पड़ोस वाली पिंकी भाभी की चूत का मजा-Bhabhi Ki Chudai
- By : Tharki
- Category : Bhabhi ki Chudai
आज मे आपको अपने पड़ोस की भाभी की चुदाई की कहानी बताऊंगा। मेरे पड़ोस में एक बला की खूबसूरत भाभी रहती थी. मेरे दोस्त उसे देख कर देखते रह जाते थे। लेकिन मैं वैसा नहीं सोचता था। पर उस भाभी ने मेरे साथ सेक्स किया।
दोस्तो, मेरा नाम अंकित है। मैं 26 साल का लड़का हूँ और काफ़ी हट्टा कट्टा मर्द हूँ। मेरी हाइट 5 फुट 6 इंच है। मैं काफ़ी खुशमिजाज आदमी हूँ, शायद इसी लिए मेरी दोस्ती लोगों से जल्दी हो जाती है।
यह सेक्स कहानी एकदम सच्ची है जो मेरे साथ घटित हुई थी। यह इतनी ज्यादा हॉट कहानी थी कि मैं इसे लिखने से खुद को रोक ही नहीं पाया। हमारे साथ ऐसी चीजें अक्सर जाने अंजाने में हो जाती हैं जिसे हम शायद किसी और को नहीं बता सकते। हम सबके कुछ राज़ होते हैं।
मैं एक बड़े शहर का रहने वाला हूँ। इधर मैं और मेरा परिवार एक कॉलोनी में रहते हैं। कॉलोनी में रहने की वजह से हमारी पहचान आस पड़ोस वालों से हो गई थी और उनसे हमारे गहरे संबंध बन गए थे।
मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती हैं। भाभी कहने को तो काफ़ी सुंदर हैं, उनका रंग गेहुंआ और हाइट 5 फुट 4 इंच की है। उनके दो बच्चे भी हैं। एक लड़का और एक लड़की लड़की बड़ी है और लड़का छोटा है।
यह ब्यूटीफुल भाभी सेक्स कहानी इन्हीं भाभी की है। बाहर पढ़ाई करने के कारण मैं अक्सर घर आता जाता रहता था। ऐसे ही कॉलोनी के एक फ़ंक्शन में मेरी पहचान उन भाभी से हुई।
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अब भाभी से मेरी मुलाकात ऐसे ही कभी कभार हो जाती थी। कभी वो कुछ काम से मेरे घर आया करती थीं या मम्मी मुझे कुछ देने उनके घर भेज दिया करती थीं। भाभी के पति सरकारी जॉब करते थे इसलिए वो सुबह से ही अपनी ड्यूटी पर चले जाते थे और बच्चे स्कूल।
मेरे लिए कभी भी भाभी के लिए कोई कामुक विचार नहीं थे। जबकि वो इतनी ज्यादा खूबसूरत हैं कि कोई भी उन पर लट्टू हो जाए। मेरे दोस्त अक्सर घर आया करते थे तो उस वक्त भाभी कभी कभी अपने घर के बाहर खड़ी होती थीं तो दोस्तों की नज़र उन पर पड़ जाती थी। तब उनकी शक्ल देखने लायक होती थी।
वे अक्सर मुझसे कहा करते थे- भाई तू तो जन्नत में रहता है मैं हंस कर उनको डाट दिया करता था। अब मेरी पढ़ाई खत्म हो चुकी थी और मैं घर पर ही रहने आ गया था। करोना के वजह से ज्यादा काम नहीं ढूंढ पा रहा था।
ऐसे ही एक दिन भाभी ने मुझे किसी काम से घर में बुलाया भैया भी घर पर ही थे। उन्होंने चाय के बहाने अपने बच्चों को ट्यूशन के बारे में मुझसे पूछा मैंने हां कर दी क्योंकि मेरे पास भी कोई ज्यादा कुछ करने को नहीं था।
मुझे नहीं पता था कि मेरा हां बोलना मेरे लिए एक दिन जैकपॉट जैसा साबित होगा। फिर मैं भाभी के बच्चों को पढ़ाने लगा एक दिन उनके बेटे को खेलने जाना था और वह पढ़ते पढ़ते काफ़ी थक गया था।
मैंने भाभी से कहा- बाबू थक गया है उसका आज पढ़ने का मन भी नहीं है। भाभी ने हंस कर कहा- तो आप ही बताइए कि अब क्या करना चाहिए मास्टर जी! मैंने भी कह दिया- आज इन्हें खेलने भेज दो, माइंड फ्रेश हो जाएगा उसका उन्होंने ‘ठीक है.’ कह दिया।
इतने में गुड़िया को भी गुस्सा आ गया; उसने कॉपी जोर से बंद कर दी वह भी खेलने जाने के लिए ज़िद कर रही थी तो मैंने उसे भी भेज दिया। अब घर पर सिर्फ़ भाभी और मैं अकेले रह गए थे भाभी ने चाय के लिए पूछा- अंकित, चाय पीनी है?
अब चाय के लिए कोई कैसे मना करे मैंने भी कह दिया कि नेकी और पूछ पूछ! भाभी हंस पड़ीं और बोलीं- मैं अभी लाई। फिर चाय पीते पीते मैंने उनसे पूछा- भाभी अब इतनी पढ़ी लिखी हैं, आपने ट्यूशन के लिए क्यों पूछा?
भाभी बोलीं- अंकित मुझे समय नहीं मिलता मैं घर के कामों से ही इतना थक जाती हूँ कि बच्चों को पढ़ाने की स्थिति ही नहीं रहती। मुझे उनकी इस बात से इतना ज्यादा गुस्सा आया कि इतनी सुंदर पत्नी से भला कोई आदमी कैसे इतना ज्यादा काम करा सकता है कितने चूतिए हैं भैया! मैं मन ही मन में बोला।
भाभी ने भी उसी समय मज़ाक मज़ाक में मुझसे पूछ लिया- अंकित, तुम जब कॉलेज में थे तब कोई जीएफ नहीं थी तुम्हारी? मुझे उनकी बात से हंसी आ गयी और मुझे चाय पीते पीते एकदम से फँदा सा लग गया मैं खाँसने लगा।
भाभी ने झट से मेरी पीठ को सहलाया और कहा- आराम से आराम से मैंने ऐसा क्या पूछ लिया कि तुम्हें इतनी जोर की हंसी आ गई? मैं कैसे बताता कि मुझे पढ़ाई से फ़ुर्सत मिलती, तो ध्यान देता।
मैंने सामने से कहा- नहीं भाभी, इस सबके लिए कभी समय ही नहीं मिला। वे भी हंस रही थीं। यार भाभी कितनी प्यारी लग रही थीं आपको कैसे बताऊं कि वे कैसे हंसती थीं बस ऐसा लगता था कि भाभी के गाल चूम लूँ
मैंने फिर से कहा- भाभी, मुझे लड़कियों से क्या कहूँ, वही समझ नहीं आता! भाभी ने कहा- तुम्हें कैसी लड़कियां पसंद हैं? मैंने सोचा कहीं ये मम्मी को तो नहीं बता देंगी.
तो मैंने कहा- आप मुझे मम्मी से मार खिलवाना चाहती हो ना! भाभी ने कहा- हट पागल, मैं तो यूं ही पूछ रही थी तुम इतने सीधे हो और अच्छे हो कि तुमसे तो कोई भी लड़की हां कह देगी।
मैंने भाभी से मज़ाक में कहा- फिर तो बस आपके जैसी चाय बनाने वाली जीएफ मिल जाए, तो मेरा तो कल्याण ही हो जाए मेरी बात सुनकर भाभी शर्मा गईं और कहने लगीं- हट बदमाश।
फिर ऐसे ही काफ़ी देर तक हम दोनों बातें करते रहे और मुझे उनके साथ बात करना अच्छा लगने लगा मेरा मन तो नहीं था जाने का, पर जाना पड़ा।
उस दिन पहली बार ऐसा लगा कि प्यार कैसा होता है फिर उसी रात भाभी का व्हाट्सैप आया- हाय तब रात के दस बज रहे थे। मैंने भी लिख दिया- हाय पिंकी भाभी आप अभी तक सोई नहीं! भाभी- तुम्हारे भैया की आज नाइट शिफ्ट है ना!
मैंने कहा- अच्छा अकेले में डर तो नहीं लग रहा ना! भाभी बोली- थोड़ा थोड़ा लग रहा है। मैंने कहा- आप डरो मत, कुछ भी हो तो मुझे बुला लेना मैं जाग रहा हूँ भाभी ने कहा- ठीक है।
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मैंने पूछा- बच्चे सो गए? भाभी ने बताया- हां वो सो गए। अब मैं मूवी देखने लगा फिर अचानक से भाभी का कॉल आया। भाभी घबराई हुई थीं; वे कहने लगीं- अंकित, क्या तुम अभी थोड़ी देर के लिए आ सकते हो? मैंने कहा- ठीक है भाभी मैं आ रहा हूँ
फिर मैं चला गया भाभी ने कहा- मुझे बेचैनी सी लग रही थी अकेले में डर सा लग रहा है। मैंने कहा- ओके मैं यहीं हूँ, आप डरिए मत! फिर हम दोनों बातें करने लगे भाभी ने फिर से चाय के लिए पूछा मैंने मना नहीं किया।
भाभी चाय लेकर आईं, तब तक 11 बज चुके थे हम दूसरे कमरे में आकर बातें करने लगे ताकि बच्चों को डिस्टर्ब ना हो। फिर भाभी ने कहा- अंकित चाय कैसी है? मैंने कहा- आपसे थोड़ी कम मीठी है।
वो मुस्कुरा कर ‘ओहो ये बात कहने लगीं मैंने भी हंस कर दिखा दिया फिर उन्होंने कहा- तुम जितने सीधे दिखते हो, उतने हो नहीं! मैं कुछ नहीं बोला बस चाय पीता रहा।
तभी मुझे फिर से फंदा सा लग गया वो फिर से मेरी पीठ को थपथपाने लगीं मैंने उस वक़्त पहली बात उनकी आंखों में वो देखा, जो मुझे इतने दिन से नहीं दिखा था। उनकी आंखें मानो कह रही थीं कि काश तुम और मैं अभी एक होते।
मैं जानबूझ कर और ज्यादा खांसने लगा ताकि वो मुझे थोड़ी देर तक और थपथपाएं ऐसा 5 मिनट तक चला और वो थपथपाते हुए मेरे एकदम सामने आ गई थीं। वो मेरी पीठ को सहलाने लगीं, मुझे कुछ अजीब सा लगने लगा मैं उनकी आंखों में डूब गया।
फिर अचानक से पीठ थपथपाते हुए उनका दाहिना हाथ मेरी गर्दन पर चला गया वे उंगलियों से मेरी गर्दन को सहला रही थीं। तब तक मेरा लंड किसी खंबे की तरह टाइट तन चुका था मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था।
एक तरफ़ डर और दूसरी ओर कामोत्तेजना थी मैं एक साथ दो से जूझ रहा था अंतत: मैंने काम को चुना मैं उनको देखते हुए धीरे से खड़ा हुआ और हाथ पकड़ कर किचन की ओर ले गया।
मैंने किचन का दरवाज़ा बंद कर दिया और भाभी के होंठों को एक बार देखा और चूम लिया तब अचानक से मुझे लगा कि ये मैंने क्या किया मैंने उनसे थोड़ा दूर हो गया। भाभी ने मुझे फिर से गले से लगा लिया और कहा- अंकित आई लव यू टू प्लीज किस मी।
बस फिर क्या था ब्यूटीफुल भाभी सेक्स के लिए तैयार दिखी तो मैंने भाभी को गले से लगाया और उनके पूरे बदन को महसूस करने लगा मुझको ऐसा लग रहा था कि मैं उनमें पूरा समा गया हूँ।
मैं उन्हें चूमता रहा कभी गर्दन, कभी कान, कभी होंठ मुझे इतना अच्छा कभी महसूस नहीं हुआ हम दोनों ये सब आधा घंटा तक यूं ही करते रहे फिर भाभी ने हाथ पकड़ कर मुझे अलग किया और अपने कमरे में ले गईं।
उधर वो मेरी टी-शर्ट उतारने लगीं उन्होंने मेरे सामने अपने कपड़े भी उतारे मैं उनको देखता रहा। फिर भाभी ने मेरी पैंट की बेल्ट खोली और बटन खोलने लगीं। मैं उनकी आंखों में आंखें डालकर उन्हें देख रहा था।
हम दोनों के बीच खामोशी छाई थी लेकिन वासना का इतना ज्यादा असर दिख रहा था कि कुछ बता ही नहीं सकता। उन्होंने मेरी पैंट को नीचे सरका दिया। मैंने पैंट उतार कर उन्हें पकड़ा दिया और उन्होंने उसे एक तरफ रख दिया।
मैं अब अंडरवियर में था जबकि भाभी सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं भाभी ने मुझे बिस्तर पर बैठा कर सिरहाने से टिका दिया। वो एकदम मेरे ऊपर आकर बैठ गईं और मैंने उन्हें जोर से जकड़ लिया।
मुझे अभी भी उनकी वो गर्म सिसकारियां याद हैं उन्होंने मेरे कान में मेरा नाम लेते हुए कहा था- अंकित आई लव यू सो मच मुझे कुचल दो आज! उनकी वो गर्म सांसें मेरे दिलो-दिमाग में नशा सा घोल रही थीं।
वे फिर से मुझे बेइंतेहा चूमने लगीं मानो उनको कब से इसी पल का इंतज़ार था। मैंने उन्हें अपनी बांहों में भर कर धीरे से उनकी ब्रा का हुक निकाल दिया उनकी ब्रा हटी, तो उनके दूध मेरे सीने में गड़ने लगे।
अब हमारे जिस्म एक दूसरे से बहुत ज्यादा चिपक चुके थे मैं उनकी गर्दन और उनके दोनों कंधों को बारी बारी से चूमता रहा। मैंने उत्तेजना से उनके कंधों को काट भी लिया और गर्दन भी अपने दांत गड़ा दिए।
फिर मेरा धीरे से मेरा एक हाथ उनकी चूचियों की तरफ़ गया और जैसे ही मैंने उनकी एक गेंद को दबाया, उनकी कामुक सिसकारियां और जोर से आने लगीं वे मेरे लंड पर अपनी चूत का दबाव देने लगीं मैं अब उनकी चूचियों को दबा रहा था।
भाभी के दूध काफ़ी बड़े बड़े थे और एकदम टाइट हो चुके थे फिर भाभी ने मेरे कान में सरसराती हुई क्षीण आवाज में कहा- इन्हें चूसा भी जाता है। मैंने उन्हें चूसना शुरू कर दिया।
इससे वो और भी ज्यादा पागल होने लगीं और अपनी कमर से जोर जोर मुझे धक्के देने लगीं अभी भी हम दोनों अंडरवियर में थे और भाभी के धक्कों से मैं एक बार झड़ चुका था। मैंने अपनी अंडरवियर निकाल दी और उन्होंने भी अपनी पैंटी को हटा दिया।
अब मैं उन्हें अपने नीचे दबा कर उनकी चूचियों को चूसने लगा, कभी दाहिना दूध चूसता तो कभी बांया। भाभी भी मेरी गर्दन को चूमने लगीं। फिर हमने पोज़िशन चेंज की अब भाभी नीचे लेटी हुई थीं और मैं उनके पेट को चूमते हुए नीचे जाने लगा मैं उनकी जांघों को चूमने लगा।
वे तो ऐसे मचलती हुई सिसकारियां ले रही थीं, जैसे आज तक उन्हें कभी किसी ने इतना मज़ा दिया ही न हो- आह अंकित आआहह उम्म्म्म! वे अपने एक हाथ से मेरे सिर को पकड़े हुई थीं और मैं भी काम वासना में मदहोश होकर भाभी की जांघों को चूमने लगा था।
धीरे से उनके छेद को चूमा तब उनके मुँह से जो आवाज़ निकली, वो आवाज मैं कभी नहीं भूल सकता- आआहह अंकित आई लव यू मेरी जान इतना सुन कर मैं और उत्तेजित हो गया अब मैं उनकी चूत के ऊपर वाले हिस्से को चूमने लगा।
चूत पूरी गीली हो चुकी थी मैं भाभी की चूत को अपनी जीभ से सहलाने लगा मेरा एक हाथ उनके दूध में और मुँह उनकी चूत में था उनकी जांघों ने तो मुझे एकदम से जकड़ लिया था और उनके हाथ मेरे बाल खींच रहे थे।
मैंने भाभी की क्लिट को जीभ से धीरे धीरे सहलाना शुरू किया वे तो जैसे इतनी ज्यादा पागल हो चुकी थीं कि मज़ेदार सिसकारियां मुझे और तेज़ी से करने पर मज़बूर कर रही थीं सच में चूत चाटने में जो मज़ा आता है, शायद ही ऐसा मज़ा कहीं और मिले।
भाभी तो मेरी जीभ की कलाकारी से ही झड़ गई थीं उस वक़्त मैं चाहता था कि आज भाभी को पूरा संतुष्ट करके ही छोड़ूँगा हमने अपनी पोजीशन को चेंज किया अब भाभी ने सीधा मेरे लंड पर धावा बोल दिया और उसे एक बार में ही मुँह के अन्दर भर लिया।
मुझे कुछ समझ में आता, इससे पहले ही उन्होंने मेरे लवड़े को अपने गले तक भर लिया था मेरी आंखें बंद हो गई थीं मेरा हाथ अपने आप उनके सिर पर चला गया और उन्होंने मेरा पूरा ख्याल रखते हुए काफी अच्छे से लंड को चूसा।
फिर उन्होंने मेरी गोटियों को चूमा और मुँह से चूसा मेरा एक हाथ उनके सिर पर, तो दूसरा उनके रसीले मम्मों को दबा रहा था भाभी अपनी जीभ की कलाकारी मुझे दिखाने लगी थीं उन्होंने मेरा लंड चाटना चालू कर दिया।
मुझे तो ऐसा लगने लगा, जैसे मैं इस चीज़ से कितना वंचित था मेरा लंड उनके मुँह में और अन्दर चला गया एक दो बार तो मैंने एकदम अन्दर तक डाल दिया था जिससे उनकी सांस अटक गयी थी फिर मैंने उनके मुँह में लंड को झाड़ दिया।
अब बारी थी अपनी असली मर्दानगी दिखाने की भाभी की मैंने लेटा दिया और उनकी टांगें फैला कर पोज सैट किया फिर धीरे से अपना लौड़ा भाभी की चूत के खांचे में अन्दर पेल दिया
उनके मुँह से उसी वक़्त ‘ऊहह माँ मर गई निकला मुझे इतना ज्यादा मज़ा आया कि मैं क्या बताऊं ऐसा लग रहा था जैसे वो उनकी सुहागरात वाली पहली चुदाई थी।
मैंने धीरे धीरे अपना लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया और ऐसा करते वक़्त उनके आंखें एकदम से बंद हो गयी जल्दी ही उनका बदन अकड़ने लगा मैं समझ गया कि भाभी को आज इतना मज़ा पहली बार आ रहा है।
वे शायद एक बार झड़ गई थीं उनकी चूत में रस आ गया था, जिससे लंड बड़ी तेजी से अन्दर बाहर होने लगा था मैं अब थोड़ा ज्यादा उत्तेजित हो गया था मैं भाभी के ऊपर लेट गया और उन्हें रगड़ते हुए चोदने लगा।
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आज भी मैं उन पलों की याद करता हूँ, तो लौड़ा खड़ा हो जाता है कमरे में इतनी जोर से ठप ठप की आवाज़ आने लगी थी मानो कोई बैंड बज रहा हो भाभी का बदन आग उगल रहा था।
भाभी ने एकदम से मुझे कस कर जकड़ लिया था और अपनी टांगों में मुझे बंद कर लिया था केवल मेरी कमर ऊपर उठ पा रही थी मेरे होंठों को भाभी को बेतहाशा चूम रही थीं मैंने अपनी तेज़ी बढ़ा दी थी भाभी की आहें और सिसकारियां भी उसी रफ्तार से तेज होने लगी थीं।
उन्होंने तो मुझे अपने नाख़ून तक चुभो दिए थे। फिर भाभी ने भी रिदम पकड़ ली और वो खुद भी नीचे से अपनी गांड उठा कर झटके देने लगीं हम दोनों इतने ज्यादा मज़े में थे कि क्या बताऊं।
अब मेरे झड़ने की बारी आ चुकी थी और मैंने जबरदस्त तेज़ी ले ली उधर भाभी की अकड़न के साथ साथ उनकी सिसकारियां भी बढ़ने लगीं- आहह उउफ्फ़ आआह! फिर हम दोनों एक साथ ही झड़ गए भाभी ने झड़ते वक़्त मुझे एकदम से अपनी टांगों में जकड़ लिया।
मैंने भाभी को बांहों में हम दोनों कुछ मिनट तक एक दूसरे को जकड़े हुए पड़े रहे थे फिर मैंने भाभी को छोड़ा और उनके बगल में ही लेट गया अब भाभी मुझे धीरे धीरे चूम रही थीं वो मेरी छाती पर सर रख कर और एक टांग मेरी टांगों में डाल कर लेट गईं।
हम दोनों ने एक चादर ओढ़ ली और मैं अपनी उंगली से उनकी पीठ सहलाने लगा इसके बाद तो न जाने कितनी बार मैंने भाभी जी को चोदा आपको ब्यूटीफुल भाभी सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं।
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