कहानियों के रूप में साझा करता रहूंगा उम्मीद करता हूं कि आप लोगों को मेरे अनुभव पसंद आएंगे।
तो दोस्तो आगे की मामी की चुदाई कहानी कुछ इस प्रकार है तो मेरी कहानी आगे उसी जगह से बढ़ती है जहां पर मैंने छोड़ी थी तो हुआ यह था कि मेरी बड़ी बहन की शादी थी।
शादी संपन्न होने के बाद जब मैं अगली सुबह सो कर उठा तो देखा कि तूफान जा चुका था यानि मेरी मामी जा चुकी थी सब लोग विदा हो चुके थे मैं उठना चाहता था देखना चाहता था कि कहीं वह बाहर मेरा इंतजार तो नहीं कर रही।
लेकिन थकान मुझ पर इस कदर हावी थी कि मैंने नींद को चुनना ज्यादा अच्छा विकल्प समझा लेकिन मेरी मामी मेरे दिलो दिमाग दोनों में बस चुकी थी सारा दिन मेरे दिमाग़ में उन्हीं के ख्याल रहते थे।
शादी के बाद मैं वापस कॉलेज चला गया धीरे-धीरे दिन बीतते चले गए लेकिन वे यादें मेरे दिमाग से हट ही नहीं पा रही थीउन दिनों मोबाइल वगैरह इतने आम बात नहीं हुआ करते थे कि सभी के पास हो।
तो जाहिर है कि मेरी मामी के पास भी अपना मोबाइल नहीं था जिस पर मैं उनसे बात कर सकूं लेकिन अब मैं भूखा शेर हो चुका था और मुझे अब किसी भी प्रकार अपनी मामी को दोबारा चोदना था उसके लिए फिर चाहे कुछ करना पड़े।
किस्मत ने भी मेरा पूरा साथ दिया और इसके लिए मुझे ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ी क्योंकि मुझे एक कंपनी में नौकरी के एग्जाम के बारे का पता चला और सारा का सारा प्लान मैंने उसी समय अपने दिमाग में बना लिया कि मुझे क्या करना है।
मैंने तुरंत उस नौकरी के लिए आवेदन कर दिया और एग्जाम सेंटर में दिल्ली को ही विकल्प में रखा क्योंकि इससे बेहतर मामी के घर जाने का तरीका क्या हो सकता था कि मेरा एग्जाम दिल्ली में है और मुझे लखनऊ से दिल्ली एग्जाम देने आना है तो मुझे एक दिन पहले तो आना ही होगा।
आखिर वह घड़ी आ ही गई मैं दिल्ली पहुंच गया और सीधा पहुँचा अपनी नानी के घर दोस्तो मैं बताना चाहूंगा कि मेरे तीन मामा हैं बड़े मामा घर से दूर अलग रहते हैं सबसे छोटे मामा नानी के साथ पुराने घर में रहते हैं और उसी घर के सामने एक नया घर है जिसमें मेरी बीच वाले मामा मेरी मनचाही मनपसंद मामी के साथ रहते हैं।
इस दौरान मेरे छोटे मामा की भी शादी हो चुकी थी और अब मेरे मेरे पास तीन मामियां हैं दो सगी बहनें हैं और यह तीसरी एक अलग परिवार से आती है तो उनके बारे में आगे बात करूंगा।
अभी असल मुद्दे पर आकर बात करते हैं मैंने मामी को देखा मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था मैं उन्हें दौड़कर बस गले लगा लेना चाहता था लेकिन मैंने मामी की चेहरे पर देखा उनके चेहरे पर मुस्कान तो थी लेकिन वह मुझे देख कर खुश हुई या नहीं हुई इस बारे में मैं अनजान था।
उनको देखकर लग रहा था जैसे उन्हें मेरे आने की कोई खुशी ही नहीं हुई है लेकिन मेरी खुशी तो सातवें आसमान पर थी मेरे दिमाग में बस वही सब चीज दोबारा चल रही थी और मैं जल्दी से जल्दी बस मौका तलाश लेना चाहता था कि कब मैं और मामी एक साथ अकेले में समय पायें।
लेकिन यह थोड़ा मुश्किल था क्योंकि मेरे मामा हमेशा घर पर ही रहते थे और मामी के एक बेटा भी था वह घर पर ही होता था तो उस समय अकेले समय निकालना मुश्किल हो रहा था।
लेकिन किस्मत मुझ पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान थी रात को खाने के बाद जब हम सब सोने के लिए लेटे तो मैं मामा के साथ अंदर रूम में था और मामी बाहर चारपाई पर अकेली लेटी हुई थी उनका बेटा दूसरे कमरे में सोया हुआ था।
रात को मामा बोले कि उन्हें गर्मी लग रही है वे छत पर सोने जा रहे हैं और वे एक बिछौना लेकर छत पर सोने चले गए मेरी तो जैसे लॉटरी ही लगने वाली थी लेकिन मुझे अभी भी इस बात को लेकर संशय था कि क्या मामी को वह सब बातें याद हैं।
क्योंकि सुबह जो उनके चेहरे पर भाव थे उन्हें देखकर मुझे नहीं लगा था कि आज रात मेरे साथ वह सब फिर से होने वाला है लेकिन मैंने अपनी किस्मत पर भरोसा करना ज्यादा अच्छा समझा।
अब काफी रात हो चुकी थी लेकिन मेरी आंखों में बिल्कुल भी नींद नहीं थी क्योंकि पिछली बार मैं नींद के चलते ही बहुत कुछ होते होते बचा था मुझे लगा जैसे मामी सो गई हैं क्योंकि उनकी तरफ से कोई आवाज नहीं आ रही थी।
अचानक से सन्नाटे में उनकी मीठी मधुर आवाज गूंजी और उन्होंने मुझसे बोला- अंदर ज्यादा अच्छा लग रहा है बाहर आ जा मेरे साथ चारपाई पर बातें करेंगे मेरी तो जैसे मन की मांगी बात पूरी हो गई मैं बिना एक पल की देर से उठा तो सीधा चारपाई पर उनके साथ जाकर लेट गया।
हम दोनों के बीच बहुत सामान्य बातें हो रही थी ऐसा लग नहीं रहा था कि हम दोनों के बीच कभी शारीरिक संबंध भी बने थे हम लोग बिल्कुल इसी तरीके से बातें कर रहे थे जैसे कि हम दोनों बस रिश्तेदार हैं।
और लाजमी भी था इस घटना को बीते 6 महीने से ऊपर हो गए थे और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वापस से वे सब चीजें आखिर शुरू कहां से की जायें लेकिन बातें तो शुरू करनी थी और वे शुरू हुई जब मैंने मामी के बारे में बोलना शुरू किया- आप बहुत कमजोर लग रही हैं।
आपका कोई ख्याल नहीं रखता क्या तब मामी बोली- तू आया तो है मेरा ख्याल रखने लेकिन बहुत दिनों बाद आया मैं तो पता नहीं कब से तेरा इंतजार कर रही थी यह सुनते ही एक अलग ही उर्जा का संचार शरीर में होने लगा।
सुबह के जो संशय मेरे दिलो-दिमाग में थे सब एक झटके में दूर हो गए और बस अब मेरे अंदर का जानवर जागने को बेताब था मैंने बिना किसी पल की देरी किये मामी के होठों पर एक चुंबन दे दिया।
मामी सिकुड़ने लगी मैं उनसे बोला- अरे आप तो मेरी टीचर हैं आपने तो मुझे यह सब करना सिखाया है तो आप क्यों शर्मा रही है तब मामी बोली- जब पिछली बार हमने किया था तब सच में मैं तेरी टीचर थी।
लेकिन आज तू मेरा स्टूडेंट बनकर नहीं आया है मुझे पता है कि तूने इतने दिनों में ना जाने कितनी बार अपने ख्यालों में कितनी बार मुझे चोदा होगा और मुझे तो यह भी लगता है कि तूने मेरी यादों में ना जाने कितनी लड़कियों को भी चोद डाला होगा।
हा हा हा आप भी मजाक करती हो मामी भला मुझसे कोई लड़की चुदना चाहेगी यह तो आप ही हो जिसने इस नाचीज पर इतना कर्म फरमाया है रात के लिए इतनी बातें पर्याप्त थी अब वक्त था सिर्फ कार्य करने का और हम दोनों ही यह अच्छे से जानते थे कि बातों से फायदा नहीं होने वाला।
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अब मैंने मामी को तेजी से चुम्बन करना शुरू किया हमारे होंठ एक दूसरे के होठों में फंस चुके थे मेरे लिए तो यह केवल दूसरी बार था तो आप समझ सकते हो कि मैं उस समय किस तरह बर्ताव कर रहा होऊँगा मैं बस मामी के होठों को खा जाना चाहता था।
जितनी तेजी से मैं कर सकता था मैं उतनी तेजी से मामी को किस किये जा रहा था उन्हें दर्द हो रहा था लेकिन उन्होंने बोला नहीं क्योंकि वे भी मेरे साथ पूरा मजे ले रही थी मैंने बीच में उनसे पूछा- मामी मामा आपको अच्छे से नहीं चोदते क्या जो आप मेरे लिए इंतजार कर रही थी।
मामी ने एक जोरदार झापड़ मेरे गाल पर रसीद किया और बोला- बहनचोद रात को औरत से किसी और की नामर्दी की बातें नहीं करते अपनी मर्दानगी दिखाते हैं तू ज्यादा राजकुमार मत बन जिस काम के लिए आया है वह काम कर।
एक बार को तो मैं डर गया लेकिन मुझे पता है और मैंने sexstoryinhindi.in की कई कहानियों में भी पढ़ा हैं कि जब औरत के ऊपर सेक्स सवार होता है तो वह इसी तरह से बातें करती है लेकिन मामी के मुंह से गाली सुनकर मुझे मजा भी बहुत आया।
मेरे हाथ मामी के शरीर से खेलने लगे मेरे दोनों हाथ मामी की गोल-गोल चूचियों को दबा रहे थे और मामी सिसकारियां ले रही थी मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था मैं हर काम में बड़ी जल्दबाजी कर रहा था क्योंकि था तो मैं आखिर 19 साल का एक नवयुवक ही।
मामी ने नाइटी पहनी हुई थी जिसमें ऊपर तीन बटन थे मैं उन बटन को खोलने की कोशिश कर रहा था पर मुझसे खुल नहीं पा रहे थे मामी को डर लगा कि मैं ये बटन तोड़ दूंगा इसलिए उन्होंने बोला- सब्र कर और एक झटके में वे उठ कर बैठ गयी।
मुझे लगा था कि अगर कुछ होगा भी तो बड़े शांति से होगा मामी को डर होगा कि मामा कहीं हमें देख ना लें लेकिन मामी शांति के मूड में बिल्कुल नहीं लग रही थी वे चारपाई से उठी और उन्होंने सबसे पहले जाकर लाइट जलाई और मुझसे बोली- बाहर नहीं अंदर चलते हैं।
हम लोग अंदर कमरे में आ गए मामी ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया मैं सोच सोच कर ही पागल हुए जा रहा था कि पिछली बार तो अंधेरे में सब कुछ हुआ था आज तो रोशनी में मजा ही आ जाएगा आज मामी के खूबसूरत जिस्म को देखने का मौका मिलेगा।
मामी कुछ ज्यादा ही उत्साहित थी किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं करना चाह रही थी इसलिए उन्होंने एक झटके में अपनी नाइटी उतार कर एक तरफ रख दी अब मामी सिर्फ ब्रा और पेंटी पहन कर मेरे सामने खड़ी हुई थी।
क्या फिगर था उनका ऐसा लग रहा था कि भगवान ने बड़ी फुर्सत से उन्हें तराशा हो कोई नहीं कह सकता था कि वह एक 8 साल के बच्चे की मां थी मैंने तो सुना था कि बच्चा हो जाने के बाद औरतों का शरीर बेडौल हो जाता है लेकिन काश कोई मेरी मामी को उस समय देख पाता किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी।
काले रंग की ब्रा और काले रंग की पेंटी के नीचे उनका दूध जैसा सफेद शरीर रात की रोशनी में और चमक रहा था मामी को इस तरह बस दो कपड़ों में देख कर मेरा लण्ड पूरा उत्साहित हो चुका था।
उन्होंने मेरी चड्डी पर नज़र डाली और हंसती हुई बोली- लगता है कई सारी हैं तेरे पास अरे उतार दे इसे नहीं तो तेरा हथियार इसे फाड़ कर बाहर आ जाएगा मैं अब मामी के आगे एक दम नंगा खड़ा था और मामी को देखे जा रहा था मामी बड़ी समझदार थी और वे समझ रही थी कि मैं थोड़ा झिझक रहा हूँ।
तब उन्होंने पूरा मामला अपने हाथ में लेने का मन बनाया उन्होंने खुद से अपनी ब्रा और पेंटी भी उतार कर रख दी क्या चूत थी यार एक रोयां तक नहीं था चूत पर मामी बोली- तुझे सुबह देखकर आज अच्छे से शेव की है।
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ कि जितना मैं तड़प रहा था मेरी मामी तो मुझसे भी ज्यादा तड़प रही हैं मामी ने कहा- मुझे पता है कि तूने कभी किसी और को नहीं चोदा इसलिए मैं तुझे सिखाऊंगी और जैसा मैं बोलूं बस वैसे ही करते जाना।
उन्होंने मुझे बेड पर बैठने को बोला और अपनी एक चूची लाकर मेरे सामने कर दी और बोली- इसे जम के चूस क्या रसभरी चूचियां थी यार मैं एक के बदले दोनों चूचियों पर एक साथ टूट पड़ा मैं उन्हें ऐसे खा रहा था जैसे कोई बहुत स्वादिष्ट फल हो।
मामी अब सिसकारियां लेने लगी और उनका बदन कसमसाने लगा जिस तरह से मामी मुझे अपनी बाहों में लपेट रही थी मुझे उनकी कसमसाहट का पूरा पता चल रहा था फिर मैंने अचानक से अपना हाथ उनकी चूत पर रख दिया।
वे अचानक से जैसे कूद ही पड़ी उनकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी और इधर मेरे लंड ही हालत भी पूरी टाईट थी मैं अब एक पल भी नहीं गवांना चाहता था और पता नहीं मुझे कहाँ से अचानक इतनी तेज़ी और ताक़त आ गयी कि मैंने मामी को उठा कर बेड पर पटक दिया और एक झटके में अपना लंड मामी की चूत के मुहाने पर रख दिया।
मामी मुझे मना कर रही थी- अभी नहीं अभी रुक जैसा मैं कहती हूँ वैसा कर लेकिन अब मैं कहाँ उन्हें सुनने वाला था मैंने पूरे जोश मैं आकर एक ही झटके मैं अपना लंड मामी की चूत में पूरा पेल दिया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा।
पर जल्द ही मुझे अपनी गलती का अहसास हो गया क्यूंकि मामी की चूत अन्दर से किसी भट्टी की तरह तप रही थी मैं ज्यादा देर तक खुद को संभाल नहीं पाया और एक एक झटके के साथ अपना सारा माल मामी की चूत में गिरा दिया।
मामी ने मुझे एक ज़ोरदार झटका दिया और मैं बेड थे नीचे जा गिरा मैंने उनकी तरफ देखा तो उनका चेहरा गुस्से में लाल हो चुका था वे मुझे मार देने वाली नजरों से घूर रही थी मैंने उन्हें सॉरी बोला- मामी मैं इतनी जल्दी नहीं करना चाहता था लेकिन मुझे संभला ही नहीं गया।
लेकिन मामी गुस्से में जैसे कुछ सुनना ही नहीं चाहती थी पर उस रात कुछ ऐसा हुआ जो मेरे साथ पहले कभी नहीं हुआ था और इस बात पर मेरी और मामी दोनों की एक साथ नज़र गयी कि एक बार झड़ जाने के बाद भी मेरा लंड अभी भी एकदम सख्त होकर सलामी दे रहा है।
तब क्या था मामी का गुस्सा जैसे कहीं उड़नछू हो गया और उन्होंने लंड से पकड़ कर ही मुझे अपनी ओर खींच लिया वे प्यार से बोली- देख तूने अपनी मनमानी कर ली अब मेरी बारी है और अगर तूने इस बार कोई चुतियापा किया तो भूल जाना कि तेरी कोई मामी भी है।
अब मैं और बेइज्जत होने के मूड में था भी नहीं इसलिए इस बार मैं मामी के कहे अनुसार चलने लगा मामी ने मेरे लंड को अभी भी अपने हाथ में पकड़ा हुआ था और अब उन्होंने उसे चूमना शुरू कर दिया था और थोड़ी देर में वो हुआ जिसकी कल्पना मात्र से ही मेरा पानी छूट जाया करता था।
मेरा लंड अब मामी के मुख में था और वे उसे किसी अनुभवी औरत की तरह से हर एक कोण से चूसे जा रही थी इस बार मेरा लंड मेरी इज्ज़त बचाने में लगा हुआ था और 10 मिनट तक मामी के चूसने के बाद भी उसने अपना पानी नहीं गिराया।
मुझे अपने लंड और खुद पर दोनों पर फख्र हो रहा था उस समय और साथ ही मामी की आँखों में भी मुझे इस बार इज्ज़त बढ़ी हुई दिखाई दे रही थी वे बेहद खुश लग रही थी और मैं भी अब मैं और मामी अगल बगल लेट गए और मामी के होंठ इस बार मेरे होठों के साथ मग्न होने लगे।
मैं एक बार पहले ही झड़ चुका था इसलिए मेरी उत्तेजना मेरे वश में थी और मैं एक एक लम्हे को जी लेना चाहता था मेरे हाथ अपने आप से किसी प्रोफेशनल की तरह काम करने लगे वो कभी मामी की चूचियों को दबाते तो कभी उनकी गांड को।
हम दोनों किस करते करते एकदम गुत्थम गुत्था हो रहे थे कभी मैं मामी के ऊपर होता तो कभी मामी मेरे ऊपर इस बार मामी ने अपने हथियार डाले- अब तूने मुझे गर्म किया हैं अब निकाल अपना हथियार और पेल दे मेरी चूत में।
मामी के मुंह से चूत सुनकर मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी और मैंने मामी के दोनों पैरों को हवा में उठाकर अपने लंड को बिना किसी देरी के मामी की चूत में पेल दिया तभी मामी मेरे कान में बोली- कोई जल्दबाजी मत मचाना अपना पूरा वक़्त ले उनके ये शब्द मुझपर बड़ा असर कर रहे थे।
मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये मामी मेरी हालत समझ रही थी इसलिए वे मुझे उकसा नहीं रही थी बल्कि मेरा मनोबल बढ़ा रही थी- तू कर सकता है मेरे बेटे इस लंड में बहुत दम है तू कर सकता हैं अपनी मामी को शांत आज बुझा दे अपनी मामी की चूत की प्यास लेकिन कोई जल्दी नहीं हैं आराम आराम से बुझा।
मामी के ये शब्द किसी वियाग्रा से कम नहीं थे मेरे लिए मैं पूरी शिद्दत से मामी को चोदने में लगा हुआ था मामी को अब मेरी काबिलियत पर शक नहीं रहा था इसलिए उन्होंने पोजीशन बदलने की सोची उन्होंने मुझे बेड पर लेटने को बोला जैसे ही मैं लेटा वे बिना एक पल की देरी किये मेरे ऊपर चढ़ बैठी।
मेरा लंड फच्च की आवाज के साथ उनकी चूत में अन्दर तक घुस गया मामी के चेहरे पर एक ख़ुशी की लहर तैरने लगी मैं महसूस कर पा रहा था कि यह मामी की मनपसंद पोजीशन है और जिस तरह से वे मुझसे चुदवा रही थी उस हिसाब से तो उन्हें बहुत पहले इस अवस्था में आ जाना चाहिए था।
क्यूंकि यहाँ से वे सबकुछ अपने कण्ट्रोल में ले सकती थी उसके बाद दोस्तो मैं मामी का खिलौना बन चुका था क्यूंकि न तो वो मुझे अब देख रही थी और ना ही उन्हें मेरे झड़ जाने की कोई चिंता थी वे बस पागलों की तरह ऊपर नीचे हो रही थी कभी कभी थकान के कारण मेरे लंड पर बैठकर बस अपनी गांड को ऊपर नीचे किये जा रही थी।
अब मेरे बर्दाश्त से बाहर होने लगा मेरा लंड अब और नहीं सह सकता था मैंने मामी को बोला- मेरा बस होने वाला है मामी भी शायद अपने अंतिम चरण पर थी और वे भी समझ रही थी कि मैं और नहीं रुक पाऊंगा तो उन्होंने अचानक से अपनी स्पीड को दोगुणा कर दिया।
मैं परमसुख के चरम पर था और मेरा लंड भी शायद इस परम सुख के पूरे मजे लेना चाहता था इसलिए उसने अभी तक हिम्मत बाँधी हुई थी फिर एक पॉवर ब्रेक की तरह मामी रुकी और अपने दोनों हाथों से मेरे कंधों को जोर से पकड़ लिया।
मुझे एहसास हो गया कि मामी झड़ चुकी हैं मैं ना जाने कैसे अभी तक टिका हुआ था मामी ने मेरी तरफ एक कातिल मुस्कान के साथ देखा और हंस कर बोली- तेरा अभी भी नहीं हुआ तभी मामी ने कहा- ला मैं दूसरे तरीके से कराती हूँ यह बोल कर मामी ने मेरा लंड अपने मुख में ले लिया।
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मेरा लंड पहले ही चरम पर था और मामी की जीभ का गर्म अहसास सहन नहीं कर सका और कुछ ही सेकेंड में मामी का मुख मेरे वीर्य से लबालब था मेरे लिए ये सच में आश्चर्य ही था कि मामी ने एक एक बूँद तक निगल ली पूरा वीर्य पी लेने के बाद वे मुझे देखकर जोर से हँसी और बोली- मुझे तो लगा था कि तू आज झड़ने ही नहीं वाला लेकिन क्या हुआ।
जीभ लगते ही मामला शांत चल कोई नहीं, लेकिन तूने आज तृप्त कर डाला मुझे मन तो मेरा बिल्कुल नहीं था लेकिन मैं नहीं चाहता था कि मामा मुझे ऐसी हालत में देख लें इसलिए मैंने अपने कपड़े पहने और बाहर जाकर चारपाई पर सो गया।
मुझे नहीं पता कि मामी ने रात भर कपड़े पहने या नहीं लेकिन सुबह जब मेरी आँख खुली तो मामी नहा धोकर एकदम तैयार होकर बैठी थी और मुझे ऐसे अनदेखा कर रही थी जैसे कल रात कुछ हुआ ही नहीं तो दोस्तो, यह था मेरी ज़िन्दगी का दूसरा वाकया जिसने मेरी लाइफ को एकदम बदल कर रख दिया।
उस दिन के बाद मैंने एक बात मान ली कि सेक्स के आगे सारे रिश्ते फीके पड़ जाते हैं और कब आपकी किस्मत आपको क्या दिला दे यह मेरी आगे की कहानियों में आपको पता चल जाएगा मेरी मामी की चुदाई कहानी पर अपने विचार आप मुझे मेल पर कमेंट्स में भेज सकते हैं।
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