होटल में मिला कुवारी चूत का मजा-First Time Sex Story
- By : Tharki
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हैलो फ्रेंड्स मेरा नाम दीपक है मैं उत्तर प्रदेश के रायबरेली में रहता हूँ मैं अभी स्टूडेंट हूँ और मुझे अपनी पढ़ाई और एग्जाम के चलते दूसरी सिटी में भी जाना पड़ता है यह कहानी तब की है जब मैं अपने एक दोस्त के साथ बाहर एग्जाम देने गया हुआ था।
जिस सिटी में एग्जाम था वो थोड़ा दूर था इसीलिए हम दोनों ने ट्रेन से जाने का फ़ैसला किया जहां पेपर देने जाना था वहां से ही थोड़ी दूर पर मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड एक हॉस्टल में रहती थी दोस्त ने उससे भी बुला लिया था जो मुझे वहां जाके पता चला।
एग्जाम के एक दिन पहले हम दोनों दिन में निकले और देर रात को हम स्टेशन पे पहुंचे वहां पहुंच कर मैंने दोस्त से होटल में एक रूम लेने को कहा दोस्त ने मुझे ये कह कर मना कर दिया कि रूम सुबह 5 बजे लिया जाएगा उससे हमारा एक दिन का किराया बच रहा था।
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इसलिए मैं भी उसकी बात से सहमत हो गया हम दोनों ने किसी तरह रात काटी और सुबह 5 बजे जब हम दोनों वेटिंग रूम में थे तो दोस्त को किसी का कॉल आया और उसके थोड़ी देर बाद ही दो बहुत ही खूबसूरत सी लड़कियां वेटिंग रूम में आईं।
मैं अभी उन दोनों को ही देख रहा था कि तभी दोस्त ने मुझे जोर से हिलाते हुए कहा कि ये उसकी गर्लफ्रेंड है और साथ आई लड़की उसकी गर्लफ्रेंड की सहेली है उसकी गर्लफ्रेंड का नाम शीतल था और उसकी सहेली का नाम अनामिका था वे दोनों इसी शहर के एक कॉलेज में पढ़ती थीं और एक हॉस्टल में रहती थीं।
मैंने दोनों को हैलो बोला और थोड़ी देर बात करने के बाद हम सब होटल में रूम लेने के लिए निकल गए होटल में जाकर मेरे दोस्त ने दो रूम की बुकिंग की ऊपर कमरे में जाने के थोड़ी देर बाद ही मेरा दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड के रूम में चला गया मैंने इस बात पर इसलिए ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि ये अभी आ जाएगा।
मुझे नींद आ रही थी तो मैं अपने रूम में ही सो गया 10 बजे करीब जब मेरी आंखें खुलीं तो मैंने देखा मेरे बगल में अनामिका सोई हुई है पहले तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ फिर मैंने दोस्त को कॉल किया तो पता चला वो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ है खैर मैं नहा धोकर तैयार होने लगा।
मगर मेरी नज़र अनामिका पर से हट ही नहीं रही थी रेड टॉप में वो कमाल की माल लग रही थी उसका भरा हुआ बदन और नाज़ुक से रसीले होंठ मुझे अपनी तरफ बुला रहे थे मैंने किसी तरह खुद पर कंट्रोल किया और रेडी होके पेपर देने चला गया।
पेपर देने जाते वक़्त मैंने अपना फोन रूम में ही छोड़ दिया था ये बात मैंने अपने दोस्त को भी बता दी थी जब मैं पेपर देकर रूम पर वापस आया तो अनामिका अभी अभी नहा के बाहर आई थी वो मिनी शॉट्स और छोटे से टॉप में इस वक्त और भी कमाल लग रही थी मैं उसे ही घूरे जा रहा था।
उसने मुझे हैलो बोला तब मेरा ध्यान टूटा उसके बाद उसने मुझसे बातचीत शुरू की- कहां खो गए थे कभी लड़की को नहा के आया नहीं देखा क्या मैं- नहीं इतना करीब से आज ही देखा है अनामिका- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है मैं- नहीं अब तक तो कोई भी नहीं है अनामिका- एग्जाम कैसा हुआ।
मैं- अच्छा ही हुआ और ये दोनों कहां हैं अनामिका- सुबह से रूम से बाहर ही नहीं आए है लगता है हनीमून पूरा कर के ही आएंगे मैं- मुझे तो भूख लगी है चलो कहीं बाहर खाने चलते हैं अनामिका- हां ज़रूर बस दो मिनट में रेडी हो जाऊं मैं- अब और कितना रेडी होना है यार ऐसे भी कमाल ही लग रही हो।
अनामिका- थैंक्यू लेकिन क्या लाइन मार रहे हो मैं- नहीं यार सच बोल रहा हूँ अनामिका हंसी और अपने बाल सही करने लगी फिर हम दोनों बाहर गए बाहर उसके साथ जाते हुए ऐसा लग रहा था जैसे हम दोनों कपल हों मैंने उसके हाथ को अपने हाथ में थाम लिया उसने भी कोई ऐतराज नहीं किया।
अब हम दोनों हाथ में हाथ डाले बिल्कुल कपल की तरह ही लग रहे थे उसके हाथों का स्पर्श पाकर मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गई थीं जींस में मेरा लंड बार बार खड़ा हो रहा था उसने भी ये बहुत बार देख लिया था खैर हम दोनों खाना खा के वापस रूम में आए तो मैंने दोस्त को कॉल किया उस टाइम दिन में 3 बजे रहे थे।
वो उठ गया था उससे बात होने के बाद हम दोनों उनके रूम में गए और बैठ कर बातें करने लगे तभी मेरी नज़र दोस्त के बेड पे गई वहां शीतल की ब्रा पड़ी हुई थी मैं समझ गया ये दोनों पूरा काम कर चुके हैं मैंने दोस्त से आगे का प्लान पूछा तो ये तय हुआ कि सब घूमने चलेंगे।
फिर मैं और अनामिका रूम में आए और रेडी होने लगे ये मेरा पहली बार था जब मैं किसी लड़की के साथ रूम में था वो भी मुझे ही देखे जा रही थी मैं वाशरूम से हाथ मुँह धोकर वापस रूम में आया तो वो टॉप पहन रही थी यानि सिर्फ़ ब्रा में थी।
मुझे देखते ही टॉप से उसने अपने आपको छुपाना चाहा मगर टॉप छोटा था उसकी मम्मे छिप ही नहीं पा रहे थे मैं उसके पास गया और उसे अपनी बांहों में भर लिया उसने अपनी आंखें बंद कर लीं और उसके लिप्स कांपने लगे मैं उससे बोला- आई रियली लाइक यू अनामिका।
मैं उसके होंठों पे किस करने लगा उसने भी टॉप छोड़ के मेरा पूरा साथ दिया हम दोनों बिल्कुल खो गए थे उसके साथ किस करने में मुझे लगा ही नहीं कि हम दोनों अभी कल ही तो मिले हैं हमारी किस अभी चल ही रही थी कि तभी दरवाज़े पे दस्तक हुई और हम दोनों होश में आए।
बाहर दोस्त हम दोनों का वेट कर रहा था अनामिका बाथरूम में चली गई और मैं रेडी होके दरवाज़े पे आ गया दो मिनट बाद अनामिका भी रेडी हो गई थी अब हम सब घूमने चल दिए रास्ते में मैं और अनामिका एक दूसरे से नज़र नहीं मिला पा रहे थे बस एक दूसरे को देख कर दोनों तरफ से स्माइल पास हो रही थी।
शायद हम दोनों को घूमने में मजा ही नहीं आ रहा था बस यूं लग रहा था कि किसी तरह एक दूसरे से चिपक कर अपनी गर्म सांसें एक दूसरे से लड़ा लें किसी तरह घूमना खत्म हुआ और हम सब होटल आ गए इस वक्त रात के नौ बज गए थे।
मेरा दोस्त मुझे आंख मार के शीतल के रूम में चला गया मैं और अनामिका भी रूम में आ गए हम दोनों बस चुपचाप एक दूसरे को देख रहे थे तभी मैंने अनामिका की तारीफ करते हुए कहा कि शाम को तुम खूबसूरत लग रही थी उसने थैंक्स में जवाब दिया।
फिर वो बैग से कपड़े निकालने लगी और चेंज करने के लिए बाथरूम में जाने लगी मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और अपनी तरफ खींच लिया वो कटी हुई डाली की तरह मेरी बांहों में आ गिरी हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे कुछ ही पल बाद हम दोनों फिर से लिपलॉक करने लगे।
कोई 10 मिनट तक किस करने के बाद मैं अपने हाथ उसके टॉप के अन्दर ले गया उसकी ब्रा को पीछे से खोल दिया मैंने किस खत्म करने के बाद उसे बेड पे लिटा दिया और खुद अपनी शर्ट उतार कर उसके ऊपर आ गया मैंने उसकी आंखों में देखा तो मुझे उसकी नजरों में वासना दिखी।
ये देख कर मैं उसका टॉप उतारने लगा अनामिका ने भी हाथ ऊपर कर के मेरा साथ दिया ये पहली बार था जब मैं किसी लड़की को बिना टॉप और ब्रा के देख रहा था उसकी ब्रा उतारने के बाद पहली बार में उसकी चुचियां देखीं कमाल की चूचियां थीं उसकी चूचियां बत्तीस इंच के साइज़ की थीं।
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जो अनामिका ने मुझे बाद में बताया उसकी ब्रा और टॉप दोनों ही मैंने दूर फेंक दिए और उसकी चुचियों को मुँह में लेके चूसने लगा मुझे इस काम में बहुत मज़ा आ रहा था अनामिका भी धीरे धीरे आवाज़ कर रही थी- अहहाह अयाया और करो दीपक कम ऑन सक मी।
फिर अनामिका मस्ती में आ गई और अपने हाथ मेरी पीठ पे फेरने लगी हम दोनों ही किसी और दुनिया में आ चुके थे धीरे धीरे मैं अपना हाथ नीचे ले जाने लगा और उसकी जींस के अन्दर हाथ डालने लगा मगर जींस बहुत टाइट थी।
मैंने उसकी मदद से उसकी जींस उसके बदन से अलग कर दी जींस उतारते ही मुझे उसकी खूबसूरत टांगें और पेंटी में कैद रोती हुई फूली सी चूत दिखी मैं वहीं उसकी चूत के करीब आकर उसकी मरमरी टांगें चूमने और चाटने लगा मेरे होंठ उसकी कमर के नीचे चल रहे थे और मेरा एक हाथ उसकी चुचियां दबाने में लग गया।
थोड़ी देर बाद मैं फिर से ऊपर आकर उसे होंठों पर किस करने लगा अब उसका हाथ भी मेरे पैंट पे आ गया था और वो ऊपर से मेरे लंड को पकड़ने की कोशिश कर रही थी जब उससे सही से नहीं हुआ तो धीरे से बोली- अपनी पैंट भी उतार दो न मैं मजे लेते हुए बोला- खुद ही उतार लो न।
वो नीचे हो गई और मेरी पैंट उतारने लगी उसने पैंट के साथ साथ मेरी अंडरवियर भी उतार दी अब वो मेरी तरफ देखते हुए धीरे से मेरा लंड हिलाने लगी मैं उसकी आंखों में वासना से देखते हुए बोला- एक बार मुँह में भी लेके देखो तुम्हें और भी मज़ा आएगा उसने मुस्कुरा के सर हां में हिला कर मुझे जवाब दिया और लंड के सुपारे पर अपनी जीभ फिरा दी।
अगले दो पलों के बाद मेरा लंड उसके मुँह में था आह कसम से यार मुझे बहुत मज़ा आ रहा था वो मेरा आधा लंड अपनी जुबान में दबा कर चूस रही थी लंड चुसाई की मस्ती से जोश में आ कर मैं उसके सिर को अपने लंड पे दबाने लगा मेरा लंड उसके हलक तक गया ही था कि कुछ ही सेकेंड बाद वो मुझसे अलग होकर खांसते हुए बोली- क्या जान से मारना है मुझे तुम्हारा लंड बहुत मोटा है मैं धीरे धीरे ही ले पाऊंगी।
मैंने उससे कहा- ठीक है मैं लेट कर दुबारा अपना लंड उसके मुँह में देने लगा उसके लंड मुँह में लेने के बाद 10 मिनट बाद ही लंड का माल उसके मुँह में छूट गया उसने लंड का पानी बगल में रखे डस्टबिन में थूक दिया और मेरे बगल में लेट कर टांगें खोलते हुए बोली- अब मेरी बारी।
मैंने नीचे जाके उसकी पैंटी उतार दी उसकी इडली सी फूली गोरी बुर पे बहुत ही छोटे छोटे बाल थे मैंने उसकी झांटों पर हाथ फेर कर उसकी आंखों की तरफ देखा तो उसने बताया अभी पांच दिन पहले ही उसने साफ़ किए थे उसकी बुर बिल्कुल गीली हो चुकी थी मैं अपनी ज़ुबान से उससे चाटने लगा।
सच कहूं तो दोस्तों चुदाई से ज्यादा मज़ा इस सब चुसाई और चटाई में आता है मैं उसकी बुर चाट रहा था और वो ऊपर मस्ती से चिल्ला रही थी- आह प्लीज़ दीपक डोंट बाईट हार्ड डू इट सॉफ्टर आई लव इट मुझे बहुत मज़ा आ रहा है यू आर अ लवली सकर आआह आआह बस करते रहो आह रुकना नहीं।
थोड़ी देर चाटने के बाद मैं एक उंगली उसकी बुर के दाने को रगड़ते हुए अन्दर डालने लगा इससे वो और गर्म हो गई उसके मुँह से और भी तेज सीत्कार निकलने लगीं आआआ आआआ उसे और मुझे दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था तभी वो एकदम से अकड़कर मेरे मुँह पर अपनी चूत उठाने लगी।
मैं समझ गया मैंने और तेज तेज से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया एक तेज आवाज उम्म्ह अहह हय याह करती हुई वो मेरे मुँह पर ही छूट गई मैंने उसकी चूत से मुँह नहीं हटाया मैं उसकी बुर का सारा पानी पी गया उसका नमकीन और खट्टा शहद मुझे जबदस्त मदहोशी दे रहा था मैंने उसकी चूत से निकला एक एक कतरा चाट कर साफ़ कर दिया।
मेरे होंठ नाक सब उसकी चूत के रस से सन गए थे मैं अपनी जीभ से अपनी नाक पर लगे उसके चूत रस को बड़े स्वाद ले ले कर चाट रहा था और उसे वासना से देखे जा रहा था वो अपनी आंख बंद किए हुए एकदम शिथिल अवस्था में पड़ी हुई थी इसके बाद मैं उसके बाजू में जाकर लेट गया।
हम दोनों बेड पे नंगे लेटे हुए थे मैं उसकी चुचियों को धीरे धीरे सहलाए जा रहा था एक दो पल बाद वो भी मेरा लंड हिलाने लगी कुछ ही मिनट बाद वो खुद उठ कर लंड मुँह में लेने लगी और देखते ही देखते मेरा लंड फिर से हार्ड हो गया अब उससे भी रहा नहीं जा रहा था और मुझसे भी।
मैं उसको लेटा कर उसके ऊपर आ गया और अपना लंड धीरे धीरे उसकी बुर की फांकों पर फेरने लगा वो टांगें फैला कर मुझसे कहने लगी- प्लीज़ अब डाल दो मैं बोला- क्या कहां डाल दूँ वो नशीली आंखों से मेरी आंखों में झांकते हुए धीरे से वासना से बोली- अपना लंड मेरी बुर में डाल दो।
इतना सुनने के बाद मैंने धीरे से उसकी चूत पर लंड रख के एक झटका मारा लंड थोड़ा अन्दर चला गया उसे दर्द तो हुआ मगर वो ज्यादा चिल्लाई नहीं उसने बस अपने होंठों को दांत से दबा लिया मैं समझ गया कि लौंडिया खेली खाई नहीं है जबकि लंड चुसाई के समय मैं सोच रहा था कि ये पका हुआ आम है।
मैं लंड डाले हुए उसकी चूत पर धीरे धीरे हिलने लगा जब उसको थोड़ा नॉर्मल लगा तब उसने अपनी बाँहें मेरी पीठ पर कस दीं मैंने इसे उसका इशारा समझा और दुबारा से एक झटका दे मारा इस बार मैंने अपना पूरा लंड उसी बुर में उतार दिया वो बहुत तेज से चिल्लाई मगर मैंने उसके मुँह पे अपने होंठ रख दिए थे।
उसने अपने हाथों से पीठ में नोंचना शुरू कर दिया वो तड़फ कर कहने लगी- आह दीपक निकाल लो बाद में करेंगे अभी मुझे बहुत दर्द हो रहा है अभी नहीं करना मुझे मगर मैं अब कहां रुकने वाला था मैंने धीरे धीरे हिलना शुरू कर दिया शुरू में तो वो दर्द से तड़फ रही थी मगर बाद में जब लंड ने अपना काम शुरू कर दिया तो वो भी मज़े लेने लगी।
वो काम वासना में गांड उठाते हुए बड़बड़ाने लगी कि आह दीपक मजा आ रहा है तुम करते रहो रुकना नहीं डियर मैं इसी दिन का कब से वेट कर रही थी मुझे कहां मालूम था कि मेरी बुर पे तुम्हारा ही नाम लिखा था बहुत मज़ा आ रहा हाईईईई रुकना नहींयाअ आआहह आआहह मैं बहुत दिनों से चुदाना चाह रही थी।
थोड़ी देर उसी पोज़ में चुदाई करने के बाद मैंने उससे ऊपर आने को बोला वो बिना वक़्त गंवाए झट से मेरे ऊपर आ गई अब वो गांड और चूचे उछाल उछाल कर मेरे लंड पर मचल रही थी मेरी नीचे से गांड उठा कर लगती हुई ठोकरों को अपना साथ दे रही थी।
होटल के इस एसी रूम में हम दोनों की कामुक आवाजें गूँज रही थीं एसी कूलेस्ट पर होते हुए भी हम दोनों पसीने में भीग गए थे सच में इस चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा था तभी वो छूट गई और मेरे ऊपर ही गिर गई मगर मैं रुका नहीं मैंने अगले ही जल्दी से उसे अपने नीचे लेटा लिया उसकी चूत में लौड़ा फंसा कर शुरू हो गया।
मैं उसे धकापेल पेलता रहा कोई पांच मिनट बाद मेरा भी काम हो गया और मैं उसी के ऊपर गिर गया हम दोनों को इतनी अधिक थकान हो गई थी कि इसी नंगी हालत में कब नींद आ गई कुछ पता ही नहीं चला सुबह छह बजे जब मेरी नींद खुली तो वो मेरे बगल में नंगी लेटी हुई थी।
बेड पे कई जगह खून के हल्के दाग थे मेरे थोड़ा छूते ही वो भी जाग गई रात के लिए मैंने उससे पूछा- मज़ा आया वो बोली- बहुत ज़्यादा मज़ा आया तुम बहुत अच्छे हो बहुत प्यार से तुमने मेरी सील तोड़ी आई लव यू दीपक मैंने भी उससे आई लव यू टू बोला और एक बार और करने को पूछा तो उसने भी हां बोल कर मेरा साथ दिया।
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उसके बाद हम दोनों ने एक बार और बेड पर और एक बार बाथरूम में भी सेक्स किया दोस्त का फोन आने पे मैंने उससे एक दिन और रुकने को बोला मैं अनामिका के साथ और रुकना चाहता था और किस्मत ने मेरा साथ दिया उस दिन पूरा दिन हम सबने सिटी घूमी और शाम के बाद से ही रूम में आ गए फिर पूरी रात चुदाई का मज़ा किया।
अगले दिन सुबह मैं और दोस्त निकलने लगे तो मैंने देखा अनामिका की आंखों में आंसू थे मैंने उससे दुबारा आने का वादा किया और ट्रेन से निकल गया उस दिन के बाद से मैंने काफ़ी बार सेक्स किया तीन बार तो उसके पास जाकर उसके हॉस्टल में ही मजा किया उसके हॉस्टल में मुझे उसने अपने ममेरे भाई के रूप में एंट्री दिलाई थी।
मगर होटल का वो पहला सेक्स मेरे लिए आज भी ख़ास याद है हालांकि अब हम दोनों दूर हो गए हैं उसके बाद भी मैंने काफ़ी लड़कियों और शादीशुदा महिलाओं के साथ सेक्स एंजाए किया उनके साथ किये गए सेक्स में कई मजेदार किस्से हैं वो सब भी कभी मौका मिलने पर आपके साथ शेयर करूंगा।
आपने sexstoryinhindi.in में अभी-अभी हॉट कहानी आनंद लिया लिया आनंद जारी रखने के लिए अगली कहानी पढ़े दोस्तो आपको ये सेक्स कहानी कैसी लगी।
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