विधवा चाची की प्यास मेरे लंड से बुझी-Chachi Sex Story
- By : Tharki
- Category : Chachi Sex Story
देसी चाची कहानी मेरी विधवा चाची की चुदाई की है हम एक ही घर में रहते हैं मैं उन्हें शुरू से पसंद करता था और उनका नाम लेकर मुठ मारता था दोस्तो मेरा नाम आरव है मेरी उम्र 27 वर्ष की है मैं आगरा का रहने वाला हूँ और दिल्ली की एक कंपनी में जॉब करता हूँ।
sexstoryinhindi.in की कहानियां पिछले बारह साल से पढ़ता आ रहा हूँ आज मैं अपनी देसी चाची कहानी आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूँ पिछले साल की यह कहानी मेरी और मेरी चाची की बीच बने जिस्मानी संबंधों की है जब लॉकडाउन के कारण मुझे घर आना पड़ा।
मेरे घर में मेरे मम्मी-पापा एक भाई चाची और उनकी दो बेटियां रहती हैं चाची की बड़ी बेटी नेहा 21 वर्ष की है और छोटी बेटी निशा 19 वर्ष की है चाचा जी का दो वर्ष पहले निधन हो गया था और तभी से चाची जी हमारे साथ रहती हैं मेरी चाची की उम्र 41 वर्ष है लेकिन देखने में 35 वर्ष की लगती हैं।
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उनके चुचे 34 इंच के हैं जिनको देख कर लगता है कि अभी ही चूस ही लूं उनकी कमर 30 की और चूतड़ 36 के हैं मैं उन्हें बचपन से ही पसंद करता था और कितनी बार उनका नाम लेकर मुठ मारी है मार्च में लॉकडॉउन लगने की वजह से घर आना पड़ा घर से ऑफिस का काम चल रहा था मैं घर पर सबके साथ रहने पर बहुत खुश था।
दिन भर मैं ऑफिस के काम में बिज़ी रहता था और घर के सारे लोग नीचे ही रहते थे मेरा घर 3 मंज़िल का है जिसमें एक मंज़िल पर मेरे मम्मी पापा का कमरा रसोई और एक गेस्ट रूम था दूसरी मंज़िल पर मेरे भाई और बहनों का रूम था और तीसरी मंज़िल पर मेरी चाची और मेरा रूम था मेरे और चाची का रूम का वॉशरूम एक ही था उसका दरवाजा दोनों रूम में खुलता था।
एक रविवार का दिन था उस दिन मेरा ऑफिस का कोई काम नहीं था तो मैं अपने रूम में बैठ कर sexstoryinhindi.in पर कहानियां पढ़ रहा था सर पर वासना चढ़ी, तो मैं वॉशरूम में जाकर मुठ मारने लगा तभी मैंने वहीं पड़ी चाची की ब्रा और पैंटी देखी तो पैंटी और ब्रा को उठा कर उसको सूंघने लगा।
उसमें से चाची के बदन की खुश्बू आई तो मैं मदहोश हो गया और उनकी ब्रा और पैंटी को अपने लंड लगा कर मुठ मारने लगा कुछ देर में मैंने चाची की पैंटी पर माल गिरा दिया और उसके बाद ब्रा पैंटी पानी से साफ करके रख दी उस दिन मुझे बड़ा मजा आया तो अब मैं रोज ही उनकी ब्रा और पैंटी पर मुठ मारने लगा था।
एक बार मैं वॉशरूम में चाची की ब्रा पैंटी पर मुठ मार रहा था मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब चाची अपने रूम में आ गईं और वॉशरूम में आने लगीं ज़ोर ज़ोर से चाची का नाम लेकर मैं मुठ मार रहा था और चाची ने वॉशरूम का दरवाजा खोल लिया मैं बिना कपड़ों के उनकी ब्रा और पैंटी को लंड पर लगाए खड़ा था।
अचानक चाची को अपने सामने देख कर तो मेरी गांड ही फट गई और मेरा लंड सिकुड़ कर छोटा हो गया चाची ने मेरे लंड को देखा और गुस्से में अपनी ब्रा पैंटी खींच ली वो दरवाजा बंद करके चली गईं अब मेरी गांड फट रही थी कि चाची जाकर मम्मी और पापा को ना बता दें मैं यही सोचते सोचते रूम में जाकर सो गया रात में खाना खाने नीचे गया तो किसी से कुछ नहीं बोला।
तब समझ आया कि चाची ने किसी को नहीं बताया लेकिन चाची अब मुझसे बात नहीं कर रही थीं और मैं भी उनसे नज़रें नहीं मिला पा रहा था चार दिन निकल गए थे अब चाची वॉशरूम में ब्रा पैंटी भी नहीं रख रही थीं और ना ही मुझसे बात कर रही थीं तो मैंने सोचा उनके उनके पास जाकर माफी माँग लूँगा रात में सब खाना खाकर अपने अपने रूम में चले गए थे।
तो मैं चाची के रूम में गया चाची बेड पर लेटी थीं मैंने जाकर उनको आवाज़ दी- चाची चाची- हां कुछ काम था क्या ये बोलते हुए वो बेड पर बैठ गईं मैं- चाची आई एम सॉरी प्लीज़ आप मुझे माफ़ कर दीजिए ना आप मुझसे बात नहीं कर रही हैं तो बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा है चाची- तू इतना गंदा कब से हो गया है मैं तुम्हारी चाची हूँ मेरे बारे में तुम्हें इतना ग़लत सोचते हुए शर्म नहीं आती है।
मैं- चाची प्लीज़ माफ़ कर दीजिए फिर कभी नहीं करूंगा थोड़ी देर मनाने के बाद वो मान गईं- चल ठीक है माफ़ किया फिर मत करना ऐसा फिर वो सहज हो गईं और मज़ाक करने लगीं चाची- अब तेरी मम्मी को बोल कर तेरी शादी करनी पड़ेगी फिर करना उसके साथ जो तुझे करना है इसके बाद हम दोनों ही हंस दिए और मस्ती करने लगे।
फिर चाची ने ऐसा कुछ पूछा जिसकी मुझे उम्मीद ही नहीं थी- अच्छा ये बता तू वॉशरूम में ये सब क्यों कर रहा था मैं कुछ नहीं बोला और सिर नीचे करके बैठा रहा वो दुबारा बोलीं- बता ना मेरा नाम क्यों ले रहा था अब मैं थोड़ी हिम्मत करके उनसे बोला- मुझे आप बहुत पसंद हैं मेरे इस जवाब पर वो मुझे हैरानी से देखने लगीं और बोलीं- मुझमें ऐसा क्या है जो मैं तुझे अच्छी लगी।
अब तो मेरी उम्र भी हो गयी है मैं- आप बहुत सुंदर हैं आप मुझे बहुत पसंद हैं चाची- अच्छा क्या पसंद है तुझे मुझमें मैं- आपका सब कुछ पसंद है चाची- सब क्या क्या मैं- आप गुस्सा करोगी चाची- चल नहीं करूंगी तू बता मैं- प्रॉमिस चाची- प्रॉमिस मैंने कहा- खुल कर कहूँ चाची- हां मैं- आपके ये 34 के चुचे और आपके चूतड़ चाची सवालिया नज़र से देखते हुए बोलीं- तुझे कैसे पता मेरे वो 34 के हैं।
मैं- आपकी ब्रा पर 34-बी लिखा था चाची- अच्छा जी ये बोल कर चाची शर्माने लगीं और बोलीं- अभी रात बहुत हो गई है अभी जाकर सो जा ये कह कर चाची ने मुझे मेरे रूम में भेज दिया बस चाची के बारे में सोचते सोचते कब सो गया पता ही नहीं चला अगले दिन उठ कर वॉशरूम गया तो मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा चाची अपनी ब्रा और पैंटी वहां छोड़ कर गई थीं।
थोड़ी देर बाद चाची मेरे रूम में आईं और बोलीं- आरव मेरे सिर में दर्द हो रहा है क्या तुम्हारे पास कोई दवाई है घर में सबको पता था कि मैं अपने पास दवाएं रखता हूँ मैंने एक टेबलेट निकल कर दी और कहा- आप थोड़ी देर यहीं लेट जाएं तो मैं आपका सिर दबा दूँगा पहले तो वो मना करने लगीं लेकिन मेरे बार बार कहने पर मान गईं और वो मेरे बेड पर लेट गईं।
मैं उनके सिर के पास बैठ कर सिर दबाने लगा चाची की चुचियों के बीच की घाटी मुझे साफ दिख रही थी जिससे मेरे लंड में हलचल होना शुरू हो गयी और मेरा लंड पूरा कड़क हो गया उस वक्त मैंने लोअर पहना था और रूम में मैं अंडरवियर पहनता नहीं हूँ लंड खड़ा हुआ तो चाची को भी मेरा लंड साफ दिख रहा था जिससे उनकी सांसें तेज़ हो गयी थीं.
फिर अचानक से चाची उठ कर बैठ गईं तो मेरी फिर से गांड फट गयी चाची बोलीं- आरव मेरा शरीर भी दुख रहा है एक बार मेरे पूरे शरीर की मालिश कर दो ये सुनकर मेरी तो जैसे लॉटरी निकल आई हो मैंने तुरंत हां कर दी चाची बोलीं- यहां नहीं मेरे रूम में मालिश का तेल रखा है वहीं आ जा मैं अपने कमरे में जा रही हूँ मैं तो था ही इसी इंतजार में कि कोई मौका मिले तो चाची की चूत मारने का मजा मिल सके।
इससे अच्छा मौका मुझे भी नहीं मिलने वाला था मैं भी तुरंत तैयार हो गया चाची गांड मटकाती हुई अपने कमरे में चली गईं जब मैं उनके रूम में पहुंचा तो चाची बेड पर औंधी लेटी हुई थीं मुझे देख कर उन्होंने नजदीक आकर मालिश करने को कहा मैंने तेल की शीशी ली और बेड पर उनके बगल में बैठकर मालिश करने लगा।
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उनकी साड़ी का पल्लू एक तरफ गिरा हुआ था और उनके ब्लाउज के हुक, पीठ पर कसे हुए मेरी नजरों के सामने थे पेट के बल लेटी हुई चाची की गोल गोल उठी हुई गांड देखकर मेरा मन उनके चूतड़ों को भींचने का कर रहा था कमर पर मालिश करते हुए मेरे हाथ उनकी पतली कमर पर नीचे तक जाने की कोशिश कर रहे थे।
चाची कुछ नहीं बोल रही थीं. वो बस सिर के नीचे हाथ दबाए हुए लेटी हुई थीं कुछ देर बाद उन्होंने बोला- आरव मेरे ब्लाउज के हुक खोलकर थोड़ी पीठ की मालिश भी कर दे ये सुनकर मैं एकदम से सकपका गया वैसे तो मैं खुद ही चाची की चूत मारना चाह रहा था लेकिन उनके ब्लाउज खोलने की बात कहने पर न जाने क्यों मेरे हाथ कांपने लगे।
फिर मैंने धीरे धीरे उनके ब्लाउज के हुक खोल दिए और ब्लाउज के दोनों पल्ले अपनी अपनी साइड में नीचे तक जा खिसका दिए अब चाची की चूचियों के उभार मुझे नीचे दबे हुए दिख रहे थे मैंने धीरे धीरे उनकी पीठ की मालिश शुरू की दोस्तो चाची की पीठ क्या मखमल का बिछौना सी थी मुझे लग रहा था जैसे मैंने मलाई पर हाथ फिरा रहा हूँ।
कुछ देर में ही मेरी हिम्मत बढ़ने लगी थी अब मेरे हाथ चाची की चूचियों के उभारों तक नीचे पहुंचने लगे थे मेरी उंगलियां उनकी चूचियों की जड़ के हिस्से को छूकर आ रही थीं मेरा लंड टनटना चुका था और झटके लग रहे थे दोस्तो जैसे जैसे लंड में रक्त प्रवाह प्रबल होता जाता है वैसे वैसे मर्द की वासना भी बेकाबू होती जाती है।
अब मेरे मन में ख्याल आने लगे थे कि चाची अब चाहें न चाहें मगर अब मैं इनको नंगी करके चोद ही दूंगा इनकी चूत को रगड़कर चोदूंगा इनकी सारी चुदास मिटा दूंगा मैंने चाची की चूचियों को जानबूझकर छेड़ना शुरू कर दिया वो कुछ नहीं बोल रही थीं मैं धीरे धीरे उनकी चूचियों के आधे हिस्से तक हाथ ले जाने लगा।
उसके आगे हाथ पहुंच ही नहीं रहे थे क्योंकि बाकी का आधा हिस्सा बेड पर दबा हुआ था मैं चूचियों को दबाने लगा तो चाची बोलीं- क्यों गर्म कर रहा है फिर तू मुझे संभाल नहीं पाएगा मैंने ये गर्मी दो साल से दबा कर रखी है मैं वासना भरे स्वर में बोला- आह चाची एक बार अपनी सेवा करने का मौका तो दो ऐसी खातिरदारी करूंगा कि आप मेरी कायल हो जाओगी।
इस पर वो कुछ न बोलीं और पलटकर सीधी करवट ले ली अब वो पीठ के बल थीं और उनका ब्लाउज उनकी चूचियों से आधा उठ चुका था चाची ने मेरी ओर देखा और अपने दोनों हाथों को दोनों चूचियों पर रखकर अपना ब्लाउज उठा दिया अब चाची के दोनों चुचे मेरे सामने नग्न थे उनकी नंगी चूचियां देखकर मेरा तो मुँह खुला का खुला रह गया गला सूखने लगा।
उनकी गोरी चूचियों पर भूरे रंग के खूबसूरत निप्पल मटर के दाने के समान उठे हुए थे एक बार मेरी नजर चूचियों पर जा रही थी और एक बार चाची की आंखों में वो जैसे कह रही थीं कि आ जा पी ले इनका रस मुझसे भी रहा न गया और मैंने नीचे झुक कर चाची की एक चूची को मुँह में ले लिया उसको चूसा और फिर अगले ही पल दूसरी को मुँह में भर लिया।
मेरी हालत ऐसी थी, जैसे किसी भूखे को बरसों बाद खाना नसीब हुआ हो मैं चाची की दोनों चूचियों को बहुत तेजी से बारी बारी चूस रहा था चाची मेरे बालों को सहलाने लगी थीं मैं अब उनके स्तनों को दबाते हुए पीने लगा था मैंने एक चूची पर फोकस किया और दूसरी को दबाने लगा चाची गर्म होने लगीं फिर मैंने दूसरी को मुँह में लिया और पहली को दबाने लगा।
चाची मेरे सिर को अपने सीने में और जोर से दबाने लगीं काफी देर तक चाची की दोनों चूचियों को पीने के बाद मैंने चाची के होंठों को चूसना शुरू कर दिया अब वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी थीं उन्होंने मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी नाभि के नीचे साड़ी के ऊपर रखवा दिया और खुलवाने का इशारा करने लगीं।
मैं समझ गया और नीचे ही नीचे चाची की साड़ी को पेटीकोट से निकाल दिया मुझे किस करने के बाद वो उठीं और उन्होंने अपनी साड़ी पूरी तरह से खोलकर एक तरफ कर दी अब वो पेटीकोट में थीं चाची ने मेरी आंखों में देखते हुए अपने पेटीकोट का नाड़ा खोला और पेटीकोट को भी नीचे सरका कर निकल जाने दिया आह नीचे चाची ने लाल पैंटी पहनी थी।
चाची की चूत उस पैंटी में अलग ही उभरी और फूली हुई सी दिख रही थी पैंटी काफी टाइट थी जिससे चाची की चूत की दोनों फांकें अपनी शेप दिखा रही थीं मैंने फिर से चाची को बेड पर पटक लिया और उनके 34 बी के चूचे दबाते हुए उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा पैंटी के ऊपर से ही चूत मसलने लगा और उनके होंठों को खाने लगा।
चाची भी अपनी जांघों को भींचने लगी थीं उनकी चूत को मजा आ रहा था कुछ देर तक हम होंठों के रसपान में डूबे रहे और अब मैंने भी अपने कपड़े निकाल दिए मैं पूरा नंगा हो गया था. मेरे लंड का हाल कामरस ने बेहाल कर दिया था अब मैंने चाची की पैंटी पर मुँह रखा और चूत को मुँह में लेकर जैसे खाने लगा।
चाची की चूत से रिस रहा रस इतनी मादक गंध वाला था कि मुझे नशा सा होने लगा मैं उनकी पैंटी को ही चूसने लगा. मैं उनकी चूत के रस को पैंटी में से ही चूस कर मुँह में खींच रहा था अब चाची से रहा न गया तो उन्होंने अपनी पैंटी भी उतार दी और अपनी चूत मेरे सामने नंगी कर दी चाची की फूली हुई सांवली चूत देखकर मैं उस पर टूट पड़ा और तेज तेज चाटने लगा।
देसी चाची कामुक सिसकारियां निकलने लगीं- आह्हह आरव ऊईई आह्ह और चूस आह्ह बहुत दिनों बाद चूत पर किसी मर्द की जीभ लगी है आह्ह चूस और जोर से आह्ह मर गयी मैं उम्म आह्ह उनके मुँह से निकलते कामुक शब्द मुझे वहशी बना रहे थे मैंने उनकी चूत से जीभ निकाली और दो उंगली डालकर चोदने लगा।
चाची उचक गईं और मैंने उसकी चूची को जोर से भींचकर उनके निप्पल को मसल दिया वो जोर से कराह उठीं इसके बाद मैंने उनको उठाया और खुद घुटनों के बल खड़ा होकर उनके मुँह के सामने लंड कर दिया चाची के होंठों पर लंड को रगड़ने लगा और चाची से मुँह खोलने के लिए कहा चाची ने थोड़ा नखरा किया तो मैंने रिक्वेस्ट की।
फिर उन्होंने मुँह खोला तो मैंने धीरे से पूरा लंड उनके मुँह में दे दिया और उनके मुँह को चोदने लगा वो भी मेरा साथ देने लगीं और लंड को चूसने लगीं कुछ देर तक लंड चुसवाने के बाद मुझसे रुकना मुश्किल हो गया और मैंने चाची की टांगों को फैला लिया।
इतने में ही चाची ने मेरे लंड को पकड़ लिया और उसकी मुठ मारते हुए सिसकार कर बोलीं- आह्ह चोद दे ना आरव जल्दी से चोद दे मुझे मेरी प्यास मिटा दे इतना बड़ा लंड है तेरा मैं तो रोक नहीं पा रही हूं खुद को तेरे चाचा के जाने के बाद से तड़प रही हूँ चाची की तड़प देखकर मैंने सोचा कि इनका और मजा लिया जाना चाहिए।
मैंने चाची की चूत पर लंड को रख दिया और उनके ऊपर लेटकर उनके होंठों को चूसने लगा अपनी चूत पर लंड लगते ही चाची जैसे मेरे होंठों को खाने ही लगी थीं ऐसा लग रहा था जैसे वो मुझे अपने अन्दर ही डाल लेंगी उनके दांत मेरे होंठों को काटने लगे थे नीचे से वो खुद अपनी चूत को मेरे लंड पर घिस रही थीं जब उनसे बर्दाश्त न हुआ तो वो पागलों की तरह चिल्लाने लगीं।
मैंने उनके मुँह पर हाथ रख लिया तो वो मेरे हाथ को ही चूमने लगीं मैंने उनके मुँह में उंगली दे दी और वो उसको लंड की तरह ही चूसने लगीं चाची की चुदास देखकर मेरा तो वैसे ही छूटने को हो गया था मैंने सोचा कि अब देर करना ठीक नहीं है वर्ना चाची का पता नहीं क्या हाल होगा फिर मैंने उनकी चूत पर लंड को सैट किया और धीरे से एक धक्का दे दिया।
चाची की गर्म चिकनी चूत तो जैसे इसी पल के इंतजार में थी उनकी चूत बहुत टाइट थी और तीन चार धक्के में लगभग आधा लंड चाची की चूत में उतर गया एकदम से चाची के मुँह से चीख निकल गयी और उन्होंने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया मैंने दूसरा धक्का दिया और चाची के ऊपर लेट गया मेरा लंड लगभग पूरा अन्दर घुसने को हो गया था।
अब मैंने चाची के होंठों को चूसना शुरू किया और धीरे धीरे उसकी चूत में लंड के धक्के लगाने लगा चाची की पकड़ मेरी पीठ पर बढ़ती ही जा रही थी. इतनी चुदासी औरत मैंने तो पोर्न फिल्मों में भी नहीं देखी थी उन्होंने अपनी टांगों को मेरी गांड पर लपेट लिया और चूत को उचका उचका कर चुदने लगीं इतने से भी उनका मन नहीं भरा तो उसने उठकर मुझे नीचे पटका और खुद मेरे ऊपर आ गईं।
मेरे लंड को अपने हाथ से चूत में सैट किया और लंड को अन्दर तक घुसवा कर उस पर उछलने लगीं एक बार मेरी नजर चूचियों पर जा रही थी और एक बार चाची की आंखों में वो जैसे कह रही थी- आ जा पी ले इनका रस वो एक हाथ से अपनी चूत के दाने को मसल रही थीं और दूसरे हाथ से उन्होंने मेरे कंधे को थामा हुआ था।
मैंने उनके स्तनों को भींचना शुरू कर दिया इससे अब उनको और ज्यादा मजा आने लगा मेरे आनन्द का भी ठिकाना ही नहीं था चाची की गांड जब मेरी जांघों पर लगती थी तो पट-पट की आवाज हो रही थी मेरा लंड चाची की चूत में पूरी गहराई तक उतर रहा था और उनके चेहरे पर आनन्द के साथ ही हल्का दर्द भी झलक रहा था।
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इन भावों के साथ उनको चुदते हुए देखकर मैं धीरे धीरे स्खलन की ओर बढ़ रहा था दस बारह मिनट की चुदाई के बाद ही मेरा निकलने को हो गया और मैंने चाची की गांड को हाथों से थामकर तेजी से उनकी चूत में झटके देने शुरू कर दिए वो भी और ज्यादा जोर से कूदने लगीं इस तरह से पूरे जोश में चुदाई की स्पीड बढ़ाते हुए हम जल्दी ही चरम सीमा तक पहुंच गए।
फिर मेरे लंड से एकदम वीर्य की धार निकल कर चाची की चूत में जाने लगी उसी वक्त चाची की चूत ने भी पानी छोड़ दिया और हम दोनों साथ में ही झड़ गए मेरा सारा लावा चाची की चूत में खाली हो गया हम ऐसे ही एक दूसरे से चिपक कर लेट गए उसके थोड़े टाइम बाद में अपने कपड़े पहन कर अपने रूम में आ गया और अपने ऑफिस का काम करने लगा।
फिर रात के खाना के बाद मैं चाची के साथ चाची के रूम में आ गया और पूरी रात में चाची को तीन बार चोदा फिर तो पूरे लॉकडाऊन मैंने अपनी चाची को चोदा और अब जब भी घर जाता हूँ, तो चाची को चोद लेता हूँ प्लीज़ फ्रेंड्स मेल करके बताना कि आपको मेरी देसी चाची कहानी कैसी लगी।
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