मुस्लिम लंड से शुरू हुआ चुदाई का सफर-Muslim Sex Story

मुस्लिम लंड से शुरू हुआ चुदाई का सफर
Muslim Sex Story

दोस्तो मै काफी सालो से अन्तरवासना पर कहानी पढ रहा हूँ मगर लिख नही सका अब मेने अपनी कुछ आपबीती लिखने की कोशिश कर रहा हू उम्मीद है आपको पसंद आए सबसे पहले मे अपना ओर अपने परिवार का परिचय करवाता हू आप सबको ये कहानी मेरे परिवार की ओर मेरी है।

मेरे परिवार मै हम अब मेरी पत्नी दो बच्चो ओर मम्मी पापा सहित 6 सदस्य है मेरी 1 बहन भी है जो शादीशुदा है कहानी की नायिका मेरी चुदासी मम्मी है जिसने अबतक सैकडो तरह तरह के लंड खाए है ओर भी वो चुदने के लिए बेताब रहती है।

मम्मी की पहली चुदाई से मै ये कहानी शुरू कर रहा हू जिसमे मेरी मम्मी अपने ससुर बेटे के अलावा जितने लंड खाए है उनकी दास्तान सुनने को मिलेगी अब कहानी की ओर बढते है लिखने मे गलती हो तो क्षमा करना ओर पसंद आए तो कमेन्ट मेल जरूर करे।

मुस्लिम लंड से शुरू हुआ चुदाई का सफर

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एक ओर जरूरी बात ये कहानी मुझे पूरे स्कूली दोस्त ओर फैमली ड्राइवर मुकेश के साथ मेरी मम्मी ने चुदाई के समय मुझे बताई है ये कहानी मेरी मम्मी की है जिनकी उम्र आज 57 साल है ओर उनके शरीर का साइज 40 के बूब्स ओर उनकी गांड 95 की भरी हुई है।

उनकी लबाई 5.6 है रंग बिलकुल गोरा है आज भी मम्मी सेक्स मै लाजवाब है मेरी मम्मी अपने परिवार मे भाई बहनो मे सबसे बडी थी मेरे नानाजी एक ट्रको का बिजनेस था अक्सर वो बाहर रहते थे नानाजी खेती का काम करती थी।

ओर मेरी मम्मी जो अपने भाई बहनो का काम ओर घर के कामकाज के लिए घर पर रहती थी घर पर ट्रको के ड्राइवर आते जाते रहते थे उनमे से एक मोहम्मद खान साहब मेने उन्हे देखा नही मगर जब भी खान साहब की बात आती है।

तो मम्मी की आंखो मे आज भी चमक आ जाती है मम्मी जब 19 साल की थी तब मम्मी की पहली चुदाई खान साहब ने की उस दिन सुबह से आंधी चल रही थी ओर खान साहब को नानीजी ने वही रूकने को ओर नानाजी बाहर थे गांव मै खाना समय से हो जाता है।

तो मम्मी ने अपने सभी भाई बहन को सुलाकर नानीजी को दूध दे दिया ओर नानीजी ने उन्हे खान साहब के कमरे मै दूध देने भेज दिया मम्मी​ दूध लेकर कमरे मै गयी ओर उनको दूध लेकर कमरे मे गयी ओर मोमबत्ती के उजाले मै दूध दिया तो खान साहब ने पूछा बच्चे कहा है।

तो मम्मी ने कहा बच्चे सो गये है तो कहने लगे आज कहानी नही सुननी तो मम्मी ने कहा मा से पूछकर आती हू ओर नानीजी ने कहा सुनकर कमरे मे आकर सो जाना मे सो रही सुबह जल्दी उठकर खेत जाना है।

तुम सुबह रोटी बनाकर खेत मै आ जाना मेरी रोटी लेकर फिर मम्मी खान साहब के पास जाकर कहानी सुनने लगती है तो खान साहब ने मम्मी को कहा आ जाओ मेरी चारपाई पर आकर सुन लो ओर मोमबत्ती को बुझा दो।

मम्मी खान साहब के पास जाकर लेट गयी कहानी सुनने खान साहब की उम्र 35 साल की थी ओर मम्मी 19 की जवान गांव की लडकीयो का शरीर शहर की लडकीयो की तुलना मे ज्यादा मजबूत ओर विकसित होता है।

खान साहब कहानी सुनाते सुनाते मम्मी के बोब्स दबाते हुए मजाक करने लगे ओर मेरी मम्मी ने कहा ये क्या कर रहै तो चाचाजी तो कहा देख रहा तेरी चाची से बडे है या छोटे तो मम्मी ने पूछा बताओ बडे है या छोटे तो कहा खोलने पर ही पता लगेगा दबाने से पता नही लगा लग तो छोटे छोटे ही रहै है।

तो मम्मी ने कहा सुबह देख लेना अब मै जा रही हू सोने तो खान साहब ने कहा यही सो जाओ तो मम्मी वही सो गयी सोने के बाद जब खान साहब ने बूब्स दबाए तो मम्मी गर्म हो गयी ओर पहली बार मम्मी का कामरस उनकी कुवारी चुत से बाहर निकला

तो मम्मी ने कहा चाचा छोडो मुझे सुसु निकल गयी है तब चाचा ने कहा वो सुसु नही दूध है तेरा तो मम्मी ने दूध तो बोबो से निकलता है मुझे सब पता है नीचे से तो मुत ही आता है तो चाचा ने कहा कल दिन मै तेरा दूध नीचे से निकालकर दिखाऊगा फिर दोनो जने सो गये।

ओर खान साहब सुबह उठकर नहाकर मम्मी का इंतजार करने लगे मम्मी ने सभी भाई बहनो को तैयार करके स्कुल भेजा ओर खुद नहाकर रोटी लेकर खेत चली गयी रोटी देते ही वो खेत से लौटकर घर पहुची तो खान साहब ने पकड लिया बोले दूध निकालू क्या नीचे से तो मम्मी ने कहा चाचाजी मजाक मत करो ऐसा नही होता।

तो खान साहब ने कहा ऐसा तभी होगा मै जैसे कहूगा वेसै वेसै करोगी तो वर्ना नही होगा ओर ये कीसी को बताना भी मत अब बोलो दूध निकालकर दिखाऊ के नही मम्मी खान साहब की बातो से फिर से गर्म हो चुकी थी।

तो उन्होने भी हा कर दी उस समय मम्मी के बोबो को साइज 34 था ओर कद 5.6 इच हो चुका था गांड भी पूरी भरी हुई थी जैसे ही मेरी माँ ने खान साहब को हा भरी वैसे ही खान साहब ने मेरी मम्मी को पकडकर अपने गोद मै बिठा लिया ओर उनके बुब्स दबाने लगे बोबो को दबाते ही मम्मी गर्म होने लगी।

फिर खान साहब ने धीरे से मम्मी का कुर्ता उतार दिया ओर उनके जिस्म पर चुम्मो की बोछार कर दी खान साहब ने बोबो को उतनी जोर से दबाया की मम्मी की चीख निकल गयी ओर मम्मी ने कहा मुझे नही निकलवाना दूध मम्मी के मना करते ही खान साहब ने कहा तेरे से तो तेरी चाची अच्छी ओर मजबूत है।

ये सुनकर मम्मी ने कहा मेरे से ज्यादा नही होगी तो खान साहब ने मम्मी के दोनो बोबो को ओर जोर से दबाया तो मम्मी सारा दर्द चुपचाप सह गयी फिर मम्मी की ब्रा खोलकर उसने बोबो को जोर जोर से चुसना शुरू कर दिया।

जिससे मम्मी की आहै निकलने लगी ओर शरीर अकडने लग गया तो खान साहब ने जल्दी से मम्मी की सलवार खोलकर उन्हे नंगा कर दिया मम्मी की चुत पर झाटो का बाग देखकर कहा मेरा तो सारा मूड ही खराब कर दिया मम्मी ने पूछा क्या हुआ तो कहा ये क्या है दूध तो इन बालो मै ही रह जाएगा तो मम्मी ने कहा मै दिन मै साफ कर लूंगी ओर रात को ही दूध निकालना आप।

तो खान साहब ने रात को लाईट ना रही तो तुम्हे दूध दिखेगा केसै तो मम्मी ने कहा रात को लाईट तभी जाती है जब बारिश आंधी आती है मै मा से कहानी का बहाना सुनकर आ जाऊगी ओर बाल भी साफ करके आऊगी।

फिर आप दूध निकालना मम्मी को तब तक नही पता था की उसकी चुत फटने वाली है ओर ये सभी ड्राइवर मिलकर उसकी चुत का भोसडा बनाने वाले है ओर फिर खान साहब दिन मै बाजार चले गये ओर चुदाई से अनजान मेरी मम्मी अपनी झांटो की सफाई कर के चुदने की तैयारी करने लगी।

शाम को मम्मी ने आज जल्दी खाना बना लिया ओर सभी भाई बहन को डराकर सुलाने के बाद नानीजी को खाना खिलाकर खान साहब को चुरमा बनाकर खिलाया फिर रात होते ही नानीजी को दूध देकर कहानी सुनने का बहाना बनाकर खान साहब के पास पहुंच गयी।

ओर बिना बुलाए ही खान साहब की चारपाई पर लेट गयी ओर कहने लगी सुबह की तरह बोबो को जोर से मत दबाना अभी भी दर्द हो रहा है मगर मन ही मन मम्मी बहुत खुश थी क्योकी जवानी मै ये सब होता ही है मगर ये खुशी थोडी देर की ही थी क्योकी उनकी खुशी अब दर्द मै बदलने वाली थी।

ओर इधर खान साहब ने मम्मी की मोटी मोटी गांड को सहलाने लगे जिससे मम्मी फिर से गर्म होने लगी थी खान साहब शादीशुदा ओर जवान थे साथ मै अनुभव भी था काफी फिर उन्होने मम्मी के बोबो को दबाना शुरू कर दिया।

जिससे मम्मी की आहे निकलने लगी ओर वो मचलने लग गयी खान साहब मेरी मम्मी के गालो को चुमै जा रहै थे जोर से जोर से फिर खान साहब अचानक खडे होकर बाहर चले गये पेशाब करने फिर आकर मम्मी को कहा बच्चो के कमरे के आगे चिटकनी लगाकर बंद कर आ।

ओर देखकर आओ सेठानी (मेरी नानीजी) जी सो गयी ना ओर साथ मै घी लेकर आना थोडा मम्मी जल्दी से उठकर दस मिनट मै चक्कर लगाकर सभी काम करके आ गयी ओर आते ही कमरे को बंद करके लाइट बंद करके चुपचाप चारपाई पर सो गयी।

तो खान साहब ने उठकर लाईट जला दी तो मम्मी ने कहा लाईट बंद कर दो मुझे शर्म आ रही है ये सुनकर खान साहब ने कहा शर्म करोगी तो दूध नही निकलेगा ओर अगर दर्द होगा तो चुप रहोगी तभी दूध निकलेगा मम्मी इतनी गर्म हो रही थी वो सबकुछ करने को तैयार थी।

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फिर तभी खान साहब ने लाईट जलाकर मम्मी को चारपाई से खडा करके उनको चुमने लग गये गालो को चुमते चुमते उन्होने मम्मी के होथो पर किस कीया तो मम्मी पिछे हो गयी मगर खान साहब ने कमर मै हाथ डाल रखा ओर मम्मी को अपनी तरफ खिंचकर उनके लबो पर अपने लब रखकर जोर से चुमने लगे।

अब मेरी मम्मी को भी मजा लाने लगा वो भी खान साहब के लब को जोर से चुसने लगी ओर उधर खान साहब ने मम्मी के बोबो को दबाना शुरू कर दिया ओर मम्मी की आहै निकलने लगी पांच मिनट किस करने के बाद मम्मी का सुट खोलकर उन्हे आधा नंगा कर दिया।

ओर ब्रा खोलकर वो जोर से बोबो को दबाने लगे जिससे मम्मी पूरी तरह गर्म हो गयी खान साहब जब मम्मी को किस कर रहै थे तो उनकी दाढी से मम्मी को एक ही उत्तेजना हो रही थी फिर खान घुटने के बल बैठकर मम्मी के पेट को चुमते हुए नाभी को चाटने लगे।

जिससे मम्मी गर्म होकर खान साहब के सिर के बाल पकड कर खिचने लगी उनकी गर्मी देखकर खान साहब ने जल्दी से सलवार का नाडा एक झटके मे खोलकर मम्मी को नंगा कर दिया अचानक नंगी होने पर मम्मी ने शर्म के मारे अपने हाथो से अपने मुह को छुपा लिया।

मगर आज मम्मी ने अपनी चुत को साफकर के काले रंग की चड्डी डाली थी जिसे खान साहब ने सुघते हुए नीचे कर दिया अब मम्मी बिलकुल नंगी थी खान साहब धीरे धीरे अपनी मालिक की बेटी की चुत की सील खोलने की तरफ बढ रहै थे।

खान साहब ने पास मै रखी घी की कटोरी मै अपनी दो उंगली डालकर एक उंगली मम्मी की चुत मै डाल दी जिससे मम्मी ने अपने मुह से हाथ उठाकर खान साहब के सिर पर रखकर उनके बाल खीच लिये जोर से मम्मी अचानक हुए इस हमले से थोडा हडबडा गयी थी।

मगर खान साहब मझे हुए खिलाडी थे उन्होने तुरत एक हाथ मम्मी के बोबो पर रखकर उनके बोबो को दबाना शुरू कर दिया था जिससे मम्मी की उत्तेजना बढने लगे दो मिनट बाद जब एक उंगली आराम से चुत मे अंदर बाहर होने लगी।

तो उन्होने दूसरी उंगली डाल दी जिससे मम्मी ने अपने होटो को अपने दात से काटकर अपना दर्द छिपा लिया दो मिनट उंगली करने पर मम्मी की गर्मी शरीर से बाहर निकलने वाली हो गयी थी ओर फिर मम्मी का जिस्म अकडने लगा मम्मी को पसीने आने लगे ओर जब कामरस आने को हुआ।

तो मम्मी कहने चाचा मुझे मेरा मुत निकल रहा है क्या करू मै तो खान साहब ने ये मुत नही ये दूध आ रहा है अभी दिखाता हू आने दे फिर मम्मी ने खान साहब के बाल जोर से पकड लिये उधर खान साहब ने अपनी उंगली की स्पीड बढा ली ओर मम्मी के कामरस से खान साहब का हाथ भर गया।

ओर मम्मी की जांघो पर फैल गया खान साहब कामरस की खुशबु लेते हुए उसे चाटने लगे जिसे देखकर मम्मी ने कहा चाचाजी ये गंदी है​ तो खान साहब ने कहा ये जन्नत है मेरी रानी मम्मी का कामरस निकलते ही मम्मी थककर चारपाई पर बैठ गयी थी।

खान साहब फिर मम्मी के पास बैठकर अपना पानी कुर्ता उतारकर सामने वाली चारपाई पर फैककर लेट गये ओर मम्मी को पकडकर अपने पास सुला लिया उन्होने मम्मी के सिर को अपने बाजु पर रखकर आमने सामने मुह कर लिया।

ओर गालो पर किस करके पूछने लगे मजा आया क्या दूध निकलने पर तो मम्मी ने कहा बहुत मजा आया तो खान साहब ने ये तो शुरुआत है इससे ज्यादा मजा भी आता है चुदाई मै तो मम्मी कहने लगी चुदाई मै बहुत दर्द होता है।

मैने सुना है तो खान साहब ने जब उंगली की तब कितना दर्द हुआ था उतना ही चुदाई मै होगा खान साहब बाते करते करते गांड सहला रहै थे ओर उससे मम्मी फिर से गर्म हो रही थी मम्मी उनकी सीने से मुह छिपाकर लिपटी हुई थी।

खान साहब ने अब धीरे से अपने पठानी पजामे का नाडा खोलकर बिना आवाज कीये नीचे कर दिया ओर चुपचाप मम्मी के हाथ को पकडकर अपने लंड पर रखकर दिया जिसे छुते ही मम्मी को करट सा लगा ओर अपना हाथ वापिस खीच लिया।

कुछ देर बाद खान साहब ने फिर से मम्मी के हाथ को पकडकर अपने कच्छे मै डाल दिया मम्मी ने हाथ को बंद करके मुठी बना ली मगर हाथ बाहर नही निकाला खान साहब ने मम्मी के होठो को किस करते हुए बोबो को दबाने लगे थोडी देर मै मम्मी गर्म होने लगी।

ओर उन्होने अपनी मुठ्ठी खोलते हुए लंड को अपने हाथ से सहलाकर देखा तो मम्मी फिर से उत्तेजित होने लगी कुछ देर चुमने के बाद खान साहब ने अपना कच्छा खोलकर मम्मी के मुह के पास रख दिया ओर सुघने को कहा मम्मी ने कच्छे को सुघकर मुह घुमा लिया।

इधर खान साहब चारपाई पर बैठ गये ओर फिर से दो उंगली घी मै डालकर एक साथ ही दोनो उंगलिया मम्मी की चुत मै पैल दी मम्मी ने एक आह के साथ दोनो उंगलिया अपनी चुत मै ले ली ओर आहै भरने लगी दो मिनट बाद खान साहब ने मम्मी को अपनी टांगे ऊंची करके फैलाने को कहा।

जिसके बाद मम्मी की गांड के नीचे एक तकिया लगाकर अपने लंड पर घी की मालिश करने लगे उनका लंड 6 इच लंबा ओर अढाई इच मोटा था वो उपर आकर लंड को मम्मी की चुत पर घीसने लगे जिससे मम्मी ओर गर्म हो गयी ओर कहने चाचाजी ये क्या हो रहा है।

मै मर जाऊगी कुछ करो जल्दी ये सुनते ही खान साहब ने लंड चुत पर सेट कर दिया ओ मम्मी के होठो को किस करने के साथ गले मै दोनो हाथ डालकर लंड पर दबाव दिया जिससे लंड का टोपा मम्मी की चुत मै घुस गया ओर मम्मी की हल्की सी चीख निकल गयी।

मगर वो चीख बाहर नही निकली इसके बाद खान साहब ने दूसरे झटके मै तीन इच से ज्यादा लंड मम्मी की चुत मै घुसैड दिया ओर मम्मी की जोर से चीख निकल गयी मगर इस बार भी चीख बाहर नही निकली मगर अब मम्मी छूटने की कोशिश करने लगी।

ओर रोने लगी मगर इसका कोई फायदा नही हुआ ओर खान साहब ने उसी समय तीसरा झटका देते हुए मम्मी की चुत को फाड़कर अपना पूरा लंड मम्मी की नाजुक चुत मै घुसा दिया मम्मी की चुत फट गयी ओर चुत से निकले खून से चारपाई पर बिछी चद्दर लाल हो गयी थी।

खान साहब होटो को जोर से चुसते रहै ओर अब उन्होने बोबो को भी जोर से दबाना चालु कर दिया था पांच मिनट के बाद जब मम्मी ने रोना बंद कीया तो खान साहब ने धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया ओर थोडी देर बाद जब मम्मी का दर्द खत्म हुआ।

तो खान साहब ने जोर जोर से झटके मारने चालु कर दिये ओर फिर मम्मी भी गर्म होकर चुत मै लंड लेने लगी दस मिनट की चुदाई के बाद मम्मी का शरीर अकडने लगा उनका कामरस निकलकर खान साहब के लंड को गिला कर रहा था।

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उससे लंड पूरा गिला होकर मम्मी की चुत मै जा रहा ओर उसके एक मिनट बाद खान साहब के लंड का लावा फुट गया ओर उनके वीर्य से मेरी मम्मी की चुत भर गयी खान साहब के लंड का वीर्य चिचोडकर जब मम्मी की चुत ने छोडा तो खान साहब मम्मी के बगल मै लैट गये।

ओर मम्मी की चुत से कई देर तक वीर्य बहता रहा बाहर इस तरह मम्मी ने जवानी मै शादी से पहले ही चुदकर मम्मी अब चुदाई के हसीन सफर की शुरुआत हो चुकी थी फिर मम्मी ने कपडे पहने ओर चद्दर को बाहर पानी की बाल्टी मै भिगोकर अपनी चुत को धोकर।

पेशाब कर के वापिस अपने पहले प्यार ओर यार खान साहब के पास आकर चारपाई पर उसे किस करके उसके साथ सो गयी सुबह जब मम्मी उठी तो उनकी चुत पर सोजन आ गयी थी ओर पूरे दिन दर्द मे वो घर का काम करते रही आज रात को वो खान साहब के कमरे मै नही गयी।

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