प्रीती की जवानी जीजा के लंड का निकाला पानी

यह कहानी मेरे उस दोस्त की है जिसे मैं अब जीजू कह कर बुलाता हूँ।

बात उन दिनों की है जब जीजू की साली प्रीती कालेज में पढ़ती थी। प्रीती के बारे में क्या कहूँ उसे अपनी सुन्दरता और सेक्सी होने पर बहुत घमण्ड था। अपने वक्ष के उठान को यानि अपने बोबों को वो जब भी शीशे में देखती तो सिर्फ एक ही बात सोचती कि कब कोई इन्हें मसलेगा, कौन इन्हें चूसेगा।

प्रीती अपने स्कूल की बेस्ट स्पोर्ट्स गर्ल भी थी। उसकी नशीली आँखें लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती थी उसके सुडौल चूतड़ जब मटक मटक कर चलने से हिलते थे तो स्कूल तक के लोंडे अपना लंड पकड़ लिया करते थे।

अपनी शादीशुदा दीदी के यहाँ वो अक्सर गर्मियों की छुट्टियों में 20-25 दिनों के लिए जाया करती थी। प्रीती के जीजाजी एक बलिष्ठ बदन वाले आदमी थे, जवान थे ! उनकी शादी को तब 5 साल हो गए थे लकिन वो थे एकदम कड़क, 7 इंच लंड के मालिक। उनकी बीवी ज़रा ठंडी किस्म की थी, वो हमेशा अपने छोटे बच्चे को पालने में ही व्यस्त रहती थी, सेक्स के प्रति भी वो बहुत उदासीन भी थी पर जीजाजी को तो रोज ही सेक्स की चाह रहती थी।

प्रीती की जवानी पर जब पहली बार जीजू की नज़र पड़ी उस दिन जीजू को अपनी किस्मत पर नाज़ हो गया।

बात उस समय की है जब एक रात जीजू छत पर सब के सोने के लिए बिस्तर लगा रहे थे। जीजू बिस्तर लगाने में व्यस्त थे कि प्रीती वहाँ आ गई और ठण्डे बिस्तर पर एक नागिन जैसे लोटने लगी, हँसते हुए बोली- जीजू, इतनी गर्मी में इतने ठण्डे बिस्तर पर सोने का मज़ा ही कुछ और है।

जीजू ने उसकी मांसल जांघों को ताड़ लिया था, उसकी स्कर्ट उसके लोटने से थोड़ी ऊपर हो गई थी, नंगी गोरी जांघों पर एक भी बाल नहीं था। जीजू ने अपने आपको सम्भाला और बोले- प्रीती, रात में चादर लेकर सोना, वर्ना सर्दी लग जाएगी।

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जीजू अपने को बिल्कुल सामान्य दिखा रहे थे जैसे उन्होंने कुछ देखा ही ना हो पर प्रीती को तो जैसे मस्ती छूट रही थी, वो बोली- अरे जीजू, मुझे सर्दी नहीं लगती, डोन्ट वरी।

और यह बोल कर प्रीती ने करवट ले ली। उसके कूल्हों की गोलाइयाँ देख कर जीजू के लंड ने करवटें लेनी शुरू कर दी। जीजू पास के बिस्तर को ठीक करने के बहाने नीचे बैठ गए और उसके मादक शरीर को निहारने लगे।अचानक प्रीती ने करवट ली और जीजू को देख कर बोली- क्या देख रहे हो जीजू?

जीजू को समझ नहीं आया कि वो क्या बोलें… वो बोले- कुछ नहीं, चादर ठीक कर रहा था और उठ कर नीचे आने लगे। प्रीती मुस्कुरा रही थी, उसने जोर से कहा- अरे जीजू, मुझे ऊपर अकेले में डर लगता है, मैं भी आपके साथ नीचे चलूँगी।

और यह बोलते बोलते प्रीती ने जीजू के हाथ पकड़ लिया और सीढ़ियाँ उतरने लगी। उतरते उतरते जीजू ने प्रीती को आगे बढ़ाते हुए उसकी कमर को पकड़ कर आगे कर दिया और चुपचाप उसका हाथ पकड़ कर नीचे आने लगे।

जीजू बताते हैं कि क्या कमर थी उसकी जीजू से रहा नहीं जा रहा था, वो नीचे आते ही बाथरूम में चले गए, अपना लंड पकड़ कर उसे शांत करने लगे प्रीती प्रीती करके उन्होंने अपना लंड प्रचंड कर लिया था लेकिन अचानक प्रीती बाथरूम में आ गई।

जीजू शायद बाथरूम को लॉक करना ही भूल गए थे। जीजू और प्रीती एक दूसरे को देख कर हक्के बक्के रहे गए। इतना बड़ा लंड प्रीती तो बस देखती ही रह गई।

अचानक जीजू थोड़ा सम्हले और फिर दूसरे ही पल प्रीती भी दरवाज़ा बंद कर के वहाँ से चली गई। जीजू थोड़ी देर बाथरूम में ही रहे और फिर अपनी नज़र नीची करके अपने कमरे में आ गए। प्रीती और दीदी ऊपर जा चुके थे, जीजू को समझ नहीं आ रहा था कि क्या मुँह ले कर ऊपर जाया जाये। क्या सोचेगी प्रीती यह सोचते सोचते उन्होंने अपनी दारू की बोतल खोली और 3-4 पेग लगाने के बाद सोचा कि ऊपर तो सब सो चुके होगे।

तो उन्होंने ऊपर जाने का मन बनाया।

ऊपर जाकर देखा तो बीवी और उनके बिस्तर के बीच में प्रीती सो रही है उनकी बीवी जब सोती थी तो गहन निद्रा में सोती थी। उनके खर्राटे पूरे जोर पर थे। जीजू अपने बिस्तर पर दबे पाँव गए और चुपचाप लेट गए। प्रीती को देख कर उनका लंड फिर कुलाँचें भरने लग गया था मन तो कर रहा था कि प्रीती को पकड़ कर अभी उसकी जवानी चूस जाऊँ।

पर क्या कर सकते थे… लेटे लेटे वो ये सब सोच ही रहे थे कि अचानक प्रीती ने उनकी तरफ करवट ली अरे इतने मासूम बोबे?? जीजू को प्रीती की टीशर्ट में से छोटे छोटे बोबों की झलक दिखाई दी जो उसकी टीशर्ट में से झांक रहे थे। जीजू से अब रहा नहीं गया जीजू धीरे धीरे अपना हाथ उसके चहेरे की तरफ ले कर गए, उसके बालों को सहलाने लगे वो यह देखने की कोशिश कर रहे थे कि प्रीती सोई या नहीं।

और थोड़ी देर में उनको यह समझते हुए देर नहीं लगी कि प्रीती गहरी नींद में है। जीजू प्रीती के पास सरकने लगे और अपने पाँव से उसके पैरों को छेड़ने लगे।प्रीती सीधी लेटी हुई थी। जीजू ने ज्यादा वक्त ना लगाते हुए अपना हाथ उसकी स्कर्ट में डाल दिया, धीरे धीरे उसकी चिकनी जांघों को बड़े प्यार से सहलाते रहे प्रीती अभी भी सो रही थी जीजू का मनोबल और बढ़ गया उन्होंने अपना हाथ प्रीती की चूत पर रख दिया पर यह क्या उसकी चड्डी गीली?

जीजू को पसीना आ गया… यह ! क्या यह जग रही है? तो फिर सोने का नाटक क्यों कर रही है क्या चाहती है यह ऐसे कई सवाल उनके मन में आ रहे थे। जीजू ने सोचा जो होगा देखा जायेगा जीजू ने धीरे धीरे अपना हाथ उसकी चड्डी पर फेरना शुरू कर दिया वो चूत को ऊपर से ही मसलने लग गए तब भी प्रीती कुछ नहीं बोली तो जीजू ने धीरे धीरे चड्डी को उतारना शुरू कर दिया प्रीती की सांसें तेज चलने लगी थी जीजू को यह तो पता ही चल गया था कि यह सोने का नाटक कर रही है।

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चड्डी उतरते ही जीजू ने चड्डी को सूंघा क्या खुशबू थी अगर आज इस नशीली चूत को नहीं चूसा तो लानत है मुझ पर।

बस फिर क्या था जीजू धीरे धीरे नीचे सरकने लगे और जैसे ही चूत के बराबर आये अपने हाथों से उसकी स्कर्ट को ऊपर किया और उसकी मस्त सुडौल जांघों को अपनी जीभ से सहलाने लगे प्रीती ने कोई हरकत नहीं की।

जांघों को चूसते चाटते जीजू प्रीती की चूत तक पहुँच गए जवान चूत की भीनी महक ने उन्हें पागल कर दिया अब कुछ नहीं हो सकता था। जीजू ने एक नज़र प्रीती को देखा उसने अपने एक हाथ से अपनी आँखों को ढक रखा था जीजू ने उसके चहरे को देखते देखते अपनी जीभ से उसकी चूत को छुआ तब भी प्रीती ने कुछ नहीं कहा तो जीजू समझ गए उन्होंने प्रीती की गीली चूत को अपनी जुबान से चाटना शुरू कर दिया। चूत को अपने हाथों से खोल कर उन्होंने चूत को पीना शुरु कर दिया।

प्रीती भी जैसे पागल हो गई थी वो जानती थी कि अगर वो उठी तो सारा मज़ा किरकिरा हो जायेगा वो चुप रही। जीजू ने चूत के दाने को बहुत देर चाटा और जब वो बिल्कुल मुलायम हो गया। जीजू ने अपने दांतों से उसे पकड़ कर बाहर खींच लिया और धीरे धीरे उसे काटने लगे नरम चूत को चूसते चूसते काटने का अलग ही मज़ा है।

चूत को आधे घंटे तक चूसने के बाद जीजू ने प्रीती की चूत के पास की नरम जांघ को अपने दांतों से बहुत जोर से चूसते चूसते काटा अगर कोई ऐसे ही काट ले तो किसी की भी चीख निकल जाये लेकिन प्रीती ने सिर्फ जीजू के बाल पकड़े, जीजू को समझ आ गया था कि प्रीती को पूरी तरहे से चखने का समय आ गया है।

जीजू ने प्रीती को अपनी गोद में उठाया और उसे नीचे अपने कमरे में ले गए जीजू ने उसे अपने नर्म बिस्तर पर फेंक दिया प्रीती ने अपनी आँख तक नहीं खोली लेकिन उसकी आँखों में पानी साफ़ दिखाई दे रहा था, शायद इतनी जोर से काटे जाने पर उसे रोना आ गया था।प्रीती की गुलाबी सूजी हुई चूत और उसकी जांघ पर काटे जाने का नील जीजू को मदमस्त कर रहा था। जीजू ने अपने कपड़े उतारे उनका लंड फनफना रहा था उन्होंने प्रीती को पूरी नंगी करना शुरू कर दिया।

प्रीती की नाभि और उसकी पतली कमर को चाटने और अपनी जीभ से सहलाने लगे और जैसे ही उन्हें प्रीती की टीशर्ट और ऊपर की तो उनके मुँह से आह निकल गई इतने मस्त गुलाबी छोटे छोटे बोबे उन्होंने ना जाने कितने दिनों बाद देखे थे।

उन्होंने ज़रा भी वक्त बर्बाद किये बिना उसके नर्म चूचे अपने मुँह में ले लिए और उसके ऊपर ही लेट गए।

वो टीशर्ट उतारते उतारते बोबे भी पिए जा रहे थे। अब प्रीती पूरी नंगी हो चुकी थी पर अभी भी वो बिना आवाज़ किये लेटी थी। जीजू प्रीती के मुख से आवाज सुनना चाहते थे पर प्रीती थी कि सब कुछ सहे जा रही थी।

जीजू ने प्रीती को अपनी बाहों में ले लिया जीजू ने प्रीती की गुलाबी चूचियों को चाटना शुरु कर दिया वो एक हाथ से उसके नाजुक बोबे सहलाते जा रहे थे।

फिर उन्होंने उस नरम हुई चूची को अपने दांतों से पकड़ लिया चूची काटते ही प्रीती की चीख निकल गई। जीजू ने तुरंत उसके गुलाबी होंटों को अपने होंटों से दबा दिया। प्रीती ने आज तक कभी होंटों का रस नहीं पिया था। तो वो अपने होंटों को जीजू के होंटों से छुड़वाने लगी मगर जीजू के कसरती बदन के सामने उसकी क्या बिसात थी।

जीजू ने प्रीती के हाथ पकड़े और जम कर उसके होंट चूसे, उन्हें पता था ऐसा मौका फिर कभी नहीं आएगा। अब प्रीती भी बहुत गर्म हो चुकी थी जीजू समझ गए कि यही मौका है अपने लंड को चुसवाने का !

जीजू ने अपना लंड प्रीती के हाथ में दे दिया, उन्होंने धीरे से प्रीती के कान में कहा- अब तुम्हें इसे चूसना है।

प्रीती ने ना की मुद्रा में अपना सर हिला दिया। जीजू उठे और उसकी चूत की तरफ जाना शुरू कर दिया। उसकी फूली हुई गर्म चूत को एक बार फिर उन्होंने अपने मुँह में ले लिया और अपनी लम्बी जीभ से उसके दाने को चाटने लगे। प्रीती अब पूरी तरहे सेक्स के नशे में डूब चुकी थी, जीजू ने चूत को फिर से काटना शुरू कर दिया।

इस बार पहली बार प्रीती ने कहा- जीजू प्लीज़ काटो मत, बहुत दर्द हो रहा है।

जीजू ने कहा- तुम तो मेरा लंड चूसोगी नहीं तो मुझे ही कुछ करना पड़ेगा इसे खड़ा करने के लिए। यह कहानी आप sexstoryinhindi.in पर पढ़ रहे हैं !

प्रीती बोली- ओके ! मैं चूसूँगी पर प्लीज़ अब मुझे काटना बंद करो।

जीजू फ़ौरन खड़े हुए और प्रीती के बोबों पर बैठ गए और अपना लंड उसके होंठों पर मलने लगे। प्रीती ने धीरे धीरे जीजू के लंड को अपनी जीभ से छूना शुरु कर दिया, लंड पर प्रीती की छोटी से जीभ से चाटने पर जीजू का लंड फुंफकार उठा।

जीजू ने 5 मिनट तक अपना लंड चटवाया लेकिन वो पूरा लंड अंदर नहीं ले जा पा रही थी जीजू ने प्रीती के बाल पकड़े और एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसके मुख में डाल दिया।

प्रीती ने बहुत कोशिश की कि वो किसी तरह जीजू के लंड को बाहर निकाल सके पर जीजू ने उसकी एक ना सुनी और ज़बरदस्ती उसे अपना 7 इंच का लंड चुसाने लगे। लंड की नसें खिंचने लगी थी। वो धीरे धीरे उसे अन्दर बाहर करने लगे।

प्रीती को लग गया था कि अगर उसने लंड को चूसने से मना किया तो जीजू अपना पूरा लंड ही अंदर डाल देगे।

लंड का पानी निकलने लगा था लेकिन सेक्स की मदहोशी में प्रीती ने उस पानी को भी पी लिया था। जीजू ने अपना लंड उसके मुँह से निकाला और उसके ऊपर लेट गए, उसकी मादक टांगें खोल कर उसकी चूत में अपनी उंगली डाली और चूत के पानी से अपने लंड को रगड़ने लगे। उन्हें पता था कि पहली बार लंड लेने पर क्या होता है।

उन्होंने प्रीती के होंट फिर से धीरे धीरे चूसने शुरू कर दिए और एक हाथ से एक बोबे को मसलने लग गए। जैसे ही चूत गीली होनी शुरू हुई उन्होंने धीरे से अपना लंड चूत में घुसेड़ना शुरू कर दिया।

पहले तो प्रीती को भी मज़ा आया पर लंड अंदर और अंदर जाये जा रहा था तो वो थोड़ा घबराई, जीजू समझ गए कि लंड को पूरा खाए बिना प्रीती ऐसे ही करती रहेगी उन्होंने एक हाथ से उसके बाल पकड़े और दूसरे से उसका एक बोबा और उसके होंट अपने होंट से दबा कर जोर से एक झटका मारा।

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पूरा लंड चूत फाड़ता हुआ अंदर जा घुसा प्रीती की चीख अंदर ही घुट कर रह गई उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे पर जीजू को पता था अगर इस समय वो रुक गए तो फिर कुछ नहीं हो सकेगा। जीजू ने बुरी तरह झटके मारना शुरू कर दिए।

चूत से खून का फव्वारा फूट पड़ा था पर जीजू ने ज़रा भी दया नहीं दिखाई 7 इंच का लंड एक कमसिन लड़की को चोद रहा था। प्रीती का बुरा हाल हो चुका था, वो रो रही थी पर जीजू उसके स्तनों को चूसे जा रहे थे और लंड अपना काम कर रहा था।

आधे घंटे बाद जीजू ने अपने लंड का पानी उसकी चूत में छोड़ दिया पानी छोड़ते छोड़ते उन्होंने आखिरी बार उसके बोबों को ज़बरदस्त तरीके से मसल डाला।

प्रीती निढाल हो चुकी थी, उसका आज एक ज़बरदस्त लंड से सामना हुआ था 2-3 घण्टों तक वो जीजू के पास ही लेटी रही फिर मुस्कुराई और उठ कर ऊपर सोने चली गई।

आपको पता ही होगा जीजू ने उसे समझा दिया था कि अगर उसकी दीदी पूछे तो उसे क्या बोलना है। तो यह थी मेरे एक दोस्त जीजू की कहानी।

कैसी लगी, यह बताना मत भूलना !

By tharki

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