अँधेरी रात में भाभी को लंड दिया हाथ में-Bhabhi ki Chudai
- By : Tharki
- Category : Bhabhi ki Chudai
भाभी देवर की चुदाई कहानी में मैंने अपनी सेक्सी भाभी को चोद दिया उस दिन हम दोनों घर में अकेले थे और बारिश हो रही थी भाभी ने मुझे अपने बेड पर सुला लिया था दोस्तो मेरा नाम प्रशांत है और मैं पुणे में रहता हूँ।
हम 3 भाई हैं सबसे बड़ा भाई शादीशुदा है और मैं व मेरा छोटा भाई अभी कुंवारे हैं बड़े भाई की बीवी यानि मेरी प्यारी भाभी का नाम आशा है आशा भाभी गजब की सेक्सी माल हैं यह भाभी देवर की चुदाई कहानी उन दिनों की है जब घर के सारे लोग एक रिश्तेदार के यहां शादी में गए थे।
मुझे कुछ जरूरी काम था इसलिए मैं नहीं जा सका था भाभी की भी तबियत ठीक नहीं थी तो वे भी घर पर ही रुक गई थीं मुझे बहुत खुशी हुई थी कि भाभी घर पर रुक गई हैं मैं उन्हें बहुत ज्यादा पसंद करता था और मैं हमेशा से ही उनकी फोटो देख कर अपने कमरे में मुठ मारता था।
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कभी चुपके से उनकी ब्रा और पैंटी में ही मुठ मार लेता या पैंटी में से आती उनकी चूत की खुशबू सूंघ लेता था मुझे ऐसा करने में खूब मजा आता था उस दिन मैं और भाभी घर पर कुछ बोर भी हो रहे तो आपस में बात करने बैठ गए।
समय भी काफी हो गया था, रात गहराने लगी थी काफी देर बात करते करते हमारी बातें जीएफ बीएफ तक पहुंच गईं मैंने तो मना कर दिया कि मेरी अभी कोई जीएफ नहीं है इस पर भाभी मुझे चिढ़ाने लगीं।
मैंने उनसे उनके बीएफ के बारे में पूछा तो पहले उन्होंने मना कर दिया फिर मेरे ज्यादा पूछने पर बताया कि उनका एक बीएफ था जो उनको बहुत प्यार करता था मैंने हिम्मत करके भाभी से उनके प्रेमी संग क्या क्या हुआ उसको पूछने की कोशिश की।
पर तभी मेरे मुँह से सेक्स के बारे में बात निकल गई भाभी मुझे इस तरह की बात पूछते देख कर हंसने लगीं और वे भी बिंदास होने लगीं अब भाभी भी थोड़ा खुल कर बात करने लगीं वे कहने लगीं- हम दोनों ने सेक्स तो नहीं किया पर लिपटा चिपटी जरूर हो जाती थी।
मैंने कहा- भाभी आप जैसी जीएफ किसी को मिले तो मलाई खाए बिना कोई क्यों छोड़ेगा मेरे सवाल से भाभी हंसने लगीं और बोलीं- अच्छा मैं क्या इतनी सुंदर हूँ कि मुझे कोई भी सेक्स तक का प्यार करे मैंने कहा- भाभी आप हद से भी ज्यादा सुंदर हो।
मेरी बात पर आशा भाभी नहीं नहीं कर रही थीं तभी अचानक से बारिश होने लगी और देखते ही देखते ही मौसम एकदम से तूफ़ानी होने लगा उसी समय बिजली भी चली गई थी कमरे में अंधेरा हो गया था मैंने अपने फोन से टॉर्च चालू की।
पानी अन्दर ना आ जाए इसके लिए मैंने सभी खिड़कियां और दरवाजे बंद कर दिए जब मैं वापस आया तो भाभी बेड पर लेट गई थीं मैंने कहा- आपको नींद आ रही है क्या भाभी कहने लगीं- नहीं बस ऐसे ही लेट गई हूँ आप भी लेट जाओ न।
मैंने कहा- मैं अपने कमरे में जा रहा हूँ भाभी ने मुझे रोकते हुए कमरे में जाने से मना किया वे बोलीं- नहीं आप कहीं मत जाओ मुझे अंधेरे में डर लगता है लाईट आने तक आप यहीं रुक जाओ उनकी बात में कोई खराबी नहीं लगी तो मैं भी भाभी की बात मान गया।
वे बिस्तर पर लेट कर सो गईं और मैं मोबाईल पर सेक्स कहानी पढ़ने लगा एक घंटा निकल गया था और उस वक्त तक रात बहुत गहरा चुकी थी भाभी भी गहरी नींद में सो चुकी थीं मैंने टॉर्च उनकी तरफ करके देखा तो मैं दंग रह गया।
भाभी का आँचल नीचे सरक गया था, उस वजह से उनके गोरे बूब्स साफ उठते गिरते नजर आ रहे थे मैं ध्यान से देखने लगा उनके मम्मे देख कर मैं कल्पना करने लगा कि मेरे दोनों हाथों में उनके मम्मे हैं मेरी नजरें उनके मम्मों पर ही टिकी थीं।
दोनों दूध ब्लाउज के बाहर आने को बेताब दिख रहे थे मैंने हिम्मत की और उनके करीब आ गया फिर तेज होती सांसों के साथ मैंने अपना हाथ बढ़ाया और उनके एक दूध पर रख दिया उनकी तरफ से कोई प्रतिरोध नहीं हुआ।
तो मैं उनके दूध पर हाथ को फेरने लगा कुछ पल बाद हल्का सा दबाते हुए मैं उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर उन्हें किस करने लगा भाभी शायद गहरी नींद में होंगी, यह समझ कर मैं आगे बढ़ता ही गया।
मैं कुछ तेजी से उनके मुलायम होंठों को चूसने लगा तभी भाभी की तेज होती सांसें मुझे बताने लगीं कि वे भी तैयार हो गई हैं उन्हें भी मजा आने लगा है यह देखते ही मेरी हिम्मत और ज्यादा बढ़ गई।
मैंने अपनी जीभ उनकी मुँह में डाल दी और इमरान हाशमी की तरह किस करने लगा भाभी भी अब कामुक सिसकारियां भरने लगी थीं और फुल जोश में वे किस करने लगी थीं वे मेरा पूरा साथ दे रही थीं।
उन्हें भरपूर जोश से किस करते करते मैं अपने एक हाथ से उनके ब्लाउज के हुक खोलने लगा आशा भाभी के दूध इतने सॉफ्ट थे कि उन्हें मस्ती से दबाने में मुझे उत्तेजना होने लगी देखते ही देखते मेरा हाथ कब उनकी चूत तक पहुंच गया मुझे भी पता नहीं लगा।
भाभी की चूत की गरमाहट ने मुझे पागल बना दिया मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था तो मैंने पैंटी के बगल से एक उंगली उनके अन्दर घुसा दी चूत में उंगली जाते ही भाभी के मुँह से आहह की आवाज निकल गई।
उनकी सांसों की गर्म हवा मेरे कानों से गुजरती हुई मुझे और बेकाबू बना रही थी फिर तो न जाने कौन सा बहुत सवार हुआ कि मैंने एक ही झटके में भाभी के मम्मों को ब्लाउज की कैद से आजाद करवा दिया।
मैं भाभी पर भूखे भेड़िए की तरह टूट पड़ा और जोर जोर से चूसने लगा अब आशा भाभी भी मुझे एक चोदने लायक माल लाने लगी थीं वे अभी तक तो मुझे अपनी बड़ी भाभी लग रही थीं पर अब वे मुझे सिर्फ आशा रांड लगने लगी थीं।
मेरा उनके साथ देवर भाभी का रिश्ता टूटता सा लगने लगा था मेरे सामने अब वे सिर्फ मेरी सपनों की आशा रानी दिख रही थीं आशा भाभी भी जिस तरह से कामुक सिसकारियां भरने लगी थीं और आवाजें निकाल रही थीं।
उससे तो मानो ऐसा लग रहा था कि बहुत अरसे के बाद उनको आज सही में खुशी और मजा मिल रहा था उनके एक दूध को अपने मुँह से चूसते चूसते मैं नीचे की तरफ जैसे ही गया, आशा भाभी का शरीर थरथराने लगा।
मैं उनकी नाभि में जीभ को फेरता रहा और वे मचलती रहीं अभी तक आशा भाभी सिर्फ सिसकारियां ही ले रही थीं मगर अब वे तड़पने भी लगी थीं आखिरकार उनके मुँह से आवाज बाहर निकली और वे कहने लगीं- मेरी जान अब रहा नहीं जाता जल्दी से आग ठंडी कर दो।
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इससे पहले कि लाइट आए और मैं अपने देवर प्रशांत को इस तरह से मुझे प्यार करते देख कर शर्मा जाऊं प्लीज मुझे चोद दो आशा भाभी के मुँह से इस तरह की बात मैंने कभी नहीं सुनी थी मैं भी बेकाबू होने लगा।
वक्त जाया न करते हुए मैंने भाभी की साड़ी और पेटीकोट को निकाल फेंका उनकी काले कलर की पैंटी उनके गोरे चूतड़ों पर क्या कयामत मचा रही थी मैं अपना मुँह उनकी चूत की तरफ ले गया क्या खुशबू थी दोस्तो, मैं आपको बता नहीं सकता हूँ।
ब्रांडेड परफ्यूम भी उस मादक खुशबू के सामने फीका लगे मैंने भाभी की चड्डी को नीचे सरका दिया और आले ही पल मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत में डाल दिया चूत में जीभ जाते ही आशा भाभी एकदम से झूम उठीं और उनकी तेज चीख आह प्रशांत आह मर आई मैं निकल गई।
मैं भी पागल सा हो गया मुझे उनकी चूत का नमकीन स्वाद इतना अच्छा लगा कि मैं चूत को मुँह में भर कर उससे निकलने वाले रस को पीने लगा उनकी गीली चूत भी मेरे मुँह में अपना स्वादिष्ट पानी भरती रही और मैं पीता चला गया।
भाभी सिसकारियां लेती रहीं ‘आह आह और वे अपनी झड़ती हुई चूत का मदन रस मुझे पिलाती रहीं मैंने कुछ ही पलों में भाभी की चूत को चाट कर एकदम साफ कर दिया था वे निढाल होकर अपनी टांगें फैलाए पड़ी थीं और मैं अभी भी उनकी चूत को चाट रहा था।
मैंने करीब बीस मिनट तक चूत का रसास्वादन किया शायद भाभी दुबारा से भी झड़ने के लिए गर्माने लगी थीं क्योंकि वे अपनी गांड को उठा कर मेरे मुँह पर अपनी चूत की ठोकर देने लगी थीं उनकी मादक आवाजें आह प्रशांत और जोर से चूसो आह मैं फिर से गई।
यही सब कहते हुए उनकी चूत से ढेर सारा पानी निकल कर सीधा मेरे मुँह के अन्दर निकल गया मैंने उनकी चूत को चूस कर साफ किया और अब भाभी को औंधा कर दिया मैं आशा भाभी की गांड की छेद की तरफ आ गया।
उनके चूतड़ों को दबाते हुए गांड के छेद में जीभ को डाल दिया और पूरी जीभ को गांड के अन्दर तक डाल कर चाटने लगा कुछ ही पलों के बाद आशा भाभी ने सीधे होते हुए मुझे अपने ऊपर खींचा और मेरे होंठों पर अपने होंठों रख कर मुझे चूमने लगीं।
उसी दरमियान उन्होंने मुझे अपने नीचे लिटा लिया और वे खुद ऊपर आ गईं वे उसी तरह से मुझे किस करने लगीं, जिस तरह से मैं कर रहा था उन्होंने अपने पैरों की मदद से ही मेरा लोअर निकाल दिया और देखते ही देखते मुझे पूरा नंगा कर दिया।
और नीचे मेरी टांगों के बीच में मेरे लंड को अपने मुँह से रगड़ने लगीं मुझे सपने में भी नहीं लगा था कि बिस्तर में आशा भाभी इतनी गर्म माल होंगी ऊपर से इतनी संस्कारी दिखने वाली भाभी मेरा लंड भी चूसने लगेंगी।
वही हुआ अचानक से ही आशा भाभी ने मेरा पूरा लंड एक ही झटके में अपने मुँह के अन्दर ले लिया और चूसने लगीं लंड उनके मुँह में क्या गया, मैं तो समझो जन्नत में झूमने लगा था उनके मुँह की गर्मी से मेरा लंड झुलसने लगा था।
मेरी मांसपेशियां अकड़ने लगी थीं मेरी सारी हिम्मत मानो खत्म सी होने लगी थी और मैं किसी गहरे कुएं में गिरता जा रहा था कुछ ही देर बाद मुझे लगा कि अब मेरे लौड़े से पानी निकल जाएगा उसी पल मुझमें शक्ति का संचार हुआ।
और मैंने आशा भाभी को ऊपर की तरफ खींच लिया मैं उनके होंठों को अपने होंठों में भर कर उन्हें किस करने लगा उनके सारे चेहरे पर कान नाक में अपनी जीभ फेरने लगा मुझे सच में बहुत ज्यादा मजा आने लगा था।
उनके मम्मों पर मेरे हाथ चले गए. उनके दूध मेरे हाथों से मसल कर पहले ही एकदम लाल हो गए थे मैंने उन्हें और जोर से चूसना चालू कर दिया आशा भाभी की आह मर गई की आवाज और मेरी आवाज ओह आशा मेरी जान की आवाज रूम में गूंज रही थीं।
थोड़ी ही देर के बाद मैंने चुदाई की पोजीशन बनाई और एक तकिया भाभी की गांड के नीचे लगा दिया और उनकी चूत पर लंड का निशाना लगा दिया वे कुछ संभल पातीं कि मैंने एक ही बार में अपना पूरा लंड चूत को फाड़ते हुए अन्दर घुसेड़ दिया।
आशा भाभी के मुँह से जोरदार चीख निकल गई मैंने कुछ नहीं देख सुना बस पेलना चालू कर दिया और जोर जोर से धक्के मारने लगा भाभी चिल्ला रही थीं- आह मैं क्या कहीं भागी जा रही हूँ आह जरा धीरे से प्रशांत मुझे बहुत दर्द हो रहा है आह छोड़ो मुझे निकालो अपना मूसल जल्दी से बाहर आह।
मगर मैंने उनकी कुछ नहीं सुनी बस जोर जोर से धक्के मारने में लगा रहा कुछ देर तक आशा भाभी को दर्द हुआ उसके बाद उन्हें भी मजा आने लगा अब आशा भाभी भी नीचे से धक्के मारने लगीं और मैं ऊपर से।
धक्कों और झटकों की आवाज पचक पचक पूरे रूम में गूंजने लगी भाभी बोल रही थी- आह और जोर से प्रशांत आह और जोर से हम्म मजा आ रहा है काफी देर तक झटके देने के बाद मैं हाँफती हुई आवाज में आई लव यू आशा कहते हुए आशा भाभी की चूत में ही झड़ गया।
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कुछ देर तक हम दोनों उसी तरह लेटे रहे भाभी देवर की चुदाई से हम दोनों काफी थक गए थे बारिश भी रूक गई थी तब भी अभी तक लाईट नहीं आई थी हम दोनों वैसे ही एक दूसरे की बांहों में नंगे लिपटे हुए सो गए।
सुबह जब आंख खुली, तो मैं आशा भाभी को और आशा भाभी मुझे देख कर शर्मा रही थीं हम दोनों नजर भी नहीं मिला पा रहे थे फिर कुछ दिन बाद हम दोनों सामान्य हो गए भाभी ने मेरे बालों में हाथ फेर कर मुझे मेरे माथे पर चूमा और आई लव यू प्रशांत कहा।
तो मेरी शर्म भी खत्म हो गई थी अब हम दोनों बेझिझक जब भी समय और मौका मिलता तब सेक्स कर लेते हैं मेरी सगी भाभी देवर की चुदाई कहानी पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद आपके कमेंट्स का इंतजार रहेगा।
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